XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
08-04-2021, 12:23 PM,
#33
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
बिन्दू को गर्भ रह गया


बसंती के जाने का दुःख किसी को नहीं हुआ क्यूंकि वो कुछ दिनों में सिर्फ मेरे साथ ही सम्बन्ध बना पाई थी. कई बार मैं सोचता था कि बसंती का व्यवहार अजीब ज़रूर था लेकिन इतना भी अजीब नहीं कि संभव न हो सके.ऐसे किस्से तो सुनने में आते रहते थे कि अमुक को रात में चलने की आदत है या फिर बहुत अमीर होने के बावजूद भी चोरी की लत किसी किसी में पाई जाती थी.
अब मैं और बिन्दू रात भर चुदाई करते रहते थे. मेरी भरसक कोशिश होती थी कि मैं अपना वीर्य बाहर ही छुटाऊँ लेकिन फिर भी कभी अंदर थोड़ा बहुत छूट ही जाता था.शायद इसी का परिणाम हुआ कि एक दिन बिन्दू जब मेरे कमरे में सवेरे चाय देने आई तो बहुत घबराई हुई थी.मेरे पूछने पर उसने बताया कि उसकी माहवारी इस महीने नहीं आई और उसको पक्का यकीन है कि वो गर्भवती हो गई है. उसके मुख पर चिंता के रेखाएं छाई हुई थीं, मैं भी काफी फ़िक्रमंद हो गया यह सुन कर.सारा दिन हमारा इसी सोच में डूबा कि अब क्या करें.
लेकिन अगले दिन बिन्दू आई तो वो मुस्करा रही थी.मैंने पूछा- क्या माहवारी वाली खबर गलत है?बिन्दू बोली- नहीं जी, एकदम सही है. लेकिन कल रात मेरा पति घर वापस आ गया था, उसने भी चोद दिया और अब यह बच्चा मेरे पति का ही होगा न?‘बहुत शुक्र है भगवान का… जो ऐसा हो गया, नहीं तो बड़ी मुसीबत आ जाती. लेकिन मेरा क्या होगा बिन्दू?’बिन्दू बोली- आप फ़िक्र न करें छोटे मालिक, कोई न कोई इंतज़ाम मैं कर दूंगी आपका… अच्छा अब मैं चलती हूँ.
यह कह कर बिन्दू तो चली गई लेकिन मेरा मन उचट गया. तभी खबर आई कि मेरा रिजल्ट निकल गया है और मैं अच्छे नंबरों से पास हो गया हूँ.यह सुन कर मम्मी पापा बहुत खुश हुए और वो मेरे शहर जाने की तैयारी करने लगे ताकि बड़े कॉलेज में दाखला ले सकूँ.मुझको कॉलेज में दाखला लेने और शहर में जाने की कोई खास ख़ुशी नहीं हो रही थी. यहाँ चुदाई का अच्छा साधन बन गया था और मुझ को आशंका थी कि शहर में मुझको गाँव जैसा आनन्द नहीं मिल पायेगा.
शहर जाने में अभी कुछ दिन बाकी थे, मैं घूमते हुए अपनी कॉटेज में चला गया. शरबत का एक ठंडा गिलास बना कर पी ही रहा था कि दरवाज़ा खटका.खोला तो देखा कि सामने छाया खड़ी थी और उसके साथ एक और औरत भी थी.मैं छाया को देख कर खुश हो गया लेकिन उसके साथ खड़ी औरत को देख कर कुछ हिचकिचाहट सी होने लगी.

छाया बोली- छोटे मालिक, सुना आप परीक्षा में पास हो गए, सोचा बधाई दे आऊँ. इनसे मिलो, यह निर्मला है. बेचारी का पति भी बाहर गया हुआ है. मैंने सोचा कि छोटे मालिक से मिलवा देती हूँ शायद इसका भी कुछ काम हो जाए.मैं एकदम सकपका गया और मेरे मुंह से एक शब्द भी नहीं निकल रहा था.
छाया बोली- छोटे मालिक, इसकी भी मदद कर दो, ज़िंदगी सुधर जायेगी इस बेचारी की.मैं बोला- कैसी मदद कर दूँ छाया इसकी?‘वही जैसी आपने हमारी मदद की!’‘अरे मैं बदनाम हो जाऊँगा अगर गाँव वालों को पता चला तो? और फिर इसका पति भी नहीं है यहाँ. कैसे होगा यह सब?’
छाया ने कुछ सोचते हुए कहा- ऐसा करते हैं मालिक, आप इसको आज चोद दो तो इस का भी मन और शरीर ठीक हो जायेगा.मैंने कहा- इससे पूछ लो क्या यह इस काम के लिए राज़ी है?छाया ने निर्मला से पूछा- छोटे मालिक के सामने बताओ तुम क्या क्या चाहती हो? क्या इनसे चुदवाना है या नहीं? फिर अगर तुम को बच्चा ठहर जाता है तो छोटे मालिक जिमेवार नहीं होंगे. समझी न?निर्मला ने हाँ में सर हिला दिया.
छाया ने फिर कहा- ऐसे नहीं, मुंह से बताओ छोटे मालिक को कि तुम क्या चाहती हो?तब निर्मला बोली- मैं तैयार हूँ छोटे मालिक.उसका मुंह शर्म से लाल हो गया.यह सुन कर छाया निर्मला को लेकर अन्दर कमरे में चली गई और वहीं वो उसके कपड़े उतारने लगी.अब मैंने उस औरत को गौर से देखा, उसकी आयु होगी 20-21 और वो रंग की साफ़ थी और जिस्म भरा हुआ, उसके उरोज काफी गोल और उभरे हुए लग रहे थे.सबसे सुन्दर उसके मोटे और गोल चूतड़ थे जिनमें से काम वासना की एक महक आ रही थी.
मुझे लगा कि निर्मला कि उसका पूरा शरीर सिर्फ चुदाई के लिए बना था. गोल गदाज़ चूतड़ों के ऊपर उस की चूत बहुत उभरी हुई दिख रही थी. उसका सेक्सी बदन देख कर मेरा दिल उसको फ़ौरन चोदने के लिए तयार हो गया.
मैंने छाया से कहा- ऐसे नहीं छाया, तुम भी आओ मैदान में, तभी बात बनेगी.छाया बोली- मैं कैसे आ सकती हूँ. मैं तो अपने पति को भी पास नहीं आने देती आजकल!‘तो फिर रहने दो…’‘नहीं नहीं छोटे मालिक, निर्मला का तो कल्याण कर दो. मुझको कष्ट होगा, 5वाँ महीना चल रहा है.’‘देखो छाया अगर तुम आती हो तो ठीक, नहीं तो निर्मला को भी नहीं?’‘देखेंगे, पहले निर्मला को तो चुदाई सुख दीजिये फिर मैं भी आ जाऊँगी.’
यह कह कर छाया ने मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए. मेरे लंड को देख कर निर्मला के मुंह से ‘उई माँ’ निकल गया क्यूंकि मेरा लंड एकदम खड़ा था और 7 इंच का और लंड चूत के अंदर जाने के लिए बेताब था.
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