RE: गुलाबो
करीब तीन घंटे बाद हम लोग अपने गांव के घर पर थे । पिताजी ने दरवाजा खोला, उन्होंने ऊपर से नीचे मुझे भरपूर नज़र से देखा, चूंकि वो मुझे पहले भी इस रूप में देख चुके थे, उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
पांऐ लागू भाई साहब... चाचा ने पिता जी के पैर छूते हुए कहा।
जीता रह छोटे खूब खुश रह । पिताजी चाचा जी को आशीर्वाद देते हुए बोले।
नमस्ते पिताजी... कहते हुए पिताजी के पैर छूने झूकी।
जीती रह .. पिताजी ने मेरी पीठ पर हाथ फेरते हुए कहा, मेने महसूस किया उन्होंने हल्के से मेरा कूल्हा भी सहला दिया।
मगर भई, अब मैं तेरा पिता नहीं बल्कि तेरा जेठ हूं .... पिताजी हंसते हुए बोलें... ओर हां अब तू मुझ से घूंघट काढ़ ले कहीं बाद में संग्राम शिकायत करें भाई साहब ये क्या कर दिया। कहते हुए पिताजी ने जोर से ठहाका लगाया।
फिर हम लोग अंदर बैठक में आ गये ... आजा मेरे बच्चे कहते हुए अम्मा ने मुझे अपनी बाहों में भर जोर से दबोच लिया मेरा मुंह उनके अति विकसित स्तनों में घुसा जा रहा था। पिताजी ने उन्हें मेरे बारे में शायद सब बता दिया था इसलिए उन्हें मेरे नारी रूप से कोई आश्चर्य नहीं हुआ।
तू ठीक तो है अम्मा ने पूरे शरीर को टटोलते हुए पूछा।
में बिल्कुल ठीक हूं और मजे में हूं, आप बिल्कुल चिंता ना करें : मेंने हंसते हुए कहा।
चिंता कैसे ना करूं, आखिर तेरी मां हूं... मां ने मेरा मूंह चूमते हुए कहा।
तभी चाचा ने कमरे मे प्रवेश किया.... भाभी पांऐ लागूं ... चाचा अम्मा के पांव छूते हुए बोले।
आओ देवर जी कैसे हैं आप? हमारी छुटकी का पूरा ख्याल तो रखते हैं ना , मां के चेहरे पर कामुक मुस्कान तैर रही थी।
बस भाभी देख लो सब आपके सामने ही है , बस आपका आशीर्वाद चाहिए। चाचा ने मुस्कराते हुए कहा।
छोड़ो देवर जी , अब आप हमारा आशीर्वाद कहां लेते हो , हम तो हमेशा तैयार रहते हैं अपना आशीर्वाद देने के लिए आप ही नहीं आते ... मां ने कामुक मुस्कान चेहरे पर लाते हुए कहा। मां बेबाकी से हम दोनों के सामने द्विअर्थी बात कर रही थी। जिसे सुनकर दीदी मुस्करा रही थी , और में परेशान थी।
चल छोटी इनको बात करने दे, अपन तो दूसरे कमरे में चलते हैं। दीदी मेरा हाथ पकड़ कर मुझे खींचती हुई दूसरे कमरे में ले गई , कमरे में पहुंचते ही दीदी ने दरवाजा बन्द कर लिया और मुझे कस कर बाहों में भर लिया।
यार छुटकी तेरा शरीर कितना गदरा गया, तू तो बहुत सेक्सी हो गई यार , अगर मेरे लंड होता तो तुझे यहीं पटक कर चोद देती.... दीदी मेरे नितंबों को बुरी तरह मसल रही थी।
यार दीदी ये क्या हो रहा है, लगता है सब की नियत मेरे पर खराब हो रही है। अम्मा ने भी बांहों में दबोच कर चूतड सहला दिए थे , पिताजी ने भी पीठ पर हाथ फेरते हुए कूल्हों पर हाथ फेर दिया था, और कह रहे थे कि में तेरा पिता नहीं जेठ हूं, मुझसे घूंघट किया कर , कहीं बाद में पछताऐ.... मेंने हैरान होते हुए कहा।
छोटी अगर बापू ने ऐसा कहा है ना , तो यकीन कर देर सबेर बापू अपने नौ इंच के मूसल से तेरी रगड़ाई जरूर करेगा ..... दीदी ने मुस्कराते हुए कहा।
हाय दीदी आप कैसी बात कर रहीं हैं... मेंने आश्चर्य से पूछा।
सही बता रही हूं छोटी , बापू गांड़ का बहुत बड़ा चोदूं है, मेंने देखा है किस बुरी तरह से अम्मा की गांड़ मारता है .... अम्मा जैसी चुद्दकड औरत की भी चीखें निकल जाती है... अम्मा को घोड़ी बना कर उसके मोटे कूल्हे व कमर पकड़ कर गांड़ में जंगली दरिंदों की तरह धक्के मारता है मां चीखती रहती है मगर जब तक अपना पानी से मां की गांड़ में भर ना दे ,छोड़ता नहीं है... दीदी ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा।
और तो और जब कभी ताऊ जी मुम्बई से आते हैं वो भी अम्मा की गांड़ ही मारते हैं... मेंने देखा है, बापू और ताऊ दोनों मिलकर किस तरह मां को चोदते हैं.... बापू नीचे से मां की योनि में अपना लंड डाल कर चोदता है उसी समय ताऊ ऊपर से मां की गांड़ में अपना लंड पेलता है....बीच में मां सैंडविच बन कर पिसती रहती .. मां कितना भी रोएं चिल्लाएं इन जानवरों पर कोई असर नहीं पड़ता....ये तो जब तक दो तीन बार झड़ ना जाऐ उसको उस पर से उतरते ही नहीं है....मां से पूरा दिन बिस्तर से उठा भी नहीं जाता इतना बुरा हाल कर देते हैं ... दीदी विस्तार से सब बातें बता रही थी।
दीदी दोनों एक साथ मिलकर चोदते हैं... मेंने आश्चर्य से पूछा ।
हां रे छोटी ... मां चाचा से भी चुदाती है....चाचा को भी गांड मारने का शौक है.... उन्हें मां को उल्टा लिटा कर उसकी गांड़ खोदने में मजा आता है और ऐसे मां भी मजे में चुदवातीं है.... दीदी ने बताया।
दीदी जब घर के सारे मर्द बिना रोक-टोक के चुदाई करते हैं, तो आप कैसे बच गईं.... मेंने दीदी से पूछा।
वह इसलिए मेरी जान क्योंकि अभी तक मेरी शादी नहीं हुई, जिस दिन मेरी शादी हो गई में भी आगे -पीछे , ऊपर - नीचे सब तरफ से चोदी जाऊंगी... मगर एक बात बताऊं... दीदी बोली।
में : बताओ
यह तय है कि तू बहुत जल्द बापू और चाचा से एक साथ चुदेगी.... दीदी पूरे विश्वास से बोली।
अरे बाप रे में तो मर ही जाऊंगी...में नकली डर दिखाते हुए बोली... वैसे दीदी कभी कभी मुझे लगता है कि सिर्फ चाचा का लंड मेरे लिए काफी नहीं है... मेंने अपने मन की बात दीदी के सामने रखी।
अच्छा मेरी चुद्दकड बहना ...तो अब तेरा एक लंड से पूरा नहीं पड़ेगा... इसमें क्या बात है ये तो चमड़ी की गांड़ है घिस थोड़े ही जाएगी... दुनिया में करोड़ों लंड है किसी से भी चुदवा ... दीदी बिंदास अंदाज में बोली।
फिर दीदी ने बिना समय गंवाए अपनी टी-शर्ट उतार फैंकी, और मेरा सिर पकड़ अपनी एक चूची मेरे मुंह में दे दी .... उन्होंने नीचे ब्रा नहीं पहनी थी....ले मेरी चूचियां चूस दे... बहुत समय हो गया इन्हें चुसाएं हुए .... दीदी उत्तेजित स्वर में बोली।
मेंने तुरंत से दीदी का दायां स्तन अपने मुंह में गपक लिया और उसे जोर जोर से चूसने लगी, अपना दांए हाथ मेंने दीदी के बाएं स्तन पर रखा और उसे को बुरी तरह मसलने लगी मेरी कोशिश उनको पूरी तरह निचोड़ लेने की थी।
दीदी के मुंह से दबी दबी सिसकियां निकल रही थी.... हाय छुटकी धीरे कर रे... दर्द होता है... अरे आहहहहह काट क्यों रही है जख्म हो जाएगा ... दीदी जल बिन मछली की तरह तड़प रही थी, मगर वो तेज आवाज नहीं निकाल सकती थी क्योंकि घर में सब मौजूद थे।
अब मैं अपने बांय हाथ को नीचे ले जाकर, दीदी की चूत को जीन्स के ऊपर से ही मसल रही थी ... दीदी की चूत इतनी पनिया गई थी कि पानी जींस पर भी दिखाई देने लगा था , मेने दीदी की जीन्स का बटन खोला और अपना हाथ पेन्टी के अंदर डाल दिया... दीदी की झांटों भरी चूत चिकने पानी से बुरी तरह भीगी हुई थी... मेंने अपनी अंगुलियों से दीदी की चूत के दाने को मसलने लगी।
अब उत्तेजना दीदी की बर्दाश्त से बाहर हो गई थी वह दबी आवाज में सिसकियां भर रही थी..... छुटकी मेरी जान बस कर आहहहहह में मर जाऊंगी उईईईई प्लीज़ जल्दी से लंड अंदर कर दे.
मुझे समझ नहीं आया दीदी किस लंड की बात कर रही है क्योंकि मेरी छोटी सी नुन्नी तो किसी काम की थी नहीं ... खैर मैंने दीदी की पैंटी को उनके शरीर से अलग किया... और दीदी के स्तन से मुंह हटा.... दीदी के सीने .. पेट और नाभि को चूमते हुए अपना मुंह नीचे ले आई ।
अब मैं दीदी की झांटों भरी चूत चांटा रही थी ... मेंने दीदी को पलंग पर लेट जाने के लिए कहा .... दीदी तुरंत से पूर्णतया नग्न मेरे सामने लेट गई और अपनी जांघें फैला कर अपनी चूत खोल दी ... में भी पलंग पर जा चढ़ी और दीदी की चूत पर मुंह रख उनकी चूत के दाने को जीभ से कुरेदने लगी।
आहहहहह छोटी आराम से कर ... मुझे मारेगी क्या.... दीदी अपनी चूत बुरी तरह उछाल रही थी..... छोटी वो मेरी अलमारी में.... उईईईई मरी ... कपड़ों के पीछे स्ट्रैप डिल्डो पड़ा है ... आहहहहह अम्मा री ....उसे पहन कर जल्दी से मुझे चोद दे।
अच्छा जी डिल्डो भी रखा हुआ है... तभी में सोचूं की ये चूत का भोसड़ा कैसे बना हुआ है... मेंने आश्चर्य से कहा।
हम तो महारानी की शादी की बात करने आए हैं और रानी साहिबा तो अपना दरबार लुटाए बैठीं है ।
ये सब बातें बाद में करेंगे अभी तू तुरंत से इसमें डिल्डो घुसा... दीदी बेचैनी से बोली।
मेंने अलमारी में से डिल्डो निकाला....ये एक काले रंग का दस इंच लम्बा तथा करीब सात इंच मोटा... सिलिकॉन से बना लचीला लंड की तरह दिखने वाला डिल्डो था जिस पर नसें तक बनाईं गई थी....उसे देख मेरी आंखें फटी की फटी रह गई।
दीदी आप इतना बड़ा ले लेती है.... में दीदी से मुखातिब होते हुए बोली।
छोटी ..तू फालतू की बकवास ना कर और इसको पहन कर जल्दी से मुझे चोद दे...अब रहा नहीं जा रहा।
मेंने तुरंत से अपने सारे कपड़े उतारे और उस डिल्डो को पहन लिया, ऐसा लग रहा था कि मेरा लंड तन कर खड़ा हुआ है। में दीदी की जगह ड्रेसिंग टेबल के सामने चली गई और खुद को निहारने लगी , मेरा पांच फीट दो इंच का गदराया हुआ गोरा शरीर उस पर दस इंच लम्बा काला लंड, में अपने आप को देखकर बेतहाशा हंसने लगी।
वहां खड़ी खड़ी दांत क्या फाड़ रही है अ, जल्दी से मुझे पर चढ़ जा .... दीदी टांगें फैलाकर कर चिल्लाई।
आता हूं मेरी जान क्यों मरे जा रही है.... अभी तेरी भोंसड़ी और गांड़ दोनों फाड़ता हूं.... में मर्द की भूमिका अदा करते हुए बोली.... मेंने ड्रेसिंग टेबल से ऐलोवेरा जेल उठाईं और ढेर सारी अपने लंड (डिल्डो) पर मिली।
अब मैं दीदी की जांघों के बीच बैठी जोर जोर से दीदी की चूत अपने हाथों से थपथपा रही थी ....जीजी उत्तेजना में नीचे से अपनी चूत उछाल रही थी।
छोटी अब पेल भी दे क्यों तड़फा रही है.... दीदी बैचेनी से बोली।
ठीक है मेरी जान .... कहते हुए मैंने दीदी के दोनों पैर अपने कंधों पर रखे और अपने लंड ( डिल्डो) को दीदी की चूत पर रगड़ते हुए उसके छेद पर सेट कर हल्का सा धक्का दिया, डिल्डो का सुपाड़ा थोड़ा सा अन्दर घुसा।
दीदी... आहहहहह छोटी ऐसे ही डाल दें अंदर।
मेंने दीदी की दोनों जांघों को अच्छे से पकड़ा और डिल्डो को दीदी की चूत में धकेलती चली गई ।
दीदी ज़ोर से चीखने को हुईं मेंने तुरंत से अपने हाथ से उसका मुंह बंद कर दिया अन्यथा उसकी चीख सुनकर घरवाले क्या पड़ोसी भी आ जाते ... दीदी की आंखें उलट गई व उनसे आंसू बहने लगे... दीदी मेरे से छूटने के लिए छटपटा रही थी...में शरीर में उससे तगड़ी थी और मेने उसे ऐसे दबोच रखा था जेसे मुर्गा मुर्गी को चोदते वक्त दबोच लेता है।
मेंने दीदी का मुंह दबाया हुआ था मगर वो दर्द से हिचकियां लिए जा रही थी ....दस इंच का डिल्डो करीब पूरा ही दीदी की चूत में घुसा हुआ था ....कुछ पल रूकने के बाद मेंने डिल्डो करीब आधा बाहर निकाल कर दूसरा धक्का लगाया फिर तीसरा और लगातार धक्के लगाने लगी ।
दीदी बुरी तरह छटपटा रही थी उसने मुश्किल से मेरा हाथ अपने मुंह से हटाया और रोते हुए बोली..... हरामजादी ऐसे डालते हैं क्या तू मेरी बच्चेदानी घायल कर देगी .... आहहहहह अम्मा री.. अच्छा इस कुतिया से चुदवाया ... अपने हाथ से ही कर लेती तो ठीक रहता... पूरे दस इंच का घुसेड़ दिया पता नहीं मेरी बच्चेदानी का क्या हाल हुआ होगा।
अरे रे मेरी बच्ची के दर्द हो रहा है, अच्छा अब हौले हौले करूगा.....में दीदी को दबोचे हुए उसके सर को सहलाते हुए, मर्द के रोल में बोली।
अब मैंने धक्कों की रफ्तार कम कर दी थी तथा लंड भी पूरी तरह अंदर नहीं घुसेड़ रही थी ..... इससे दीदी को थोड़ी राहत मिली और मजा भी आने लगा था , उन्होंने अपनी टांगें मेरी कमर पर कस रखी थी और अपने हाथों से मेरी पीठ मसल रही थी।
हां छोटी ऐसे ही करती रही आहहहहह मररर मरी रे अम्मा कितना मज़ा आ रहा है उईईईई छोटी ऐसे चुदने में बहुत मज़ा है रे ..... दीदी उत्तेजनावश अनाप शनाप बोले जा रही थी .... धीरे धीरे दीदी अभ्यस्त हो थी जा रही थी अब उनके हाथ मेरे नितंबों पर थे और वो मुझे तेज धक्के मारने के लिए उकसा रही थी.... छोटी थोड़ा और ज़ोर से , पूरा डाल दें अंदर आहहहहह रे मरी रे मेरी फट गयी.... शाबाश और तेज छोटी फाड़ दे मेरी...तेरा लंड मेरी बच्चेदानी पर चोट कर रहा है उईईईई मरी.. डाल दें अपना बच्चा मेरे पेट पर में ....फुला दे मेरा पेट....आहहह अम्मा री उईईई मरी ... छोटी और तेज में झड़ने वाली हूं!
मेंने अपने दोनों हाथ दीदी के नितम्बों के नीचे ले जाकर उन्हें थोड़ा सा उठाया और दीदी कीएक चूंची अपने मुंह में ले चूसती हुई ताबड़तोड़ धक्के मारने लगी।
हाययय रे मर गई ...थोड़ा तो रहम कर मर जाऊंगी... उईईईई आहहहहह हाय रे अम्मा बचा ले . में झड़ने वाली हूं.... अचानक दीदी मुझ से कस कर चिपक गई... छोटी मेरा निकल रहा है ...हाययय रे में तो गयी .... कहते हुए दीदी ने भरभरा कर पानी छोड़ दिया.... उनकी पकड़ एकदम से ठीली हो गयी और वो लम्बी लम्बी सांसें लेने लगी।
पसीने में तर-बतर हम लोग कुछ देर वैसे ही लेटे रहे, तभी अम्मा की आवाज सुनाई दी मैं तो अपने कपड़े उठाए कर तुरंत बाथरूम में घुस गई। और दीदी ने भी फुर्ती से अपने कपड़े पहन लिए।
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