RE: Antarvasnax काला साया – रात का सूपर हीरो
(UPDATE-19)
देवश : सी..र्र प्लीज़ (कमिशनर बिना कुछ कहें केबिन से निकल जाता है देवश सबकी ओर देखकर झल्लाते हुए केबिन से जाने को कहता है उसका दिमाग सच में बहुत अपसेट हो जाता है)
एक तो साला नौकरी पे बात आ गयी और ऊपर से यहां से ट्रांसफर तो मतलब सारी छूटें ऊस्की हाथ से गयी ना काकी मां की चुत मिलेगी और ना ही शीतल की जो अभी उसके लिए खुली तक नहीं..देवश यक़ीनन काफी चिढ़ सा गया था काला साया से और उसने ठान लिया अब तो उसे काला साया को पकड़ना ही पड़ेगा क्योंकि बात उसके तबादले की आ चुकी थी
शाम जल्दी ढालने लगा…मौसम का मिज़ाज़ आज ठीक नहीं था…बस बदल गाराज़ रहे थे…पुराने खेत में शांतलाल बीड़ी फहुंक रहा था और कुटुम्ब का इंतजार कर रहा था इतने में उसे किसी का साया पीछे महसूस हुआ तो पाया काला साया आ चुका था….शांतलाल उसे देखकर मुस्कराया
शांतलाल : रांड़ अभीतक नहीं आई उसी का इंतजार कर रहा हूँ
काला साया : हम मैं जनता हूँ वो आएगी जरूर बात ऊस्की घर की इज्जत की है तुमने तैयारी रखी है ना सब
शांतलाल : भाई दुल्हन के लिए मंडप भी सजा दिया और सुहागरात का बिस्तर भी बस दुल्हन का इंतजार है
काला साया : हम ये लो इस दवाई को कहा लो दररो नहीं ज़हेर नहीं दे रहा सेक्स की गोली है इसे खाते ही तुम्हारे लंड में हॉर्स के लंड वाली पावर जितनी ताक़त आ जाएगी
शांतलाल : भैईई नाइकी और पुकछ पुच्छ दो तो सही
शांतलाल ने गोली कहा ली और फिर काला साया को तरक़ीब बताने लगा…अचानक उसे एक औरत लाल सारी में काफी सजी धजी आते दिख रही थी….”भा..ईई वॉ आ रही हे अब क्या करे?”…..काला साया मुस्कराया शांतलाल तो जैसे भड़क उठा वो तो जैसे घातक शेयर की तरह ऊसपे उसी वक्त टूट पढ़कर बलात्कार कर ही देता…पर काला साया ने रोका और फिर उसे झोंपड़े के अंदर आने को कहा और उसे एक मुकोता दिया कृष जैसा मास्क….शांतलाल जनता था ऊसने फौरन मास्क पहन लिया और फिर खुद के चेहरे को ठीक करते हुए बस कुटुम्ब के पास आने का इंतजार करने लगा दोनों ने छेद से झाँका कुटुम्ब यक़ीनन आज काफी खूबसूरत लग रही थी 38 की उमर और बदन इतना भारी लाल सारी में जेवेरात के साथ क्सिी ठकुराइन की तरह आई थी…उसके माथे की शिकार ऊस्की फ़िकरमंद और डर को साफ दिखा रहा था
पास आते ही वो वही खड़ी हो गयी और ऊसने इधर उधर देखते हुए अपने छोटे से फोन को कान में लगा लिया…एकदम से काला साया का फोन बज उठा…ऊसने फौरन फोन शांतलाल को दिया…ऊसने कहा की यहां से उसे काला साया की भूमिका निभानी है ताकि बाद में वो कुटुम्ब के मन में और डर बिता सके की काला साया कोई और नहीं खुद शांतलाल है…शांतलाल बस हमको के गुलाम की तरह वही करता है…फोन उठाते ही वो बाहर निकल जाता है पहले उसे लगता है कुटुम्ब उसे पहचान लेगी लेकिन फिर अपने सामने एक मोष्टंडे आदमी को हाथ का इशारा अपने पास करते देख कटुउंब सहेंटे हुए उसके करीब आने लगती है
कुटुम्ब जैसे उसके करीब आती है काला साया पीछे से गायब हो जाता है..”आररी वाहह आज तो तू पूर्ीी धीनचक आइटम लग रही है रे”…..शांतलाल मुस्कुराकर कुटुम्ब को ऊपर से नीचे तक देखते हुए कहता है…”चुप्प करो और ये बताओ एम एम एसे कहाँ है? मैं वही लेने आई हूँ”…..शांतलाल को बेहद गौर से देखते हुए कहती है उसे लग रहा था ऊसने उसे कहीं देखा है क्योंकि सिर्फ़ उसके चेहरे पे एक ही मुकोता था जबकि काला साया एक काला काप्रा के साथ एक और मुकोता लगता है
शांतलाल : हाहाहा काला साया से डर नहीं लगता तुझे यहां तुझे सिर्फ़ क्या एम एम एसे दिखाने भेजा हूओ
कुटुम्ब : देखू तूमम जो कर रहे हो ठीक नहीं हाीइ मैंन्न्न्
शांतलाल : अच्छा साली तू मुझे सिकहाएगी छल्ल मेरे साथ मैं कहा चल अगर अपने बेटे की खरयात और अपने घर की इज्जत चाहती है तो
कुटुम्ब चुपचाप शांतलाल के पीछे पीछे झोंपड़े में घुसती है….और ठीक तभी शांतलाल उसे कमर से पकड़ लेता है “ययई क्या कर रहे हो तूमम्म?”……शांतलाल उसके पेंट पे छुट्टी कांतके अपने बदन से चिपका लेता है
शांतलाल : तुझे क्या फ्री फंड में बुलाया हूँ रंडी छल्ल अब जैसा कहूँ वैसा कर वरना एम एम एसे तो तुझे नहीं मिलेगा और साथ में तेरी जान भी
कुटुम्ब : देख तुझे भगवान का वास्ता
शांतलाल : देखह मेरी बात मान जा वरना अभी तेरे गले को रंगायत दूँगा इस चाकू से (शांतलाल चाकू निकलकर कुटुम्ब के चेहरे पे लगा देता ही कुटुम्ब तार्र तार्र काँपते हुए आँसू टपकाने लगती है)
कुटुम्ब : थे.ए…सीसी है पर जो तुममहेंन्न करना हाीइ प्लीज़ किसी को मत बताना मेरा संसार उजध जाएगा मेरा पति मुझे घर से निकाल देगा
शांतलाल : शांत हो जा और अपनी आंखें मूंद ले
कुटुम्ब ने आंखें मूंद ली…और तभी उसके आंखों पे किसी ने बारे क़ास्सके पट्टी बंद्धि वो छटपटाने लगी….उसके बाद कोई इंजेक्शन उसके गले पे किसी ने लगाई ऊस्की तेज जलन उसे बर्दाश्त नहीं हुई ऊस्की एक चीख के बाद वो बेहोश हो गयी…..काला साया पीछे खड़ा था वो बेहोश कुटुम्ब को देख रहा था ऊसने अपने हाथ के इंजेक्शन को काले पॉलयथीन में फ़ेक दिया और उसे बाँधके अपने जेब में डाल लिया ताकि सबूत ना छूते यहां…शांतलाल ने मुकोता पहने ही कुटुम्ब को अपने कंधे पे उठा लिया उसका भारी वज़न उसके पूरा बदन पे जैसे झूल रहा था….शांतलाल कुटुम्ब के पिछवाड़े की महक पेटीकोट से बाहर ही सूंघते हुए उसे गाड़ी की ओर ले जाने लगा….काला साया भी फौरन गाड़ी पे सवार हो गया
जल्द ही दोनों एक बहुत ही बदनाम होटल पहुंच गये…फिर कुटुम्ब के पट्टी को खोल दिया और ऊसको अपने कंधे पे लटकते हुए होटल में आया होटल का रिसेप्षनिस्ट उसे ही घूर्र रहे थे….काला साया अपनी मुकोते को उतारके बारे ही गुप्त तरीके से सीडियो से ऊपर चढ़के दूसरे ओर से अंदर आया….होटल वाला सब जनता था ऊसने चाबी दी सबके सामने कुटुम्ब को ऊसने अपनी पत्नी बताया..होटल वाले ने आँख मर दी दोनों ने सिग्नेचर किए झूते टूर से और फिर जल्द ही होटल के कमरे में आकर कुटुम्ब को बिस्तर पे पटक डाला…जल्द ही दरवाजे पे दस्तक हुई काला साया अंदर आया और ऊसने दरवाजा लगा दिया…ऊसने फौरन शांतलाल के हेल्प के थ्रू होटल के कैमरा को हर एंगल से ऑन कर दिया..
जल्द ही कुटुम्ब को होश आया और वो फिर चीख के उठ कहर इहुई….शांतलाल ने उसे जूस दिया…कुटुम्ब के रज़ामंदी के ना बावजूद भी ऊसने जूस पी लिया…उसे थोड़ी ताक़त आई शरीर में….”तुझे बेहोशी का एक छोटा सा इंजेक्शन मारा था यहां लाने के लिए तुझे क्या लगता है ? मैं इतना चूतिया हूँ जो तुझे वहां खेतों में ही चोदता”…..कुटुम्ब हाथ पैर जोड़के रोने लगी मिन्नटें करने लगी
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