RE: Desi Sex Kahani दिल दोस्ती और दारू
"पढ़ना पड़ेगा यार...."होड़ सर का भाषण अब भी जारी था, "चल कल सुबह 4 बजे से उठ कर स्टडी करेंगे..."
"लवदा 4 बजे तो मेरे सोने का टाइम है...."
"सीधे बोल ना कि दम नही है..."
"बाद मे बात करना ,अभी कहीं दीपिका मॅम की तरह ये भी हमे बाहर ना कर दे...."अरुण चुप हो गया और बड़े ध्यान से होड़ का लेक्चर सुनने लगा.....
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कुछ लोग जिन्होने गौतम से मेरी लड़ाई देखी थी ,वो यही सोच रहे थे कि मैं आज रिसेस मे कॅंटीन जाउन्गा, लेकिन मेरा ऐसा बिल्कुल भी मूड नही था, और वैसे भी आज दीपिका मॅम ने मुझे बुलाया था,...पहले दिन तो मैं डर भी रहा था और थोड़ी सी झिझक भी थी, लेकिन फिर मेरे अंदर बैठे मर्द ने कहा कि जब वो लड़की होकर ऐसी हरकते कर रही है तो तू क्या डर रहा है, मार दे साली की चूत......
"मे आइ कम इन...."अंदर आने के लिए मैने पर्मिशन माँगी....
"ओह अरमान....कम इन, कम इन....मैं तो तुम्हारा ही इंतज़ार कर रही थी...."
"साली कितनी जल्दी रंग बदलती है, नागिन कही की...."अंदर घुसते हुए मैने उस दिन की तरह आज भी ये देखा कि कोई वहाँ है या नही, और उस दिन की तरह आज भी वहाँ कोई नही था,...दीपिका मॅम चेयर पर बैठी नेल कटर से अपने नखुनो का साइज़ बराबर कर रही थी.....
"आपने ने बुलाया...."
"उस दिन कैसा लगा था..."
"एकदम बेकार.....बिल्कुल भी मज़ा नही आया..."मैने जानबूझ कर ऐसा कहा, मैं देखना चाहता था कि उसका रियेक्शन क्या होता है, और जैसा मैने सोचा था था दीपिका मॅम का रियेक्शन बद से बदतर होता जा रहा था...आज तक मैने सिर्फ़ सुना था कि लड़कियो को अपनी बुराई बिल्कुल भी पसंद नही होती, और आज देख भी लिया था और तो और दीपिका मॅम का गुस्सा इस कदर बढ़ गया कि वो लगभग चिल्लाती हुए मुझे असाइनमेंट कंप्लीट ना करने की पनिशमेंट देते हुए मेरा डबल कर दिया......
"नॉर्मली एक हफ्ते मे दो असाइनमेंट मतलब कि एक महीने के 8 और इस हिसाब से 6 महीने के 8क्ष6=48 हुए, और ये अब डबल कर रही है मतलब कि 96 फिर 4 और दे दे बीसी , सेंचुरी मार लूँगा "दीपिका मॅम की तरफ देखते हुए मैने उसे पूरे खानदान की गली दे डाली और फिर बोला "मॅम, मैं तो मज़ाक कर रहा था, आक्च्युयली उस दिन बहुत ज़्यादा मज़ा आया , उस दिन जैसी बेटर फीलिंग्स मुझे कभी नही हुई....आप मुझे कभी भी ,किसी भी समय बुला लो, मैं आ जाउन्गा....मैं तो बस मज़ाक कर रहा था..."कुछ देर पहले रंग बदलने वाली नागिन मैने दीपिका मॅम को कहा था, लेकिन अब रंग मैं भी बदल रहा था.....
"मैं भी मज़ाक ही कर रही थी...."नागिन की तरह उसने एक बार फिर रंग बदला और अपने नखुनो पर फूक मार कर नेल कटर को अपने पर्स मे रखकर लिपस्टिक निकाल कर बोली"खड़े क्यूँ हो ,बैठ जाओ...."
अपने होंठो पर लिपस्टिक लगाते हुए वो बीच बीच मे अक्सर मुझे देखती और फिर अपने काम मे लग जाती.....मुझे नही पता था कि मैं इतना सारीफ़ था या सरीफ़ बनने का नाटक कर रहा था,पर मैं जो भी था बहुत अजीब ही था,क्यूंकी यदि मेरी जगह वहाँ कोई और होता, तो वो मेरी तरह दीपिका मॅम के सामने वाली चेयर पर शांत नही बैठा रहता, यदि मेरी जगह कोई और होता यदि अरुण ही होता तो मैं पक्का यकीन के साथ कह सकता हूँ वो दीपिका मॅम पर झपट्टा मार कर उन्हे चोद देता, लेकिन मैने ऐसा कुछ भी नही किया, मैं शांत, चुप चाप वही दीपिका मॅम के सामने बैठा रहा.......
"तुम असाइनमेंट कंप्लीट क्यूँ नही करते, पढ़ते नही हो क्या हॉस्टिल मे..."
"नो मॅम, ऐसी बात नही है..."मेरी नज़र अब भी उनके होंठो पर थी ,जो लिपस्टिक लगाने के कारण गुलाबी थे"वो आक्च्युयली आज कल टाइम की थोड़ी किल्लत है...."
"लड़ाई झगड़े के लिए टाइम मिल जाता है , स्टडी के लिए नही....ऐसा क्यूँ ? "
मैं थोड़ा सकपका गया, जब उसने ऐसा कहा तो"आपको कैसे पता..."
"कॉलेज का स्टूडेंट क्या करता है ,क्या नही करता वो कॉलेज स्टाफ को मालूम रहता है ,लेकिन हम कुछ नही बोलते...."लिपस्टिक लगाने के बाद दीपिका मॅम ने अपने दोनो होंठो को जोड़ा....
"मतलब कि सबको पता है कि मैने उस साले वरुण को"
"यस....आंड बिहेव लाइक आ स्टूडेंट, डॉन'ट यूज़ वर्ड्स लाइक साले,अबे हियर..."
"सॉरी मॅम..."
"सो व्हाट ईज़ युवर नेक्स्ट प्लान...."
"किस बारे मे..."मैने सोचा कि वो अब उस दिन की तरह चुदाई की बात करेगी,
"वरुण और उसके दोस्त तुम्हे ऐसे नही छोड़ेंगे...."
"फिर से पेलुँगा सालो को,..."मैं जोश मे आते हुए बोला...
"मैने बोला ना, डॉन'ट यूज़ वर्ड्स लाइक साले,अबे.....और ये क्या है पेलुँगा..."
"सॉरी मॅम...."
"विभा के साथ तुमने मिस्बेहेव किया...."
"इसको तो सब पता है "मैं चुप ही रहा....
"शी ईज़ माइ फ्रेंड और उसी ने बताया मुझे...."
"सब कुछ बता दिया ?"
"हां...."अपना मेकप बंद करके उसने अब पहली बार मुझे अच्छे से देखा,उसके पर्फ्यूम की खुश्बू बड़ी जबर्दश्त थी और ना चाहते हुए भी मैने दीपिका मॅम की तरफ अपना चेहरा किया.....
"आज रात क्या कर रहे हो...."
"कुछ नही..."मैं ये बोलना चाहता था, लेकिन तब तक दीपिका मॅम अपनी चेयर से उठकर मेरी ही चेयर पर मेरी तरफ अपना फेस करके मेरे उपर बैठ गयी थी, और वो पहला मौका था जब उसका पिछवाड़ा मेरी जाँघो पर महसूस हुआ....उस वक़्त मुझे ना चाहते हुए भी बहुत अच्छा लगा, बहुत ही अच्छा महसूस हुआ.
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