RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
रास्ता करीब 8-9 अवर्स का था,,,इसी दौरान अलका और शिखा डर को ख़तम करने के लिए
थोड़ी मस्ती करना चाहती थी,,वैसे भी आज आखरी बार मस्ती करनी थी मेरे साथ फिर
तो इन लोगो ने चले जाना था,,,,,लेकिन अलका और शिखा मे से किसी को भी ठीक से कार
चलानी नही आती थी इसलिए मैं उनकी चुदाई नही कर सका लेकिन 8-9 अवर्स की ड्राइव मे
उन लोगो ने 4 बार मेरा लंड चूसा था,,,,मैं भी सारी टेन्षन भूल कर कुछ एंजाय करना
चाहता था वैसे भी इतने दिन से लंड से पानी नही निकला था लंड भरा हुआ था पूरा का
पूरा और जब लंड से 4 बार पानी निकल गया तो दिमाग़ और जिस्म थोड़े हल्के हो गये,,,,
हम लोग 10 बजे के करीब ऐर्पोट पहुँच गये ,,
तभी करण बोला ऑश शिट,,,,,गड़बड़ हो गयी सन्नी भाई,,,,,
क्या गड़बड़ हो गयी करण भाई,,,,,,
भाई रितिका के डॅड ने बोला था टिकेट सुबह 6 बजे के है लेकिन टिकेट तो कल शाम 6 बजे
के है,,हम लोग ग़लती से बहुत जल्दी आ गये है,,,,,
तो अब क्या करना है कारण भाई,,,,,
करना क्या है,,,होटल चलते है और कल 1-2 बजे आ जाएँगे ऐर्पोट और अब कॉन्सा दूर जाना
है ये ऐर्पोट के पास ही बहुत अच्छे अच्छे होटेल है,,,,
करण ठीक कह रहा था कल शाम 6 बजे की फ्लाइट है तो हम लोग इतना टाइम ऐर्पोट पर
तो नही बिता सकते थे,,,,,,इसलिए हम लोग होटेल मे चले गये,,,,
करण ने 2 रूम बुक करवाए,,,,अलका ,,शिखा और रितिका तो अपने रूम्स मे चली गयी लेकिन
करण मुझे लेके होटेल बार मे चला गया,,,,
अबे यहाँ क्यूँ लेके आया है करण,,तुझे पता है मैं ड्रिंक नही करता,,,,,,
सन्नी भाई तू नही करता लेकिन मैं करने लगा हूँ हल्की हल्की ड्रिंक और आज तो वैसे
भी मूड बड़ा ऑफ है मेरा आज मत रोक मुझे प्लज़्ज़्ज़,,एक तो तेरे से दूर जाने का गम है
मुझे और उपर से इस बात का गुस्सा भी है कि मैं तुझे अकेले छोड़कर भाग रहा हूँ
यहाँ से,,,तू मेरा दोस्त कम भाई ज़्यादा है और तूने शिखा दीदी की वजह से ये पंगा शुरू
किया था और अब तू अकेला रह जाएगा मेरे बिना,,,,मुझे बहुत गुस्सा आ रहा है इस बात
पर सन्नी भाई,,,,
मैने तुझे पहले भी बोला था करण कि मैं अकेला नही हूँ ख़ान भाई मेरे साथ है और
रही बात तेरी तुझे मेरे से ज़्यादा अपनी बीवी का साथ देना है,,,भूल मत अब तेरी शादी
हो चुकी है,,,,
फिर हम लोग करीब 2 अवर्स वहीं बार मे बैठे रहे और बातें करते रहे,,,,फिर हम
लोग भी रूम की तरफ चल पड़े,,,,
काफ़ी देर बार मे बैठने के बाद हम लोग उठकर अपने रूम की तरफ चले गये,,,
रूम तक पहुँचे तभी करण बोला,,,,ओके भाई तुम जाओ अंदर और मैं चला माँ और शिखा
के पास,,,,,
अबे तू माँ और शिखा के पास क्यूँ जा रहा है ,,,उन लोगो को सोने दे तू मेरे साथ सोजा इस
रूम मे,,,,
अरे सन्नी भाई आज माँ और शिखा के साथ मस्ती का फुल मूड है अपना,,,आज सारी रात माँ
और शिखा की चुदाई करूँगा मैं,,,,वैसे भी रितिका के होते मैं माँ और शिखा की चुदाई
नही कर सका काफ़ी टाइम से,,,,
अबे तो आज कॉन्सा कर पाएगा तू माँ और शिखा की चुदाई,,लगता है तुझे शराब चाढ़ गयी
'है और तू भूल गया है कि आज भी रितिका अलका आंटी और शिखा के साथ है उस रूम मे
मैने इतना बोला और उसकी हालत पर हँसने लगा,,,,,
तभी वो भी मेरी बात पर हँसने लगा और बोला,,,,नही भाई इतनी भी नही पी मैने,,आज
रितिका माँ और शिखा के पास नही है,,,क्यूकी आज वो इस रूम मे है,और तेरा इंतजार कर'
रही है,,,,,,,
मैं उसकी बात से थोड़ा चोंक गया,,,,रितिका यहाँ इस रूम मे ,,,क्यूँ ,,,और मेरा इंतजार
क्यूँ कर रही है वो,,,,
सन्नी भाई आज मेरा दिल कर रहा था तुझे तोहफा देने को तो मैने तुझे तोहफा दे दिया,वो
भी रितिका के रूप मे,,,,
अबे तू होश मे तो है,,क्या बोल रहा है,,,
हां भाई मैं पूरी तरह होश मे हूँ,,,,तूने मेरी बेहन की इज़्ज़त खराब होने से बचा
ली इसलिए मेरी तरफ से रितिका तेरे लिए एक रात का तोहफा है,,,,और वैसे भी वो खुद एक
बार तेरे साथ हमबिस्तर होना चाहती है,,,,वो तो कब्से ट्राइ कर रही थी तेरे पर,,,उसने
मुझे बताया भी था ,,वो समझती थी वो खूबसूरत है और बड़ी आसानी से तुझे राज़ी करलेगी
अपने साथ सोने के लिए लेकिन मैने उसको बता दिया था कि तू मुझे कभी धोखा नही दे
सकता,,,और तूने कभी धोखा दिया भी नही सन्नी भाई,,,मुझे इस बात की खुशी है,,,,
तेरे कहने पर रितिका ने मेरे से शादी की,,,,,तूने उसकी शादी मेरे से करवा कर उसको और
मुझे ज़िंदगी का सबसे बड़ा तोहफा दिया था फिर तेरे कहने पर रितिका ने अपनी लाइफ का पहला
सेक्स मेरे साथ किया और अपनी चूत की सील मेरे से खुलवा कर मुझे ज़िंदगी का सबसे बड़ा
तोहफा दिया जबकि वो पहला सेक्स तेरे साथ करना चाहती थी,,,,तुझसे चूत की सील खुलवाना
चाहती थी,,,,लेकिन तूने उसकी बात नही मानी और उसने मेरे साथ पहला सेक्स कर लिया,,,,
अब मैने उसकी चूत की सील तो खोल दी है लेकिन गान्ड को छुआ तक नही,,,अब वो अपनी
गान्ड मे पहला लंड तेरा लेना चाहती है,,,,,बस एक रात ही सही वो तेरे साथ हमबिस्तर
होना चाहती है,,,,
उसी के कहने पर मैने टिकेट को कल सुबह की जगह कल शाम के टाइम की करवा लिया था
जा भाई ऐश कर आज रात रितिका के साथ और मैं चला माँ और शिखा के पास,,,,जा भाई
अंदर जा,,,,,मैं अंदर जाते हुए थोड़ा डर रहा था लेकिन करण ने मुझे धक्का दे दिया
अंदर और खुद वहाँ से चला गया,,,,
ये बात नही कि मैं रितिका के साथ सेक्स नही करना चाहता था ,,मैं तो कब्से मरा जा
रहा था उसको चोदने के लिए लेकिन मैं करण को धोखा नही देना चाहता था लेकिन आज
तो करण ने खुद रितिका मेरे सामने पेश की थी ,,ऐसा मौका मैं हाथ से कैसे जाने दे
सकता था,,,,कितने दिन से चुदाई नही की थी किसी की और आज तो सील पॅक गान्ड मिलने
वाली थी वो भी रितिका की,,,,और वैसे भी रास्ते भर अलका और शिखा ने मेरा लंड चूस
चूस कर मुझे पागल कर दिया था,,,,लेकिन लंड चूसने से निकलने वाली पानी और चूत
की चुदाई के बाद निकलने वाले पानी मे बहुत फ़र्क था,,,मैं चूत की चुदाई करके पानी
निकालना चाहता था,,,,और आज तो मुझे चूत के साथ साथ इतनी खूबसूरत लड़की की सील
पॅक गान्ड मिल रही थी,,,,यही बात सोच सोच कर लंड ने ओकात मे आना शुरू कर दिया
था,,,
करण चला गया अपने रूम की तरफ और मैं आ गया अपने रूम मे ,,,मैने रूम का दरवाजा
बंद किया और अंदर चला गया,,,रूम मे हल्की लाइट जल रही थी,,,,मैने थोड़ा आगे जाके
देखा तो दंग रह गया,,,,अंदर बेड सुहागरात की सेज की तरह सज़ा हुआ था,और रितका
बेड पर दुल्हन की ड्रेस मे घूँघट ओढ़ कर बैठी हुई थी,,बेड पर वाइट कलर की बेड
शीट बिछि हुई थी और उसपे गुलाब की पत्तियाँ पूरे बेड पर बिखरी हुई थी और रितिका रेड
कलर के दुल्हन के लीबाज़ मे बैठी थी,,उसने घुटनो को मोड़ कर अपना सर घुटनों के
बीच अपने हाथों पर रखा हुआ था,,,मैं उसके करीब जाने ही लगा तभी डोर बेल बजी
और मेरा ध्यान रितिका से हट गया और मैं डोर की तरफ गया तो देखा एक बंदा हाथ मे दूध
का ग्लास लेके खड़ा हुआ था,,,,
सर ये गरम दूध औरडर किया था मेडम ने,,,,मैने उसके हाथ से दूध का ग्लास पकड़ा तो
दरवाजा खुला होने की वजह से उस आदमी का ध्यान भी अंदर की तरफ गया तो सुहागरात का
बेड और उसपे बैठी हुई दुल्हन को देख कर वो बंदा खुश हो गया,,,
मैने दूध का ग्लास पकड़ा और अंदर जाने लगा तभी वो बंदा बोला,,,,
साहिब केसर वाला दूध है,,,,
मैने कुछ नही बोला और फिर से पलट कर अंदर जाने लगा तो बंदा फिर बोला,,
साहिब बादाम भी है दूध मे,,,,
मैने फिर कोई बात नही बोली और वापिस रूम मे जाने लगा तो बंदा फिर बोल पड़ा,,,
साहिब दूध गर्म है जल्दी पी लेना कहीं ठंडा नही हो जाए,,,,
मुझे मन ही मन बड़ा गुस्सा आया साले पर,,,साले तुझे दूध की पड़ी है और अंदर से गरम
होके उबल उबल कर मेरा क्या हाल हो रहा है तुझे क्या पता,,,,तभी मैने उसको पॉकेट से
निकाल कर कुछ पैसे दिए तो वो हंसता हुआ वहाँ से जाने लगा तो बोला,,,,,साहब पता होता
तो थोड़ी शिलाजीत भी लेके आता साथ मे,,,,,
मैने कोई जवाब नही दिया और जल्दी से अंदर आके दरवाजा बंद कर लिया,,,मैने दूध का
ग्लास जाके टेबल पर रखा और बेड पर जाके रितिका के पास बैठ गया,,,,वो अभी भी सर को
झुका कर बैठी हुई थी,,,,,
मैं पास बैठा हुआ सोचने लगा कि सला इसने तो सब इंतेज़ाम किया हुआ है सुहागरात का
बेड भी सज़ा लिया,,दुल्हन का लीबाज़ भी पहन लिया और अब गरम दूध भी आ गया,,सही
बोला था इसने मुझे एक बार कि ये कैसे भी अपनी ज़िद्द पूरी करके ही दम लेती है,,और आज
इसने ये साबित भी कर दिया,,,,
अब अगर ये तैयार है ,,,करण तैयार है तो मुझे क्या प्राब्लम है,,,इतना सोचते हुए मैं
आगे बढ़ा और रितिका के हाथ पर अपना हाथ रख दिया,,,,उसने जल्दी से अपने हाथ को पीछे
कर लिया,,,फिर मैने उसके घूँघट को पकड़ा और हल्के से उपर उठा दिया,,,उसने अपने सर
को घुटनों मे दबाया हुआ था ,,,,मैने दोनो हाथों से उसके सर को दोनो तरफ से पकड़ा और
उपर उठा दिया,,,,,
उसके चहरे पर हल्की स्माइल थी लेकिन शरम से आँखें बंद थी उसकी,,उसने हल्का मेक-अप
किया हुआ था,,,,गुलाब जैसे गुलाबी होंठों पर हल्के गुलाबी रंग की लिपस्टिक और आँखों मे
हल्का काजल जो आँखों से हल्का बाहर की तरफ निकला हुआ था,,,वो दुल्हन के लीबाज़ मे
बहुत ही खूबसूरत लग रही थी,,,,
मैने उसको देखा तो बस देखता ही रह गया और दिल ही दिल
मे सोचने लगा कि हाइ अल्लाह कोई इतना भी खूबसूरत हो सकता है क्या,,ऐसा लगता था जैसे
खुदा ने उसको फ्री टाइम मे बड़ी ही नज़ाकत से बनाया था कोई जल्दी नही थी खुदा को,,उसने
हर एक अंग को बड़ी शिद्दत से तैयार किया था,,ख़ास कर उसके चहरे को ,,,इतनी भोली भाली
लग रही थी वो कि मेरे होश ही उड़ गये थे उसको देख कर,,,,,
मैं उसकी तरफ बड़े प्यार से नज़रे टिका कर देख रहा था तभी कुछ देर बाद उसने अपनी
आँखें खोली और जब मुझे अपनी तरफ देखते हुए पाया तो जल्दी से आँखें बंद करली उसकी
इसी अदा ने मुझे आगे बढ़ने के लिया जोश पैदा कर दिया,,,मैने आगे बढ़ कर उसके लिप्स पर
हल्की किस करदी फिर एक के बाद एक 15-20 किस करदी उसके लिप्स पर,,,,फिर पीछे होके उसकी
तरफ देखने लगा,,,,,तभी उसने फिर से आँखें खोली और टेबल पर पड़े हुए दूध के
ग्लास की तरफ इशारा किया,,,,
मैं उसकी बात समझ गया और आगे बढ़ कर दूध का ग्लास उठा लिया,,,दूध अब तक थोड़ा
ठंडा हो गया था,,,,मैने दूध का ग्लास उठाया और उसकी तरफ देखते हुए थोड़ा दूध
पी लिया,,,फिर ग्लास की उसकी तरफ कर दिया,,,,उसने शरमा कर ना मे सर हिला कर मुझे
दूध पीने से मना कर दिया लेकिन मैं नही माना,,मैने दूध के ग्लास को उसके होंठों
के पास किया तो उसने अपने होंठों को थोड़ा खोल कर ग्लास को मुँह से लगाया और हल्का दूध
पी लिया,,,,फिर मैने ग्लास अपने होंठों से लगाया और थोड़ा दूध पीके ग्लास वापिस उसके
होंठों की तरफ कर दिया,,,,,इस बार उसने मना नही किया बस शर्मा कर मेरी तरफ देखते
हुए थोड़ा सा दूध पी लिया तभी थोड़ा सा दूध उसके लिप्स से बहता हुआ उसकी चिन की
तरफ बढ़ने लगा,,,,उसने हाथ उठा कर अपनी चिन से दूध सॉफ करने की कोशिश की लेकिन
मैने उसका हाथ पकड़ लिया और आगे बढ़ के अपनी ज़ुबान से उसके लिप्स से बहने वाले दूध को
चाट गया,,,,मेरी इस हरकत से वो थोड़ा थरथरा गयी और बहक गयी,,,,
मैं फिर से ग्लास को मुँह से लगाया और थोड़ा दूध पीके ग्लास को वापिस उसके करीब किया और
उसने दूध पीने के लिए अपने लिप्स को खोला तो मैने जानभूज कर दूध का ग्लास कुछ
ज़्यादा ही उपर उठा दिया जिस से थोड़ा सा दूध उसके लिप्स पर गिर गया और वहाँ से बहता
हुआ उसकी चिन पर आ गया और वहाँ से बहता हुआ उसकी गर्दन से होता हुआ उसके बूब्स की लाइन
की तरफ बहने लगा,,,,,मैने आगे बढ़ के फिर से उसकी चिन और गर्दन से दूध चाटने की
कोशिश की तो इस बार वो मेरी हरकत को पहले ही भाँप गयी और शरमा कर चेहरा दूसरी
तरफ कर लिया और अपने दोनो हाथों को क्रॉस करके अपने बूब्स को कवर करते हुए अपने दोनो
हाथों को अपने शोल्डर पर रख दिया जिस से उसकी गर्दन और बूब्स मेरे से कवर हो गये,,
|