Antarvasna Sex Story - जादुई लकड़ी
04-30-2022, 11:48 AM,
#16
RE: Antarvasna Sex Story - जादुई लकड़ी
अध्याय 14

मैंने सोचा नही था डॉ का ग्रुप इतना संगठित होगा,मेरा प्रिंसपल भी इसका सदस्य था,मेरे एग्जाम होने वाले थे और मेरे ऊपर टेस्ट शुरू हो चुके थे,चन्दू का पता नही था लेकिन उसे ढूंढने की पूरी कोशिस जारी थी वही वकील साहब के घर से लॉकर की चाबी मिल चुकी थी ,साले ने उसे कॉन्डोम के डिब्बे में छिपा के रखा था,काजल के आदमी को बाकायदा उसकी बीवी को पटाने और उसके साथ रात गुजरने के लिए नियुक्त किया गया था ताकि वो घर में घुसकर चाबी का पता लगा सके ,मजे की बात ये थी की बीबी ने जब कॉन्डोम का डिब्बा खोला तो वो वही मिल गया ...और मजे की बात ये भी थे की डागा गैंग ने सारा घर छान मारा था लेकिन उस डिब्बे को छोड़ दिया था…..

हमारे पास वसीयत थी जिसे मेडम ने हिफाजत से रख लिया था उसकी एक कॉपी मुझे दी गई थी जो मेरे कमरे में सुरक्षित थी ,इसे अभी क्लेम करने से मना किया गया था क्योकि चन्दू बीच में आकर आधी प्रोपर्टी पर हक जमा सकता था क्लियर था की चन्दू के साथ वही करना होगा जो वो मेरे साथ करना चाहता था …

दवाइयों की टेस्टिंग से मेरे अंदर कुछ परिवर्तन आने लगे थे,जैसे मेरे मसल्स तेजी से बढ़ रहे थे,आवाज भारी हो रही थी ,एक महीने में ही मैं एक मुस्कन्डा दिखाने लगा था ,साथ ही साथ मेरे अंदर ऐसे मानसिक चेंज भी आ रहे थे जो किसी को नही दिखते थे,लेकिन टेस्ट करने पर पोसिटिव रिजल्ट ही था…….

बहुत मुश्किल से सही लेकिन निशा और रश्मि को अपने हवस से दूर ही रखा था क्योकि अभी तक ये मुझपर हावी नही हुए थे,निशा को मैंने अपने साथ सोने से सख्त मना कर रखा था वो मुझसे गुस्सा भी थी लेकिन अभी मैं उसके साथ कुछ नही करना चाहता था कम से कम जब तक टेस्ट पूरे ना हो जाए...रश्मि को दूर रखना आसान ही था…

लेकिन ,मेरी नजर शबीना और कांता पर टिकी थी ,काजल के लोग के अलावा मैंने पिता जी से कहकर कुछ सिक्योरिटी के लोग भी एक्सट्रा ला लिए थे,घर के किसी नॉकर को बाहर जाने की सख्त मनाही कर दी थी ताकि कांता और शबीना और अब्दुल भाग ना जाए,उनके अलावा बस एक नॉकर जो की मेरा ही आदमी था वंहा बिठा दिया था जो बाहर से समान लाने का काम करता था,ये सब घर वालो को अजीब लग रहा था लेकिन मेरे पिता को इससे कोई प्रॉब्लम नही थी ,बात ऐसी थी की मैंने वसीयत की एक कॉपी उनके डेक्स में रखवा दी थी ..

उन्हें पता था की मैं पूरी दौलत को क्लेम करने वाला हु ,और उसके बाद उनके पास कुछ भी नही रह जाएगा …

मैंने उनसे कुछ भी नही कहा ना ही माँ से कुछ कहा लेकिन पिता जी को मेरे हावभाव से समझ जरूर आ गया था की अब से इस घर का मालिक मैं हु ना की वो …….और वो मुझसे उलझना नही चाहते थे,ना ही मैं ये चाहता था …….

पूरा महीना हो चुका था और मेरे सेक्स की आग बढ़ने से मुझे बहुत परेशानी हो रही थी ,मैं हिलाना भी नही चाहता था ..

एक दिन मैंने अपनी सील खोलने की ठान ली ,लेकिन समस्या थी की किस्से शुरुवात की जाए क्योकि मैं जानता था की एक बार शुरू हो गया तो मेरे लिए रुकना मुश्किल होने वाला है,इसीलिए मैंने अभी तक इसे सम्हाल कर रखा था….

मेरे दिमाग में पहला नाम आया रश्मि का साथ ही निशा भी तो बेताब थी ,लेकिन मै दोनो के साथ नही करना चाहता था कारण था की दोनो ही कुँवारे थे और मैं इतनी ताकत के साथ उनके साथ कैसा व्यवहार करूँगा मुझे खुद नही पता था ,मुझे कोई एक्सपीरियंस चाहिए था……

और दुश्मन की माँ से ज्यादा अच्छा कौन हो सकता है ,ऐसे भी मैं साले की माँ चोदना चाहता था क्यो ना असल जिंदगी में भी उसकी माँ चोदी जाए……

लेकिन कैसे ..???

जबदस्ती ????

नही यार ये मुझसे नही होगा …..

फिर मेरे दिमाग में एक क्लिक हुआ ...

और मैं एक शाम अपने पार्किंग में गया …

वंहा पापा नही थे लेकिन कांता और शबीना मौजूद थे शायद पिता जी का ही इंतजार था,मैं उस कमरे की खिड़की के पास ही खड़ा था की पिता जी आते हुए दिखे मैं उनके पास चला गया ..

“आप यंहा ..”

वो मुझे देख कर हड़बड़ाए..

“हा वो कार कार लेने आया था वो काम से बाहर जाना है “

“लेकिन आपकी कार तो बाहर ही खड़ी है…”

“नही वो ये वाली कार उन्होंने वंहा खड़ी एक कार की ओर इशारा किया “

“हम्म तो जाइये ले जाइये “

उन्होंने अजीब निगाहों से मुझे घूरा लेकिन बिना कुछ बोले उस कार में जाकर बैठ गए जिसे उन्होंने पता नही कितने सालो से नही चलाया था ...उनके जाने के बाद मेरे होठो में मुस्कान आ गई,और मैंने सोचा क्यो ना लकड़ी का यूज़ करके देखा जाए,मैंने उस दिन के बाद से फिर कभी इसका उपयोग नही किया था लेकिन अब मुझे उसके जैसी मिलती जुलती दवाइयों की आदत हो गई थी,और शरीर भी लगभग तैयार ही था…..

मैंने लड़की निकाली और उसे चूस लिया…..

ऐसा लगा जैसे पूरे शरीर में कोई करेंट सी दौड़ रही हो ,मेरे नशो में खून नही करेंट सा दौड़ाने लगा था,ये अहसास पहले हुए अहसास जैसा नही था,मुझे कोई डर नही लग रहा था बस अजीब सा मजा आ रहा था...मेरे सामने सब कुछ थोड़े देर के लिए रंगीन सा हो गया,मुझे एक ड्रग्स की याद आयी जो मुझे टेस्टिंग में खिलाया गया था क्योकि कुछ ड्रग्स जो लोग नशे के लिए खाते है उन्हें भी खिला कर उनके नशे की जानकारी मुझे दी गई थी और ये भी बताया गया था की उसे कैसे हेंडल करना है...मुझे वैसा ही कुछ फील हुआ ,चारो तरफ जैसे रंगीन कार्टून चल रहा हो,मैं उस कमरे तक पहुचा,उन्हें देखकर मुझे कार्टून कैरेक्टर सविता भाभी की याद आ गई..मैं जोरो से हंसा ..

“अरे बेटा तुम ..”वो चौकी थी लेकिन मेरा ध्यान कांता के साड़ी से झांकते बड़े बड़े वक्षो पर जा टिका था ..

“हा आज पापा नही आएंगे तो उनके जगह उन्होंने मुझे भेजा है “

“क्या???”

वो दोनो चौक गई

मेरा गाला थोड़ा सुख रहा था मैंने पास रखी पूरी बोतल ही पी ली अब मुझे थोड़ा सामान्य सा लगा ,कार्टून वाली फाइलिंग अब जा चुकी थी ,लेकिन साला उनके वक्षो के उभार देखकर मेरा लिंग पूरी ताकत से खड़ा हो गया था ,ऐसा लग रहा था जैसे मैंने यंहा आकर गलती कर दी ,निशा या रश्मि पर ही ट्राय करना था अगर ये मुझे नही दी तो लग जायगा ,क्योकि मैं पागल हो रहा था और मेरा लिंग ऐसे तना था की अगर कुछ देर और हो गई तो शायद ये फट ही जाएगा ,नशे तन गई थी ..मुझसे और बर्दास्त नही हुआ और मैंने अपने शार्ट और अंडरवियर को उतार नीचे फेक दिया,अब मेरा लिंग पूरे सबाब में उनके सामने झूल रहा था,वो आंखे फाडे उसे ही देख रही थी ,वो थोड़ा धनुषाकार ऊपर को मुड़ा हुआ था और उसके शिर्ष पर मेरा अन छुवा सूपड़ा मसरूम जैसा दिखाई दे रहा था…

उन्होंने अपनी थूक अपने गले के अंदर की ..

“बेटा ये क्या कर रहे हो “हिम्मत करके शबीना ने कहा

“अरे माँ चूदाये बेटा...साली जल्दी से इसे मुह में लो देख नही रही हो कैसे गर्म हो रहा है ये थोड़ी देर और हुई तो फट जाएगा ,और आज से तुम मेरे बाप की नही मेरी रांड हो क्योकि अब इस घर का मालिक वो नही मैं हु ..चलो जल्दी वरना नंगा करके बालो से खिंचता हुआ घर से बाहर निकालूंगा ..साली कमिनियो मुझे घर से निकालने के लिए आई थी ना तुम लोग ..”

उन दोनो के चहरे फक्क पड़ गए थे वो अवाक से मुझे ही देख रहे थे...असल में मैंने भी ये नही सोचा था की मैं इनसे ऐसे पेश आऊंगा लेकिन पता नही इस साले लकड़ी के टुकड़े को डॉ ने कौन सी दवाई में डूबा कर बनाया था एक अजीब सा उन्माद मेरे अंदर आ गया था …

वो डर कर कापने लगी ..

“डरो मत मेरी बात मानो मैं कुछ नही करूँगा ,ऐसे भी मेरा लिंग मेरे बाप से बड़ा ही है तुम्हे मजा आएगा ...है ना ..”

उन्होंने हा में सर हिलाया…

कांता झुकी और अपने घुटनो के बल बैठ गई ...उसने मेरे लिंग को अपने हाथ में थाम लिया जो की उसके दोनो हाथो से भी बाहर था ..

“बाप रे ये तो आजतक का सबसे बड़ा लौड़ा है जो मैंने देखा है और वो भी इतना तना हुआ “

वो ललचाई आंखों से देखने लगी और फिर मेरे सुपडे के ऊपर की चमड़ी जिसे मैंने आज तक नही हटाया था उसे हटाने की कोशिस करने लगी ..

“आह..’

मुझे एक तेज दर्द हुआ

“अरे ये तो बिल्कुल ही अनछुआ है रे..’

कांता ने खुश होकर शबीना को बताया दोनो के मुह से जैसे लार ही टपक गया था ,

“तो कौन सील तोड़ेगा “

दोनो ने एक दूसरे को देखा

“तू साली रांड “

मैंने कांता के सर को पकड़कर उसे अपने लिंग के पास टिका दिया उसने भी अपने होठो को खोलकर बड़े ही प्यार से उसे चूसना शुरू किया और अपने थूक से भिगोकर मेरी चमड़ी को धीरे धीरे पीछे करने लगी ,थोड़ी देर में चमड़ी पूरी तरह से पीछे हो गई थी ,मुझे थोड़ा दर्द भी हुआ लेकिन उस मजे के सामने उस दर्द की कोई औकात नही थी ...मैंने शबीना को इशारे से अपने शार्ट को देने बोला और उसकी जेब में रखा अपना मोबाइल निकाल लिए और कांता की फ़ोटो उतारने लगा ..

“नही बेटा”

उसने मुह हटाया ही था की मैंने फिर जोरो उसके सर को दबा दिया

“मैं तेरा मालिक हु तू नही समझी जो चाहे करूँगा “

वो समझ चुकी थी की उसकी एक नही चलने वाली ,उसने फिर से लिंग की चुसाई शुरू कर दी ...मैं आनन्द के सागर में गोते लगा रहा था ,मुझे नही पता था की ये भी एक मजा है लेकिन सच कहु तो मुझे इतना आनन्द मिल रहा था की मुझे लगा मैं इसका एडिक्टेड ही हो जाऊंगा ,इसके सामने दुनिया की सारी दौलत और ताकत झूठी मालूम होने लगी थी …

मेरी आंखे बंद थी और वो चूसे जा रही थी एक समय ऐसा आया की वो थक गई ,अब मैं उसके सर को पकड़े जोरो से आगे पीछे कर रहा था,उसके मुह से गु गु की आवाज आने लगी ..

वो मेरे पैरो को मार रही थी लेकिन मुझे कोई फर्क नही पड़ रहा था,बल्कि उसे तड़फता देख मुझे और भी मजा आया मैंने उसका एक वीडियो भी बना लिया था ..

“बेटा बस भी करो मर जाएगी ये, सांस नही ले पा रही है ..”

शबीना आगे आकर बोली..मैंने कान्ता को छोड़ दिया था वो खांस रही थी ...उसके मुह से लार टपक रहा था और वो अपनी सांसे लेने की कोशिस कर रही थी ..

“चल जान अब तू आज “

मैं जाकर बिस्तर में लेट गया और शबीना की ओर इशारा किया ..

वो मुस्कराते हुए मेरे पास आयी और अपनी साड़ी उतार कर एक ओर फेक दिया ..

“चूस इसे कपड़े मत उतार..’

मेरी आंखे आधी बन्द हो गई थी जैसे मैं नशे में था..

“बेटा मैं तो तुझे अपने जन्नत की सैर करवाना कहती हु और तू फिजूल चीजो में लगा है “उसने बहुत ही इठलाते हुए कहा

अपने हाथो से उसने मेरे लिंग को थोड़ा मसला और अपने पेटीकोट का नाडा खोलकर मेरे ऊपर आकर बैठ गई …….

शबीना काकी ने अपने हाथो से मेरे लिंग को अपनी भीगी योनि में प्रवेश करवाया ……

“वाह...वाह ..”

मैं आनंद के उस अनुभव को बयान नही कर पाऊंगा की मुझे कितना आनंद उस मिलन से मिल रहा था ,

“आह बेटा तूने तो मुझे पूरा भर दिया फिर भी तू अभी बाकी है ..”

शबीना की आह आयी उसने मेरे लिंग को पूरा अपने अंदर नही लिया बल्कि थोड़ा सा उठकर अपने कमर को नीचे किया ..

“आह मादरचोद ये क्या मजा है ,मैं पागल हो जाऊंगा “

मैं आनंद के अतिरेक में रो सा पड़ा था और शबीना की कमर को पकड़कर जोरो से नीचे धक्का दे दिया..

“हाय मार डाला ,आदमी हो की शैतान हो ,सांड की आत्मा आ गई है क्या तुम्हारे अंदर साला घोड़े का लंड ले के आ गया है और हमारी फाड़ रहा है,”

शबीना के आंखों में आंसू आ गए थे जिसे देखकर मुझे बहुत मजा आया,मेरे कमर को नीचे करने से अचानक ही मेरा पूरा लिंग उसके योनि के अंदर समा गया था ….मुझसे अब रुका नही जा रहा था ,मैं उसके कमर को पकड़ कर जोरो से ऊपर नीचे करने लगा साथ ही अपने कमर को भी ऊपर उठा उठा कर उसे धक्के मारने लगा लेकिन उसकी फ़टी तब जब मैंने उसे अपने नीचे लिटा लिए और उसके पैरो को पूरी तरह से फैला दिया ,मेरा पिस्टन चालू हो चुका था ,जो किसी सुपरफास्ट जैसे चल रहा था ,..

“आह दाई मार डाला साले ने आह ...रुक जा कमीने रुक जा इतना तो तेरे बाप ने आजतक नही चोदा..है भगवान बचा ले मुझे..”

शबीना ना जाने क्या क्या बोल रही थी,ऐसे उसकी योनि का रस भी चूह रहा था जिससे फच फच की आवाजे तेजी से निकल रही थी लेकिन फिर भी जब जब मैं अपने पूरे ताकत से धक्का लगता वो उछल सी जाती, वही कान्ता ये सब आंखे फाड़े देख रही थी ..

मैंने उसे इशारे से अपने पास बुलाया और उसके बालो को खीचकर उसे अपने नीचे लिटा लिया मैंने उसके होठो में अपने होठो को डाल दिया और जोरो से चूसने लगा ,मैं उसके होठो को मानो खा ही जा रहा था…

“माँ….आआआआआआहहहहहहह “

चीखते हुए शबीना शान्त हो गई उसने कांता के बालो को जोरो से खींचा था ,अब वो मुर्दो जैसी हो गई थी लेकिन,पूरी योनि इतनी गीली थी जैसे अभी अभी उसने यंहा पेशाब कर दिया हो ,मैंने पढा था की इसे लड़कियों का ओर्गास्म कहते थे,हिंदी में चरम सुख..

“अब मेरी बारी..”

कान्ता जैसे ललचाई सी बोल उठी ..

“क्यो नही मादरचोद “

मैं शबीना के ऊपर से उठकर कान्ता के ऊपर चढ़ गया वो अब तक पूरी नंगी हो चुकी थी जबकि शबीना ने बस अपना पेटीकोट ही निकाला था ..मैं उसके योनि में अपने हाथो से ही लिंग का प्रवेश करवाया ...मैं भी अब तक थोड़ा शांत हो चुका था ,मैंने फिर से उसके कुछ फोटो लिए इस बार उसने कोई भी विरोध नही किया जबकि उसने मेरा साथ ही दिया …

धक्के लगाते लगाते दोनो को मैंने दो बार झडा दिया था लेकिन साला मेरा निकलने का नाम ही नही ले रहा था,वो दोनों भी पस्त किसी मुर्दे की तरह हो चुकी थी ,..

“बेटा माफ कर दो हमे ,अब नही ले पाएंगे “

शबीना ने हाथ जोड़ते हुए कहा …

मुझे भी उनपर दया आ गई ,लेकिन अब इसका क्या करू ये साला तो मुझे पागल बना देगा ..मैंने खड़े लिंग को देखा वो इन दोनो के कामरस के पूरी तरह से भीग चुका था और चमक रहा था ,इसकी शोभा इसका शिरमौर मेरा लाल सूपड़ा लग रहा था...मैंने इसकी भी एक फोटो उतार ली ..और काजल मेडम को फोन लगा दिया

“राज क्या हुआ सब ठीक तो है ना “

“मेडम मैं पागल हो जाऊंगा कुछ करो “

“क्या हुआ ??”

वो चिंतित हो गई

“पिछले दो घण्टो से मेरी माँ की उम्र की 2 रांडो को रगड़ रहा हु वो थक गई लेकिन मेरा निकल नही रहा है मैं पागल हो गया हु,कही इन दोनो को कर कर के मार ना डालु..”

मेरी बात सुनकर वो तुरंत बोल उठी

“तुम धंधे वाली के पास गए हो …????”

“अरे नही पहचान की औरते है,चन्दू की माँ और उसकी सहेली ..”

“हे भगवान “

मेडम जोरो से हँसने लगी थी ..

“मेडम प्लीज हँसने का वक्त नही है ,मैं पागल हो जाऊंगा..”

“ओके ओके जाओ और नीबू चुसो फिर ट्राय करना “

“ओके..”

तभी मुझे एक आइडिया आया ,

चन्दू अपना मोबाइल बंद रखे था,लेकिन उसका ईमेल आईडी मेरे पास था,मैंने सारे फ़ोटो और वीडियो उसे सेंड कर दिया साथ ही एक मैसेज भेजा…

'इस चुद को पहचान, इसी चुद से तेरा जन्म हुआ है,और इस लौड़े के पहचान इसका ही तू कभी मजाक उड़ाया करता था,आज यही लौड़ा तेरी माँ के चुद के रस से चमक रहा है…

कहा छिपा बैठा है बे कायर मादरचोद ,तू बिल में छिपा बैठा रहा और मैं यंहा तेरी माँ को रोज किसी सस्ती रांड की तरह चोदूगा'

मेरे होठो में एक मुस्कान आई जब मैंने सेंड का बटन दबाया...

मैं नीबू लेने के लिए अपना शार्ट पहन कर निकला ही था की मेरी नजर निशा पर पड़ी उसकी आंखें आंसुओ से भरी थी …….
Reply


Messages In This Thread
RE: Antarvasna Sex Story - जादुई लकड़ी - by desiaks - 04-30-2022, 11:48 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,459,004 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 539,675 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,215,198 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 918,901 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,628,883 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,061,073 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,917,068 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,945,305 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,988,707 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 280,883 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)