RE: XXX Kahani नागिन के कारनामें (इच्छाधारी नागिन )
"ओह.....।" डॉक्टर जय ने जैसे इत्मीनान की सांस ली थी-"यह उस नस्ल का नहीं है, इसके तो दांत होते हैं।
लेकिन खतरनाक यह भी पूरा होता है। इसका काटा तीन मिनट से ज्यादा जिन्दा नहीं रह सकता, जिस नस्ल का आप जिक्र कर रहे हैं, उसका भी एक सांप मेरे पास था....लेकिन....।"
"लेकिन क्या?" राज ने उसे बात अधूरी छोड़कर खामोश देखा तो पूछा।
"वो मर गया.....।" डॉक्टर जय ने जवाब दिया।
"मर गया?" राज ने हैरत से उसके शब्द दोहरा कर पूछा।
"हां! एक दिन मैं उसका कुछ जहर ले रहा था। जहर लेने के बाद उसे एक पाईप में रखकर मैं मार्क लगाना भूल गया। मैं मेज पर अपने काम में व्यस्त रहा और वो पाईप से निकल कर फर्श पर पहुंच गया। थोड़ी देर बाद मैं किसी काम से नीचे झुका तो मैंने उसे फर्श पर कुचला हुआ पाया था। वो मेरे जूतों तले ही कुचला गया था। न जाने मेरा गांव कब उस पर पड़ गया था। इस तरह अपनी जरा सी लापरवाही की वजह से मैं एक कीमती और दुर्लभ सांप से हाथ धो बैठा था।"
"क्या वाकई वो बहुत खतरनाक सांप था?" राज ने अनजान बनते हुए पूछा।
"इतना ज्यादा खतरनाक कि आप सोच भी नहीं सकते। उस सांप की सबसे बड़ी खूबी यह थी कि उसका जहर बड़ा मीठा ओर ठण्डा होता था।"
"क्या मतलब?" राज चौंका।
"मतलब यह कि जहर होने के बाबजूद उसमें तेजी और तलखी नहीं थी। एक बार की बात सुनिए। क्या आपने कभी जाना चीनी का नाम सुना है?"
"नहीं।” राज ने फौरन जवाब दिया-"वो क्या चीज होती है?"
"जाना चीनी का आविष्कार प्राचीन युग के वैज्ञानिकों ने किया था। उस चीनी से बर्तन बनाए जाते थे। लेकिन क्योंकि उन बर्तनों को तैयार करने में बहुत पैसा खर्च होता था और बहुत वक्त लगता था, इसलिए उन बर्तनों को बड़े-बड़े अमीर उमरा ही इस्तेमाल किया करते थे या शाही महलों में इस्तेमाल होते थे।"
"क्यों, उस चीनी में ऐसी क्या खास बात थी?" राज ने दिलचस्पी से पूछा।
"उस जमाने में जहर खिला देने के मामले आम हुआ करते थे। आम तौर पर लोग अपने दुश्मनों को जहरों की मदद से मौत दे दिया करते थे, और खासतौर पर राजाओं, सम्राटों के महलों में जहर का इस्तेमाल साजिशों में होता ही रहता था। सम्राटों के उत्तराधिकारी सम्राट को जहर देकर खुद सम्राट बन जाते थे, उनकी महारानियां महल पर और सम्राट पर अपना एकाधिकार बनाए रखने के लिए सम्राटों की प्रेमिकाओं को जहर देकर मरवा देती थीं। इसके अलावा भी बहुत कुछ होता था।"
डॉक्टर जय ने कुछ देर रूक कर राज की तरफ देखा, जो बड़े गौर से उसकी बातें सुन रहा था। डॉक्टर ने कांच की एक नलकी उठा ली और उससे हुआ बोला
"कहने का मतलब यह कि उस दौर में जहरों से बहुत फायदे उठाए जाते थे और बड़ी कलाकारी से जहरों का इस्तेमाल किया जाता था। इसलिए उन गुप्त हमलों से बचाव के लिए सम्राट और सांसद वगैरहा जाना मी के बने हुए बर्तन अपने व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए बनवाते थे।"
"ऐसी क्या खूबी होती थी उन बर्तनों में?" राज ने पूछा।
"उनमें खूबी बड़े कमाल की होती थी। उन बर्तनों में खाना डालते ही डालते नाजुक होते थे कि अगर आप किसी खाने की चीज में जरा सा जहर होता था तो बर्तन चटक जाते थे। वो बर्तन इतने नाजुक होते थे कि अगर आप किसी खाने की चीज में जरा सा जहर मिला दें, जिससे किसी की मौत नामुकिन हो, तब भी खाना प्लेट में पड़ते ही वो बर्तन चटक जाते थे....और पता चल जाता था कि खाने में जहर मिला हुआ है।"
"बड़ी अजीब और काम की चीज थी तब तो जाना चीनी मिी....।" राज ने हैरत से कहा।
"हां, बहुत ज्यादा।" डॉक्टर जय ने कहा, "दरअसल इतनी लम्बी भूमिका का मतलब सिर्फ इतना था कि इस खास जाना मी की दो प्लेटें मेरे हाथ लग गईं थीं। उससे पहले मैंने उस चीनी मिी के बारे में सिर्फ सुना ही था। जब प्लेटें मेरे हाथ लग गई तो मैंने उन सुनी सुनाई अफवाहों को परखने की सोची, जो उस मिी के बारे में सुनी हुई थीं। वो मी वैसी ही निकली जैसी कि बताई जाती थी, एक प्लेट में जब मैंने जरा सा जहरीला खाना डाला था तो उसमें फौरन बाल आ गया था। वह इतना कम था कि एक चूहे को भी नहीं मार सकता था।"
"लेकिन इससे उस समय के जहर का क्या सम्बंध रहा है?" राज ने पूछा।
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