Hindi Kamuk Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
07-19-2019, 01:24 PM,
RE: Hindi Kamuk Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
एक तरफ सुमन सुनील को अपनी अदाओं से हैरान कर रही थी वहीं सुनील भी अपनी काम कला से उसे ऐसे आनंद दे रहा था कि उसे हर बार एक नया ही सुख प्राप्त होता था....और आज का ऑर्गॅज़म शायद ही वो कभी भूलती ...काफ़ी वक़्त लगा सुमन को अपने आनंद की दुनिया से बाहर निकलने में.



सुमन का जिस्म जब झट खाना बंद हुआ तो सुनील उसके एक निपल को चूसने लग गया और दूसे उरोज़ को मसल्ने लग गया. कुछ ही देर में सुमन फिर सिसकने लगी.

अह्ह्ह्ह उफफफफफफफ्फ़ उम्म्म्ममममम ऊऊऊऊऊुुुुुऊउक्कककचह

कभी सुनील एक निपल को चूस्ता तो कभी दूसरे को .....और दोनो उरोजो पे उसने जगह जगह लव बाइट्स छोड़ दिए ...जिनकी कसक कम से कम 4 दिन तो बाकी रहेगी ही...जब भी सुमन बाथरूम में नहाने जाएगी और खुद को शीशे के सामने देखेगी..ये लव बाइट्स उसे आज रात की और खींच ले जाएँगे.

सुमन काफ़ी गरम हो चुकी थी ....अभी तक सुनील उसे आनंद दिए जा रहा ...आज की रात की बागडोर वो अपने हाथ में रखना चाहती थी...ताकि हर वक़्त हर लम्हा ये रात सुनील की आँखों के सामने लहराती रही ...इस रात की पुनरावृति की इच्छा उसके अंदर ज़ोर पकड़ती रहे......आज का अहसास उसकी धमनियों में समा जाए.

सुमन ने पालती मार सुनील को अपने नीचे ले लिया और उसके चेहरे को चुंबनो से भरने लगी एक बार तो सुनील के होंठ इतनी ज़ोर से काटे कि खून छलक आया

ऊऊओउुुऊउक्कककककचह

सुनील चीख ही पड़ा और सुमन ने अपनी जुल्फे इस तरहा लहराई कि वो सुनील के चेहरे को छू और उसे सहला कर उससे जब दूर हुई तो सुनील तड़प उठा उस अहसास को फिर से पाने के लिए.

सुनील के होंठों को अच्छी तरह चूसने के बाद सुमन उसकी गर्दन को चाटते हुए उसके निपल पे आ गयी और अपनी ज़ुबान फेरने लगी .......उफफफफफफफफ्फ़ हर बार जैसे ही सुमन की ज़ुबान उसके निपल को छूती सुनील गन्गना उठता तरंगों की लहरें उसके निपल से उठती हुई उसके लंड तक जाती और वो झटके मारने लगता.

सुमन उसके निपल को ज़ोर से चूसने लग गयी और दूसरे को मसल्ने लग गयी ....दर्द और आनंद की मिश्रित लहरें सुनील को तड़पाने लगी ....



...अहह सस्स्स्स्सुउुउउम्म्म्ममिईीईईईईई उूुुउउफफफफफफफफफफफफ्फ़

सुनील की सिसकियाँ फूटने लगी. जिस तरहा सुनील ने उसके बदन पे लव बाइट्स छोड़े थे उसी तरहा सुमन भी सुनील के जिस्म पे लव बाइट्स छोड़ने लगी .....एक को काटने में मज़ा आ रहा था दूसरे को कटवाने में.....ये आनंद और दर्द का कॉकटेल भी अनोखा होता है

सुनील के बदन को चूमते और चाटते हुए वो उसके लंड तक जा पहुँची और उसके सुपाडे को हल्के हल्के दाँतों से दबाने लगी और अपनी ज़ुबान साथ में फेरने लगी.

'ऊऊऊहह गगगगगगगगगगूऊऊऊऊऊओद्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सुउुुुुुुुुुुउउम्म्म्मममममममममाआआआआआआआआआआआन्न्न्नननननणणन्


ये अहसास तो सुनील जिंदगी भर नही भूलने वाला था मचल के रह गया था उसका जिस्म.

धीरे धीरे सुमन उसके लंड को चाटते हुए अपने मुँह में लेने लगी यहाँ तक कि उसके गले के अंदर घुस गया.......सुमन की सांस रुकने लगी.....आँखों से आँसू टपकने लगे....गले में दर्द होना शुरू हो गया ....पर सुमन लगी रही.....कुछ देर तक उससे अपने टाँग गले का मज़ा देती फिर बाहर निकालती और फिर वही करती....सह नही सका सुनील और सुमन के सर को अपने लंड पे दबा तेज़ी से उसके मुँह को चोदने लग गया मुँह के साथ साथ सुमन का गला भी चुद रहा था...कुछ ही पलों में सुनील कराहता हुआ झड़ने लगा और उसकी सारी पिचकारियाँ सुमन के गले से उतर सीधा उसके पेट तक जाने लगी........सुमन की सांस रुकने लगी.....दर्द की शिद्दत बढ़ी लेकिन वो अपने सुनील को आनंद देने से पीछे नही हटी.....सुनील ने जब अपना लंड बाहर निकाला तो सुमन हाँफती हुई वहीं बिस्तर पे गिर पड़ी.

इस पीड़ा में भी सुमन को अनोखा आनंद मिला था ....वो फिर से सुनील के लंड को चूसने लग गयी और सुनील का लंड कड़क होता चला गया........सुनील ने उसे अपने नीचे लेना चाहा पर सुमन ने मना कर दिया और खुद अपनी जांघे फैला सुनील के लंड को पकड़ उसपे बैठने लगी..धीरे धीरे वो अपना वजन छोड़ती रही और सुनील का लंड उसकी चूत में फिसलता हुआ घुसने लगा.

आह चाइ आह अहह कककस्िईईईईईईईईई उम्म्म्ममममम

सिसकती हुई वो सुनील के लंड को अपनी चूत में लेती रही और जब पूरा अंदर घुस गया तो कुछ देर रुकी फिर अपने हाथ सुनील की छाती पे टिका धीरे धीरे उपर नीचे होने लगी....

जैसे ही सुनील का लंड दुबारा उसकी चूत में घुस ता वो सिसक पड़ती...........सुनील ने उसके दोनो उरोज़ थाम लिए और मसल्ने लग गया.....सुमन अपनी स्पीड बढ़ाती चली गयी और सुनील ने भी नीचे से धक्के लगाने शुरू कर दिए .....जिस्मो के टकराव की तप ठप और सुमन की चूत से निकलता हुआ फॅक फॅक फॅक का संगीत महॉल को और कामुक बना रहा था.

कुछ ही देर में कमरे में सूनामी आ गया.....दोनो पागलों की तरह चुदाई करने लगे ...जैसे ये आखरी मोका हो उनके पास और जिस्मो में कामुकता इतनी तेज़ी से बढ़ी कि दोनो ही ज़यादा देर ना टिक सके और कराहते हुए झड़ने लगे.

सुमन हाँफती हुई सुनील पे लुढ़क गयी .....आनंद के मारे दोनो की आँखें बंद हो चुकी थी....साँसे धोक्नी की रफ़्तार से चल रही थी...दिल इतनी ज़ोर से धड़क रहे थे कि उनकी आवाज़ तक सुनाई दे रही थी.
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