RE: XXX Kahani नागिन के कारनामें (इच्छाधारी नागिन )
हालांकि रूमाल देख कर राज यह फैसला करचुका था। कि डॉक्टर जय और ज्योति में निश्चित ही प्रेम सम्बंध हैं और यह सबूत पाकर उसे कुछ खुशी भी हुई थी, क्योंकि अपने ख्याल में उसने आज इस उलझी हुई गुत्थी का एक सिरा पा लिया था, फिर भी उसने रूमाल के बारे मे पुष्टि करने का फैसला कर लिया और सोचने लगा। जितनी देर से दोनों हाथ मिलाकर बैठे, इधर-उधर की बातें कीं, उतनी देर में एक तरकीब सूझ गई थी।
उसने बातें करते-करते डॉक्टर जय से कहा
"मेरा ख्याल हैं कि आजकल तो आप बहुत ज्यादा मस्त होंगे
"मस्त तो हम हमेशा ही रहते हैं।" जय बोला, "लेकिन आपने खासतौर से आज ही क्यों कहा ?"
"क्योंकि मेरे अन्दाजे के मुताबिक हाल में ही में आप अपनी प्रेमिा से मिल चुके हैं"
उसने राज को गौर से देखा और व्यंग्य से बोला-'तो आप ज्योतिषी भी हैं राज जी ?"
"ऐसा ही समझ लीजिए डॉक्टर साहब ।" राज ने हंस कर कहा।
"तो श्रीमान जी , मैं आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि मैं ज्योतिष को बिल्कुल नहीं मानता। रही लवर से मिलने की बात, तो अक्सर उससे मुलाकाते होती ही रहती हैं। अपनी तो जिन्दगी ही उन मुलाकातों के सहारे गुजर रही हैं, और ......।"
"नही साहब मैं आम मुलाकातों का जिक्र नही कर रहा हूं।" राज ने उसकी बात काटकर कहा, “मैं तो उसे खास मुलाकात की बात कर रहा हूं जिसमें प्यार मोहब्बत वगैरह सब कुछ शामिल हैं और जो दो दिन कि अन्दर-अन्दर ही हुई।
“ओफ्फोह........। आप तो बड़ी गम्भीरता से अपनी ज्योतिष विद्या का प्रयोग करने लगे ।” उसने यह बात सुनी तो जरा चौंककर बोला थां
“जी हां। और यह प्रार्थना भी कर दूं कि ये बाते में ज्योतिष विद्या के आधार पर नही कह रहा हूं। बल्कि अपनी जनरल नॉलिज के आधार पर कह रहा हूं।"
"जनरल नॉलिज.....।" डॉक्टर जय ने हैरानी से उसके शब्द दोहराए।
एक क्षणा के लिए उसके चेहरे पर घबराहट के भाव प्रकट हुए, लेकिन अगले ही क्षण उसने अपने आप पर काबू पा लिया। शायद उसे खौफ हो गया हो कि कहीं राज उसका राज तो नहीं जान गया। इसलिए उसने बड़ी बेचैनी से पूछा।
"हालांकि मतलब तो बिल्कुल साफ है।" राज ने जरा व्यंग्स से कहा-'अच्छा ठहरिये। इस तरह शायद आप समझ नही सकेंगे। मैं सबूत ही क्यों न पेश कर दूं?"
कह कर राज उठा और ड्रेसिंग टेबल पर से वो रूमाल उठा लाया और डॉक्टर जय को दिखा कर बोला
“देखिये डॉक्टर साहब, आपकी ताजा मुलाकात का अन्दाजा मैने इसी रूमाल से लगाया है। अभी-अभी जब आए बागीचे में थे तो मैंने कमरे में एकांत से उकताकर कमरे का जायजा लेना शुरू कर दिया था। इत्तेफाक से मुझें ड्रेसिंग टेबल पर यह रूमाल रखा हुआ मिला गया, जिस पर लगे लिपस्टिक के धब्बे इस बात का सबूत हैं कि किसी रूप सुन्दरी के होंठों की लाली आपके प्यासे होंठों ने चुराई होगी और उसी हसीना ने बाद में आपकों होंठ साफ करने के लिए यह रूमाल पेश किया होगा।"
वो राज को धूर रहा था। राज बोला
"अब बताइए, मेरी जनरल नॉलिज किसी ज्योतिषी से कम हैं क्या ?"
रूमाल राज के हाथ में देखकर एक बार फिर पल भर के लिए डॉक्टर फौरन ही वो फिर सम्भल गया। राज की बात खत्म हो जाने के बाद उसने एक लम्बी चैन की सांस ली और आराम से मेज पर टांगें फैलाता हुआ बोला
"ओह........ । इस रूमाल की बात कर रहे हैं आप ? मैने सोचा, न जाने क्या नॉलिज हो गई हैं आपकों........।'
"अच्छा, आप सच-सच बताइए, क्या मेरा अन्दाजा गलत हैं?
क्या इस रूमाल पर लिपस्टिक के धब्बे आपके जोशीले चुम्बनों की कथा नहीं कह रहे ?"
'बेशक, आपका अन्दाजा एकदम सही है।' डॉक्टर जय ने सहमति से सिर हिलाते हुए कहा- 'मैं हाल ही मैं अपनी प्रेमिका से मिला हुं और हमने प्यार भी किया था, लेकिन यह रूमाल जो आपके हाथ में हैं, वो न मेरा हैं ना ही मेरी प्रेमिका का।"
"मैं कैसे यकीन कर सकता हूं ?" राज बोला, “जबकि मैं अच्छी तरह जानता हूं कि आपकी इस कोठी में कोई औरत नही रहती हैं जो ऐसी कीमती रूमाल इस्तेमाल कर सकती हो और इस तरह खुले दिल से लिपस्टिक बर्बाद करती हो।
“ज्यादा बड़ें जासूस बनने की कोशिश मत करो मेरे दोस्त । यह काम बहुत मुश्किल है।” डॉक्टर जय ने इस तरह मुस्कराकर कहा, जैसें राज की बाते मूर्खतापूर्ण वहम पर आधारित हों
"में सच कह रहा हूं। यह रूमाल मेरा या मेरी प्रेमिका का नही हैं बल्कि यह रूमाल मिसेज ज्योति का हैं, वो ही इसे पिछले हफ्ते यहां भूल गई थी, गलती से। इसे मैंने कल इसलिए इस्तेमाल कर लिया था क्योंकि उस वक्त मुंह साफ करने के लिए और कोई साफ कपड़ा नही मिला था। नौकरो की अर्थपूर्ण मुस्कराहटों से बचने के लिए रंगे हुए होंठ साफ कर लेना बहुत जरूरी था।
सच पूछो तो इन फैशनेबल औरतों से मिलने पर मुझें उलझन ही होती हैं कि कमबख्त लिपस्टिक इतनी ज्यादा थोप लेती हैं कि अगर कोई जल्दबाजी में किस करे तो लिपस्टिक इश्तहार बन जाती हैं, उधर उनका खूद का चेहरा लुटा-पिटा नजर आने लगता है। इधर हम होते हैं कि होठ रगड़ते फिरते है।"
वो खामोशी हुआ तो राज ने पूछा
“क्या वाकई यह रूमाल ज्योति भाभी का हैं ?"
“आपको मेरे जवाब पर शक क्यों हैं ?" उसने अपनी तेज आंखों से राज के चेहरे को देखा- “वाकई यह रूमाल मिसेज सतीश का है। लेकिन इससे आपके दावे का खण्डन तो नहीं हो जाताा । मेरी प्रेमिका वाकई कल मुझसे मिलने आई थी और यह लिपस्टिक उसी के गुलाबी होंठों पर से मेरे होंठो पर शिफ्ट हुई थी।
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