Hindi Kamuk Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
07-20-2019, 09:58 PM,
RE: Hindi Kamuk Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
तभी सूमी और सोनल दोनो कमरे में आ जाती हैं. सोनल के हाथ में डाइमंड रिंग थी.

सोनल सुनील को डाइमंड रिंग देती है और कहती है : ये ली जिए और पहना दीजिए सवी को.

सुनील हैरानी से सोनल की तरफ देखता है.

सोनल के चेहरे पे खुशी के भाव थे. 'जी हां दिल से कह रही हूँ अब और मत तड़पाओ मेरी दीदी को'

सवी का चेहरा ये सुन खिल उठता है.

लेकिन सुनील का सवाल जारी रहा

सुनील : सवी कहीं ऐसा तो नही कि तुम्हारे मन में ये बात घर कर गयी हो कि जो सूमी को मिला वो तुम्हें भी मिलना चाहिए, शायद इसीलिए तुम.

सवी : बस सुनील, मेरा और अपमान मत करो. प्यार किया नही जाता हो जाता है. जो इंसान तुम्हारे अंदर है वैसा मुझे कभी नही मिला और जब मिला तो तुम मिले, अब ये दिल काबू में ना रहा तो मैं क्या करूँ. ये भी नियती का खेल है कि तुमने पहले माँ और बहन से शादी करी और भी नियती ही अपना खेल खेल रही है जब तुम फिर से एक और माँ और उसकी बेटी से शादी करोगे फरक इतना है कि मैं रिश्ते में तुम्हारी मासी लगती थी और अब तो साली लगती हूँ और आज के बाद बीवी. मुझे मेरा प्यार दे दो सुनील.

सवी की आवाज़ उसके दिल से निकल रही थी जिसमें वो तड़प थी जो बस एक दिल से प्यार करने वाले के मुँह से ही निकल सकती है. सुनील के मन में चल रहा अंतर द्वंद ख़तम हो गया और उसने सोनल के हाथ से रिंग ले कर सवी को पहना दी. रिंग पहनते ही सवी फफक फफक के रोने लगी.

सूमी : बस कर मेरी बन्नो, अब तो तुझे तेरा प्यार मिल गया, जी भर के बटोर इस प्यार को.

सूमी वहीं कमरे में बने मंदिर के पास जा हाथ जोड़ कुछ प्रार्थना करती है और वहाँ पड़ी दो वर मालाएँ उठा एक सुनील को देती है और दूसरी सवी को.

दोनो एक दूसरे को माला पहनाते हैं और फिर सूमी सवी को दूसरे कमरे में ले गयी जहाँ उसकी सुहाग्सेज सजी हुई थी.

सुहाग सेज पे बात सवी के अरमान मचलने लगे और वो बेसब्री से सुनील का इंतेज़ार करने लगी.

सुनील ने सवी को स्वीकार तो कर लिया पर वो खुद से बहुत सवाल कर रहा था उसे सबसे बड़ी चिंता थी कि क्या वो 4 बीवियों को संभाल पाएगा कहीं ऐसा ना हो कि चारों चार अलग रास्ते पे चलने की ठानें और वो पिसता चला जाए.

औरत के मन में कब क्या आ जाए ये कोई नही जान सकता और अब सुनील को अपना वक़्त इस तरहा बाँटना था के उसकी चारों बीवियाँ खुश रहें किसी को ये ना महसूस हो कि किसी को ज़्यादा वक़्त दिया और किसी को कम.

सोनल जो उसके पास ही थी वो उसके मन के भावों को समझ चुकी थी.

सोनल : क्यूँ इतना परेशान हो रहें हैं, तसल्ली रखिए हम चारों में कोई झगड़ा नही होगा. जाइए अब दुल्हन को इतना इंतेज़ार नही करवाया जाता.

सोनल ने सुनील के होंठों को चूम लिया - लव यू जान -जाओ और सवी को फिर से एक महकता हुआ फूल बना दो.

सुनील उठ के जाने लगा तो सोनल उसके साथ चिपक गयी.

सोनल :सुनो सवी और रूबी दोनो को हनिमून के लिए मालदीव ले जाओ और वहाँ पे शादी भी रिजिस्टर करा लेना, यहाँ दीदी है मेरे साथ. आप मेरी चिंता मत करना.

सुनील : देखते हैं इतनी जल्दी भी क्या है.

सोनल : कह दिया ना जाओ बस आगे कुछ नही और अब जाओ अपनी दुल्हन के पास.

सुनील सोनल के होंठों को अच्छी तरहा चूस्ता है और फिर वो उस कमरे की तरफ बढ़ जाता है जहाँ सवी उसका इंतेज़ार कर रही थी.

सुनील जब सवी के कमरे में पहुँचा तो कमरा महक रहा था चारों तरफ फूलों की लाडियाँ और सुहाग्सेज पे गुलाब की पत्तियाँ सजी हुई थी जिनके बीच सवी बैठ हुई थी, पास खड़ी सूमी उसे कुछ समझा रही थी.

सुनील को अंदर घुसते देख सूमी उसके पास गयी और गले लगा के होंठों पे छोटा सा चुंबन जड़ते हुए बोली - एक और जीवन साथी मुबारक हो, खूब प्यार करना सवी को.

और सुनील को हाथ से पकड़ सवी के पास ले जा कर बिठा दिया.

'सुहागरात मुबारक हो तुम दोनो को' इतना कह वो कमरे से बाहर चली गयी सोनल के पास.

औरत जब रति का रूप धारण कर लेती है तो मर्द चाहे किसी भी मानसिक अवस्था में क्यूँ ना हो कामदेव के बान से वंचित नही रहता. कुछ यही हाल इस वक़्त सुनील का हो रहा था.

सूमी कमरे में बिस्तर के पास चाँदी के ग्लास में गरमा गरम बादाम से भरा हुआ दूध रख गयी थी.

सुनील अभी सोच रहा था कि कैसे बात शुरू करे के सवी उठी और चाँदी का ग्लास उठा सुनील की तरफ बढ़ी कमरे में उसकी पायल की रुनझुन फैल गयी जो महॉल को और भी कामुक बना रही थी.

सुनील का दिमाग़ एक खाली स्लेट की तरहा सॉफ हो गया - बस सागर की एक बात लिखी रह गयी - प्यार बाँटने से कम नही होता.

सवी रुनझुन पायल छनकाती हुई सुनील के करीब आई और दूध का ग्लास उसके आगे कर दिया.

सुनील - ऐसे नही ..

सवी कुछ घबरा सी गयी कि अब उसने कोई ग़लती तो नही कर दिल ज़ोर से धड़कने लगा और वो सवालियाँ नज़रों से सुनील को देखने लगी.

सुनील ने एक हाथ सवी का पकड़ा और जैसे ही उसने उस हाथ को छुआ जिसमे दूध का ग्लास था - एक परछाई सी सवी के जिस्म से निकली और दूध का ग्लास उसके हाथ से उछल के सामने दीवार पे जा लगा और दीवार पे दूध की जगह खून फैलता चला गया ...ये देख सवी चीख मार बेहोश हो गयी.
Reply


Messages In This Thread
RE: Hindi Kamuk Kahani वो शाम कुछ अजीब थी - by sexstories - 07-20-2019, 09:58 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,618,147 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 557,679 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,283,954 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 970,222 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,719,678 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,136,308 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,048,401 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,390,229 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,141,064 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 296,128 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 5 Guest(s)