RE: Antarvasnax काला साया – रात का सूपर हीरो
(UPDATE-30)
ऊस रात ही दिव्या और काला साया अपने चाचा के वीरान घर में प्रवेश करते है
वो रात बेहद डरावनी सी थी…कितने सवाल थे ऊस गारज़ते बिजलियो जो बादलों से निकलकर आसमान में गूंज रहे थे…हवा की हो हो करती आवाज़ आज बेहद डरावनी थी….कभी हूओ हूँ करती ऐसा लगे जैसे कितने आत्माए हवाओं में तैरती हुई मुँह से हो हो करती शब्द निकाल रही हो….मौसम का मिज़ाज़ कुछ ठीक नहीं था
जल्दी दिव्या ने मोमबत्ती जलाई और देवश के साथ आँगन में बैठ गयी…पुलिस ने बाहर के ताले को तो सील कर ही दिया था ये घर वीरान पड़ा था…इस घर के वारिस के बार्िएन में पुलिस को कुछ पता नचला इसलिए सरकार इसे अपने अंदर ले लिया है..लेकिन काला साया खुश था ऊसने अपनी पुरानी संपत्ति और ख़ासकारके अपना पुराना घर वापिस पा लिया वॉ बस चुपचाप ऊन दीवारों आस पास के मिट्टी धूल में सनी छोढ़ी हुई चीज़ेवं को देख रहा था
“इस घर को तुमने एक ही झटके में बर्बाद कर डाला काला साया”……काला साया ने पीछे मुदके दिव्या की बात सुनता है
“ये घर तो बहुत पहले ही बर्बाद हो चुका था…इनकी एक एक एत नाइंसाफी की बनी हुई है….कैसे मेरे ही चाचा और चाची ने अपने लालच के लिए इस घर को हड़पा ऊसमें कितनी जानें गयी और तुम कहती हो की मैंने इस घर को बर्बाद कर डाला हाँ किया….बर्बाद तो महेज़ एक तूफान का झोंका ही कर देता है हम तो महेज़ इंसान है…और इस बेजान इमारात को हम क्या बर्बाद करे?”……काला साया तहाका लगते हुए लंबी साँस लेता है
दिव्या : अपने आप पे काबू करो
काला साया : तुम नहीं जानती दिव्या ये घर कभी मेरा होया करता था मुझे 20 साल तक इस घर से दूर रहना पड़ा गरीबी एमिन जो मैं डिज़र्व नहीं करता था…मेरा हक़ मुझसे छीना गया और आज मैं बेहद खुश हूँ
दिव्या : घर तो तुम्हारे नाम हो चुका है लेकिन तुम इस घर में प्रवेश कैसे करोगे? ये घर तो अब वीरान इमारत बन चुका है लोगों के दिल में एक डर पैदा हो गया है इस घर को लेकर की ये घर भुतिया है
काला साया : जहाँ सिर्फ़ अंधेरा हो वहां आम इंसान को वो डरावनी भुतिया हवेली से कम नहीं लगती लेकिन मेरे लिए ये मेरा साया है काला साया सिर्फ़ अंधेरो में ही वास करता है कितनी शांति है यहां? मानो जैसे कितने लोगों की मातम चाय हो
दिव्या : तो क्या यहां फिर कभी उजाला नहीं होगा कभी खुशी दरवाजे पे दस्तक नहीं देगी
काला साया : देगी दिव्या एक दिन जरूर देगी और तुम देख सकोगी वो दिन जरूर देख सकोगी जरूर (काला साया गंभीर हो जाता है दिव्या के मन में एक ही सवाल था की इस मुकोते के पीछे आख़िर है कौन? ताकि वो उसे देख सके उसके चेहरे को हाथों में भरके उसके होठों को चूम सके)
दिव्या ने कंधे पे काला साया के हाथ रखा और उसके मुकोते से निकलते आँसुयो को पोंछा…दोनों ऊस रात घर के बाकी हिस्सों में दिया जलके कुछ वक्त बिताते है और निर्णय लेते है की वॉ यहां हमेशा आया करेंगे रात को ताकि इस घर को भी वो इस्तेमाल कर सके
उधर गंभीरता से देवश पीसी पे काम कर रहा होता है….वो नेट पे अबतक के सूत्रो के अनुसार काला साया के नक़ाब को खोज निकलता है…उसका मुकोता कुछ ऐसा था…जिससे समझना बेहद आसान था…ना ही वो ऑनलाइन से खरीदा जा सकता है और ना ही ऐसा मास्क कोई दुकान एमिन बिकता है आस पड़ोस के शहर में भी मौूयंा करके देवश ने पूछा था पर कोई खास सुराग नहीं मिला
“दंमनित्त”…..देवश गुस्से से पास रखकर कागज़ को हवा में उड़ा देता है…और अपने नाम आंखों से कुर्सी पे ही बैठा बस बाहर के गारज़ते बादलो की आवाज़ को सुनाने लगता है
अगले दिन वो दफ्तर पहुंचता है अचानक से उसके ज़हन में एक बात याद आती है…काला साया को पकड़ने के लिए एक तरक़ीब कुटुम्ब ने बताया था की एक लड़की है नाम दिव्या है उसका…देवश जो पहले से बहुत ध्यान दे रहा था काला साया को पकड़ने के लिए इसलिए ऊसने फौरन अपने दिमाग को भीड़ाया…हवलदार को बोलता है की वो दिव्या नाम की लड़की को ढूँढ दे जो कुटुम्ब के घर में काम करती थी..हवलदार को लगा शायद दिव्या देवश की ही कोई जुगाड़ होगी और अगर उसे पता चल जाता भैसाहेब काला साया को पकड़ने की केस को लेकर काफी ध्यान लगा रहे है तब तो उसे समझ आ जाता की जैसे भी.ए के पेपर में आदमी फैल होता है वैसे ही देवश को ये केस बंद करवाने में वक्त नहीं लगेगा
देवश उसी जगह का मुआना करता है जहाँ अंजर की मौत हुई थी…ना जाने क्यों उसे कुछ कुछ महसूस हो रहा था…ऊसको जब पॉर्न वीडियो के बार्िएन में पता चला था तो वो ऑलरेडी साइट से डेलीटेड कर दिया गया था…पर एक कॉपी अब भी साइबर क्राइम डिपार्टमेंट के पास थी….ऊसने फौरन ऊस वीडियो को चलाया वीडियो बेहद सेक्सी थी…लेकिन देवश का ध्यान मुकोते पहने शॅक्स पे गया एकदम देखने में काला साया तो क्या काला साया? हो सकता है वो शॅक्स जिसने अंजर और ऊस्की बीवी के साथ या फिर शांतलाल केस?…..ऊसने फौरन ऊस मुकोते के स्केच को उससे मिलाया…हूबहू स्केच था पर ऐसा मुकोता जो कोई भी एक कपड़े में मुँह कान छेद करके बना ले अब किसे समझ आए की वो कौन है?
देवश को कुछ समझ नहीं आया शायद ये शांतलाल ही हो…लेकिन शांतलाल की मौत के बाद भी वीडियो उपलॉअडेद हुए वॉ कैसे? यानि कोई ब्लॅकमेलर था…कोई दुश्मन दिव्या भी कुटुम्ब अंजर से जुड़ी हुई थी उसका बेटा साहिल के जिस्म पे भी बेल्ट के निशान थे हालाँकि उसके दोस्त भाग गये इसलिए कोई सबुट्ट नहीं मिल पाया शायद डर के मारें वो लोग भाग गये हो…वैसे रेप का कांड तो ऊन लोगों ने भी किया था
देवश का माता सर चढ़ रहा था…अंजर के डेत के मुआने के टाइम ही अचानक उसे करीब 10 में दूर में एक ज़मीन पे मिट्टी पे साना मुकोता मिलता है…ये मुकोता राक्षस जैसा था…काला साया के मास्क से बिलकुल हटा कर…देवश आस पास के लोगों से पूछता है…सबका एक ही कहना था की ऐसा मुकोता वाला शॅक्स किसी ने देखा नहीं…देवश को अंजर की रिपोर्ट्स से पता भी चला की उसे डाइयबिटीस के साथ दिल का दौरा पढ़ता था तो क्या ऐसे भयंकर मास्क पहने शॅक्स को देखकर वॉ भागा हो शायद खूनी ने यही मास्क पहनेके खून किए हो…मामला बहुत पैचिड़ा होने लगा….देवश ने फौरन ऊस मास्क को घर लाया
और उसे साफ किया…उसे अपने चेहरे पे फिट किया…तो वो आराम से फिट हो गया..”वाहह यानि जिसका भी ये मास्क है उसका चेहरा मेरे जैसा है यानि किसी बच्चे का नहीं”…..मास्क को अपने हाथों में लेकर देवश टटोलता है….अचानक उसे हवलदार का फोन आता है की ऊसने दिव्या को देखा है पर वॉ कुटुम्ब का नाम सुनना भी नहीं चाहती
देवश समझता है की उसे खुद ही दिव्या से मिलना पड़ेगा….वॉ खुद पे खुद दिव्या का पीछा करता है दिव्या का गो पहले तो बहुत आपत्ति जताता है पर थोड़ा दबाव देने पे वो दिव्या से मिलवाता है दिव्या नजरें झुका रही थी ये तो पता था लेकिन ऊसने सरल से देवश का सारा जवाब दिया की कैसे ऊसपे ज़ुलाम हुए? साहिल ने ऊस्की इज्जत लूटी…देवश को कोई खास इंटेरेस्ट नहीं लगा
देवश को पता था की काला साया ने उसे बचाया है…देवश उसका पीछा करता है…और तभी देखता है की वो एक बारे बंगले में जाकर घुस जाती है…इतना वीरान बांग्ला और एक गरीब लड़की ऐसे घर में किसके साथ रहती है?….देवश ऊस वीरने घर में सीधे दस्तक नहीं देता…उसके आस पड़ोस में पूछता है तो पता चलता है वो घर तो कब से बंद पड़ा हुआ है? किसी आदमी का है जो कलकत्ता में रहते हां वो भी सुनी हुई बात है…देवश को कुछ बात खटकने लगी अभी तो वो लड़की अंदर गयी जिसका ज़िकार करते ही एक आदमी ने बताया की वॉ यहां की साफ सफाई करती है…और किसी से मिलती जुलती नहीं उसका साहेब किसी को घर में बुलाना पसंद नहीं करता..लेकिन उसका साहेब भी नहीं दिखता वो खुद कहती है ये बात
काला साया जितना रहस्मयी था ऊटना ही ये बात देवश को रहस्यमयी लग रहा था….देवश ने ऊस दिन कुछ नहीं किया घर आया और बस ऊस मुकोते को घूर्रते रहा…दिल का डुआरा…किसी चीज़ को देखकर अंजर ट्रक के नीचे आया…तो यही मुकोता पहना शॅक्स था वो ऊसने ब्लकमैइल किया कुटुम्ब को साथ में वीडियो बनाया…शांतलाल जुड़ा हुआ था कुटुंब्ौर अंजर से फिर ऊस्की डेत….कुटुम्ब किसी लायक नहीं जो उसके बारे में कुछ बयान कर सके उसका मानसिक संतुलन खो बैठा है…अचानक दरवाजे पे दस्तक हुई…शीतल ने देखा की कोई दरवाजा नहीं खोल रहा
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