Antarvasna kahani वक्त का तमाशा
07-03-2019, 04:46 PM,
RE: Antarvasna kahani वक्त का तमाशा
"अरे रे.. मेरी प्यारी भाभी, धीरे धीरे.. इतना गुस्सा नही करो, बस थोड़ा सा वक़्त.. फिर तो यह सड़क की कुतिया भी अपनी जगह पहुँच जाएगी.. आप और मैं अकेले फिर, दिन रात बस आपकी ही सेवा करूँगा.." राजवीर ने सुहसनी की ड्रेस को उसकी जांघों से हटा के कहा और हल्के हल्के उसपे हाथ फेरने लगा




"अब मुझ में क्या दिखेगा तुम्हे, मुझसे जवान बाला को चोद आए, वैसे कैसी थी वो बिस्तर पे.." सुहसनी भी हल्की हल्की गरम होने लगी




"एक दम गरम भाभी.. चुदवाते वक़्त जो गालियाँ बकती है, ऐसा लगता है कि रखैल या किसी रंडी को चोद रहा था, हर बार ज्योति या शीना के नाम से कड़क कर देती..

चाचिया ससुर, पापा, रंडी, डाला, ना जाने क्या क्या.. एक बात तो तय है, बहुत ही कम मर्द उसकी गर्मी के आगे टिक पाते होंगे.." राजवीर सुहसनी की जाँघ को अपने पंजे में लेके हल्के हल्के दबाने लगा




"उम्म्म्म.....रंडी कहीं की, अच्छा है मर जाएगी साली.. तुम रूको.. मैं अभी फ्रेश होके आती हूँ.. आज अमर नहीं है, बच्चे भी नहीं हैं, तो इतमीनान से करेंगे.. काफ़ी दिन हो गये तुम्हारा लौंडा खाए, तबीयत से निचोड़ूँगी आज तुम्हे भी.." सुहसनी ने अपने पेर हवा में उठा के अपनी नंगी जाँघो का दर्शन राजवीर को कराया और उठ के बाथरूम में चली गयी... सुहसनी के जाते ही राजवीर ने भी अपना ग्लास ख़तम किया एक घूँट में और कपड़े उतारने लगा...




"हाअ... यह ठीक है, काफ़ी दिनों बाद आज भाभी के गरम सीने को मसल्ने को मिलेगा..." राजवीर ने अपनी जीन्स उतारी और बॉक्सर्स में बैठ गया... सुहसनी का इंतेज़ार करते करते अपने लिए और सुहसनी के लिए दारू का पेग बनाने लग गया फिर...






"कैसी लगी यह बूढ़ी घोड़ी मेरे चोदु देवर जी को..." सुहसनी ने बाथरूम से निकल के पीछे से राजवीर को आवाज़ दी और उसका ध्यान अपनी तरफ खींचा... राजवीर जैसे ही पलटा, सुहसनी को यूँ देख उसका मूह खुला और लंड खड़ा का खड़ा रह गया...


"तुम कुछ बोलो उससे पहले तुम्हारे लंड ने ही गवाही दे दी.. लगता है, स्नेहा ने अभी अच्छे से गर्मी निकाली नहीं है तुम्हारे बदन की..." सुहसनी आगे बढ़ी और राजवीर से चिपक के अपने नाख़ून उसकी छाती में गाढ़ने लगी..




"हाए मेरी प्यारी भाभी, तेरा जिस्म ही ऐसा है कि गर्मी दिन ब दिन बढ़ती ही जाती है... फिर चाहे स्नेहा आए या कोई और, तेरे और तेरे जिस्म के आगे कोई नहीं टिक पाएगा.."

राजवीर ने सुहसनी की कमर में हाथ डाल के कहा और उसे अपने से सटा लिया..




"हुहह.. यह सब तो कहने की बातें हैं, स्नेहा के अलावा अगर ज्योति जैसी कोई आ गयी तो, फिर तो मुझे देखेगा भी नहीं तू.." सुहसनी अपने होंठ राजवीर के पास ले जाके उसे कहने लगी...




"बस भाभी.. अब उस के ख्वाब ना दिखाओ, उसकी कमी आज आप ही पूरी कर दो..देखो मेरे होंठों को, कैसे सुख गये हैं आपके जिस्म की गर्मी से... अब थोड़ा रहम करो मुझ पे.." राजवीर ने सुहसनी के चुचों पे हाथ रख के कहा



"तुझ पे.. या तेरे लंड पे.. मेरे हरामी देवर... ह्म्‍म्म्म.." सुहसनी ने आँखें बड़ी कर कहा और हल्के हल्के से उसके लंड को बॉक्सर्स के उपर से ही सहलाने लगी....




"आआहहहूंम्म्म... कभी कभी समझ नहीं आता भाभी, तेरे जिस्म में ज़्यादा नशा है या इस दारू में..." राजवीर ने अपना ग्लास फिर जल्दी ख़तम किया और सुहसनी को नीचे झुकाने लगा.. सुहसनी भी ज़्यादा ना नुकुर किया बिना नीचे झुकी और बॉक्सर्स के उपर से ही उसके लंड को सहलाने लगी





"आआहहा... यह तेरा साँप ही तो है.. उम्म्म आहम्‍म्म्ममम..." सुहसनी कुछ बोल नहीं पाई और बॉक्सर्स से ही उसके लंड को मूह में लेने लगी....




"आहहहहा उम्म्म्मम.....ऐसे ही मेरी रंडी भाभी... उफफफफ्फ़ अहहहहा...." राजवीर खड़े खड़े मज़े लेने लगा... सुहसनी ने ज़्यादा देर नहीं की और जल्दी से उसके लंड को बॉक्सर्स में से आज़ाद कर दिया....




"हाइआअहह... यह इतने दिनो बाद देखा, मेरी रंडी बहू को चोदने के बाद तो काफ़ी लंबा दिख रहा है हान्ं..." सुहसनी ने हल्के हल्के राजवीर के लंड को सहलाते हुए कहा

जिसका जवाब राजवीर ने कुछ नहीं दिया और बस अपने हाथ नीचे बढ़ा के सुहसनी की ब्रा को खोल दिया और उसका गाउन भी उतार फेंका...




"अब इसे मूह में भी ले ले मेरी रांड़ भाभी... जल्दी कर साली आहह..." राजवीर ने बस इतना ही कहा और सुहसनी ने पलक झपकते ही राजवीर के लंड को मूह में भर लिया




"आहहहः हां ऐसे ही भाभी अहहहा....उम्म्म्मममम...." राजवीर ने सुहसनी के मूह को अपने लंड में दबा के कहा




"उम्म्म्म अहहहहः स्लूर्रप्रप्प आहहह उम्म्म्म गुणन्ं गुणन्ञणन् आअहमम्म्मम....." सुहसनी लंड को अंदर बाहर करके चूसने लगी..





"अहहहाहा ओमम्म्म भाभिईीईईई ईसस्स अहहाहा...." राजवीर सुहसनी के लंड चुसाइ का मज़ा ले ही रहा था कि तभी उसका फोन बजा, और नंबर देख के उसकी आँखें खुली की खुली रह गयी...




"भाभी.... रुक्कूऊ..." राजवीर ने सुहसनी से रुकने का इशारा किया और फोन की स्क्रीन सुहसनी को दिखाई....
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RE: Antarvasna kahani वक्त का तमाशा - by sexstories - 07-03-2019, 04:46 PM

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