RE: XXX Kahani नागिन के कारनामें (इच्छाधारी नागिन )
चांदी के नेकलेस में जड़े हुए दोनों नीलम, जो आंखों की जगह लगे हुए थे, राज को अपनी तरफ घूरते हुए महसूस हुए थे, राज को अपनी तरफ घूरते हुए महसूस हुए और राज ने घबरा कर मुंह फेर लिया।
वो तीनों उसी तरह टहलते हुए बातें करते हुए राज वाले कम्पार्टमेंट के करीब पहुंच गए। राज का हाथ अभी तक ज्योति के हाथ में था। वो बड़ी गर्मजोशी से उसके सख्त और खुरदरे हाथ को अपनी नर्म और रेशमी हथेली के दबाव में लिए हुए थी।
अचानक गाड़ी के इंजन ने सीटी बजाई और राज नींद से जग उठा। उसने ज्योति के हाथ से अपना हाथ छुड़ाया और सतीश की तरफ बढ़ाते हुए कहा
"अच्छा दोस्त, एक लम्बे समय के हम बिछुड़ रहें हैं, लेकिन यकीन करो कि मेरा मन और मेरी आत्मा हर पल तुम्हारे पास ही रहेंगे।"
"विदा!" सतीश ने मरियल से लहजे में जवाब दिया और राज के हाथ पर अपना हाथ रख दिया। उसके बाद राज ने ज्योति से हाथ मिलाया।
"अच्छा राज, भगवान करे तुम जल्दी वापस आओ....। अपनी सेहत का ख्याल रखना। अभी सतीश के अलावा और लोगों को भी तुम्हारी जरूरत है।"
राज हंस पड़ा, वो चाहता था कि सतीश और ज्योति ज्यादा उदास न हों। खुद उसके अपने दिल में भी उन से पिछड़ने का दुख था, लेकिन मिस्र की रहस्यमय धरती की सैर की कल्पना ने उसे ज्यादा उदास नहीं होने दिया। गाड़ी ने दूसरी सीटी दी और हल्का सा झटका लेकर चलने लगी। राज ने सतीश और ज्योति से दोबारा हाथ मिलाया और दौड़कर कम्पार्टमेंट में सवार हो गया।
गाड़ी की रफ्तार तेज हो गई। सतीश और ज्योति हाथ हिला हिला कर उसे विदाई देते रहे । राज कम्पमेंट के दरवाजे में खड़ा सोचता रहा।
"अब सतीश का क्या होगा? अगर ज्योति, मेरे अनुमान के मुताबिक वाकई खतरनाक हसीना है तो यह सीधा सादा आदमी कैसे उसके खौफनाक चंगुल से बच पाएगा?" पहली बार उसे पछतावा हुआ कि उसने क्यों मिस्र जाने का फैसला कर लिया! पहले तो वह एक दो साल ज्योति के रंग-ढंग देखता। अगर वो कोई फरेब का जाल बिछाती भी तो सतीश को बचाने की कोशिश करता।
इस वक्त उसे अहसास हो रहा था कि सतीश को अकेला छोड़कर उसने वाकई भयंकर गलती की है। वो अपने सबसे प्यारे दोस्त के साथ बेवफाई कर रहा है। वाकई अब वक्त गुजर चुका था, इसलिए फिक्र से कुछ नहीं हो सकता था। गाड़ी दूर निकल आई थी और सतीश के साथ ज्योति राज की निगाहों से ओझल हो गए थे।
राज थके हुए दिमाग और सुस्त कदमों से चलता हुआ अपनी सीट पर आ बैठा। लेकिन अब उसका दिमाग यहां से बहुत दूर मिस्र की रहस्य जादू भरी धरती पर घूम रहा था। ट्रेन के किनारे उसके जेहन में घूमने लगे, पिरामिडों भरा रेगिस्तान खामोश हो गया और राज नींद की गोद में चला गया।
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