Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
12-27-2021, 02:04 PM,
RE: Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
मेरे खुले सीने पर ब्लाउज के बीच से झांकते मम्मो के उभारो को देख उसकी आँखों में एक चमक सी आ गयी थी और उसकी मुस्कान और चौड़ी हो गयी। मैंने अपनी साड़ी फिर ढक ली। मेरा काम हो चूका था। सिर्फ एक तारीफ़ सुननी थी वो मिल चुकी थी। हालांकि मेरी साड़ी की तारीफ़ हुई थी पर पहनी तो मैंने थी तो देखा जाये तो मेरी खूबसूरती की भी तारीफ़ हो चुकी थी।
राहुल: “चलो अंदर चलते हैं, पार्टी हैं तो पार्टी की तरह एन्जॉय करते हैं। ”
हम दोनों फिर पार्टी वाले हॉल की तरफ बढ़ने लगे और मैंने रास्ते में फिर अपना पल्लू दूसरे कंधे पर डाल अपना सीना और पीठ फिर ढक ली दूसरे लोगो के लिए। साथ ही साड़ी खिंच पकड़ अपनी पतली कमर को भी ढक लिया।
अंदर तेज संगीत में सब लोग नाचने और पीने में लगे थे। राहुल को भीड़ में फिर किसी ने पकड़ लिया और हम बिछड़ गए। मुझे वैसे भी सब कुछ मिल गया था जिसके लिए यहाँ आयी थी। वहा काफी कपल्स नाच रहे थे और मैं सोच रही थी काश मेरा पति अशोक यहाँ होता तो मैं भी उसके साथ नाच पाती।
मैं थोड़ा दूर खड़े ही उन लोगो को नाचते हुए देख रही थी कि पीछे से राहुल आकर मेरे पास खड़ा हो गया। मैं उसकी तरफ देख मुस्कराते हुए उसके लिए थोड़ी जगह बनाई। उसने कुछ कहा पर संगीत के तेज शोर में कुछ सुनाई नहीं दिया तो मैंने उसको इशारे में बोल दिया कुछ सुनाई नहीं दे रहा।
उसने अपना मुँह मेरे कान के पास ला बोलना शरू किया। पहली बार राहुल मेरे इतना करीब आया था। उसके मुँह से निकलती गर्म साँसे मेरे कान और गले को छू रही थी और मैं जैसे एक नशे में जा रही थी। वो मुझ अपने साथ नाचने के लिए कह रहा था। मैं हँसते हुए मुँह खोल उसकी तरफ देखती ही रह गयी।
क्या ये वही राहुल हैं जो ऑफिस में मेरी तरफ देखता भी नहीं और यहाँ मेरे साथ नाचना चाह रहा हैं। कही मेरा जादू इस पर चल तो नहीं गया। उसकी तरफ अचम्भे से देखते हुए मेरे मुँह से शब्द भी नहीं निकले और सिर्फ मेरी आँखों और चेहरे के हाव भाव ने हां बोला।
उसने अपना हाथ मेरी तरफ बढ़ाया। आजतक उसने मुझसे हाथ तक नहीं मिलाया था और आज मैं उसे पहली बार छूने जा रही थी। उस वक्त मेरे दिल में घंटिया बजने लगी थी। मेरा हाथ उसके हाथ में छूते ही तो जैसे बिजली सी गिर गयी थी मुझ पर।
वो मेरा हाथ पकड़ मुझे थोड़ा आगे ले आया और मेरा हाथ अपने कंधे पर रख दिया और खुद का हाथ मेरी कमर पर लपेट दिया। मेरी पतली कमर पर उसके हाथ छूते ही तो मेरी आँखें कुछ क्षणों के लिए बंद हो गयी। एक बिजली का झटका सा लगा और मैं पूरा हिल गयी। आँखें खुली तो मेरे मन में एक अलग ही संगीत बजने लगा।
उसने मुझे कमर से पकड़ अपनी तरफ खिंचा और हमने मुस्कारते हुए एक दूसरे की आँखों में देखा। हम दोनों में से किसी ने भी बहुत देर तक पलकें तक नहीं झपकाई। जैसे एक दूसरे की आँखों में ही खो गए थे। कुछ समय के लिए हम सब कुछ भूल चुके थे।
आज ऊपर वाले ने मेरी इतनी मेहनत का क़र्ज़ जैसे ब्याज सहित चूका दिया था, न सिर्फ तारीफ़ मिली पर वो मुझे छू कर मेरे साथ डांस भी कर रहा था। उसका कमर पर रखा हाथ रह रह कर थोड़ा ऊपर खिसक कर मेरी पीठ पर ब्लाउज को बांधे डोरी को छू रहा था।
डांस करते करते पता ही नहीं चला कब मेरा आँचल मेरे दूसरे से कंधे से निकल गया और आगे से मेरा आधा ब्लाउज साड़ी से बाहर आ थोड़ा मम्मे का उभार नजर आने लगा। उस वक्त मुझे इस चीज की परवाह नहीं थी ।
मुझे पीछे की ओर थोड़ा झुकाते वक्त उसका एक हाथ मेरी कमर और दूसरा मेरी नंगी पीठ पर था और वो अपने दोनों हाथों से मेरे कोमल बदन को महसूस कर सकता था।
हम दोनों के चेहरे सिर्फ कुछ इंच की दुरी पर थे और मेरे मम्मे उसके सीने से काफी करीब थे। उसने जानबूझ कर अपना सीना मेरे सीने से छुआने की कोशिश नहीं की, हालांकि वो कर भी देता तो आज उसको माफ़ कर देती।
हम दोनों एक दूसरे में इतना खो गए कि याद ही नहीं रहा हम कहा हैं और किस हालत में हैं। जब अचानक संगीत रुका तो पता चला क्या हालत हैं। राहुल ने अचानक अपना हाथ मेरे शरीर से हटा मुझे छोड़ दिया। वो थोड़ा इस बात पर सकपकाया कि वो क्या हैं और क्या कर रहा था।
वो वहा से चला गया उसी दरवाजे से जहा से पहले फ़ोन के लिए गया था। मुझे लगा उसने जो किया उसके लिए थोड़ा शर्मिंदा हैं, क्यों कि ये उसकी आदत में शुमार नहीं था। उसने जो किया उसमे कोई बुरा नहीं था ये बताने के लिए मैं भी उसके पीछे गयी।
वो उसी बालकनी में खड़ा था जहा पहले था। मेरे अहम की इच्छापूर्ति तो हो चुकी थी, पर इस चक्कर में उसके अहम् को शायद चोट पहुंची थी। मेरा काम तो हो चूका तो इस बार मैं अपनी साड़ी अच्छे से ढक कर ही गयी थी। जैसे ही मैं उसके पीछे पहुंची मेरी आहट से वो एक बार फिर मेरी तरफ मुड़ा।
राहुल : “आई एम सॉरी, शायद डांस करते वक़्त मैंने कुछ ज्यादा ही लिमिट क्रॉस कर दी ! ”
मैं: “नहीं, ये तो एकदम नार्मल था। अजीब तो तुम्हारा वहा से एकदम से जाना लगा।”
उसने अपना एक हाथ अपनी आँखों पर फेरा जैसे अपनी भावनाये छुपाना चाहता हो। उसकी आँखें थोड़ी नम सी हो गयी थी
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RE: Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र - by desiaks - 12-27-2021, 02:04 PM

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