RE: Rishton mai Chudai - दो सगे मादरचोद
अजय: "एक दो बार माँ मूतते समय नीचे झूक अपने दोनो हाथों से चूत को चौड़ी करती थी तब भीतर की लाल झलक देखी थी. पर आपको लगता है कि माँ हम लोगों के साथ यह सब करने के लिए राज़ी हो जाएगी. यदि हमारी ऐसी कोशिश से उसके दिल को थोड़ी भी ठेस लगी
तो मुझे तो बहुत दुख होगा और में फिर कभी भी माँ से आँख नहीं मिला सकूँगा. में माँ का दिल दुखा कर बिल्कुल भी उसके साथ मस्ती करना नहीं चाहता."
में: "मुझे लगता नहीं है बल्कि पूरा विश्वास है कि जितने हम दोनो उसकी जवानी का स्वाद चखने को उतावले हैं उससे ज़्यादा वह अपनी जवानी लुटाने को उतावली है. माँ तेरे से भी ज़्यादा मस्त और सेक्सी है. अब बता तुझे मेरे सामने पॅंट खोलने में शरम आती है, मेने जब पहली बार तेरी गान्ड अंगुल से खोदी थी तो तूने थोड़े नखरे दिखाए थे, वैसे ही माँ हम लोगों के साथ ऐयाशी करने को राज़ी है पर अपनी ओर
से झिझक रही है. तुम मेरा थोड़ा साथ दो देखना फिर में तुझे माँ से कैसे कैसे मज़े करवाता हूँ. एक बार माँ की जवानी चख लेगा और तुझे औरत का स्वाद मिल जाएगा ना तो फिर तुझे गान्ड मरवाने से ज़्यादा मज़ा चूत चोदने में आएगा. और फिर माँ का झांतदार बड़ा सा फुद्दा, सोच के ही लंड फुफ्कार मारने लग जाता है."
अजय: "अच्छा भैया माँ यदि राज़ी भी हो जाय तो क्या आप माँ को भी वैसे ही चोद पाएँगे जैसे कि आपने खुल कर अपने छोटे भाई की गान्ड मार ली."
में: "यह तभी संभव है जब माँ खुद मटक मटक कर अपनी जवानी मुझे दिखाए और कहे कि मैं सेक्स की आग में जल रही हूँ बेटे अपनी माँ की आग ठंडी करो तो बात ऑर है. में अपनी तरफ़ से तो थोड़ी भी कोशिश नहीं कर सकता. पर एक बात तो है माँ जैसी औरत मस्ती
तो पूरी करवाएगी. उसकी एक बार मुझसे चुदने की देर है फिर तो वह मेरे हलब्बी लौडे की रखैल बन जाएगी और बोल बोल कर अपनी चूत और गान्ड मुझे देगी. पर माँ के साथ में पहल नहीं कर सकता." में बिल्कुल खुल कर माँ को चोद चुका था और उसकी मस्तानी गान्ड भी मार चुका था पर भाई के सामने नादान बनने की आक्टिंग कर रहा था.
मुन्ना: "तो भैया माँ यदि राज़ी राज़ी दे तो आप क्या माँ को चोद सकेंगे? भैया आप भी क्या चीज़ हो. माँ यदि पूरी नंगी हो कर मेरे सामने आ जाय तो मेरा खड़ा होना तो दूर मेरी तो घिग्गी बँध जाएगी और यदि पहले से खड़ा भी होगा तो माँ को उस रूप में देख कर बेचारा मरे
चूहे सा सुस्त हो जाएगा."
मुन्ना की बात से में हंस पड़ा.
में: "तू चिंता मत कर. तेरे बड़े भैया तेरे साथ रह कर तेरी हिम्मत बढ़ाते रहेंगे और तू अपनी मस्त माँ को आराम से चोद सकेगा. मुझे एक
बार बस पता लग जाय कि माँ मेरे से चुदना चाहती है फिर तो में उसकी उसी तरीके से ताबड़तोड़ चुदाई करूँगा जैसी मेने तेरी गान्ड
मारी थी. जब में अपने प्यारे से छोटे भाई को पटा कर उसकी गान्ड मार सकता हूँ तो अपनी माँ को एक रंडी की तरह क्यों नहीं चोद सकता?"
मुन्ना: "भैया आप भले ही माँ को चोद लें पर आख़िर वह अपनी माँ है उसे रंडी तो मत बनाइए. फिर तो हम दोनो रंडी की औलाद हो गये ना?"
में: "मेने तुम्हे बताया ना कि पहले तो माँ खुद मस्त हो कर तथा बोल बोल कर अपनी चूत और गान्ड मुझे दिखाए. फिर मेरे से चोद देने के लिए भीख माँगे तभी में उसे चोद पाउन्गा. इतना यदि माँ कर सकेगी तो भला में उसे एक रंडी की तरह क्यों नहीं चोदुन्गा. में तो उसे गाली दे दे कर चोदुन्गा. पहले तो उसी की तरह में भी पूरा नंग धड़ंग हो जाउन्गा. तब उसे कहूँगा अरे बहन की लौडी तू अपने बेटे से चुदने के लिए आई है. क्या मेरा वह बाप साला हिन्जडा था जो तेरी भोसड़ी की आग ठंडी नहीं कर सकता था. अरे हरामजादी रंडी तू मेरी रंडी बनेगी
तभी में तुझे चोदुन्गा. खाली चोद के ही तुझे नहीं छोड़ दूँगा, में तेरी फूली फूली गान्ड भी मारूँगा, तेरे मुख में लॉडा पेलुँगा साली कुतिया. तुझे में कुतिया बना कर तेरे उपर पिछे से चढ़ कर तुझे चोदुन्गा. बेटे की भोसड़ी, तेरी चूत में बहुत आग है ना आज में अपने 11" के लौडे से तेरी सारी आग ठंडी कर दूँगा."
मुन्ना: "भैया आपकी ऐसी बातें सुन कर तो मेरे में भी आग लग गई है. आप बहुत सेक्सी बातें कर रहे हैं. भैया बहुत मस्ती चढ़ि है."
में: "अरे तू चिंता क्यों करता है. माँ का स्वाद में अकेले थोड़े ही चाखूँगा, तुझे भी तो उसे चोदने का, उसकी गान्ड मारने का पूरा मौका दूँगा. में उसे कहूँगा तू मेरी जोरू है तो मेरे प्यारे छोटे भाई की भाभी है और तू मेरे छोटे भाई के भी लंड की प्यास अपनी चूत और गान्ड दे कर बुझा
. फिर देखना अपनी यह माँ दोनो भाइयों की जोरू बन कर रहेगी."
मुन्ना: "भैया माँ तैयार भी हो जाएगी तो उसे नंगी देख कर मेरी तो सिट्टी पिट्टी गुम हो जाएगी और मेरा तो शायद माँ के सामने खड़ा तक
नहीं होगा तो में उसे कैसे चोद पाउन्गा?"
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