RE: Hindi Adult Kahani कामाग्नि
दोनों हाथों से उसके दोनों स्तन मसलता हुआ वो सोनिया के साथ मुख-चुम्बन करने लगा। एक क्षण में उसकी जीभ उसकी बहन के मुँह में होती तो दूसरे क्षण सोनिया की जीभ उसके भाई के मुँह में… दोनों भाई-बहन एक दूसर के होंठों और मुँह का कोई भी हिस्सा अनछुआ नहीं छोड़ना चाहते थे और समय कम था; समीर ने हथेलियों और चार उंगलियों से अपनी बहन के दोनों स्तनों को जकड़ा हुआ था और अंगूठों से वो उसके चूचुकों को सहला रहा था। सोनिया भी समीर के लंड को लगातार ज़ोर ज़ोर से मुठिया रही थी।
इन सब के साथ राजन की जीभ सोनिया के चूत के दाने पर लगातार चल रही थी। सोनिया झड़ने ही वाली थी कि राजन ने उसे चाटना बंद कर दिया। सोनिया ने उसे अपनी जाँघों में इतनी ज़ोर से जकड़ लिया था कि उसका दम घुटने लगा था।
सोनिया ने तुरंत अपना चुम्बन तोड़ा और समीर को राजन की तरफ इशारा करके दिखाया। राजन को यूँ तड़पता देख समीर तुरंत वापस जैसे सोया था वैसे ही सो गया, तब कहीं जा के सोनिया ने राजन को छोड़ा।
राजन- तुमने तो मुझे मार ही डाला था।
सोनिया- यार, वो समीर बाजू में सो रहा है तो उसे देख कर कुछ ज़्यादा जोश में आ गई थी।
राजन- अच्छा! तो फिर जगाऊँ उसे? उसी से चटवा लेना अपनी चूत, और ज़्यादा मजा आ जाएगा।
सोनिया- उसे सोने दो और तुम अपना लंड चुसवाओ।
इतना कह कर सोनिया ने राजन को धक्का दिया और उसके लंड पर टूट पड़ी। अब राजन का सर बेड के दूसरी ओर था; सोनिया उसके पैरों के बीच न बैठ कर उसके बाजू में यानि राजन और समीर के बीच घुटनों के बल बैठी थी और झुक कर राजन का लंड चूस रही थी। ऐसा करने से उसकी चूत समीर के सर से ज़्यादा दूर नहीं थी। और राजन का सर दूसरी ओर होने से वो समीर के केवल पैर देख सकता था।
समीर ने इस बात का फायदा उठा कर सोनिया की चूत चाटना शुरू कर दिया। ये सब काम वो दोपहर को नहीं कर पाया था क्योंकि तब सोनिया ने इतनी अच्छी तरह उसके लंड को चूसा था कि और कुछ करने का मौका ही नहीं मिला था। समीर ने अपने होंठों को गोल किया और सोनिया के चूत के दाने के चारों ओर होंठों को लगा कर चूसा। ऐसा करने से अंदर दबा हुआ चूत का दाना उभर कर उसके मुँह में आ गया; फिर वो अपनी बहन की चूत के दाने को अपनी जीभ से लपलपाने लगा।
यह पहली बार था जब सोनिया की चूत के दाने को अंदर तक इस तरह चाटा जा रहा था। अक्सर बस जो हिस्सा बाहर निकला होता था उसे ही चटवाने का सुख मिलता था। इस वजह से बाहर के हिस्से की संवेदनशीलता भी कुछ कम हो गई थी। लेकिन जिस तरह समीर से चूस कर हवा के दबाव से खींच कर उसे बाहर निकला था, सोनिया के भगांकुर के अनछुए हिस्से भी अब समीर की जीभ के निशाने पर थे।
जल्दी ही सोनिया झड़ने की कगार पर थी। इतनी उत्तेजना की वजह से सोनिया ने इस कदर सर हिला हिला के राजन के लंड को अपने मुँह से चोदा था कि वो भी जल्दी ही सोनिया के मुँह में झड़ने लगा।
इधर सोनिया भी झड़ने लगी।
सोनिया ने राजन का पूरा वीर्य पी लिया और उसके लंड को चाट कर साफ करने लगी। साथ ही उसने अपनी कमर मटका कर अपने भाई को इशारा किया कि वो हट जाए। समीर वापस सीधा लेट गया।
राजन- क्या यार, तुमने तो आज मुँह से ही चोद दिया। चलो अब इसको वापस खड़ा कर दो एक बार चूत की चुदाई भी हो ही जाए।
सोनिया- सीधे लेट जाओ, मैं तुम्हारे ऊपर आकर अपनी चूत से रगड़ के तुम्हारा लंड खड़ा करती हूँ।
राजन अब समीर के बगल में लेटा था और सोनिया उसके ऊपर घुड़सवारी करते हुए उसके लंड पर अपनी चूत रगड़ रही थी। वो लंड की जड़ पर अपनी चूत टिका कर बैठती फिर आगे सरक कर उसकी घुंडी तक आती और फिर उठ कर पीछे चूत टिका देती।
ऐसा करने से बिस्तर थोड़ा हिला और इसी बात का बहाना बना कर समीर ने जागने की एक्टिंग की। उठते ही उसने सोनिया को देखा।
समीर- क्या दीदी, आप भी! उठा देते न… मैं उधर जा कर सो जाता।
सोनिया- ही ही ही… तेरा तो खड़ा हो गया… कोई नहीं, अब तू जा के नेहा को चोद ले…हे हे…
समीर- छि! आप बहुत गन्दी हो दीदी…
समीर ने जाते हुए कहा।
राजन- तूने हमारी चुदाई देखी है, अब हम आ के तेरी देखेंगे!
सोनिया- बस करो यार बेचारा पहले ही नर्वस हो रहा है। ही ही…
समीर चला गया और सोनिया राजन से चुदवाने लगी।
समीर जब जीजा की बहन नेहा के कमरे में पहुंचा तो नेहा नंगी सो रही थी। समीर ने देखा कि उसकी चूत बहुत ज़्यादा गीली थी, शायद सोने से पहले उसने अपनी चूत में उंगली की थी। समीर को शरारत सूझी, उसने अपने लंड को थूक लगा कर बिल्कुल गीला कर लिया और थोड़ा थूक नेहा की गुदा पर भी लगा दिया और धीरे से अपना लंड नेहा के पिछले छेद पर टिका दिया। धीरे धीरे समीर ने दबाव डाला और इतनी सारी चिकनाहट की वजह से उसका लंड नेहा की गांड में फिसलता चला गया।
जब उसका लंड आधा अंदर जा चुका था, तो उसने थोड़ा पीछे लेने की कोशिश की। अचानक नेहा का गुदाद्वार सिकुड़ कर काफी तंग हो गया और जैसे उसने समीर के लंड को जकड़ लिया। नेहा की नींद खुल गई थी और उसने अपनी कमर को एक झटके से अलग कर लिया। समीर का लंड एक झटके में बाहर आ गया। समीर को तो मज़ा आ गया। इतने टाइट छेद से लंड के गुज़रने का मज़ा ही कुछ और था।
नेहा- ये क्या कर रहे थे? तुमने मेरी गांड में लंड डाल रखा था?
समीर- हाँ! सोचा ट्राय करके देखूं। तुमको दर्द हुआ क्या?
नेहा- नहीं यार, मुझे तो पता ही नहीं चला। मुझे तो नींद में लगा जैसे मेरी टट्टी निकल गई इसलिए मैं झट से उठ गई।
समीर- तुमने पहले कभी गांड नहीं मरवाई क्या?
नेहा- नहीं, आज पहली बार था, जब मैंने उस छेद में कोई बाहरी चीज़ अनुभव की है।
समीर- चलो फिर से डालता हु
नेहा- नहीं! दर्द होगा।
समीर- पहले तो नहीं हुआ था न?
नेहा- निकलते समय थोड़ा हुआ था।
समीर- डालते टाइम तो नहीं हुआ था। ट्राय करके देखते हैं न।
नेहा- ठीक है।
समीर ने डालने की कोशिश की लेकिन लंड को गांड के छेद से छुआते ही छेद सिकुड़ जाता और लंड थोड़ा भी अंदर न जा पाता। जोर लगाने पर दर्द होने लगता। आखिर समीर ने कोशिश करना ही बंद कर दिया।
समीर- लगता है तब तुम नींद में थीं तो छूने से ये सिकुड़ा नहीं इसलिए आसानी चला गया था।
नेहा- हाँ वो तो मुझे भी समझ आ रहा है कि उसको ढीला छोड़ने की ज़रूरत है, लेकिन कोशिश करने पर भी नहीं हो पा रहा।
समीर- शायद बहुत प्रैक्टिस करनी पड़ेगी, तब होगा।
नेहा- हम्म!
खैर, भले ही समीर नेहा की गांड नहीं मार पाया, लेकिन उसने सोने से पहले जीजा की बहन की चूत की जम कर चुदाई की और फिर दोनों सो गए।
दोस्तो, आपको यह भाई-बहन की ये पति के सामने छिप छिप के मस्ती करने की और जीजा की बहन की गांड मारने की कोशिश वाली कहानी कैसी लगी आप मुझे ज़रूर बताइयेगा।
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