RE: पति के शौक ने पत्नी को बनाया रंडी
अपडेट-1
विजय : अफिस में बैठा लैप्टॉप पर चल रही एक मूवी देख रहा था। मूवी क्या ये एक पॉर्न मूवी थी। जिसमें एक औरत को तीन-तीन लोग चोद रहे थे। जो औरत चुद रही थी उसका नाम दीप्ति पाठक सही पहचाना विजय पाठक अपने लैपटॉप पर इस समय अपनी पत्नी की चुदाई की मूवी देख रहा था। दीप्ति एक आदमी का लंड चूस रही थी। दूसरे का लंड उसकी चूत में था और तीसरा दीप्ति की गांड मार रहा था और दीप्ति तीनों को ही पूरा मजा दे रही थी।
दीप्ति ने विजय पाठक ने कभी भी विजय का लंड नहीं चूसा था। और अब तो दीप्ति पर उसका अधिकार भी बहुत सीमित हो गया था। वो लोग एक घर में तो रहते थे लेकिन एक बेडरूम में नहीं सोते थे। अविनाश ने इसी शर्त पर दीप्ति को घर पर रहने की अनुमति दी थी कि वो विजय से नहीं चुदेगी। विजय से चुदना है तो फिर विजय को कोठे पर जाकर दीप्ति को चोदना होगा। जाहिर सी बात है अपनी ही पत्नी को चोदने के लिए पैसे देने होंगे। जो मूवी विजय इस समय देख रहा था वो करीब एक साल पुरानी थी। और दीप्ति की चुदाई की 500 से ज्यादा मूवियां विजय के लेपटॉप में थी। और सबसे बडी बात ये थी कि हर मूवी में दीप्ति को चोदना वाला इंसान अलग था। इसलिए विजय इस लेपटॉप को बेहद हिफाजत से रखता था। कई लॉक लगे हुए थे। ऐसा भी नहीं कि दीप्ति को पता नहीं था। दीप्ति को भी ये सब पता था। कि विजय का लैपटॉप उसकी चुदाई की मूवियों से भरा पड़ा है। क्योकि विजय के लेपटॉप का पासवार्ड उसे पता था कई बार विजय अपना लैपटॉप घर पर छोड जाता था तो दीप्ति अपनी चुदाई की मूवियां देखती थी और सोचती थी कि उसकी क्या जिंदगी है इतना प्यार करने वाला पति मिला। लेकिन वो प्यार को तरसती है। इतना होने के बाजवूद दोनों केे बीच फिर भी प्यार था। जिस कारण ये रिश्ता चल रहा था। विजय दीप्ति की चुदाई का वीडियो देख रहा था। जो करीब एक घंटे का था। उसके लैपटॉप में सिर्फ दो औरतों की चुदाई के वीडियो थे पहली उसकी पत्नी दीप्ति पाठक जिसके पहले ही बताया जा चुका है 500 से ज्यादा वीडियो थे और दूसरा पूनम पाठक जो विजय की भाभी थी। उसके करीब 60-65 वीडियो थे। जिसमें से 5 वीडियो में विजय खुद अपनी भाभी की चुदाई कर रहा था। और ये चुदाई हुई थी अविनाश के दबाव डालने पर। अविनाश ने दोनों से रोल पले करवाया था। और उसकी मूवी बनाई थी। जिसे देखकर कोई भी कह सकता था कि विजय ने अपनी भाभी की मजबूरी का फायदा उठाया उसे चोदा मूवी बनाई फिर अपने दोस्तों से चुदवाया। कुछ इस तरह की मूवी विजय और पूनम की बनवाई गई थी। विजय गहरी सोच में डूबा हुआ था। वो करे तो क्या करे क्योंकि अविनाश के चंगुल से जब भी उसने निकलने की कोशिश की। वो और गहराई तक उसमें फंस गया। उसका एक शौक आज उसके परिवार की दो औरतों को रंडी बना चुका था। अविनाश ने विजय को धमकी दे रखी थी कि यदि उसका ट्रांसफर हुआ तो या तो वो अकेला जाएगा या फिर उसे नौकरी छोडने होगी। नौकरी छोडने की सूरत में दीप्ति को पुराने काम पर लौटना होगा। जिस कारण विजय की हिम्मत ही नहीं हुई शहर छोड़ने की। इस समय दीप्ति प्रेंगनेट थी। और दीप्ति के पेट में पल रहा बच्चा विजय का नहीं था। वो किसी और का था, विजय, दीप्ति दोनों को पता था कि ये बच्चा अविनाश का है। और उसे जन्म देनों दीप्ति की मजबूरी भी है। फिर विजय सोच में डूब जाता है कि कैसे ये सब शुरू हुआ था।
कोई साढे पाच साल पहले की बात हैं। जिवय कंपनी के काम से अपनी क्लाइंटनें से मिलता रहता था। कभी कभी उसे तीन चार दिन के लिए बाहर भी जाना पडता था। उसकी दो साल पहले ही दीप्ति से शादी हुई थी। ये शादी घरवालों की मर्जी से हुई थी। दीप्ति बेहद खुबसूतर थी जिसे पहले नजर में देखते ही विजय ने पसंद कर लिया था। विजय की नौकरी अच्छी थी इसलिए दीप्ति के घरवालों ने अच्छा लडका देखते हुए दीप्ति की शादी विजय से कर दी थी। विजय एक पार्टी में गया था वहां उसकी मुलाकात अविनाश से हुई। अविनाश और विजय के बिजनेस में बहुत अंतर था। लेकिन विजय को अविनाश के बात करने का ढंग और उसका कांफीडेंस काफी अच्छा लगा। बातों ही बातों में विजय ने अविनाश ने अपने काम के बारे में बताया। अविनाश ने विजय से कहा कि उसके कुछ परिचित के लोग हैं तुम्हारे काम में मदद कर सकते हैं। इस दौरान दोनों ने एक दूसरे के नम्बर एक्सचेंज किए। इसके बाद विजय और अविनाश की बातों का सिलसिला शुरू हो गया। अविनाश के सहयोग से विजय को दो तीन ऑर्डर भी मिल गए थे। जिसके बाद दोनों कई बार बाहर मिलने लगे और उनमें कई तरह की बातें होने लगी। लेकिन विजय को मालूम नहीं था कि अविनाश के धंधे क्या क्या है। वो ये ही मानकर चलता था कि अविनाश की तीन चार फैक्ट्रिया हैं। लेकिन उसके अवैध धंधों के बारे में विजय को जानकारी नहीं थी।
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