RE: Antarvasnax शीतल का समर्पण
वसीम खान को देखने के बाद उसे लगा की वसीम चाचा तो दो घंटे तक अपने रूम में रहेंगे, तब तक तो मैं यही फसी रहंगी। उसे लगा था की वो छत पे छिपकर देखेगी की कौन उसकी पैंटी के साथ क्या करता है? लेकिन अब तो लग रहा था की उल्टा वहीं फंस गई है दो घंटे के लिए। कहीं वसीम चाचा की नजर मुझपे पड़ गई तो क्या सोचेंगे की में छिपकर उन्हें देखती हैं। छिः।
शीतल वहाँ से निकलने का प्लान बना रही थी। लेकिन क्सीम के रूम का दरवाजा खुला था तो वो डर से स्टोर रूम से बाहर नहीं निकल पा रही थी। थोड़ी देर बाद वसीम चाचा अपने रुम से लुंगी और गंजी में बाहर निकला। वो अपने लुंगी के ऊपर से लण्ड को सहला रहा था। उसने शीतल की पैंटी को रस्सी से उतारा और मैंह में लेकर चूमने चाटने लगा, जैसे शीतल की चूत चाट रहा हो। उसकी लुंगी सामने से खुली थी जिसमें से उसने अपने लण्ड को बाहर निकाल लिया और दूसरे हाथ से आगे-पीछे करने लगा।
वसीम पैंटी लेकर स्टोररूम के सामने आ गया, क्योंकी यहाँ से उसे कोई देख नहीं सकता था दूसरी छत से। शीतल स्टोररूम के दरवाजे के पीछे थी और दरवाजे में बने सुराख से बाहर झाँक रही थी। उसकी सांस अटक गई थी की कहीं वसीम ने उसे देख लिया तो क्या होगा? बसीम दरवाजे के ठीक सामने खड़ा अपने लण्ड को आगे-पीछे कर रहा था। उसने शीतल की पैंटी को अपने लण्ड पे लपेट लिया और आहह... आहह... करता हआ मूठ मारने लगा।
वसीम इसी तरह लण्ड सहलाता हआ शीतल की ब्रा के पास गया और उसे भी उठा लाया। अब वसीम के एक हाथ में शीतल की ब्रा थी जिसे वो ऐसे मसल रहा हो जैसे शीतल की टाइट चूची मसल रहा हो। वो ब्रा को भी निपल वाली जगह को मुँह में लेकर चूसने लगा जैसे शीतल की छोटी ब्राउन निपल को चूस रहा हो।
शीतल को बहुत गुस्सा आया की कितना गंदा है ये इंसान, जिसे वो इतनी इज्जत देती है। लेकिन वसीम खान को ब्रा और पैंटी चूसते देखकर अंजाने में ही उसका हाथ अपनी चूत में जा पहुँचा। उसे वहाँ पे चीटियां घूमती हुई महसूस होने लगी।
वसीम अपने लण्ड को शीतल की पैंटी में लपेटकर मूठ मारे जा रहा था। थोड़ी देर में उसका पानी निकलने वाला था तो उसने ब्रा को नीचे गिरा दिया, और पैंटी को हाथ में लेकर ऐसे फैलाया जिससे की जिस जगह पे चूत रहती है वो जगह ऊपर आ गई। बसीम ने पटी का हाथ में पकड़ा और अपना वीर्य पैटी पे गिराने लगा।
अब शीतल को वसीम का लण्ड साफ-साफ पूरा साइज में दिखा और उसका मुँह खुला का खुला रह गया। इतना बड़ा और मोटा लण्ड भी होता होगा, ये इसने सोचा भी नहीं था। वो तो अपने पति के 3 इंच के लण्ड को ही देखी थी आज तक।
वसीम के लण्ड से मोटी सी धार निकली और शीतल के पैटी पे जमा हो गया? इतना सारा वीर्य। इतना तो विकास एक हफ्ते में भी ना निकाल पाए? उसने शीतल की पैटी को वीर्य से भर दिया और उसे स्टाररूम की दीवाल से बाहर निकले लोहे के छड़ पे टांग दिया और फिर उसने ब्रा के एक कप को भी वीर्य से भर दिया। फिर लण्ड को ब्रा के दूसरे कम से ही अच्छे से पोंछकर साफ कर लिया।
शीतल को सब कुछ साफ-साफ दिख रहा था की कैसे इतने बड़े मोटे काले लण्ड से कितना सारा गाढ़ा सफेद वीर्य कैसे गिर रहा है और उसकी पैटी और ब्रा को भर रहा है। शीतल को नीचे कुछ गीलापन सा महसूस हुआ और उसे लगा की उसकी चूत गीली हो गई है।
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