RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
उस दिन सोनिया के आने से पहले हम लोगो ने एक बार ओर चुदाई की थी ,करण ओर शिखा दोनो ही
बहुत खुश थे,,,,,,
शोभा तुम ऑर सन्नी कब्से,मेरा मतलब,,,,,,,,,शिखा ने अभी बोलना शुरू ही किया था कि
शोभा ने उसकी बात को बीच मे ही काट दिया
शोभा--हमे काफ़ी टाइम हो गया है शिखा ,,,कितना टाइम हो गया है ये तो याद नही,,,लेकिन इतना पता
है कि जब भी हमको मोका मिलता है हम उस मोके का पूरा फ़ायदा उठाते है,,कोई भी मोका
हाथ से नही जाने देते,,,,,,,,,,ऑर आज से तुम दोनो भाई बेहन भी इस खेल का पूरा लुफ्त उठा सकते
हो ऑर वो भी बिना किसी डर के अपने ही घर मे,,,,ना बदनाम होने का डर ना कोई टेन्षन,,,,
शोभा क्या तुमको नही लगता ये ग़लत है,,,,,,हम लोग भाई बेहन है,,,,,,,शिखा ने बोला???
नही शिखा ये ग़लत नही है,आख़िर हम लोग भाई बेहन है लेकिन उस से पहले हम लोग लड़का
ऑर लड़की है,,,ऑर किसी लड़के का किसी लड़की से ऐसा करना आम बात है ऑर वैसे भी हम बाहर
भी तो किसी लड़के से ये सब कर सकती है तो फिर घर मे क्यूँ नही,,,बाहर जाके ये सब करने
मे कितना डर लगता है कितना जोखिम होता है कल को कोई भी आपको बदनाम कर सकता है
लेकिन घर मे ये सब करने से ऑर वो भी अपने भाई के साथ,,,,इससे ना तो कोई परेशानी है ऑर
ना ही कोई टेन्षन,,एक डर ज़रूर होता है कि घर मे किसी को ना पता चल जाए इसलिए हम लोग
ऐसा तभी करते है जब घर पे कोई नही होता,,,,,,,जैसे कि आज,,,,,,,,,,
शोभा दीदी ने उसको सिर्फ़ मेरे ऑर उनके बारे मे बताया ना कि बुआ या किसी ऑर के बारे मे,,,,,,,,,
शिखा--हाँ ये बात तो ठीक है शोभा कि बाहर करने मे बहुत जोखिम होता है कल को कोई भी आपको
बदनाम कर सकता है,,,,,मैं भी तो बदनाम होने लगी थी लेकिन सही टाइम पर सन्नी ने
मुझे बचा लिया बदनाम होने से ,,,,,,फिर शिखा ने अमित ऑर वीडियो वाली बात भी बता दी
लेकिन इतना नही बताया कि मैने उसको ब्लॅकमेल किया बल्कि उसने तो ये बताया कि मैने सन्नी
को अपनी चूत का तोहफा दिया था खुद को बचाने क लिए,,,,,,,,,,
क्या दीदी,,,,,,,,,,अमित ने ऐसी हरकत की आपके साथ,,,,,,,,,,करण गुस्से मे बोला,,,,,,,,आपने मुझे
बताया क्यूँ नही मैं उस साले को जान से मार दूँगा,,,,,,,,,,,,,,
सन्नी--करण तुम शांत रहो प्ल्ज़्ज़ जल्दबाजी मे कुछ भी करना ग़लत है,,,,,हम लोग कोई तरीका
निकाल लेंगे अमित को सज़ा देने के लिए,,,,तुम बस देखते जाओ मैं क्या करता हूँ,,,,,,,
शिखा ऑर शोभा भी करण को समझाने मे लगी हुई थी तभी शिखा ने करण को किस किया ऑर
पल भर मे करण का गुस्सा शांत हो गया,,,,,,,,,,,,,
देखा भाई ने कितने आराम से गुस्सा कंट्रोल कर लिया बेहन के साथ किस करके,,,,,,,,मैं ऑर
शोभा दीदी हँसने लगे,,,,,,,,,,,
चलो अब बहुत हो गया जल्दी से कपड़े पहन लो सोनिया आने वाली है,,,, शोभा ने कहा
करण-लेकिन मेरा तो अभी ऑर दिल करता है शिखा दीदी के साथ मस्ती करने को,,,,,,,,,,,,
शिखा--हाँ मेरे भाई मेरा भी बहुत दिल करता है,,,,,,,,,,,,
जितनी मस्ती करनी है अब घर जाके करना वरना कोई पंगा हो जाना है यहाँ पर,,,,,ऑर वैसे
भी तुम लोगो का अब जब भी दिल करे अपने घर मे मस्ती कर सकते हो जब भी आंटी बाहर
जाए कहीं,,,,,अंकल तो वैसे भी बाहर चले गये है ,,,अब क्या टेन्षन जब दिल करे तब मस्ती
करना,,,,,,,,,भाई बेहन मस्ती करो खुश रहो ऑर चुदाई करके सुखी रहो ना कोई टेन्षन
ना कोई डर,,,,,,,,,,,,,इसी को कहते है परिवार मे चुदाई के सुख से बड़ा कोई सुख नही है शोभा ने कहा
सब लोग हँसने लगे ऑर अपने अपने कपड़े पहन कर तैयार हो गये करण ऑर शिखा बाइ बोलके
चले गये लेकिन अभी तक दोनो का दिल नही भरा था चुदाई करके ,,,पक्की बात थी अगर उनकी
माँ घर पे नही हुई तो वो लोग जाते ही चुदाई शुरू कर देंगे,,,वैसे मेरा भी दिल कर रहा
था शोभा की चुदाई करने को लेकिन क्या करू हिट्लर जो आने वाली थी,,,,अब कुछ नही हो सकता
था,,,,,,,,,,,,शोभा दीदी खाना तैयार करके किचन मे चली गई ऑर मैं भी दीदी के पीछे पीछे
चला गया,,,,,
सन्नी--चलो दीदी मेरा वादा तो पूरा हुआ,,,आपको एक मूसल दिला ही दिया मैने,,,वो भी अपने दोस्त करण
का ,,,,अब आप की बारी है मेरे लिए किसी चूत का इंतज़ाम करने की,,,,,
अच्छा तो तूने मुझे दिलवाया करण का मूसल,,,,मैं बाहर खड़ी सब सुन रही थी ऑर अगर मैं
नही होती तो तू गया था सन्नी,,,,दीदी हँसने लगी,,,
सन्नी--चलो जो भी हुआ दीदी लेकिन मेरी वजह से आपको एक मूसल तो मिला ना,,,,क्यूँ मज़ा आया ना करण के
मूसल के साथ चुदाई करने मे ,,,,,,,
शोभा--हाँ सन्नी बहुत मज़ा आया,,ऑर थॅंक्स तेरी वजह से मुझे एक बड़ा मूसल मिल गया ,,लेकिन उसका
मूसल बहुत पतला है फिर भी मज़ा बहुत देता है,,,,,,
सन्नी--हाँ दीदी लेकिन मज़ा तो देता है ऑर फिर अपने उस छोटे लंड से तो बेहतर ही है ना,,,,मैने दीदी
को इतना बोला तो दीदी घुरके देखने लगी मुझे,,,,,
कॉनसा छोटा लंड सन्नी,,,,,दीदी सवालिया नज़रो से देखने लगी मुझे,,,,,
अरे वही बुआ का नकली छोटा लंड दीदी,,,,,,मैने बात को टालते हुए बोला,,,,
अच्छा उसकी बात कर रहा है तू मैं तो कुछ ऑर ही समझी थी,,,,,दीदी ने चैन की साँस ली,,,,
आप क्या समझी थी दीदी,,,,,,मैने शरारती अंदाज़ मे पूछा,,,,
शोभा--कुछ नही,,,,तू अब जा यहाँ से मुझे काम करने दे सोनिया बस आती ही होगी,,,,,
सन्नी--लेकिन दीदी मेरी उस चूत का क्या,,,जो आपने वादा किया था,,,,
शोभा--ठीक है मैं देखती हूँ कुछ ऑर इंतेज़ाम करती हूँ तेरे लिए एक चूत का,,,तू बस जा अब यहाँ से
सोनिया किसी भी टाइम आने ही वाली होगी,,,,,
मैं किचन से बाहर निकला ऑर अपने रूम मे फ्रेश होने चला गया,,,
कुछ देर मे कविता ऑर सोनिया दोनो आ गई ,,,,,,कविता की आँखें अभी भी लाल थी सुबह टाइम तो
उसने आँखों पे चश्मा लगाया हुआ था लेकिन अभी घर के अंदर चश्मा नही था उसकी
आँखों पर ,,,,,मैं उसकी तरफ देख रहा था तो कविता मेरे से नज़रे चुरा रही थी तभी
सोनिया ने मेरी तरफ देखा ऑर गुस्से से मुझे नज़रे दूसरी तरफ करने का इशारा किया उसने
ऐसा इसलिए किया था ताकि दुखी ऑर रोती हुई कविता को ये एहसास ना हो जाए कि मुझे भी पता
चल गया है उसका चेहरा देख कर कि वो उदास है इस से उसको ऑर ज़्यादा हर्ट होता,,,,
सोनिया--चलो कविता तुम बाथरूम मे जाके फ्रेश हो जाओ मैं खाना लगा देती हूँ,,,,कविता नीचे
माँ के रूम मे चली गई फ्रेश होने ऑर सोनिया ने हॉल मे किचन की साइड मे लगे बेशन
पर ही मुँह हाथ धो लिया ऑर किचन मे चली गई जहाँ शोभा खाना बना रही थी फिर
सोनिया बर्तन लेके डाइनिंग टेबल पर रखके वापिस किचन मे चली गई ऑर खाना सर्व करने
मे शोबा दीदी भी उसकी हेल्प करने लगे इतने मे मैं भी हाथ धू कर वहाँ आ गई ऑर
एक चेयर पर बैठ गया,,,,,,,मेरे सामने वाली चेयर पर सोनिया बैठ गई जबकि साथ वाली चेयर पर
शोभा दीदी बैठ गई,,,शोभा दीदी मुझे खाना लगाके देने लगी जबकि सोनिया कविता के लिए
प्लेट तैयार करने लगी इतने मे कविता भी माँ के रूम से बाहर आ गई ऑर सोनिया के साथ बैठ
गई,,,,वो चाहे फ्रेश होके आई थी लेकिन फिर भी उसके मासूस चेहरे पर ये उदासी पढ़ने
के लिए किसी को एक पल भी नही लगता,,,,भोली भाले चेहरे पर उदासी दूर से ही झलक जाती है
,,,,,,कविता बैठ गई ऑर सोनिया ने खाने की प्लेट उसकी तरफ करते हमे उसको खाना खाने को
बोला,,,,,,,,,
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