Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
09-01-2021, 05:19 PM,
#88
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
रीमा फिर पुराने टन में लौट में आई - तुमारी गांड फाड़ के रखो तब तक ही तुम्हे मेरी बात समझ आती है | नहीं का मतलब नहीं है | मुझे नहीं चुदवाना समझे, एक बार नहीं चाहे हजार बार गिडगिडाओ | इस चूत में तुमारे लंड क लिए कोई जगह नहीं है |
प्रियम समझ गया ज्यादा जोर डाला तो फिर पहले की तरह चंडी बन जाएगी, बेहद धीमी डरती आवाज में - इसको क्या करू, अब हाथ से नहीं होगा मुझसे | आप सामने नंगी बैठी हो मुझसे नहीं हो पायेगा |
रीमा भी अब नार्मल हो गयी थी - ऊहोहोहो तो ये बात है, सामने नंगी औरत बैठी है इसलिए मुठीयाने में मजा नहीं आ रहा है | मेरी गुलाबी चूत देखकर लगता है पागल हो गया है बच्चा लंड | अच्छा एक काम कर बच्चे का कच्चा लंड जाकर फ्रिज से एक आइस क्यूब ले आ, जब मुझे मजा आएगा तभी तुझे मजा दूँगी | प्रियम का शरीर थका हारा था फिर भो वो फ्रिज तक गया और एक आइस उठा लाया | चल इसे मेरे चूत पर चारो तरफ रगड़ और फिर मेरे संकरे गुलाबी छेद में डाल दे |
प्रियम चौंक गया - ये ठंडा ठंडा नहीं लगेगा |
रीमा - यही ठंडा गरम तो चूत का असली मजा है जो औरत और उसकी चूत को घनघना, झनझना देता है, अच्छे अच्छे मर्द नहीं समझ पाए फिर तेरे जैसे कच्चे लंड के कैसे पल्ले पड़ेगा, तू बस जो बोला है वो कर |
प्रियम ने चारो तरह बर्फ का टुकड़ा घुमाया, फिर चूत दाने को रगड़ा और कुछ देर बाद ही उसे चूत के छेद में घुसेड़ दिया | गरम गीली चूत के अन्दर बर्फ के ठन्डे सर्द चुभन से एक अलग ही तरह का कम्पन रीमा के शरीर में हुआ | ऐसे लग रहा था जैसे किसी ने बर्फ के चाकू से उसकी चूत चीर दी हो लेकिन चूत की दीवारों पर ठन्डे बर्फीलेपन के अहसास से एक अलग ही किंकी सुख रीमा को मिला | अक्सर वो अपने शरीर पर बर्फ के टुकड़े फिराती थी लेकिन चूत और चूत के अन्दर ये अनुभव उसे पहली बार ही हुआ था |

उसकी चूत की दीवारे सुन्न होने की तरफ जा रही थी लेकिन रीमा ये बेहद अलग अनुभव किसी भी तरह जाया नहीं करना चाहती थी और इसलिए उसने प्रियम को खड़ा करके उसके पास घुटनों के बल बैठ गयी | उसका ये खुद को ही तकलीफ देकर एन्जॉय करने का तरीका प्रियम के ऊपर से निकल गया | बर्फ से सर्द टुकड़े ने रीमा की चूत में ऐसी हलचल मचाई की रीमा जोश में आ गयी | उसने एक लम्बा सा बर्गर उठाया उसे बीच से चीरा मारा और प्रियम के लंड को उसके अन्दर चारो ओर से लपेट लिया | प्रियम का लंड बर्गर में समां गया | रीमा ने प्रियम को उसके लंड के चारो तरफ लिपटे बर्गर को थामने को कहा ताकि वो उस पर क्रीम और सास लगा सके | जब प्रियम ने लंड के चारो तरफ लिपटे बर्गर को थामा तो रीमा ने मस्तियाते हुए बर्गर सहित प्रियम को अपने मुहँ में लेने की कोशिश की लेकिन नाकाम रही | फिर रीमा सास और क्रीम लेने चली गयी |
प्रियम हैरान था की अब रीमा चाची क्या करने वाली है | वो बस साँस थामे आगे होने वाले रीमा के एडवेंचर का वेट कर रहा था और मन ही मन सोच रहा था, कहाँ से इतने आईडिया आते है इनके पास , क्या सोचा था मैंने रीमा चाची के बारे में और ये क्या निकली | ये तो सेक्स की जन्म जन्मान्तर की भूखी है और थकती भी नहीं | मेरी तो अभी से जान निकल गयी है | इसके बाद तो मुझसे अपने पैरो पर खड़ा भी नहीं हुआ जायेगा |

रीमा ने प्रियम के लंड और बर्गर के चीरे के बीच में ढेर सारा टोमेटो सास उड़ेल दिया और चाट चाट कर चखने लगी | प्रियम हैरान था की रीमा चाची के पास कितने तरीके है लंड से खेलने के, अपने जिस्म से खेलने के | कैसे उनकी चूत इतनी ठंडी बर्फ निगल गयी | एक ही दिन में उसने औरत किचन में कितनी तरह से सेक्स गेम खेल सकती है ये सब देख लिया था | जिस उम्र में वो था शायद ही उसे कुछ समझ आया हो, लेकिन जो भी रीमा बोलती गयी किया उसने सब कुछ, भले ही उसके डर से | जाहिर सी बार है इसमें उसके लिए मजे वाली कोई बात नहीं थी, लेकिन अब उसकी चेतना लौट चुकी थी दिमाग ने सोचना शुरू कर दिया था | उधर रीमा ने प्रियम के लंड को लाल चटनी के साथ चाटना शुरू कर दिया | प्रियम का लंड कई बार मसला जा चूका था और सास में मिर्च का प्रभाव था इसलिए वो प्रियम के लंड पर जाकर तेजी से लगा | प्रियम चीखने लगा तो रीमा ने डांट दिया |

रीमा के डांटने से प्रियम तो चुप हो गया लेकिन उसकी आंखे बह चली | रीमा ने तेजी से लाल चटनी उसके लंड पर से साफ़ करने शुरू कर दी ताकि उसके लंड में हो रही जलन कुछ कम हो सके | साथ में बर्गर को पकड़कर उसके लंड के ऊपर ऊपर नीचे करने लगी | रीमा अपने हाथ की मुट्ठी की बजाय बर्गर से प्रियम का लंड रगड़ कर मुठिया रही थी | प्रियम का खड़ा लंड जलन से बेहाल था लेकिन रीमा की चूमा चाटी और मुठीयाने से मुरझा भी नहीं रहा था | बड़ी विषम स्थिति थी प्रियम की, रीमा चाची के सामने ही चार बार झड चूका था लेकिन मजाल है जो एक बार भी उसे रीमा ने इसके सुख का अहसास करने दिया हो |
रीमा प्रियम की हालत देख कर बोली - बिलकुल ऐसी ही हालत होती है औरत और उसके चूत की, जब कोई बिना पूछे, बिना चूमे, बिना चाटे, बिना मर्जी के औरत को चोदना शुरू कर देता है | उसे भी चुदाई में दर्द या चूत में जलन महसूस होती है, ऐसे ही जैसे अभी तुम्हे हो रही है | धीरे धीरे ये जलन तुमारी मै चाट चाट कर ख़त्म कर दूँगी और फिर तुम अपने वासना के ज्वार में डूब जावोगे | वैसे ही जैसे कुछ देर तक चूत में लंड जाने से चूत अपने आप गीली हो जाती है और औरत का बदन गरम, फिर वो भी चुदाई में साथ देने लगाती है | इसलिए ध्यान रखो बिना औरत की मर्जी के कभी उसकी चूत मत मारना, उसे बिलकुल उसी अनुभव से गुजरना पड़ता है जैसे अभी तुम गुजर रहे हो | जिस दिन इस दर्द के अहसास को अपना बना लोगे, और औरत को चोदते समय उसका ख्याल रखोगे, उसके बाद हर औरत खुसी खुसी तुमसे चुदेगी |

रीमा बर्गर को मुहँ में लेने की कोशिश कर रही थी लेकिन उसका साइज़ बहुत बड़ा था., फिर रीमा ने प्रियम के सुपाडे को चुसना शुरू कर दिया | प्रियम के लंड की जलन कम हो गयी थी और वो अपने लंड को काफी देर से हिला भी रहा था | बाकि कसर रीमा के चूसने ने पूरी कर दी | प्रियम की गोलियां फिर से फूल गयी और उसकी गोलियों में बचा हुआ सफ़ेद गरम रस उसके लंड के मुहाने की तरफ बह चला | प्रियम के हाथ पांव ढीले पड़ गए | प्रियम झड़ने लगा | अब उसके शरीर में जान नहीं बची थी, बस एक गरम रस का आवेग था जिसे बहकर निकल जाना था और प्रियम चाहता था ये जल्दी से जल्दी निकले | उसकी जान को सुकून मिले | इससे पहले कभी भी वो लगातार दो बार के बाद नहीं झड़ा था | आज तो उसकी सारी लिमिट टूट गयी | रीमा ने उसे जड़ सहित निचोड़ लिया | पिचकारी छुटते समय प्रियम की टांगे काँप गयी और उसका रस रीमा के सुडौल छातियों से जाकर चिपक गया | बस दो छोटी पिचकारी में ही उसका काम तमाम हो गया |

उसकी गोलियों में अब और रस नहीं बचा था | रीमा ने सब निचोड़ लिया था, एक एक बूँद निचोड़ लिया था | प्रियम पस्त हो चूका था | उसके हाथ पांव सब ढीले पड़ चुके थे | वो वही धम्म से बैठ गया | रीमा ने उसकी तरफ बर्गर बढ़ा दिया, बिना इनकार के प्रियम ने बर्गर ले लिया और खाने लगा | रीमा ने अपने उभरी छाती की पहाड़ी पर गिरे सफ़ेद रस को उंगलियों से पोछा और चाटने लगी | रीमा ने आज अपनी फंतासी जी भर के जी, प्रियम न आया होता तो शायद रूटीन की तरह नंगे होकर खाना बनाती, थोडा बहुत अपने जिस्म से खेलती और सो जाती | लेकिन प्रियम ने तो उसका दिन बना दिया | रोहित के चुदाई के बाद जो आत्मविश्वास उसे मिला था उसमे आज चार चाँद लग गए | पूरा सेक्स सेशन उसने लीड किया और प्रियम को अपने स्लेव की तरह बनाकर जो मर्जी हुई वो करवाया | उसे एक पल को प्रियम के लिए दुःख होता लेकिन अगलने पल ही वो गुस्से से भर जाती और खुद के फैसले और हरकतों को खुद के अन्दर ही जस्टिफाई करने लगती |
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RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की - by desiaks - 09-01-2021, 05:19 PM

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