RE: Antarvasnax काला साया – रात का सूपर हीरो
(UPDATE-31)
वो दरवाजा पे दस्तक दिए जा रही थी ऊसने आवाज़ लगाई पर देवश ने दरवाजा नहीं खोला….अचानक ऊसने खुद ही दरवाजे को ज़ोर से धकेला दरवाजा खुल गया…दरवाजे से अंदर जाते ही ऊस्की मुँह से चीख निकल पड़ी….एक शॅक्स मुकोता पहने उसके सामने चाकू लिए खड़ा था..
शीतल का हाथ काँपने लगा उसका पूरा बदन सिहर उठा…सामने खड़ा वो मुकोता पहना शॅक्स जिसके राक्षस जैसे भयंकर मुकोते को देखकर शीतल की सांसीएन काँप उठी वो एक एक कदम पीछे जैसे होती वो शकस आगे बढ़ने लगता है और एकदम से वो उसके इतने करीब आया अपना चाकू लिए की शीतल ने झुककर अपनी आंखें क़ास्सके बंद की और ज़ोर से चीखी
ऊस्की चीख तब शांत हुई जब ऊस शॅक्स ने उसे बाहों में काश लिया और अपने चाकू को फैक्टे हुए…अपने मुकोते को उतार फैका…”देवस्सह भैयाअ आप”…..शीतल ने चैन की साँस ली….देवश मुस्कराए बस कुछ देर वैसे ही पेंट पकड़े बिस्तर पे हस्सते रहा उसे शीतल की बेवकूफी पे बड़ा हँसी आया
शीतल : आपने तो मेरी जान ले ली होती आज (शीतल ने चिल्लाके कहा)
देवश : हाहाहा तुम डर गयी ना?
शीतल : ऐसे कोई मुकोता पहनें खड़ा होता है क्या? बाबा हमें लगा की आप हमको मर ही डालोगे
देवश : हाथ पगली आ इधर (देवश ने नखरे करती शीतला का हाथ पकड़ा और उसे अपने बगल में बिठाया उसके ज़ुल्फो पे उंगली फहीरते हुए कंधे पे हाथ रखा) अरे मेरी मां नाराज़ मत हो असल में तू तो जानती है ना तेरा भाई कितना टेन्शन में दुबला पट्तला होते जा रहा है
शीतल : हाँ लगता तो है पर आपने ये मुकोता कहाँ से लिया?
देवश : असल में ये खूनी ने पहना था जिसकी केस मैं हैंडिल कर रहा हूँ ये सबूत है मेरे पास (शीतल बारे ध्या न्स सुनती रही)
शीतल : फिर भी आपको ऐसे चीज़ें घर में नहीं रखनी चाहिए पता है मैं कितना डर गयी थी
देवश : तू भी ना अच्छा चल अपना मूंड़ मत खराब कर ये बता आज तू लेट कैसे हो गयी?
शीतल : मां के साथ बर्तन माझने गयी थी एक मालकिन के यहां इसलिए लाइट हो गया फिर वहां से खेत में मां का हाथ बताया मां बहुत तक गयी इसलिए मुझे भेज दिया
देवश : आजकल तू बड़ी समझदार हो गयी अपने भाई का इतना ख्याल रखने लगी है (देवश ने शीतल को आँख मारी शीतल का चेहरा गुलाबी हो गया [ईम्ग]फाइल:///सी:\डोकूमए~1\यूज़र\लोकल्स~1\टेंप\ंसोहटँल1\01\क्लिप_इमेज001.जिफ[/ईम्ग])
देवश ने मुकोते को दराज़ में रख दिया और फिर चाकू को किचन में ले जाकर रखा कुछ देर बाद देवश आया उसके हाथ में एक बॉक्स था….शीतल पहले तो डर गयी कहीं ये भी देवश का कोई मज़ाक ना हो उसे डरने के लिए..पर देवश ने उसे खुद खोलने को कहा…शीतल ने जैसे ही बॉक्स खोला ऊसमें चमचमाती पएेल थी
देवश : कैसी लगी?
शीतल : श भैयाअ कितनी खूबसूरत हाीइ
देवश : तू जब पाओ पे पहन के छान चनाएगी तो मुझे बहुत अच्छा लगेगा पतः आई एक ही तू ही तो है जिसे मैं इतना चाहता हूँ
शीतल : श भैया (शीतल ने खुशी के मार्िएन देवश को अपने गले लगा लिया अफ ऊस्की छातियो की सक़ती देवश के खड़े लंड को जमाने लगी)
देवश : अच्छा अब ये बता ऊस दिन तू जो आई तूने मुझे और काकी मां को एक साथ देखा तो तुझे कुछ प्राब्लम तो नहीं हुआ ना देख तू मेरी बहाना है और मैं अपनी प्यारी बहन से कुछ छुपाना नहीं चाहता
शीतल : तो क्या आप मां के साथ?
देवश : नहीं नहीं तेरी मां मेरी मां है वो मुझे कलेजे से खिलाती है सुलाती है क्योंकि ऊँका कोई बेटा नहीं (शीतल थोड़ी मायूस हो गई…देवश ने उसके उदासी चेहरे को उठाया और मुस्कराया)
शीतल : हाँ मां आपसे बहुत प्यार करती है…(देवश मन ही मन मुस्कराया इसको कहना बड़ा ही मुश्किल है की ये इसकी मां अपर्णा के साथ सोता है अगर ऐसा कह दिया तो शीतल फिर देवश से रिश्ता नहीं बनाएगी)
देवश : अच्छा शीतल मैं तुझे कैसा लगता हूँ?
देवश : अगर मैं तुझसे एक बात कहूँ तो तू मानेगी
शीतल : आप जो कहना चाहते हो मैं समझ रही हूँ (देवश की गान्ड फॅट गयी क्या इसे समझ आ गया की मैं क्या सोच रहा हूँ) आप हमसे वो वाला प्यार करना चाहते हो
देवश : मैं तो तुझहहसे हर तरीके का प्यार करना चाहता हूँ पगली [ईम्ग]फाइल:///सी:\डोकूमए~1\यूज़र\लोकल्स~1\टेंप\ंसोहटँल1\01\क्लिप_इमेज002.जिफ[/ईम्ग]तू मेरी गर्लफ्रेंड बनेगी
शीतल : मुझे डर लगता हाीइ कहीं मां ने सुन्न लिया?
देवश : तू बनाएगी मां को या मैं?
शीतल ने कुछ और नहीं कहा बस सोचती रही…देवश ने उसे थोड़ा टाइम दिया सोचने का…और फिर धीरे धीरे उसके करीब होने लगा….और ऊसने फौरन शीतल के सूट के अंदर से ही ओसॉके पेंट पे हाथ रख दिया…शीतल कसमसा उठी वॉ नजरें झुकाए काँपने लगी इधर उधर अपने च्चेरे को करने लगी…शायद वो बहुत सहम रही थी…एक कुँवारी लड़की को नीचे लाना इतना आसान नहीं उसे धीरे धीरे शराब की बोतल में ढालना पढ़ता है
देवश ने धीरे से गले पे शीतल के चूमा शीतल ने आँख बंद कर ली..फिर देवश धीरे धीरे उसे गर्दन पे होंठ फहरने लगा तो कभी उसके कान की बलियो को मुँह में लेकर चूमता…तो कभी उसके गाल को सहलाता ऊसने धीरे धीरे शीतल को अपने प्यज़ामे के ऊपर बिता लिया उसका खड़ा लंड शीतल की गान्ड पे चुभने लगा…स्शेटल महसूस कर सकती थी दोनों में कोई बात चीत नहीं हो रही थी….
और फिर धीरे से देवश ने उठती कसमसाती शीतल का हाथ पकड़ लिया….”भैया चोद दो मुझे डर लग रहा है”……शीतला ने छुड़ाने की कोशिश की “अरे नखरे मत कर..बहुत प्यार से करूँगा आज मेरे पास आ”…..देवश ने एकदम से शीतल को अपने ऊपर खींच लिया और उसके होठों पे होंठ सटा दिए…शीतल को बिजली का झटका लगा और वो खुद पे खुद निढल पढ़ने लगी और देवश का साथ देने लगी दोनों एक दूसरे की होठों को चूसते रहे….शीतल को किस करना तो आता नहीं इसलिए थूक जुबान सब देवश के मुँह में आ गयी…शीतल के साथ वाइल्ड किस लाजवाब था
देवश ने उठके एक एक करके शीतल के सारे कपड़े ज़मीन पे फैक दिए….और उसे ब्रा और पैंटी में घूर्रने लगा…शीतल ने देवश के बीच में खड़े लंड को देखा और फिर जब देवश ने लंड को बाहर निकाला तो शीतल की साँसें अटक गयी “हें दायया इतना बड़ा”…..शीतल ने हववव की आवाज़ निकली
देवश : बेटा ये मोटा लंबा लंड तू जैसी कामसीँ काली को औरत बनता है
शीतल : पर इसमें मजा कैसे आएगा?
देवश : बस देखती जा
देवश ने एक ब्लूएफील्म ऑन कर दी पास ही के पीसी पे जिसपे वो काम कर रहा था…ऊसमें एक केरला आंटी दो काले रक्षासो जैसे आदमियों से चुद रही थी मुँह में ले रही थी शीतल को बड़ा गीन लगा…पर देवश ने कहा इसे चूसने से औरत की छातिया बढ़ती है और ऊँका यौवन खिलता ही एक गवार जाहिल लड़की को साँचे में उतारने के लिए ऐसा कहना ही पढ़ता है
देवश शीतल की ब्रा उतार देता है..और ऊस्की इतनी मोटी मोटी छातियो को देखने लगता है जो उमर के हिसाब से जरूरत से ज्यादा बड़ी थी हो भी क्यों ना मां का जो रूप था ऊसमें….देवश दोनों छातियो को क़ास्सके क़ास्सके दबाने लगता है और उसके निपल्स को मुँह में भरके चुस्सता है..शीतल के छातियो को दबाने से शीतल आहें भरने लगती है यानि उसे मजा आने लगता है….देवश को शीतल की पैंटी गीली नज़र आती है….शीतल की निगाह ब्लूएफील्म पे है और इधर देवश उसके जिस्म से लिपटा छातियो को दबाए जा रहा है…
शीतल : बहुत ही अच्छे
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