RE: Rishton mai Chudai - दो सगे मादरचोद
माके मूट का स्नान ख़तम होते ही मेने वापस शवर खोल दिया और कई देर हम फिर शवर के नीचे नहाते रहे. इसके बाद मेने किंग साइज़ का टवल एक साथ हम तीनों के शरीर पर लपेट लिए और उस विशाल टवल के अंदर घुसे हुए हम तीनों हिल हिल कर अपनी पीठ, छाती, कमर, गांद उस टवल पर रगड़ते हुए पोंच्छने लगे. अपने बदन से पानी को सूखा कर हम वापस कमरे में आ गये.
मा: "ठंडे पनिसे नहाने के बावजूद भी मेरा शरीर तो जला जा रहा है. पुर शरीर में जैसे आग सी लग गई है. विजय बेटे तेरे मूट में ऐसा क्या मिला हुवा था की जब से उसे पिया है तब से एकाएक मेरे शरीर में जलन होने लगी है. देखोना मेरी छूट में चिंतियाँ सी रेंग रही है. पूरी छूट भीतर से जल रही है. तुम लोग खड़े खड़े देख क्या रहे हो? मेरा कोई इलाज कारोना. नहीं तो में जल के राख हो जवँगी." ऐसा कह माने मेरे होंठ अपने मुख में ले लिए और उन पर हल्के दाँत गादाती हुई अत्यंत कामतूर हो मेरे होंठ चूसने लगी. कई देर मेरे होंठ चूसने के बाद मा अजय के भी होंठ उसी तरह चूसने लगी.
में: "मा वही हालत मेरी हो रही है. तेरे मूट का स्वाद चखने के बाद तो ऐसी मस्ती चढ़ि है जैसी की आज तक नहीं चढ़ि. में तो आज तेरी गांद मारूँगा. आज मुन्ने की बरी है. वा जिंदगी में पहली बार एक औरत की छूट छोड़ेगा और वा भी अपनी माकी. मा मुन्ने को अपनी छूट बहुत मस्त हो कर देना. उसको छूट का ऐसा चस्का लगा दे की छूट का कीड़ा बन जाय. क्यों मुन्ना माकी छूट लेगा ना? खूब मस्त हो कर माको छोड़ना. तू बहुत नसीब वाला है की जिंदगी की पहली छूट तू अपनी माकी छोड़ने जा रहा है."
अजय: "हन भैया आप दोनो का मूट पीने से जो मस्ती चढ़ि है वैसी तो आज तक नहीं चढ़ि. मेरे लंड की नसें फॅट रही है. आज तो खूब मस्ती करते हुए, मज़ा लेते हुए में अपनी इस मस्तानी माको छोड़ूँगा. इसको जब में खेतों में मूटते हुए देखता था तब इसे छोड़ने की इच्छा नहीं हुई लेकिन इस साली का मूट पीकर तो ऐसी इच्छा हो रही है की एक झटके में ही पूरा लंड इसकी छूट में जड़ तक पेल डून, इसे एक रंडी की तरह छोड़ूं और चोद चोद कर इसकी छूट का भोसड़ा बना डून." यह बोल अजय माकी छूट के सामने घुटनों के बाल बैठ गया और उसमें पूरी जीभ घुसा उसे चाटने लगा. माकी छूट का दाना जो पूरा ताना हुवा था, उस पर दाँत गाड़ाने लगा.
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