Sex Vasna चोरी का माल
02-12-2022, 02:47 PM,
#53
RE: Sex Vasna चोरी का माल
[size=large]तीन पत्ती गुलाब
भाग 38


मीठी
“हओ”

और फिर दूसरे दिन सुबह जब मधुर स्कूल चली गई तो गौरी मेनगेट बंद करके सोफे पर आकर बैठ गई। मैंने प्यार से गौरी को अपनी ओर खींचकर उसे अपनी बांहों में भर लिया।
गौरी ने कोई आनाकानी नहीं की।
मुझे बड़ी हैरानी सी हो रही थी आज पहली बार गौरी ने मेरे होंठों का चुम्बन लेने में पहल की थी।
“गौरी! पिछले 8-10 दिन से तुम्हारे बिना तो यह पूरा घर ही सूना-सूना सा लग रहा था। तुम्हारे आने से रौनक फिर से लौट आई है।”
“मैं भी आपको कित्ता याद किया… मालूम?”
“मैं समझ सकता हूँ.” कह कर मैंने उसे एक बार फिर से चूम लिया और जोर से बांहों में भींच लिया। गौरी तो उईईईई… करती ही रह गई। मेरा लंड पायजामे में उछलने लगा था। उसके गुलाबी होंठों को देखकर अपना लंड चुसवाने को करने लगा था।
“गौरी एक बात बोलूं?”
“हम्म” कहकर गौरी ने मेरी नाक को चूम लिया।
“तुमने अगर वो मुहांसों की दवा नहीं ली तो ये मुहांसे फिर से हो जायेंगे.” मैंने हंसते हुए कहा।
मुझे लगा गौरी जरूर ‘हट’ बोलेगी और फिर मैंने उसके नितम्बों की खाई में हाथ फिराना चालू कर दिया।
“अब मुझे मुंहासों का कोई फिक्र नहीं है.”
“ऐसा क्यों?”
“मुझे अब कौन सी शादी करवानी है?” कहकर गौरी जोर-जोर से हंसने लगी थी।
“ओह…”
“गौरी क्या तुम्हारा मन प्यार करने और करवाने का बिल्कुल नहीं होता?”
“हट! प्यार करने से थोड़े ही होता है वह तो अपने आप हो जाता है?”
अब मैंने गौरी की सु-सु के पपोटों को पकड़कर भींचना शुरू कर दिया। गौरी की मीठी सीत्कार निकलने लगी।
“गौरी आज मेरा मन बहुत कर रहा है तुम अपने लड्डू को अपने होंठों से प्यार करो.”
“अच्छा जी … मेरे लड्डू को इतने दिनों बाद इन होंठों की याद आई? मुझे तो लगा वह तो मेरे होंठों को भूल ही गया है.”
और फिर गौरी मेरी गोद से उठकर सामने आ गई और मेरे पायजामे का नाड़ा खोल दिया। लंड तो किसी स्प्रिंग की तरह उछलकर खड़ा हो गया। गौरी ने मेरे लंड को कसकर मुट्ठी में पकड़ लिया और पहले तो सुपारे पर अपनी जीभ फिराई और फिर अपने मुंह में लेकर चूसने लगी।
कितने दिनों बाद उसके होंठों और मुंह का गुनगुना सा अहसास महसूस हुआ था। मुंह के अन्दर-बाहर होता लंड तो ठुमके लगाता हुआ मस्त हो गया।
थोड़ी देर चूसने के बाद गौरी ने उठ कर खड़ी हो गई और मुझे धक्का सा देते हुए सोफे पर लेट जाने का इशारा किया। अब गौरी मेरे ऊपर आ गई और अपनी पजामी के उपर से ही अपनी सु-सु को मेरे लंड पर घिसने लगी थी। आज तो गौरी की यह अदा सच में ही दिल फरेब थी।
और फिर उसने अपने इलास्टिक वाली पजामी को नीचे किया और फिर से अपनी सुसु को मेरे लंड पर रगड़ने लगी। लंड जब भी उसके दाने से टकराता उसकी हलकी सी सीत्कार और किलकारी सी गूँज जाती। उसके सु-सु तो रतिरस से लबालब भर सी गई थी।
मैंने उसके नितम्बों पर हाथ फिराना चालू कर दिया- गौरी ऐसे रगड़ने से तुम्हें अच्छा लग रहा है ना?
“किच्च…” कह कर गौरी ने मेरे होंठों को जोर से चूम लिया।
नारी सुलभ लज्जा के कारण स्त्री कभी भी खुलकर अपनी इच्छा को प्रकट नहीं करना चाहती। यह तो उसके हाव भाव और अदाओं से ही समझना होता है।
“गौरी प्लीज… बताओ ना?”
“हट! मुझे शर्म आती है।”
मैं गौरी के नितम्बों की खाई में हाथ फिराता जा रहा था। अब मैं अपनी एक अंगुली उसकी गांड के छेद पर भी फिराने लगा था और साथ में उसके बूब्स भी चूसने चालू कर दिए थे। अब तक गौरी ने अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी सु-सु में सेट कर लिया था और अपने नितम्बों को ऊपर नीचे करने लगी थी।
“आपको एक बात बताऊँ?”
“हओ”
“वो… अंगूर दीदी है ना?”
“हम?”
“कई बार वह बहुत बेशर्म और गन्दी बातें करती है.”
“कैसे?”
“पता है क्या बोलती है?”
“क्या?”
“वो… वो… बोलती है मरद के मुंह पर अपनी सु-सु रगड़ने में बहुत मजा आता है?”
“हा… हा… हा… वो अपने आदमी के मुंह पर रगड़ती है क्या?”
“मुझे क्या पता? मुझे तो उन्होंने उस सुहागरात वाली रात को बताया था।”
“हम्म… और क्या बताया?”
“और … और …” कहते हुए गौरी फिर से शर्मा गयी।
इस्स्स्सस…
“यार अब बता भी दो? एक तो तुम बेवजह शर्माती बहुत हो.” कहकर मैंने उसकी कमर पकड़कर अपने नितम्बों को उचकाते हुए एक धक्का लगा दिया।
“वो दीदी बोलती है… कसम से किसी मर्द के मुंह में मूतने का मजा ही कुछ और होता है। जब मूत की धार उसकी चूत से सटी हुई मर्द की जीभ से टकराती है और वो चूत के घुंडी को अपनी जीभ से सहला रहा होता है तो पूरा शरीर रोमांच से गनगना उठाता है।”
“वाह… अंगूर तो फिर खूब मजे करती होगी?”
“वो एक बात और भी बोलती है?”
“क्या?”
“हाय … छर्र-छर्र मूत की धार में लण्ड की तलवार जब अचानक से उसके बहाव को रोकने के लिए चूत में घुस जाए तो कसम से औरत को स्वर्ग जैसे आनंद की अनूभूति होती है।”
“ए गौरी आज हम भी करें क्या?”
“हट! मुझे नहीं करना गंदा काम!”
शायद अंगूर को मेरे साथ बिताए पल बहुत याद आते होंगे। मुझे याद पड़ता है एकबार हम दोनों ने घंटों बाथरूम में नहाते हुए एक दूसरे के गुप्तांगों को चूमा और चूसा था और फिर अंगूर का तो रोमांच के कारण सु-सु ही निकल गया था। आह… उन पलों की याद और कसक आज भी मेरे जेहन में उमड़ती रहती हैं।
“एक बात पूछूं?” गौरी की आवाज मेरे कानों के पास सुनाई दी तब मैं अपने ख्यालों से बाहर आया।
“हओ”
“ये मोरनी कैसे बनती है?”
“मोरनी…? क्या मतलब?”
“वो कालू … भैया … ने उस चिकनी को मोरनी बनाया था ना?”
“ओह… अच्छा वो…? हा… हा… हां…” मेरी हंसी निकल गई।
“गौरी तुम कहो तो आज वैसे ही करें क्या?”
“हट! … मैं तो केवल पूछ रही थी.”
“प्लीज … आओ ना… वैसे ही करते हैं तुम्हें भी बहुत मज़ा आएगा.”
“ज्यादा दर्द तो नहीं होगा ना?”
“अरे नहीं मेरी जान… तुम तो सच में मोरनी की तरह मस्त हो जाओगी. मैं सच कहता हूँ मधुर तो इस आसन की दीवानी है.”
“सच्ची?”
“और नहीं तो क्या!”
गौरी मेरे ऊपर से उठ खड़ी हुई। मैंने अपने कपड़े झट से निकाल दिए और गौरी को भी सारे कपड़े उतारने का इशारा किया। गौरी ने शर्माते हुए अपने पायजामे और कुर्ती को उतार दिया। शर्म के मारे उसने अपने एक हाथ से अपने उरोजों को ढकने की कोशिश की और दूसरा हाथ अपनी सु-सु पर रख लिया।
मुझे अपने नंगे बदन की ओर घूरते हुए देखकर उसने अपनी पीठ मेरी ओर कर दी। याल्लाह… उसके खूबसूरत गोल कसे हुए नितम्बों को देख कर तो मेरा दिल जोर-जोर से धड़कने लगा था। इतने गद्देदार और कसे हुए नितम्ब देखकर तो कोई मुर्दा भी जी उठे।
सच कहता हूँ उसके कसे हुए नितम्बों को देख कर मेरा मन करने लगा था कि उसे सोफे पर अपनी गोद में बैठाकर अपना लंड उसकी गांड में डाल दूं पर इस समय तो उसे मोरनी आसन का फितूर चढ़ा था जिसे पूरा करना जरूरी था।
मैंने झट से सिंगल सीटर सोफे की दोनों गद्दियाँ उठाकर सामने वाले सोफे पर रख दी। अब मैंने गौरी को अपनी गोद में उठा लिया और उसे उन गद्दियों पर लेटा दिया। ऐसा करने से उसके पैर नीचे लटकने लगे। मैंने उसे अपने पैर ऊपर हवा में उठाने को कहा। गौरी ने धीरे-धीरे अपने दोनों पैर ऊपर उठा दिए। अब मैंने गौरी के दोनों हाथों को उसके पैरों के बीच से निकालते हुए उसे कहा कि अपने पैरों को सपोर्ट देने के लिए हाथों से अपने पैरों के पंजों को पकड़ ले।
अब तो उसकी सु-सु के मोटे-मोटे पपोटों के नीचे उसकी गांड का गुलाबी छेद नज़र आने लगा था। सु-सु का चीरा जहां ख़त्म होता है उसके एक डेढ़ इंच नीचे गांड का गुलाबी छेद और उसके चारों ओर हल्का सा बादामी रंग का घेरा सा बना था।
मैंने झुककर पहले तो उसके पपोटों पर अपनी अंगुलियाँ फिराई और फिर धीरे-धीरे उसकी गांड के छेद को सहलाने लगा। और फिर मैंने अपनी जीभ उसके चीरे पर फिराते हुए जैसे हो उसके मूलबंद (पेरीनियम) पर जीभ को फिराया तो गौरी की अति रोमांच के कारण किलकारी सी निकल गई।
मेरा पप्पू तो झटके पर झटके से खाने लगा था। अब मैं खड़ा और एक हाथ से अपने पप्पू को पकड़ कर उसे गौरी की फांकों और चीरे पर फिराने लगा। गौरी की तो मीठी सीत्कारें निकलने लगी थी। चीरा तो पहले से ही रतिरस से लबालब भरा था, पप्पू को अपने गंतव्य स्थान तक पहुँचने में कोई दिक्कत कहाँ हो सकती थी।
मैं सीधा खड़ा था और गौरी के पैर मेरे सीने से होते हुए मेरे कन्धों पर आ गए थे। अब मैंने थोड़ा सा झुककर एक धक्का लगाया। मुझे लगा एक ही झटके में मेरा लंड पूरा का पूरा गौरी के गर्भाशय तक चला गया है।
गौरी की आँखें बंद थी और होंठ लरज से रहे थे। अब मैं धीरे-धीरे धक्के लगाने लगा था। हर धक्के के साथ गौरी के नितम्बों की थिरकन बढ़ाती ही जा रही थी।
हालांकि गौरी अपने नितम्बों से धक्के तो नहीं लगा सकती थी पर उसने अपनी सु-सु का संकोचन जरूर शुरू कर दिया था। उसकी बुर अन्दर से इतनी कस गई थी कि मुझे लग रहा था जैसे किसी ने मेरे पप्पू की गर्दन ही दबोच रखी है। जैसे ही मैं धक्का लगाता उसके नितम्ब थिरकने से लगते और थप्प की आवाज आती और उसके साथ गौरी की मीठी आह… सी निकल जाती।
मैंने अपने हाथ नीचे करके गौरी के उरोजों को पकड़ लिया और उसके फुनगियों को मसलने लगा। इससे तो गौरी का उन्माद तो अपने चरम पर आ गया। अब मैंने एक हाथ से उसकी गांड का छेद टटोला। चूत से निकलता हुआ रतिरस उसकी गांड के छेद को भी गीला करने लगा था।
मैंने अपनी अंगुलियाँ उस छेद पर फिरानी शुरू कर दी और अपनी अंगुली का एक पोर उसकी गांड के छेद में डाल दिया। गौरी थोड़ी सी उछली और उसका शरीर झटके से खाने लगा। मैंने अपने धक्कों की तीव्रता बढ़ा दी और उसके साथ ही गौरी की किलकारी पूरे हॉल में गूँज उठी।
‘आआऐईई ईईईईई … मैं तो गईईईईई … आह… मेरे सा…जा…न्न…’
शायद गौरी को परमानन्द मिल गया था।
कहानी जारी रहेगी.
Reply


Messages In This Thread
RE: Sex Vasna चोरी का माल - by desiaks - 02-12-2022, 02:47 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,479,505 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 542,059 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,223,470 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 925,033 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,641,691 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,070,525 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,933,778 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,999,619 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,010,394 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 282,844 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)