Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
09-04-2021, 12:13 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
मैं समझ गया था उसे आखिर वापस किस कीमत पर लौटने दिया है | उसके शरीर पर बने हुए जख्मो को देखकर मैं समझ गया था उसको मारा पीटा गया है मैंने फिजा को अपनी बाहों में थाम लिया और अपने सीने से लगा लिया | लेकिन जैसे ही मैंने ऐसा किया पीछे से एक सनसनाती हुई गोलियां फिजा के पीठ के बीच में धंस गई थी और दूसरी गोली मेरे कान को छूती हुई निकल गई थी |

हम दोनों जमीन पर लेट गए, उधर से गोलियाँ बरसने लगी | मेरे ऊपर की तरफ फिजा थी इसलिए सारी की सारी उसकी पीठ में धंस गयी लेकिन मेरे साथी को मौका नहीं मिला था सामने की तरफ से अंधाधुंध गोलियां चल रही थी और मेरे साथी को सिर को चीरती हुई एक गोली सीधे उसके पार हो गई | मेरे पैर में गोली लगी | किसी तरह से मैं नीचे की तरफ लुढ़कता हुआ आया | हमारे चारों तरफ खून ही खून था मुझे समझ में नहीं आ रहा था मैं फिजा को संभाल लूं या अपने दोस्त को आखिरकार किसी तरह से मैंने खुद की जान बचाई थी उधर से ताबड़तोड़ गोलियां कम से कम 20 मिनट तक चलती रही उसके बाद बंद हो गई |

दोनों ने चंद मिनटों में ही दम तोड़ दिया | कुछ देर बाद हमारे साथी आये | दुश्मन की चौकी पर भरी गोला बारूद से हमला किया गया |

चौकी की लोकेशन कैसे एक्सपोज हुई इस पर कोर्ट ऑफ इंक्वायरी बैठा दी गई थी जांच के बाद पता चला कि फिजा ने दुश्मन देश के लोगों को हमारी चौकी की जानकारी दी है उसने हमें डबल क्रॉस किया था और उसके साथ अनैतिक संबंध बनाने के कारण मुझे फौज से निकाल दिया गया था मैं अपनी बदनामी के चलते अपने घर नहीं जा सकता था घर में मां बाप तो थे ही नहीं एक बहन जी और एक भाई था दोनों अपनी दुनिया में मस्त हैं मैं उनके लिए किसी तरह की शर्मिंदगी का कारण नहीं बनना चाहता था इसीलिए मैं यहां इस बदनाम शहर में आ गया |

मुझे पता था पहले से ही यहां क्या होता है इसीलिए मैंने यहां पर रहकर के कॉन्ट्रैक्ट किलिंग शुरू कर दी |

जितेश रीमा को छोड़कर बाथरूम से बाहर आ गया था, रीमा भी पीछे से उसके साथ बाहर आ गयी | उसके बदन पर सिर्फ तोलिया लिपटी हुई थी उसके शरीर पर हल्की-हल्की बूंदे पूरे शरीर पर छाई हुई थी |

वो जितेश की तरफ घूमी और मोमबत्ती की हल्की रौशनी में उसका हट्टा कट्टा बदन देख करके रीमा को रोहित की याद आ गयी | उसको ऐसा लगा जैसे सामने रोहित ही खड़ा हो | रीमा के मन में भी एक बार उसको देखने की लालसा जाग उठी | वह चाहती थी इस समय जितेश तौलिया हटा दें ताकि हुआ जितेश को अंदर तक देख सके ..............जितेश को पूरा का पूरा देख सके जैसे कि उसने रीमा देखा हुआ है सर से लेकर पाँव तक उसके गोरे गुलाबी बदन का पोर पोर सब कुछ जितेश ने अपनी आँखों से दिलो दिमाग में संजो लिया था | जितेश ने एकटक उसको देखती रीमा की तरफ नजर दौडाई फिर नजरे फेर ली |

जितेश - मै खाना गरम कर लेता हूँ, आपको भूख लगी होगी |

रीमा बोली - ठीक है मुझे भी भूख लगने लगी है |

रीमा अपना पानी से भीगा हुआ गीला बदन पोछने लगी | कमरे में सिर्फ एक मोमबत्ती जल रही थी | जितेश जहाँ पर खाना गरम कर रहा था वहां रोशनी नाममात्र की थी | उसे लगा उसे मोमबत्ती जितेश के पास ले जानी चाहिए | उसने गीला तौलिया वही छोड़ दिया और मोमबती हाथ में लेकर चल दी | मोबत्ति की सुनहरी रोशनी में उसका बदन भी सोने के तरह दमक रहा था और उस पर पानी की बुँदे ऐसी लग रही थी जैसे अभी ओस उसे भिगो कर गयी है | जितेश ने जब उसकी तरफ गर्दन घुमाई तो बस देखता रह गया | उसका चेहरा और उठा सीना उस स्वर्णिम रौशनी से नहाया हुआ था | रीमा अपने पतली कमर मटकाती और भारी चूतड़ हिलाती उसकी तरफ आ रही थी | हर बढ़ते कदम के साथ उसकी चूत घाटी की दरार के दोनों पाट आपस में रगड़ खा रहे थे | उसकी लचकती कमर एक बार दाए कुल्हे को उठा देती एक बार बांये कुल्हे को | उसकी वो सुनहरी रौशनी की मदमस्त चाल देखकर जितेश अपनी पलक झपकाना भूल गया | रीमा पास आयी और मोमबती उसके पास रखते हुए बोली - अँधेरे में खाना गरम कर रहे हो कोई कीड़ा मकोड़ा चला गया तो |

जितेश की साँस में साँस आई, वो सपने की दुनिया से वापस लौटा और खाने की तरफ उसका ध्यान गया | रीमा जैसे चूतड़ मटकाते हुए आई थी वैसे ही चली गई | उसने वापस जाकर खुद को पोछना शुरू कर दिया | जितेश रीमा के मटकते चूतड़ देखता रहा | उसकी तौलिया में उसके लंड की अकडन शुरू हो गयी थी | जितेश भी रीमा के रूप हुस्न के जाल में बुरी तरह से फंस चूका था | रीमा के कंधे से लेकर चूतड़ तक पूरी पीठ की खूबसूरती निहारता रहा |

जितेश ने फिर से एक लम्बी साँस छोड़ी, खुद को काबू करने के लिए एक गिलास ठंडा पानी पिया और अपने अन्झिदर के भाव छिपाते हुए थोडा झिझकते हुए पूँछ ही लिया -अब कैसा महसूस हो रहा है आपके हाथ पाँव का दर्द कैसा है |

रीमा - हाँ अब बहुत कम है |

इधर जितेश खाने को गरम करता हुआ पूछ बैठा - मैडम आप बुरा ना मानो तो एक बात पूंछु |

रीमा ने तौलिया से अपने गीला बदन को सुखाते हुए - हाँ पूछो |

जितेश - आप बहुत बोल्ड है लेकिन फिर भी जानना चाहता हूँ आपको शर्म नहीं लगती इस तरह से बिना कपड़ों के नंगे .............. |
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RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की - by desiaks - 09-04-2021, 12:13 PM

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