RE: Indian Sex Kahani चूत लंड की राजनीति
डॉली का गौरा दुबला बदन अब राजेश के भारी शरीर के नीचे कुचल रहा था. डॉली आहें भरते हुए चुदवाती रही और अपने पाप का पश्चाताप करती रही. राजेश ने डॉली के होंठो को भी चूमना चाहा पर डॉली ने अपने होंठ टाइट बंद कर लिए.
राजेश के होंठो ने ऐसे ही डॉली के बंद होंठो को थोड़ा रगड़ा पर चूमने चूसने वाला मज़ा नही आ पाया. राजेश ने गुस्से मे डॉली की चूत मे अपने लंड से झटके मारना शुरू किया. डॉली की चीखें निकलने लगी.
बाहर खड़ी पायल इन चीखो को सुनकर खुश हो रही थी पर उसकी मा शांति को यह सब ग़लत लग रहा था. उसकी एक बेटी की इज़्ज़त का बदला दूसरी बेटी से लिया जा रहा था.
डॉली का चुदते चुदते चूत का पानी निकलने लगा था. डॉली की चूत ने फ़चक फ़चाक की आवाज़े निकलनी शुरू की तो राजेश को जोश बढ़ा और उसने चूत पर पड़ते झटके और गहरे और तेज कर दिए.
डॉली: “आआआः … धीरीए … छोड़ो … आाईए. आअहह अयाया … उम्म्म्म …. ऊऊई .. उम्म्म अया आह हाहह”
राजेश: “नही छ्चोड़ूँगा तुझे ….. यह ले … आआआआः … और ज़ोर से ले …… उहह …. एक और ले ….. आआअहह …”
डॉली: “आआआः … धीरे … उम्म्म्म … ऊऊयईई”
राजेश: “चुप कर …. पायल भी ऐसे ही तडपी होगी ….. अब तू भी तड़प ….यह ले …. ईईहह … उम्म्म्म .. ऑश ऑश .. आआहह ”
डॉली: “ओह माआ … ध्ीएरए …. अब बाहर निकालो अपना लंड …. मैं प्रेग्नेंट हो जाउन्गी पापा….. आाआए … ऊऊओ .. चोदना ही हैं तो कॉंडम लगा कर चोद दो मुझे पापा .. प्लीज़ पापा”
डॉली के मूह से पापा शब्द सुनकर अमर से अब देखा नही गया की उसके पिता राजेश गुस्से मे अपने आपे से बाहर जा रहे हैं. अमर ने ज़ोर लगा कर राजेश को धक्का देकर डॉली के उपर से दूर किया. राजेश दूसरी तरफ गिर पड़ा.
अमर: “बस करो पापा, इसको मा बनाओगे क्या! इसको जो सज़ा मिलनी थी वो मिल चुकी. बाहर मम्मी भी रो रही हैं”
राजेश:”इसको तो और सज़ा मिलनी चाहिए. अमर तू भी इसको चोद तब पता चलेगा”
डॉली: “तुम भी चोद लो मुझे अमर”
अमर: “डॉली अपने कपड़े पहन और निकल यहा से”
डॉली: “नही तुम भी मुझे चोद लो, पर मुझे माफी चाहिए”
राजेश: “तुझको तो हम कभी नही अपनाएँगे. चुप चाप कपड़े पहन ले नही तो अभी तुझे चोद कर अपने बच्चे की मा बना दूँगा”
डॉली सहम गयी और उठ कर अपने कपड़े पहनने लगी. तब तक राजेश और अमर ने भी कपड़े पहन लिए. दोनो ने कपड़े पहन लिए और बाहर आए. शांति अपनी बेटी डॉली के लिए दुखी थी.
डॉली: “अब तो आप लोगो ने मुझे माफ़ कर दिया ना!”
राजेश: “यहा अब आने की ज़रूरत नही, चली जा यहा से. जा….”
राजेश की चीख सुनकर डॉली वहाँ से उदास होकर चली गयी. ड्राइवर राजेश और उसके परिवार ने डॉली के साथ कोई भी रिश्ता रखने से इनकार कर दिया. पायल ने राज और डॉली के खिलाफ केस कर दिया.
डॉली को अपनी कुर्सी से रिज़ाइन करना पड़ा. राज ने सोचा नही था की वो इस तरह खुद फँस जाएगा. पायल ने अबॉर्षन करवा लिया. डॉली के साथ ना तो उसके असली मा बाप थे और ना ही उसको पालने वाला परिवार.
डॉली को लग गया की उसका साथ कोई नही देगा और वो जैल मे ही रहेगी. मगर जल्दी ही उसको पता चला की उसके खिलाफ केस को पायल ने वापिस ले लिया हैं. जब डॉली जैल से बाहर आई तो पता चला की जय और पायल की शादी होने वाली हैं.
डॉली को बहुत बड़ा धक्का लगा. जिस जय से वो प्यार करती थी और शादी करना चाहती थी मगर ज्योति ने उसको रोक दिया यह बोलकर की दुनिया की नज़रो मे जय और डॉली भाई बहन हैं. मगर आज वोही जय जिस लड़की पायल से शादी कर रहा था वो डॉली की रियल सिस्टर हैं.
डॉली से मिलने उसके घर जय आया.
डॉली: “शादी मुबारक हो तुम्हे. बहुत खुश होगे तुम!”
जय: “यह मेरी मजबूरी हैं. हमारी मम्मी ज्योति गयी थी ड्राइवर राजेश अंकल के घर ताकि पायल तुम्हारे खिलाफ केस वापिस ले ले. उन्होने पायल के भविस्य की दुहाई दी की अब उस से कौन शादी करेगा. मम्मी ने वादा कर दिया की वो पायल की शादी मुझसे कर देगी अगर पायल तुम्हारे खिलाफ केस वापिस ले ले”
डॉली: “क्या! इतना सब होने के बाद भी मम्मी ने मुझे बचाने के लिए यह किया! जय, तुम्हे मेरे लिए त्याग करने की ज़रूरत नही हैं. मैं वापिस जैल चली जाउन्गी“
जय: “मैने तो तुम मे ही अपना पार्ट्नर देखा था. मैं भी तुम्हे जैल मे नही देख सकता. किस्मत मे शायद पायल से शादी लिखी थी. शादी भले ही किसी और से हो जाए मगर तुमसे प्यार करते रहने से अब मुझे कोई रोक नही सकता”
जय आगे बढ़ा और डॉली के होंठो को चूम लिया. डॉली ने भी जय के होंठो को चूमना शुरू कर दिया. एक दूसरे की बाहों मे दोनो के बदन एक दूसरे से चिपक चुके थे, और छप छप की आवाज़े करते दोनो के होंठ एक दूसरे का रस चूस रहे थे.
फिर डॉली ने जय को दूर किया.
डॉली: “यह ग़लत हैं. मैं पहले ही अपनी छोटी बहन पायल के साथ ग़लत कर चुकी हूँ और अब उसके पति के साथ यह नही कर सकती”
जय: “मैने तो तुमसे ही प्यार किया हैं और चुदाई भी सिर्फ़ तुम्हारी ही करूँगा ना की पायल की”
जय और पायल की शादी मे हवन कुंड मे अग्नि जल रही थी. दूसरी तरफ शमशान मे आरके की लाश जल रही थी. एकांत मे बिना घर वालो के लावारिस आरके की लाश जल रही थी. यह खबर न्यूज़ पेपर मे भी आई.
सेकड़ो किलोमीटर दूर एक आश्रम मे बढ़ी दाढ़ी के साथ एक युवक अपने फोन मे वो न्यूज़ पढ़ रहा था और कुच्छ सोच रहा था. यह युवक और कोई नही डॉली का पति और आरके का बेटा कौशल था, जिसको सबने कार आक्सिडेंट मे डेड मान लिया था.
उसने फोन लगाया अपनी बहन सुहानी को. जिसको यकीन नही हुआ की उसका भाई अभी भी ज़िंदा हैं. साथ ही बुरी खबर की उनका पिता आरके मार चुका हैं.
कौशल: “सब किस्मत का खेल हैं. एक तरफ अपने कमीने बाप आरके की हरकतों से परेशान तो दूसरी तरफ ऐसी लड़की से शादी की जिसका मकसद सिर्फ़ कुर्सी पाना था. उस दुनिया से बहुत दूर जाना था, सन्यास लेना था”
सुहानी: “मगर वो आक्सिडेंट, उसमे कौन मरा था”
कौशल: “मैने सन्यास ले लिया था इसलिए अपनी वॉच और कार की चाबी एक लड़के को दे दी की कार घर पर पहुचा दे और वॉच खुद के लिए रख ले. उसका आक्सिडेंट हो गया और वो जल मरा. सबको लगा की मैं मारा गया हूँ. मेरे लिए अच्छा था, मुझे वैसे भी उन मतलबी लोगो से कोई लेना देना नही था.”
सुहानी ने फिर अपनी आपबीती कौशल को बताई.
कौशल: “मेरे सर पर अपने कमीने बाप का बुरा साया था, वो अब नही रहा. डॉली को भी सज़ा मिल गयी हैं की उसने क्या पाप किया हैं. अब समय आ गया हैं मेरा फिर से अपने पुराने जीवन मे लौट आने का”
पायल सुहागरात पर अपने पति जय के इंतेजार मे सिसक रही थी तो दूसरी तरफ उसकी बड़ी बहन डॉली भी सिसकिया भर रही थी क्यूकी जय अपनी सुहागरात डॉली को चोद कर मना रहा था.
कहानी का यह सीज़न यही एंड होता हैं. आशा हैं की आपको यह पसंद आया होगा.
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