RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
दीदी भी जल्दी ही मेरी बात मान कर सर को बेड से लगा कर अपनी गान्ड उठा कर कुतिया बन गई ,,मैने लोशन
लिया हाथ पर ऑर गान्ड पर लगाने लगा ऑर साथ ही उंगलियों से लोशन को गान्ड मे भी भरने लगा,,मेरी एक उंगली
तो आराम से गान्ड मे जाने लगी थी लेकिन 2 उंगलियों को मुश्किल होती थी फिर भी बॉडी लोशन की चिकनाहट से मेरी
2 उंगलियाँ गान्ड मे जाने लगी थी ऑर मैं भी 2 उंगलियों से गान्ड मे लोशन भरने लगा था ऑर साथ ही उंगलिओ
को तेज़ी से घुमा घुमा कर गान्ड के होल को थोड़ा खोलने लगा था,,,,फिर कुछ देर बाद मैने अपने लंड पर
भी लोशन लगाया ऑर लंड को हाथ से पकड़ कर दीदी की गान्ड के होल पर रखा ऑर धक्का लगा दिया लेकिन मेरा
लंड फिसल कर दूसरी तरफ मूड गया,,मैने फिर से कोशिश की लेकिन कोई फ़ायदा नही हुआ,,,फिर मैने एक पिल्लो
लिया ऑर दीदी के पेट के नीचे रखा ऑर दीदी की उसपे लेटा दिया लेकिन एक पिल्लो कम पड़ रहा था तो मैने एक पिल्लो
ऑर रख दिया ,,फिर दीदी की टाँगो को खोल कर उनके बेड पर लेटा दिया दीदी के पेट के नीचे 2 पिल्लो थे जिस से
दीदी की गान्ड काफ़ी उपर उठी हुई थी,,,मैने जल्दी से गान्ड के होल को हाथों से खोला ऑर अपने लंड को होल पर
टिका कर खुद दीदी के उपर लेट गया,,दीदी की गान्ड हल्की सी खुल गई थी ऑर मेरे लंड की टोपी गान्ड पर टिकी हुई थी
मैने खुद को दीदी के उपर लेटा कर हाथों से दीदी के शोल्डर को पकड़ा ऑर मजबूती से पकड़ बना कर लंड को
जोरदार धक्के से दीदी की गान्ड मे घुसा दिया इस बार मैं सफल हो गया ऑर लंड करीब 4 इंच तक दीदी की
गान्ड को फाड़ता हुआ अंदर चला गया,,,,,,,दीदी मछली की तरह तड़पने लगी थी ऑर मेरे से छूटने की कोशिश
करने लगी थी लेकिीन मैने दीदी के शोल्डर को कस्के पकड़ा हुआ था ऑर दीदी को हिलने का मोका नही दे रहा था,,
हयीईईईईई म्मार्र गगयइ म्माआ ,,,ससुउन्नयी बाहहारर ननीककाल्ल आपपंनी म्मूस्सलल्ल्ल्ल्ल्ल्ल कककू
हयइीई माआ म्मूउज़्झहही न्नाहहीी पपाटता त्तहा इट्त्न्ना ददार्र्द्द हूटता हहाइईइ,,,,,,,,ज्जाल्लददिईई
ब्बाआहहारर ननीककाल्ल्ल आपपंनी ल्लुउन्न्ञदड़ क्कूव म्मीरीइ गाणन्दड़ सीए ,,,,,,,,,आअहह म्माअरररर
द्दाल्लाअ ररीए सुउन्नयी ,,,,,ज्जाल्लददिई ब्बाहहार ननीककाल्ल्ल आप्प्पंनी ल्लुउन्न्ड्ड़ ककूऊ,,,,,,,,दीदी हल्का-2
रोएँ भी लगी थी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,प्लज़्ज़्ज़्ज़ सुउन्नयी बाआहहार्रा ननीककल्ल्ल इस्कक्कूव बभ्ुत्त्त ददार्र्द्द हहूऊओ
र्राहहाअ हहाइईइ प्पल्लज़्ज़्ज़ सयन्नीयी,,,,,,,,,,,,,,,,,
मुझे दीदी पर तरस आ रहा था दिल कर रहा था कि लंड को गान्ड से बाहर निकल लूँ लेकिन मुझे पता था एक बार लंड को गान्ड से निकाला तो दोबारा दीदी ने गान्ड मे लंड घुसाने नही देना इसलिए मैने दीदी की बातों को ऑर दीदी के दर्द को इग्नोर कर दिया लेकिन दीदी के दर्द को कम करने के लिए अपने एक हाथ को दीदी के शोल्डर से हटा कर दीदी की चूत पर ले गया जो पिल्लो से दबी हुई थी,,
मैने दीदी की चूत को उपर से सहलाना सुरू कर दिया वो भी थोड़ी तेज़ी से लेकिन प्यार से,,,,,,कुछ ही देर मे दीदी को
चूत पर मेरे हाथ की रगड़ से मस्ती चढ़ने लगी ऑर दीदी की दर्द भरी सिसकियाँ मस्ती भरी सिसकियों मे बदल
गई,,,,,लेकिन फिर भी दीदी रुक रुक कर मुझे लंड को बाहर निकालने को बोल रही थी,,,,मैने चूत को ओर ज़्यादा तेज़ी
से सहलाना ऑर रगड़ना शुरू कर दिया जब तक दीदी की सिसकियाँ मस्ती भरी नही हो गई ऑर तब तक लंड को बिना
हिलाए ऐसे ही गान्ड मे डालके दीदी के उपर लेटा रहा,,,,,,,,,जब कुछ 2-3 मिनिट बाद दीदी की सिसकियों से दर्द पूरी
तरह गएब हो गया ऑर मस्ती भरी सिसकियाँ शुरू हो गई तो मैने हल्के से लंड को गान्ड मे आगे पीछे करना
शुरू कर दिया लेकिन बड़े प्यार से,,,,,लंड अभी तक आधा भी नही गया था गान्ड मे लेकिन जितना भी गया था मैं
उतने लंड को ही दीदी की गान्ड मे हल्के हल्के आगे पीछे करने लगा ऑर साथ ही एक हाथ को दीदी के शोल्डर पर
रख कर शोल्डर को पकड़े रखा ऑर साथ ही एक हाथ से दीदी की चूत को सहलाता रहा,,,,कुछ देर बाद दीदी को
मस्ती चढ़ने लगी ऑर दीदी मुझे प्यार से ऐसे ही गान्ड मारने को बोलने लगी लेकिन मैने प्यार से गान्ड मारने
के 2-3 मिनिट बाद एक ऑर तेज झटका मारा ऑर मेरा पूरा लंड दीदी की गान्ड मे उतर गया इसी झटके के लिए मैने
अभी तक दीदी के शोल्डर को कस्के अपने हाथ से पकड़ा हुआ था ताकि दीदी दूसरे झटके से बचने के लिए आगे की
तरफ नही निकल जाए,,,,,,,
,हहययईई ररीई क्काममििईन्नईए ज्जाआनन्न ल्लीगगा क्क्क्क्य्याआ म्मीररीई
,,,,,,,,आआहह हहयययययईई माआआआ क्कीिट्त्न्ना ददार्र्द्द्द हूट्टी हहाइईईईईईई इससस्स
गाआंनदडड़ कच्छुद्दाी म्मईए प्पीहल्लीए पपाटता हूटता तटूऊ ल्लुउन्न्ड्ड़ क्याअ उउन्नगगल्लीी बभिईीई
न्नाहहीी ग्घूउसान्नी द्दीततीी,,,,,,मार्र डाल्ला ररी ससुउन्नयी टुउन्नी,,जान ननीककाल ददीई म्मीररीि,,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
सन्नी--क्या हुआ दीदी पहले खुद ही बोल रही थी कि आज गान्ड ही मर्वानी है खुद ही तो चूत मे जाते
हुए लंड को पकड़ कर गान्ड का रास्ता दिखाया था,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
शिखा--गाअल्ल्त्तीई हहूओ गयइी म्मीररीए स्सी प्पात्ता ह्हूत्ता क्कीिई त्तेर्रा म्मूस्साल्ल मीरीई गाणन्ंदड़ म्मी ज्जाक्की म्मीरीइ जानन्न ननीककालल्ल्ल्ल्लद्दीग्गा तूओ ककब्भहिी ईसस्क्कूव आपपनन्ी गगाणन्दड़ क्का ररासस्टता न्नाहहीी दडीीखहात्तीीई,,,,,हहयईएआब्ब्ब त्तूओ ब्बाहहारर ननीककाल्ल द्ददी सुउन्नयी माआरर ज्ज़ोउन्न्नगगीइइ म्मायन बभ्हुत्त् ददार्र्द्द हहूओ
र्राहहा हहाइईइ,,,,,,,,,,,
सन्नी-बस दीदी जितना दर्द होना था हो चुका अब तो मज़ा ही मज़ा है मैने दीदी की चूत को
तेज़ी से सहलाना शुरू किया ऑर लंड को भी हल्के हल्के अंदर बाहर करने लगा लेकिन मैं ज़्यादा लंड को बाहर
नही कर रहा था बस 2 इंच लंड को ही आगे पीछे कर रहा था मेरा 6 इंच लंड अभी भी दीदी की गान्ड मे था
जिस से दीदी की गान्ड का अंदर वाला हिस्सा भी थोड़ा खुल रहा था ऑर मेरे मूसल के लिए जगह बना रहा था,,
मैने करीब 2-3 मिनिट ऐसे ही हल्के हल्के लंड को आगे पीछे करना जारी रखा ऑर जब देखा कि दीदी को फिर से
मस्ती चढ़ने लगी ऑर दीदी खुद बोलने लगी,,,आहह आयब्ब्ब ंमाज़्जा आ र्राहहा हहाइईइ सयन्नीयी
अब्ब प्पील्लू आप्प्पंनी ल्लुउन्न्ड्ड़ कककू मीरीइ गाणन्दड़ म्मी,,,,,,,,,,,,,,,,,मैने भी लंड को थोड़ा ज़्यादा
अंदर बाहर करना शुरू कर दिया ऑर स्पीड भी थोड़ी तेज करदी,,,,,,दीदी मस्ती मे सिसकियाँ लेती हुई कभी कभी
बीच मे हल्का सा दर्द का इज़हार भी कर देती थी,,,लेकिन मेरे को रुकने को नही बोल रही थी,,,,,,,,
करीब 5-7 मिनिट बाद मेरा पूरा लंड दीदी की गान्ड मे अंदर बाहर होने लगा था तभी मैने दीदी को कमर
से पकड़ा ऑर खुद उपर उठकर दीदी को भी उपर उठा दिया दीदी ने भी अपने घुटने मोड़ दिए ऑर खुद को बेड पर
सहारा देते हुए कुतिया के पोज़ मे वापिस झुका लिया ऑर मैं भी घुटने मोड़ कर दीदी के पीछे बैठ गया लेकिन
मैने दीदी की गान्ड से लंड को बाहर नही निकाला था,,,,,,अब सही पोज़ मे आके मैने दीदी की कमर को पकड़ा
ऑर धक्के लगाने लगा तभी मेरा ध्यान गान्ड मे अंदर बाहर होते लंड पर गया जिस पर खून लगा हुआ था
मैं समझ गया कि मेरे लंड ने दीदी की गान्ड को फाड़ दिया था ,,दीदी की गान्ड का खून लोशन के साथ मिलकर
मेरे लंड पर लगा हुआ था ऑर खुद गान्ड से बहता है नीचे बेड पर गिरने लगा था,,,,,मुझे बड़ी खुशी हो
रही थी खून देख कर आज मैने पहली सील खोली थी,,चूत की ना सही गान्ड की सही लेकिन इसमे भी बहुत मज़ा
आता था,,,बहुत नही बहुत ज़्यादा,,,अब तक तो जिसकी भी चूत या गान्ड मारी थी वो पहले से खुली थी हालाकी पूजा
ऑर शोभा की गान्ड टाइट ज़रूर थी लेकिन सील बंद नही थी वो हल्की सी खुली हुई थी,,,,,,,,,लेकिन शिखा दीदी की
चूत खुली हुई थी जबकि गान्ड की सील को आज मैने खोला था ऑर इसी बात से मुझे ज़्यादा मस्ती चढ़ने लगी थी
ऑर मेरी स्पीड तेज होने लगी थी,,,,दीदी भी तेज़ी से सिसकियाँ लेते हुए मुझे उनकी गान्ड चोदने को बोल रही थी ,,,,,
आहह आअब्ब्ब्ब्ब्ब्बबब आनन्नीई ल्लाअगगाआ ंमाज़्जा म्मूउज़्झहही आअहह
आअब्ब्ब्ब म्माआत्त्ट ररूउक्कणना ससुउन्नयी ब्बाअस्स्स एआईसीए हहिईिइ गगाआंन्दड़ म्मईए ल्लुउन्न्द्द्द्द्दद्ड क्को
त्टीजजििइई ससीए प्पील्ल्त्ती ररीहन्नाअ ऊओररर त्टीजजििीइ सस्सीई,,,,,आपपंनी हहट्तूंन ककूऊ म्मईररीइ
क्काममार्र ससी उउत्तहा क्कार्र म्मीररी बूब्बसस पपीएरर रृाकखू सयन्नीयीईयीयै
मैने भी दीदी की बातसुनी ऑर हाथों की दीदी की कमर से हटा कर दीदी के बूब्स पर रखा ऑर बूब्स को मसल्ने लगा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
आहह उूुुुुुुुुुुुउऊहह हहययययययययययययययी ससुउउन्नययी एआईसीए हहिि त्तीज्ज्जीईईइ
सस्स्सीई गगाणन्दड़ म्माररू मीरीइ ऊरर जजूर्र्र ससी म्मासल्लूऊ म्मीररी ब्बूबबसस क्कूव हहययईईए
आअहह क्कीिट्त्न्ना ंमाज़्जा द्द्दीतता हहाइी त्तीरा यईी म्मूओस्साल्ल्ल ज्जाससा ल्लुउन्न्ञदड़ आहह
क्क़ासशह म्मीररी पपात्तीीई क्काल्लुउन्न्ड्ड़ बहीी एआसा हहूवतता टूऊओ म्माज्जा आ ज्जात्त्ता,,,,,ब्बड़ी
क्कीस्स्म्मात्त व्वाल्ल्लीी हूगिइइ त्तीरीइ प्पात्त्न्न्न्नी ससुउन्नयी ज्जू उऊस्क्कूव त्तीररी ज्जासससा म्मूस्साल
ल्ल्लुउन्न्ञदड़ व्वाल्ला पपात्टीी ममिल्लीगगा,,,,क्ख्हूब्ब म्माज्जा क्काररीज्गीइइ वउूओ त्तीरीए सात्थ्ह्ह्ह
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैने भी दीदी की बातें सुन कर खुश होने लगा ऑर सोचने लगा कि पत्नी जब आएगी तब आएगी लेकिन
आज तो मेरी 6 पत्निया हो चुकी है,बुआ शोभा माँ पूजा मनीषा ओर अब शिखा दीदी भी,,,,मुझे बड़ा मज़ा
आ रहा था ये सोच सोच कर ऑर मुझे लगा कि अब मेरा पानी निकलने वाला है क्यूकी मैं करीब 20-25 मिनिट
से दीदी की गान्ड मार रहा था दीदी तो पहले एक बार झड चुकी थी लेकिन मैं नही झाड़ा था अभी तक लेकिन
अब झड़ने वाला था तभी मैने दीदी के बूब्स से अपने हाथ हटा लिए ऑर जल्दी से दीदी की चूत मे उंगलियाँ
घुसा दी ऑर तेज़ी से दीदी की चूत मे उंगलियाँ पेलने लगा ऑर साथ ही गान्ड मे लंड की स्पीड को स्लो कर दिया
क्यूकी मैं दीदी को भी अपने साथ झडवाना चाहता था ऑर ऐसा ही हुआ दीदी की सिसकियाँ अब तेज होने लगी थी ऑर
वो पूरी मस्ती मे चिल्ला रही थी आअरर त्तीज्ज्ज ससुउउन्नयी ऊरर त्तीईज्ज म्मीर्रा ब्बाअस्स हहूननी व्वाल्ला
हहाइईइ ऊरर त्तीज्ज प्पील्लू ल्लुउन्न्ड्ड़ क्कूव म्मीरीइ गाणन्दड़ मे ऊरर टीज़्ज उउन्नगगल्लीी क्कर्ररू म्मीरीईईईईई
कच्छूत्त मी आअहह उूुउऊहह हमम्म्ममममममम दीदी ने खुद अपने
हाथों से अपने बूब्स को भी मसलना शुरू कर दिया था मैने भी देखा कि दीदी अब झड़ने वाली है तो मैने
भी लंड को तेज़ी से गान्ड मे पेलना शुरू कर दिया करीब 2 मिनिट बाद ही तेज़ी से चिल्लाते हुए दीदी की चूत ने
पानी छोड़ दिया ऑर मेरे लंड ने भी दीदी की गान्ड को स्पर्म की पिचकारियों से भर दिया,,,,,,,,,,,,मैं हन्फता हुआ
बेड पर गिर गया ओर दीदी ऐसे ही अपने नीचे पड़े पिल्लो पर पेट टिका कर गिर गई,,,,,,
शिखा--आज तो सच मे बहुत मज़ा आया सन्नी,,,इतना मज़ा तो चूत मे नही आया कभी जितना आज गान्ड मे आया है लेकिन दर्द भी चूत की सील खुलने से कहीं ज़्यादा हुआ है गान्ड की सील खुलने मे,,,,,,,,,,,,,,,,,,
सन्नी--लेकिन मज़ा तो आया ना दीदी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
शिखा--हाँ सन्नी बहुत मज़ा आया,,,,,,,,,,,,,,,,,,क्या तू रोज मुझे ऐसे मज़ा दे सकता है सन्नी,,,,,
सन्नी--रोज रोज का मुश्किल है दीदी क्यूकी टाइम निकालना ऑर जगह का बंदोबस्त करना मुश्किल है लेकिन जब भी मोका
मिला मैं आपकी सारी प्यास भुजा दिया करूँगा,,,,,,,,,,,,,,,,,
शिखा--सच मे सन्नी,,,,,,,,,,,,,,
सन्नी--हाँ दीदी बस जब भी आप घर पर अकेली हो मुझे कॉल कर दिया करना मैं आ जाया करूँगा,,,,,,,,,,,
शिखा--ठीक है सन्नी ,,,,,,,,,,,,,
उस दिन मैने एक बार ऑर दीदी की गान्ड मारी आज दीदी ने मुझे चूत मे लंड घुसने ही नही दिया उनको तो आज सिर्फ़
गान्ड चुदाई का मज़ा लेना था,,,,ऑर वैसे मैं भी बड़ा खुश था गान्ड की सील खोलके ऑर टाइट गान्ड की
चुदाई करके,,,,,,,,,,,,,फिर मैं कॉलेज टाइम से कुछ देर पहले ही वहाँ से निकल गया,,,,,,,,,,,
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