RE: XXX Kahani नागिन के कारनामें (इच्छाधारी नागिन )
"हां, वो भी बता रहा हूं।" डॉक्टर जय बोला, "आपको जानकर हैरत होगी कि जो प्लेट साबुत बच गई थी, उसमें मैंने उस छोटे मिनी सांप का जहर डाला था, काफी मात्र में। उस प्लेट पर जरा सा भी असल नहीं हुआ। इससे आप अन्दाजा लगा सकते हैं कि उस सांप का जहर कितना ठण्डा हिस्सा भी कोई इन्सान हज्म नहीं कर सकता, न कोई जानवर। जिस्म में पहुंचने के बाद वो अपना चमत्कार जरूर दिखाता है। यह अलग बात है कि मात्र कम होने से नुकसान कुछ कम हो।"
"कमाल है! वो वाकई बड़ा हैरतअंगेज सांप होगा।" राज ने गर्दन हिला कर कहा-"काश, मैं भी उसे एक नजर देख सकता ! क्या आपने उसके जहर का कोई सैम्पि भी रखा था?"
"बहुत थोड़ा। वो मैंने अपने प्रयोगों के लिए रख छोड़ा है।"
उसके बाद तो लेब्रॉटरी से निकल कर फिर ड्राइंग रूम में आ गया। आज काफी वक्त गुजर चुका था। ड्राइंगरूम में बैठ कर राज से जाना मिी की वो दोनों प्लेटें देखने की इच्छा जताई।
डॉक्टर जय ने मुस्करा कर मजाकिया लहजे में कहा
"मैं यह बताना भूल गया था कि उस मी की एक खासियत यह भी थी कि एक बार जो इन्सान उसके बारे में सुन लेता था, उसे देखने की इच्छा जरूर प्रकट करता था।" कह कर वो उठा और अन्दर चला गया।
करीब पन्द्रह मिनट बाद जब डॉक्टर जय वापस लौटा तो उसके हाथों में बहुत ही खूबसूरत और नाजूक सी दो प्लेटें थी।
"लो ये देखो, वे दोनों खास किस्म की प्लेटें।"
राज ने दोनों प्लेटे हाथों में लेकर गौर से देखी तो वाकई उनमें से एक प्लेट बिल्कुल सही थी, लेकिन दूसरी प्लेट में बाल आ गया था। राज ने सोचते हुए डॉक्टर से पूछा
"डॉक्टर साहब, यह भी तो हो सकता है, वो दूसरी प्लेट जाना चीनी की हो ही नहीं, जिसमें आपने कई बार उस मिनी सांप का जहर डाला था?"
"मेरे ख्याल में तो ऐसा नहीं है। देखिए, इन दोनों की बनावट एक जैसी है और चीनी मिी भी एक जैसी लगती है।"
"बनावट तो एक जैसे ही है लेकिन आजकल तो एक ही मी और बनावट के हजारों बर्तन बनाए जा रहे है, हो सकता है ऐसा ही कुछ प्रबन्ध उस दौर में भी चाहें कोई भी रही हो।"
"आपका एतराज मेरे दिल को नहीं छूता फिर भी अगर सन्देह दूर करने के लिए अगर एक और प्रयोग करके देख लिया जाए तो क्या हर्ज हैं? मैं लेब्रॉटरी से थोड़ा जहर ले आता हूं उसके बाद हम अभी प्रयोग करके देख लेगें।"
"बहुत बढ़िया सुझाव है। इस तरह मुझे एक नए प्रयोग को देखने का मौका भी मिल जाएगा।" ।
"अच्छा, तो दो मिनट इन्तजार कीजिए, मैं अभी आया।"
डॉक्टर जय फिर अन्दर चला गया।
कुछ मिनट बाद ही वो वापिस आया तो उसके हाथ में एक छोटी सी शीशी थी। वापस आकर उसने शीशी राज को दिखाते हुए कहा
"यह उसी सांप का जहर है जिसे देखकर आप ठिठक गए थे और जिसके बारे में मैंने बताया था कि उसका काटा तीन मिनट से ज्यादा जिन्दा नहीं रह सकता।" डॉक्टर जय ने कहा।
"फिर तो जहर बहुत मारक होगा?"
"बहुत मारक और तेज भी।'' डॉक्टर जय ने जवाब दिया और जेब से एक दूसरी शीशी निकाल कर मेज पर रख दी, फिर राज को देख कर बोला
"और यह उसी मिस्री सांप कर जहर है।"
राज ने देखा तो दूसरी शीशी में किसी नीली सी तरल चीज के सिर्फ कुछ कतरे पड़े हुए थे। शीशियों के बराबर उसने चीनी की दोनों प्लेटें भी रख दीं।
फिर उसने नौकर को आवाज देकर एक गिलास पानी मंगवाया और एक गिलास खाली भी मांगा। गिलास आ जाने पर उसने दोनों गिलासों में पानी आधा-आधा कर दिया, फिर उसने दोनों शीशियां खोल कर एक शीशी में से एक बूंद एक गिलास में डाली, फिर दूसरी शीशी में से एक बूंद दूसरे गिलास में डाली।
अब उनके सामने दो गिलास आधे-आधे जहरीले पानी से भरे रखे हुए थे, जिनमें दो गिलास आधे-आधे जहरीले पानी से भरे रखे हुए थे, जिनमें से एक में उस सांप का जहर था जो डॉक्टर
जय के कहे अनुसार मर चुका था और दूसरे गिलास में उस सांप का जहर था जो इस वक्त भी उसकी लेब्रॉटरी में मौजूद था और जिसका काटा हुआ तीन मिनट से ज्यादा जिन्दा नहीं रह सकता था।
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