RE: Hindi Adult Kahani कामाग्नि
तब तक पिज़्ज़ा भी खत्म होने को आ गया था, और खेल के नियम भी तय हो गए थे। सब लोग हाथ मुँह धो कर बैडरूम में पहुँच गए। लड़कियों ने अपने लिए पहले ही वोड्का मार्टिनी कॉकटेल बना कर रखा था; लड़कों ने अपने-अपने ग्लास में स्कॉच ऑन-द-रॉक्स ले ली। साथ में खाने के लिए सोनिया ने 3-4 तरह की चीज़ें बना रखी थीं, जो हर दो के बीच एक प्लेट में रखी हुई थीं। सबके ड्रिंक्स तैयार होने के बाद, सबने अपने-अपने ग्लास बीच में एक दूसरे से टकराए- चीयर्सऽऽऽ…!
राजन- टू द न्यू लाइफ स्टाइल!
ये बात समीर को कुछ समझ नहीं आई, लेकिन फिर उसने अपना ध्यान अपनी स्कॉच पर लगाने में ही भलाई समझी। सब ने एक एक घूँट पिया थोड़ा कुछ खाया और फिर राजन ने सबको पत्ते बाँट दिए। सबने पत्ते उठाए और जमाने लगे। लाल पान की सत्ती सोनिया को मिली थी। उसने पहली चाल चली, फिर मदिरा के घूँट और पत्तों की चाल चलती रही और 15 मिनट के अंदर सोनिया के सारे पत्ते खत्म हो गए।
सोनिया- बताओ किसको टास्क देना है… अब आएगा मजा।
राजन- एक मिनट… देखो सबसे ज्यादा नंबर नेहा के हैं, फिर समीर और आखिर में मैं।
सोनिया ने समीर की तरफ देख कर आँखों ही आँखों में इशारा किया “कर दूँ” और समीर ने भी हामी भर दी।
फिर क्या था…
सोनिया- एक मिनट के लिए, समीर नेहा के बूब्स दबाएगा…
राजन- अरे, लेकिन टास्क तो नेहा को देना है न, और मेरा क्या?
सोनिया- बड़ी जल्दी पड़ी है खुद के टास्क की? सुन तो लो… और नेहा राजन को किस करेगी।
राजन- ये क्या बात हुई। नेहा को ये टास्क न करना हो तो?
सोनिया- तो नेहा गेम छोड़ सकती है। क्यों नेहा?
नेहा- कोई और ये टास्क देता तो मैं शायद आपकी तरफ देखती, लेकिन आपने ही दिया है तो ठीक है, मैं कर लूंगी।
नेहा उठकर राजन के पास गई और उसके होठों से होंठ लड़ा दिए। समीर ने भी पीछे से उसके स्तनों को टी-शर्ट के ऊपर से मसलना शुरू कर दिया। पहले तो नेहा के होंठ पास राजन के होंठों पर रखे थे लेकिन जल्दी ही दोनों के होंठ खुल गए और जीभें आपस में अठखेलियाँ करने लगीं। ऐसा लग रहा था जैसे जीभों की कबड्डी चल रही हो और होंठ बीच की लाइन हों।
कभी नेहा जल्दी से जीभ बाहर निकाल कर राजन के होंटों को छू जाती तो कभी राजन नेहा के होंठों को चाट लेता। इस कबड्डी में कभी-कभी दोनों जीभें एक साथ निकल कर एक दूसरे से भिड़ भी जातीं।
इस सब में एक मिनट कब बीत गया पता ही नहीं चला। आखिर सोनिया के कहने पर उनको होश आया कि अब किस करने की ज़रुरत नहीं हैं।
सोनिया- नेहा! मजा आया?
नेहा- क्या भाभी आप भी! पहले खुद टास्क देती हो, और फिर खुद मज़े लेती हो।
सोनिया- वो इसलिए कि मैंने किस करने को कहा था, फ़्रेंच किस करना है ऐसा तो नहीं बोला था…
इतना कह कर सोनिया ने आँख मारी; समीर और सोनिया ठहाका मार कर हँस पड़े। नेहा सकुचा कर रह गई। मन ही मन उसने सोचा कि मेरी बारी आने दो भाभी, फिर देखो मैं क्या करती हूँ।
शायद किस्मत ने नेहा के मन की बात सुन ली और अगला राउंड वही जीत गई। इससे भी बड़ी बात ये हुई कि सबसे ज्यादा पत्ते सोनिया के बचे थे। दूसरे नंबर पर राजन और तीसरे पर समीर था।
नेहा- देखा! सबका दिन आता है भाभी!
सोनिया- ठीक है यार! बता क्या करना है।
नेहा- वही, जो आपने मुझसे कराया था। भैया आपके बूब्स दबाएंगे और आप अपने भाई को किस करोगी… फ़्रेंच किस!
राजन नेहा की बात सुन कर मुस्कुरा दिया। सोनिया ने भी राजन को देख कर एक स्माइल दी और समीर के पास चली गई। नेहा ने राजन के साथ फ़्रेंच किस ज़रूर किया था, लेकिन उसे पकड़ा नहीं था। सोनिया ने समीर को अपनी बाहों में लेकर उसके सर को पीछे से सहारा दे कर बड़े ही कामूकतायुक्त अंदाज़ में किस करना शुरू किया। उनके होंठ एक बार जो जुड़े कि फिर अलग नहीं हुए। दोनों की आँखें भी बंद थीं।
अंदर उनकी जीभें कैसी कुश्ती लड़ रहीं थीं, ये बस उनको ही पता था। बाहर से उनकी जीभे तो नहीं दिखाई दे रहीं थीं.
लेकिन नेहा को समीर के हाथ, सोनिया की कमर सहलाते हुए साफ़ नज़र आ रहे थे। हाथ भले ही उसकी ड्रेस के ऊपर थे, लेकिन उंगलियाँ उन पट्टियों के बीच से उसकी नंगी कमर सहला रहीं थीं। कुछ देर बाद तो उत्तेजना में समीर ने ड्रेस को थोड़ा ऊपर करके अपने दोनों हाथ सोनिया के नग्न नितम्बों पर रख दिए।
लेकिन तभी नेहा चिल्लाई- हो गया एक मिनट, हो गया।
सब अपनी अपनी जगह पर वापस चले गए।
नेहा- क्यों समीर, बड़ा मजा आ रहा था अपनी बहन के साथ। बहुत हाथ चल रहे थे?
समीर- मेरी बारी आने दो, फिर देखता हूँ, तुम क्या-क्या कंट्रोल करती हो।
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