Adult Kahani कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास
08-21-2019, 01:08 PM,
#49
RE: Adult Kahani कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास
'अरे राम्या इधर आ दूर क्यूँ खड़ी है'
सोनी आगे बढ़ती है तो कामया कहती है, 'अब इसका नाम सोनी हो गया है.'
'क्या?'
सोनी सुनीता के गले लगती है.

विमल : 'चलो अब घर चलो, यहाँ पे ही सारी रामायण डिसकस करोगे क्या'

सभी कार की तरफ चल पड़ते हैं.

विमल समान कार की डिकी में रखता है और घर की तरफ रवाना हो जाता है. सारे रास्ते दोनो बहने अपनी बातों में मशगूल हो जाती हैं.

कामया और सुनीता पीछे बैठी हुई बातें कर रही थी, सोनी आगे विमल के साथ बैठ हुई थी. विमल बार बार बॅक व्यू मिरर से सुनीता को निहार रहा था और सोनी उसकी नज़रों का पीछा करते हुए सब समझ रही थी और उसके होंठों पे हल्की हल्की मुस्कान खेल रही थी.

घर पहुँच कर कामया सुनीता को अपने कमरे में ले जाती है और विमल सुनीता का समान गेस्ट रूम में रख देता है जो उसके कमरे के साथ ही था.

कामया ने रात के खाने के लिए विमल को बाहर ऑर्डर करने के लिए कह दिया था. विमल अपने कमरे में चला जाता है और सोनी भी उसके पीछे पीछे उसके कमरे में चली जाती है.

सोनी कमरे में घुस कर दरवाजा बोल्ट कर देती है और पीछे से विमल के गले में बाँहें डाल देती है.

सोनी : विमल की गर्दन पे अपनी ज़ुबान फेरते हुए ' क्या बात है भाई मासी पे भी दिल आ गया?'

विमल : सोनी को अपने सामने ले आता है और उसकी कमर में बाँहें डाल कर उसे खुद से चिपका लेता है ' दिल तो मेरा बस तुझ पे आया है सोनी, पर ये लंड बात नही मानता, ये तो अब जब तक मासी की चूत में नही घुसेगा तब तक इससे चैन नही आएगा'

सोनी : 'पापा से कॉंपिटेशन करोगे क्या?'

विमल : पापा कहाँ से आ गये बीच में?'

सोनी : जब पापा ने चाची को नही छोड़ा तो साली को कहाँ छोड़ा होगा. और साली को तो वैसे भी आधी घरवाली कहते हैं. इतने सालों बाद मिल रहे हैं, पापा तो मुझे नही लगता एक पल के लिए भी मासी को छोड़ेंगे'

विमल : ह्म्म अगर ऐसा है तो पापा से कॉंपिटेशन ही सही. देखते हैं कौन जीतता है

सोनी : कॉंपिटेशन बाद में करना, अभी तो मुझे थोड़ा दबा दो, सारा बदन दुख रहा है.

विमल सोनी के गालों को थाम कर अपने होंठ उसके होंठों पे चिपका देता है.

सोनी एक हाथ से विमल के बालों को सहलाने लगती है और दूसरे हाथ से उसके लंड को मसल्ने लगती है. विमल का किस और भी तेज़ हो जाता है और वो सोनी के स्तन मसल्ने लगता है.

दोनो एक दूसरे के होंठ चूस्ते जारहे थे. फिर दोनो के कपड़े साथ साथ उतरने लगते हैं और विमल सोनी को बिस्तर पे लिटा कर उसकी चूत पे आक्रमण कर देता है.


'अहह भाईईईईईईईई क्यूँ और आग लगा रहे हो'

'तेरा रस बहुत मीठा है सोनी, इसे पिए बिना तो मैं अब रह नही सकता' स्ल्ल्ल्ल्ल्लूउउुुउउर्र्ररप्प्प्प्प्प

' उूुुउउइईईईईईईईई म्म्म्म्ममममाआआआ मुझे भी तो अपना पीने दो'

फिर दोनो पोज़िशन बदलते हैं और 69 में आ जाते हैं. सोनी बड़े प्यार से विमल के लंड को चाटती है और चुस्ती है


विमल भी उसकी चूत को आराम से चूस्ता है , कोई दर्द भरा अहसास नही होने देता, सिर्फ़ उत्तेजना को भड़काता रहता है. ऐसा लग रहा था जैसे दोनो ही अपने काम में माहिर हों और एक दूसरे को बहुत आनंद दे रहे थे.

विमल का लंड बहुत सख़्त हो जाता है और सोनी की चूत बहुत गीली, दोनो से ही नही रहा जाता और विमल उस से अलग हो कर उसे पीठ के बल लिटा कर उसके निपल चूसने लगता है. सोनी उसका सर अपने स्तन पे दबा देती है. कुछ ही पलों बाद विमल उसकी टाँगों के बीच में आ कर उसकी चूत पे अपना लंड घिसने लगता है. सोनी की सिसकारियाँ कमरे में फैलने लगती हैं. वो इस बात का ध्यान रख रही थी कि उसकी आवाज़ नीचे ना चली जाए.

विमल धीरे धीरे अपना लंड उसकी चूत में डाल देता है. सोनी को कुछ दर्द होता है पर वो उसे सह लेती है.

फिर विमल धीरे धीरे अपनी कमर हिलाने लगता है और दोनो ही एक सुखद संभोग में खो जाते हैं. उन्हें कोई जल्दी नही थी. प्यार के इन पलों को अपने अंदर समेटते रहते हैं.


और वो समय भी आ जाता है जब दोनो एक साथ किल्कारी भरते हुए झड़ने लगते हैं.'अरे राम्या इधर आ दूर क्यूँ खड़ी है'
सोनी आगे बढ़ती है तो कामया कहती है, 'अब इसका नाम सोनी हो गया है.'
'क्या?'
सोनी सुनीता के गले लगती है.

विमल : 'चलो अब घर चलो, यहाँ पे ही सारी रामायण डिसकस करोगे क्या'

सभी कार की तरफ चल पड़ते हैं.

विमल समान कार की डिकी में रखता है और घर की तरफ रवाना हो जाता है. सारे रास्ते दोनो बहने अपनी बातों में मशगूल हो जाती हैं.

कामया और सुनीता पीछे बैठी हुई बातें कर रही थी, सोनी आगे विमल के साथ बैठ हुई थी. विमल बार बार बॅक व्यू मिरर से सुनीता को निहार रहा था और सोनी उसकी नज़रों का पीछा करते हुए सब समझ रही थी और उसके होंठों पे हल्की हल्की मुस्कान खेल रही थी.

घर पहुँच कर कामया सुनीता को अपने कमरे में ले जाती है और विमल सुनीता का समान गेस्ट रूम में रख देता है जो उसके कमरे के साथ ही था.

कामया ने रात के खाने के लिए विमल को बाहर ऑर्डर करने के लिए कह दिया था. विमल अपने कमरे में चला जाता है और सोनी भी उसके पीछे पीछे उसके कमरे में चली जाती है.

सोनी कमरे में घुस कर दरवाजा बोल्ट कर देती है और पीछे से विमल के गले में बाँहें डाल देती है.

सोनी : विमल की गर्दन पे अपनी ज़ुबान फेरते हुए ' क्या बात है भाई मासी पे भी दिल आ गया?'

विमल : सोनी को अपने सामने ले आता है और उसकी कमर में बाँहें डाल कर उसे खुद से चिपका लेता है ' दिल तो मेरा बस तुझ पे आया है सोनी, पर ये लंड बात नही मानता, ये तो अब जब तक मासी की चूत में नही घुसेगा तब तक इससे चैन नही आएगा'

सोनी : 'पापा से कॉंपिटेशन करोगे क्या?'

विमल : पापा कहाँ से आ गये बीच में?'

सोनी : जब पापा ने चाची को नही छोड़ा तो साली को कहाँ छोड़ा होगा. और साली को तो वैसे भी आधी घरवाली कहते हैं. इतने सालों बाद मिल रहे हैं, पापा तो मुझे नही लगता एक पल के लिए भी मासी को छोड़ेंगे'

विमल : ह्म्म अगर ऐसा है तो पापा से कॉंपिटेशन ही सही. देखते हैं कौन जीतता है

सोनी : कॉंपिटेशन बाद में करना, अभी तो मुझे थोड़ा दबा दो, सारा बदन दुख रहा है.

विमल सोनी के गालों को थाम कर अपने होंठ उसके होंठों पे चिपका देता है.

सोनी एक हाथ से विमल के बालों को सहलाने लगती है और दूसरे हाथ से उसके लंड को मसल्ने लगती है. विमल का किस और भी तेज़ हो जाता है और वो सोनी के स्तन मसल्ने लगता है.

दोनो एक दूसरे के होंठ चूस्ते जारहे थे. फिर दोनो के कपड़े साथ साथ उतरने लगते हैं और विमल सोनी को बिस्तर पे लिटा कर उसकी चूत पे आक्रमण कर देता है.


'अहह भाईईईईईईईई क्यूँ और आग लगा रहे हो'

'तेरा रस बहुत मीठा है सोनी, इसे पिए बिना तो मैं अब रह नही सकता' स्ल्ल्ल्ल्ल्लूउउुुउउर्र्ररप्प्प्प्प्प

' उूुुउउइईईईईईईईई म्म्म्म्ममममाआआआ मुझे भी तो अपना पीने दो'

फिर दोनो पोज़िशन बदलते हैं और 69 में आ जाते हैं. सोनी बड़े प्यार से विमल के लंड को चाटती है और चुस्ती है


विमल भी उसकी चूत को आराम से चूस्ता है , कोई दर्द भरा अहसास नही होने देता, सिर्फ़ उत्तेजना को भड़काता रहता है. ऐसा लग रहा था जैसे दोनो ही अपने काम में माहिर हों और एक दूसरे को बहुत आनंद दे रहे थे.

विमल का लंड बहुत सख़्त हो जाता है और सोनी की चूत बहुत गीली, दोनो से ही नही रहा जाता और विमल उस से अलग हो कर उसे पीठ के बल लिटा कर उसके निपल चूसने लगता है. सोनी उसका सर अपने स्तन पे दबा देती है. कुछ ही पलों बाद विमल उसकी टाँगों के बीच में आ कर उसकी चूत पे अपना लंड घिसने लगता है. सोनी की सिसकारियाँ कमरे में फैलने लगती हैं. वो इस बात का ध्यान रख रही थी कि उसकी आवाज़ नीचे ना चली जाए.

विमल धीरे धीरे अपना लंड उसकी चूत में डाल देता है. सोनी को कुछ दर्द होता है पर वो उसे सह लेती है.

फिर विमल धीरे धीरे अपनी कमर हिलाने लगता है और दोनो ही एक सुखद संभोग में खो जाते हैं. उन्हें कोई जल्दी नही थी. प्यार के इन पलों को अपने अंदर समेटते रहते हैं.


और वो समय भी आ जाता है जब दोनो एक साथ किल्कारी भरते हुए झड़ने लगते हैं.
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