RE: Antarvasnax काला साया – रात का सूपर हीरो
(UPDATE-41)
थॅंक्स तो और करप्ट एमएलए’से जिनके सिर्फ़ नाम बारे और दर्शन छोटे…रास्ता कभी ठीक ही नहीं कराया …..मैंने फौरन हाथ में गुण ली….और गाड़ी से थोड़ा बाहर निकाला और ऊसपे चलाई अफ ऊसने ऊस हालत में भी बढ़ता थोड़ी बढ़ा ली निशाना चूक गया दूसरीई गोली चली ढेययी..और इस बार उसके बाइक पे लगा सूटकेस फहत से गिर पड़ा…काला साया तो बन नहीं सकता था अब सबकुछ एक काबिल ऑफिसर कीतारह करना था…मैंने फौरन गाड़ी को चलना ही मुनासिब समझा बिकॉज़ के पल की चूक और मेरी पूरी जीप लूड़क जाती इस गड्धेदार रास्तों पे
जैसे ही रास्ता ठीक हुआ ऊसने एकदम बढ़ता बधाई और भाग गयी…वॉ पीछे पलट के देख रही थी और मन में गालिया दे रही होगी पर मुझे तो बार ईशांति मिली ऊस्की नाकामयाबी से अब खिजलके अपनी खुजली मिटाने के लिए मेरे पास तो जरूर आएगी अरे भैईई हमला करने तब मैं उसे धार दबोचूँगा यहां से उसके दिल में मेरे लिए जो नफरत उमड़ी वो होना भी जरूरी था ताकि वॉ अब मुझे आत्ंघाती वार कर सके ऊसने मुझे पहचान लिया था
मैंने फौरन जीप रोकी..और फिर पीछे गिरी सूटकेस उठाई उसके अंदर रुपया था धायर सारा…वापिस जैसे जीप को हुआ देखा लो तैयार पुंकुत्रेड खराब रास्ते पे तेजी से चलाने की वाज से…मैं वही खड़ा रहा…और फिर बाकी टीम को सूचित किया की मुझे आए और रिसीव करे…तब्टलाक़ वही खड़ा हावव हावव करते जंगली जानवरों की आवाज़ के साथ किशोरे दा का गाना गाता रहा
सुबह के 11 बज चुके थे…और हाथों में चाय की प्याली लिए एक एक चुस्की मर के देवश की निगाह सूटकेस में भरे पैसे पे थी…जल्द ही सेठ आ गया और ऊसने खूबी धनञयवाद जताते हुए अपना सूटकेस लिया और फिर कुछ दस्तक्त करके चला गया ये सूटकेस कल रात को देवश ने ऊस चोर से चीनी थी…लेकिन कहीं ना कहीं अपने लिए एक मुसीबत जरूर बढ़ा ली थी…अब कैसे भी करके ऊस चोर का पता तो चलना ही था
काम काज खत्म करते करते…12 बज चुका था…जल्दी से दोपहर के लंच के लिए थाने से अपने घर आया…दिव्या वाले घर नहीं गया जब भी जाता हूँ तो अकेले में मन बहेक जाता है और फिर बिना सेक्स किए मन मानता नहीं..दूसरी ओर दिव्या के लिए फिक्र हो रही थी मुझे जैसे जैसे ऊस्की उदास चेहरे को देखता हमारे हिन्दुस्तान एक बात नायाब है जितना भी लड़की खुली हुई हो फ्रॅंक्ली हो लेकिन जब उसके साथ आप दस बार सेक्स कर लो तो बात शादी और प्यार पे आ ही जाती है…लेकिन सच कहिए तो मेरा ऐसा कुछ इंटेन्शन नहीं था उसके प्रति ई मीन मैं उससे शादी नहीं करना चाहता था
लेकिन उसे चोदना साहिल से भी बड़ा धोखा देने के लायक था उसके भी दिल में क्या उठेगा? खून तो एक ही भाई ने धोखा दिया और इसने भी..साला इसी कशमकश में नींद भी उड़ गया…बिस्तर से उठा खाना खाया…और फिर मुँह हाथ धोखे सो गया…शाम को दफ्तर पहुंचकर काम पे फिर ध्यान फही कुछ चौकसी और फाइल्स के लिए बाहर गया इन सब में रात हो गयी
और वही से गश्त लगते हुए घर की ओर फिर रवाना दिया…दिव्या को फोन करके बोल दिया की मैं घर आ रहा हूँ दरवाजा ना लगाए…और फिर पूरी रफ्तार से जीप चलाने लगा..ऊस वक्त साथ में कोई नहीं था बहुत सुनसान व्यवान जंगल से गुजर रहा था हालाँकि शहर के कुछ रास्तों पे जंगल पढ़ जाता है…इस वजह से सुनसांसियत का अंदेशा फैल जाता है
अभी रोड क्रॉस ही करने वाला था देखता हूँ की सड़क पे कुछ पत्थरे गिरी हुई है..ओह लो अब ये क्या नया चक्कर? अभी जीप रोकके उतरना ही था एकदम से माता ठनक गया बेटा रुक जा…जगह सुनसान यहां कोई आता जाता नहीं…साँप को छोढ़के यहां कोई रहता नहीं…और सड़क के बीचो बीच पत्थर बिछी हुई है पक्का किसी दुश्मन का काम है…या तो कोई कैदी फरार होकर अब मुझे मारने के लिए आया है या फिर वॉ लड़की चोर
साला काला साया होता तो अपने स्किल्स से कुछ तो कर सकता..चल फिर भी एक पुलिसवाला हूँ डर किसका…निकाला रिवाल्वर हाथ में लिया और फहतक से जीप से उतरा…फिर धीरे धीरे चलते हुए सड़क के पत्थर को टटोलते हुए दो को हटा ही रहा था इतने में..कोई साया पीछे से गुजारा
मैं एकदम हड़बड़ाकर गुण उसी ओर मोड़ ली “आबे कौन है?”….मैंने चिल्लाया…कहीं दुश्मन के चक्कर में कोई बहुत प्रेत से सामना हो जाए…ऊस वक्त वो मूवी याद आ गयी जिसमें ऋषि कपूर की गाड़ी खराब हो जाती है और फिर स्राइडीवी एक साँप होती है इंसान बनकर गाती है भूली बिसरी एक प्रेम कहानी…फिर आए एक याद पुरानी….साला पूरा जिस्म सिहर गया…बेटा गान्ड फहटने लगी आबे कोई आत्मा तो नहीं क्या पता गश्त के चक्कर में किसी साँप को कुचल दिया हो और अब ऊस्की नागिन बीवी मेरी गान्ड डसने के लिए ही इंसानी रूप ली हो
एकदम से तिठके के जीप के पास आया चारों ओर देखा घना अंधेरा एक तो रात इतनी गहरी ऊपर से जीप की हेडलाइट ऑन है जिससे सामने का रास्ते पे गिरे पत्थर दिख रहे है…मैंने अपना टॉर्च लाया और इस बार जल्दी जल्दी पत्थर हटाने लगा इतने में क़ास्सके किसी ने गान्ड पे एक डंडा मारा..आअहह मैं एकदम से भौक्लके दर्द के मारें गिर पड़ा…अपने गान्ड को सहलाते हुए सामने देखा तो लाइट के सामने एक लड़की खड़ी थी…कोई और नहीं वही जानी पेचानी चेहरा मुकोता पहनी वो चोर जिसके हाथ में हॉकी का एक मोटा डंडा था
मैं अभी उठता ऊसने झाड़ के एक हॉकी डंडा मेरे घुटने पे और मेरे हाथ पे दे मारा….मैं गिर पड़ा दर्द बहुत ज़ोर से हुआ साला रोने रोने पे हालत हो गयी….लेकिन तीसरे वार के लिए ना उसे मौका मिलने वाला था और ना मुझे मर खाने का शौक साला एक ही वार में उसका डंडा पकड़ा और अपने काला साया के हुनर तरीकों से उठके उसके पेंट पे ही एक लात जमा दी
वो पेंट पकड़े गिर पड़ी इतने में मैंने उसके दोनों गले को कसके हाथों से जकड़ लिया “साली बहेनचोड़ड़ रुक्क तू”…….ऊसने मौका हाथ में लेते हुए अपनी औरतपाना दिखा दिया जब मेरे अंडकोष पे ही लात झाड़ दी..मैं अपना पाँत के बीच को पकड़ा झुक गया ऊसने तब्टलाक़ जैसे ही हॉकी स्टिक उतनी चाही मैंने फौरन उसे कमर से उठाकर सीधे एक पेड़ पे जा पटका…ऊस्की करहाहत निकली लड़की की आवाज़ पर इस बार उसका जोश जगह गया और ऊसने मेरे मुँह पे घुसों की बौछार कर दी…साला बॉक्सर थी पता नहीं बहुत काश क़ास्सके गुस्सा झाड़ रही थी
साली को वही फैक दिया और पास रखी रिवाल्वर उठा ली और सीधे उसके छाती एप लगा दी…”बस बहुत हो गया यू आर अंदर अरेस्ट क्यों आबे साली? एक पुलिसवाले पे जानलेवा हमला करती है कमीनी”…….ऊस्की निगाह दिख रही थी कितनी हिंसक कितनी गुस्से में कहा जाने वाली निगाहों से मुझे देख रही थी
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