Kamvasna आजाद पंछी जम के चूस.
08-27-2019, 01:32 PM,
#52
RE: Kamvasna आजाद पंछी जम के चूस.
आरती-- नहियीईईईई काका आआआआअ वहां नहीं प्लीज ईईईईई
पर कहाँ रामू मानने वाला था वो लगातार अपनी उंगली को आरती के अंदर-बाहर करता जा रहा था नीचे से लाखा भी उसे निरंतर धक्के देता हुआ उसे ऊपर-नीचे कर रहा था और अब तो पीछे से भी यही हाल था रामु काका की उंगली तो अब कमाल करने लगी थी। आरती की ना नुकर अब बंद थी बल्कि लंबी-लंबी सांसें लेती हुई वो हर झटके के साथ लगातार अपने एक नये मुकाम पर पहुँचने वाली थी तभी शायद नीचे से लाखा ने उसे कस कर जकड़ लिया था और वो उससे लिपट गई थी पर हाँ… अब उसे रामु काका से परेशानी नहीं थी वो अपने लण्ड को वहां नहीं डाल रहे थे वो सिर्फ़ अपनी उंगलियों को ही वहां चला रहे थे और तेज और तेज वो अपनी चुत के साथ-साथ अपने नितंबों को भी सिकोड़ कर अपनी उत्तेजना को अंदर तक समेटने की कोशिश में लगी थी कि लाखा काका की गिरफ़्त में वो लगातार हर झटके के साथ अपनी चुत से एक लंबी सी धार लिकलते हुए महसूस कर रही थी पर पीछे का आनंद तो लगातार बढ़ने लगा था रामु काका की उंगलियां अब उसके गांड के अंदर और बहुत ही अंदर तक समा जाती थी और उसे कोई तकलीफ भी नहीं बल्कि उसे तो मजा आने लगा था वो निढाल सी काका के ऊपर लेटी हुई थी पर अपने नितंबों को जरूर पीछे करते हुए रामु काका का साथ दे रही थी और रामु काका भी अब लगातार अपनी स्पीड बढ़ाने लगे थे जो कि एक अजीब सी हलचल उसके अंदर तक मचा रहे थे आरती ने अपनी पूरी जान लगाकर पीछे की ओर एक बार देखा रामु काका अपने लण्ड को अपने हाथों में पकड़े हुए झटके दे रहे थे और आगे पीछे कर रहे थे और एक हाथ से वो उसके गांड के अंदर अपनी उंगलियां आगे पीछे कर रहे थे एक आवाज उसके कानों में टकराई
लाखा- कमाल की है तू बहू मजा आ गया
आरती-- हाँ… आअह्ह और नहीं काका आआआआअ प्लीज अजीब सा लग रहा है
रामु- रुक जा बहू आज के बाद तू कभी मना नहीं करेगी रुक जा इसे पकड़
और थोड़ा सा आगे बढ़ कर उसने अपने लण्ड को आरती के हाथों में पकड़ा दिया

तभी नीचे से लाखा हट गया और आरती बेड पर आ गई थी वो अब भी वैसे ही स्थिति में थी पीछे की ओर अपने नितंबों को उठ कर साइड दे रामु काका के लण्ड को अपनी गिरफ़्त में लिए हुए अपने गांड के अंदर-बाहर होते उनकी उंगलियां के मजे लेते हुए वो और भी नीचे एक ओर झुक गई थी पता नहीं क्या हुआ पर वो अपने आपको संभाल नहीं पाई और अपनी उत्तेजना को फिर से बढ़ते देखकर उसने झट से रामु काका के तकड़े लण्ड को झट से अपने मुख के अंदर कर लिया और खूब जोर-जोर से चुबलने लगी अब वो बेड पर थी और उसके नितंब अब पीछे की ओर हो गये थे और वो नीचे झुक कर रामु काका के लण्ड पर झुकी हुई थी रामु काका का हाथ अब उसके नितंबों तक ही पहुँच पा रहा था गांड उसकी पहुँच से दूर हो गया था पर नहीं वो बची नहीं थी एक उंगली फिर से उसके अंदर समा गई थी पीछे से वो लाखा काका की उंगली थी वो भी वैसे ही बहुत तेजी से उसके अंदर बाहर होने लगी थी और एक साथ उसकी चुत के अंदर भी दो उंगलियां एक पीछे और एक आगे जैसे लगता था कि अंदर से किसी चीज को जोड़ने की कोशिस में थे वो लगातार हो रहे इस तरह के आक्रमण से आरती थक गई थी और उसके अंदर अब इतनी ताकत नहीं थी कि किसी को मना कर पाई ना ही उसके घुटनों में ही इतनी ताकत बची थी कि अपने नितंबों को उँचा उठाकर रख पाई धीरे-धीरे अपने घुटनों को सीधा करते हुए वो बेड पर लेट गई थी कि तभी उसके चहरे पर गरम-गरम वीर्य एक साथ बहुत सारा झटके देता हुआ रामू का लण्ड पानी छोड़ गया। वो अपने अंदर उठ रही 4थी बार एक उमंग को शांत होते हुए भी पाया जो कि लाखा काका की उंगलियों का ही कमाल था जो कि अब भी लगातार उसकी चुत और गांड के अंदर-बाहर उसी स्पीड से हो रहा था वो अब पीठ के बल लेटी हुई थी और अपने अंदर की उमँगो को हर झटके के साथ अपनी कमर को उठाकर निकाल रही थी अपनी चुत से वो निढाल होकर पड़ी रही और सबकुछ शून्य हो गया बहुत दूर से कुछ आवाज उसके कानों में टकरा रही थी लाखा काका और रामु काका की उसे समझ नहीं आया और वो एक गभीर निद्रा की चपेट में चली गई थी
रामु- मजा आ गया आज तो
लाखा- हाँ यार गजब की है बहू अपनी पर सताया बहुत इसने
रामू- अरे तू ही तो बेसबरा हो रहा था मुझे तो पता था की जिस दिन टाइम मिलेगा बहू फिर से अपने पास आएगी
लाखा- हाँ यार तेरी बातों में दम है ही ही
और दोनों धीरे से उस कमरे से बाहर की ओर निकल गये


आरती वैसे ही रात भर अपने बिस्तार पर पड़ी रही उसके शरीर में जब जान आई तो सुबह हो चुकी थी वो एकदम फ्रेश थी सुबह की धूप उसके कमरे में पर्दे से छन कर आ रही थी वो एक झटके से उठी और घड़ी की ओर देखा।

आरती- बाप रे 11 बज गये है
झट से बाथरूम में जाकर फ्रेश हुए और आवाज लगाई।
रामु- जी
आरती- सोनल कहाँ है
रामु- जी कमरे में तैयार ही रही है चाय लाऊ बहू
आरती- हाँ… जल्दी
थोड़ी देर में ही डोर में आवाज़ आई और रामु काका पहली बार उसके कमरे में चाय लेकर आए
टेबल पर रखकर वो आरती को देखते हुए
रामु- कुछ और बहू
आरती- नहीं जाओ
Reply


Messages In This Thread
RE: Kamvasna आजाद पंछी जम के चूस. - by sexstories - 08-27-2019, 01:32 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,647,916 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 561,544 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,295,982 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 979,446 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,737,515 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,150,279 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,072,219 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,472,768 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,165,290 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 298,954 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)