RE: Rishton mai Chudai - दो सगे मादरचोद
अपडेट-22
में: "में चूस कर तेरा लंड खड़ा करूँगा और अपने हाथ से माँ की चूत में डालूँगा तू तो बस आँख मूंद कर धक्के लगाते रहना. अब तू मेरे साथ यह खेल खेलने लग गया है अब आगे आगे देखते रहना में तुझे कितनी मस्ती करवाता हूँ. अरे तू तो मेरा सबसे प्यारा लौंडा है. तेरे मस्त चिकने बदन का तो में दीवाना हूँ. तू तो मेरा खाश मक्खन सा चिकना लौंडा है. बता मेरा लौंडा है या नहीं."
मुन्ना: "जब आपसे अपनी गान्ड मरवाता हूँ तो आपका लौंडा तो हूँ ही." उसकी यह बात सुन मेने छोटे भाई को अपने सामने खड़ा कर लिया
. फिर अपनी इंडेक्स फिंगर से उसकी गान्ड का खुला छेद खोदते हुए मेने कहा,
में: "में तो तेरे जैसे चिकने और गुदगूदे छोकरे के इसी छेद का दीवाना हूँ, इस छेद का मेरेसे जी खोल कर मज़ा लेते रहना. आज भैया
तुझे इस छेद का ऐसा मज़ा देंगे कि अपने भैया को अपना सैंया बना लेगा. अरे तू तो मेरी रानी है रानी. तभी तो में अपनी माँ, मेरे दिल की रानी राधा रानी का मज़ा तेरे साथ बाँट कर लेना चाहता हूँ."
अजय: "भैया आपके तो मन में माँ पूरी बस गई है. में तो पूरा आपके साथ हूँ, ठीक है में तो माँ को कल ही कह दूँगा कि या तो मेरे लिए अपने जैसी कोई भाभी खोज के ले आए या खुद ही मेरी भाभी बन जाए. भैया आज आप कुच्छ भी मत करिएगा सब कुच्छ में करूँगा.
आप खाली यह सोचते रहिएगा कि मेरी जगह माँ आपके साथ ये सब कर रही है."
में: "ठीक है पर तुझे भी मेरी तरह बिल्कुल खुल कर एकदम खुली खुली बातें करते हुए मुझसे मज़ा लेना होगा. चुपचाप रहने में मुझे मज़ा नहीं आता है. क्यों ठीक है ना? में आज चुप रहूँगा और अपने आप को तेरी मर्ज़ी पर छोड़ दूँगा पर तुझे वैसी ही खुली खुली बातें करते हुए
मेरा मज़ा लेना होगा जैसा कि में तेरा मज़ा लेता हूँ."
मुन्ना: "ठीक है भैया तो आप मुझे अपने जैसा बेशर्म बनाना चाहते हैं. ठीक है जब बड़ा भैया चाहता है तो छोटा भाई भी पिछे क्यों रहे. खैर में आपके जैसा तो नहीं बन सकता क्योंकि में तो आपकी गान्ड मारने से रहा, मरानी तो आख़िर मुझे ही है. मेरे सैंया तो आप ही रहेंगे, में तो हरदम आपकी लुगाई ही रहूँगा."
में: "अरे तुझे मेरी मारनी है तो एक बार बोल कर तो देख. में तेरेसे इतने प्यार से मरवाउंगा कि तू भी क्या याद रखेगा. बोलना मेरे राजा,
क्या अपने भैया की मस्तानी गान्ड मारोगे?"
मुन्ना: "नहीं भैया मुझे नहीं मारनी आपकी गान्ड. आप ही रोज मेरी गान्ड मारा कीजिए." यह कह अजय उठा और आल्मिराह से कॉंडम का पॅकेट और वॅसलीन का जार निकाल लाया. उसने एक कॉंडम मेरे लंड पर चढ़ा दी और मेरे लंड को वॅसलीन से अच्छे से चुपाड़ने लगा. लंड चुपड कर उसने मुझे हाथ पकड़ बेड से उठा लिया और रूम की दीवार के सहारे मेरी गान्ड टिका मुझे खड़ा कर दिया. फिर वह
सिंगल सीटर सोफा मेरे सामने ले आया. उसने एक टाँग सोफे पर रखी और मेरे सामने झूक कर अपनी गान्ड के छेद पर वॅसलीन लगाने लगा. में पक्के गान्डू छोटे भाई की यह हरकत देख वासना से भर उठा पर चुपचाप खड़ा खड़ा इस सीन का मज़ा लेता रहा. तभी अजय
अपनी गान्ड का छेद फैला कर मुझे दिखाते हुए बोला,
मुन्ना: "हाय भैया देखिए ना मेरी गान्ड का यह मस्ताना गोल छेद देखिए ना. देखिए इस छेद पर में खुद वॅसलीन चुपड रहा हूँ. आप जानते हैं ना कि में इस गान्ड के बड़े से छेद पर वॅसलीन क्यों चुपड रहा हूँ. भैया में आपके लंड का दीवाना हूँ. आज में खुद अपने हाथ से आपका लॉडा अपनी गान्ड में पेलुँगा. हाय मेरे राजा जानी. अपने राजा भैया का मस्ताना लॉडा आज खुद आपका छोटा भाई अपनी गान्ड में पिलवाएगा."
जब गान्ड कुच्छ चिकनी हो गई तो उसने ज़ोर लगा कर आधी के करीब अपनी वह अंगुल अपने गान्ड में पेल ली. फिर उसने वह अंगुल बाहर निकाल ली और मेरी ओर मुड़ा. उसने दूसरे हाथ की इंडेक्स फिंगर और अंगूठे की सहायता से गोला बनाया और 3-4 बार वह वॅसलीन
मथि अंगुल मुझे बाहर भीतर कर दिखाई. छोटे भाई की इस अदा ने तो मुझे पूरा मस्त कर दिया. मेरा लॉडा टनटना कर पूरा सीधा खड़ा हो गया.
मुन्ना: "भैया आपका साँप तो आज बहुत जल्दी फुफ्कार मारने लगा. देखिए ना इसको मेरी गान्ड का बिल क्या दिख गया उस में जाने के लिए कैसे मचल रहा है? देखिए ना में इसीके लिए तो अपनी गान्ड चिकनी कर रहा हूँ और यह है कि थोड़ा भी सब्र नहीं कर रहा है. भैया थोड़ी देर इसे काबू में राखिया ना." मुन्ना यह बात कह हँसने लगा.
में: "अरे मुन्ना तू तो गाँव जा कर आने के बाद मेरी वाली भाषा बोलने लग गया. गाँव के दोस्तों से सीख कर आया है क्या?" अब मुन्ना मेरे खड़े लौडे पर ठीक से वॅसलीन मथने लगा. मेरे लंड और अपनी गान्ड को अच्छी तरह से चिकनी कर लेने के बाद वह अपनी टाँगें चौड़ी कर मेरे सामने खड़ा हो गया और थोड़ा झुक गया. उसने अपना एक हाथ पिछे कर मेरे लंड को पकड़ा और लंड के सुपाडे को अपनी गान्ड के छेद पर टिका लिया. फिर वह अपनी गान्ड खोलते हुए अपनी गान्ड कस के मेरे लंड पर दबाने लगा. मेरा सुपारा उसकी गान्ड में अटक चुका
था पर भीतर नहीं जा रहा था. तब एक झटके से उसने गान्ड आगे खींच ली और बोटल से कॉर्क जैसे निकलता है वैसे ही मेरा सुपारा उसकी गान्ड से निकल गया. तब उसने वापस ढेर सारी वॅसलीन मेरे लंड और अपने छेद पर मलि और वापस झुक कर मेरे लंड पर अपनी
गान्ड दबाने लगा. इस बार जैसे ही उसने गान्ड खोलते हुए एक झटके से गान्ड पिछे ठेली तो मेरा पूरा सुपारा उसकी गान्ड में समा गया.
मेने अपनी गान्ड दीवार पर ज़ोर से दबा दी और मुन्ना की मस्ती के साथ चुपचाप मज़ा लेने लगा.
अब अजय धीरे धीरे आगे पिछे हो कर मेरे लंड की अपनी गान्ड में जगह बना रहा था. तब उसने अपने दोनो हाथ पिछे अपने चुतड़ों पर रख लिए और अपने चुतड़ों को फैलाते हुए अपनी गान्ड कस के मेरे लंड पर दबाने लगा. उसकी इस क्रिया से मेरा लंड धीरे धीरे उसकी गान्ड
में सरकने लगा. थोड़ी ही देर में पट्ठे ने अपने आप मेरा 11" का मूसल सा लॉडा पूरा अपनी गान्ड में ले लिया. मेरे लंड को उसी प्रकार पूरा गान्ड में पिलवाए वह सीधा खड़ा हो गया और उसने अपना चेहरा उपर उठाया और विजयी भाव से उसने मेरे से आँखें मिलाई.
"क्यों भैया माँ होती तो क्या ऐसे ही आपसे मरवाती? आप ऐसे ही खड़े रहिएगा. आज आप मत मारिएगा, में खुद मर्वाउन्गा." अजय मेरी ओर देखते हुए कह रहा था. मेने अजय के होंठ अपने मुख में ले लिए और अपनी ज़ुबान उसके मुख में डाल दी जिसे अजय चूसने लगा. मेने अपने दोनो हाथ अजय के कुच्छ उभरे स्तनों पर रख दिए और जोश में उन्हे ही दबाने लगा. इसी मुद्रा में अजय रह रह गान्ड कुच्छ
आगे खींचता जिससे तीन चोथाई लंड बाहर आ जाता और फिर पिछे कस के ज़ोर का धक्का देता जिससे मेरा लंड जड़ तक वापस उसकी गान्ड में समा जाता. इस प्रकार वह कई देर मरवाता रहा और में उसे चूमता रहा. फिर वह सोफे के दोनो हॅंडल पकड़ झुक गया और तेज़ी
से आगे पिछे हो सटसट तेज़ी से गान्ड मरवाने लगा. शौकीन भाई के इस शौक का मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था.
कुच्छ देर इस प्रकार तेज़ी से गान्ड मरवाने के बाद उसने सोफा कुच्छ और आगे खींच लिया और अपने दोनो घुटने सोफे पर टेक दिए और अपनी गान्ड मेरे लंड के सामने उभार दी. उसकी फूली हुई बड़ी सी गोरी गान्ड मेरे सामने पूरी उभरी हुई बिल्कुल माँ की गान्ड जैसी मस्त लग रही थी. गान्ड का बड़ा सा गोल छेद बिल्कुल खुला हुआ साफ दिख रहा था. तब अजय ने वापस अपनी गान्ड का छेद मेरे लंड से
भिड़ा दिया और अपनी गान्ड जब तक मेरे लंड पर दबाता चला गया तब तक कि वापस मेरा पूरा लंड उसकी गान्ड में ना समा गया. एक
बार फिर सतसट गान्ड मरवाने की क्रिया शुरू हो गई.
में: "मुन्ना तू तो इस खेल का पक्का खिलाड़ी है. वाह भाई वाह आज तो तूने तबीयत खुश कर दी. क्या मस्त होके तूने अपनी गान्ड का मज़ा दिया है. में अब और ज़्यादा बर्दास्त नहीं कर सकूँगा." मेरी बात सुन अजय ने मेरा लंड अपनी गान्ड से निकाल दिया और खड़ा हो गया. उसने मेरे लंड से कॉंडम निकाल दी और हाथ से रगड़ लंड पूरा चमका दिया. फिर उसने मुझे करवट के बल बेड पर लिटा दिया और 69 के पोज़ में खुद लेट गया. हम दोनो भाई एक दूसरे के लंड जड़ तक अपने अपने मुख में ले चुके थे और चुभला चुभला कर चूसने लगे. हम चूस्ते
रहे और चूस्ते रहे जब तक की दोनो एक दूसरे के मुख में पूरे झड खलास नहीं हो गये. हम दोनो भाई कई देर ऐसे ही बेड पर पड़े रहे. कुच्छ देर बाद मेने अजय के सामने अपना मुख कर लिया और मुन्ना के गाल प्यार से चूम लिए. अजय ने भी आँखें खोल ली और बड़े प्यार से मुझे देखने लगा. हम दोनो भाई ऐसे ही एक दूसरे को देखते हुए सो गये.
[/color]
|