RE: सुमित की शादी का सफर
मीनू की चूत झड़ने के कगार पर थी'' आ आअ कुछ करो मेरा शरीर अकड़ रहा है पहले ऐसा कभी नही हुआ मेरी पेशाब निकलने वाली ही अपना मुह हटाओ और जोर से चूसो अपनी उंगली और घुसाओ आअ आ . उई माँ आअ अ .... उसकी जवानी का पहला झटका खाकर मेरे मुह को अपने चूत के अमृत से भरने लगी...... मीनू के मम्मे बहुत कड़क और फूल कर ३२ से ३४ होगये मालूम होते थे... इधर मेरी हालत ज्यादा ख़राब थी ... मैंने मीनू को बोला प्लीज़ एक बार इसमे डाल लेने दो मीनू ने कहा ' अभी नही राजा मै तो ख़ुद तड़प रही हूँ तुम्हारी पेशाब अपनी पेशाब मैं घुसवानेको.. उम्म्म सुना ही बहुत मजा आता है और दर्द भी होता है "
मैंने कहा "अपन दोनों के पेशाब के और भी नाम है " "मुझे शर्म आती है वो बोलते हुई" और वो खड़ी होने लगी मै कमोड शीट पर बैठा और अपनी नेक्कर नीचे खिसका दी मेरा हल्लाबी लंड देखकर उसका मुह खुला का खुला रह गया.
"हाय राम... ममम म इतना बड़ा और मोटा..........तो मैंने कभी किसी का नही देखा
मैंने पूछा "किसका देखा है तुमने... बताओ "
मेरे भैया जब भाभी की चुदाई करते है तो मै अपने कमरे से झाँक कर देखती हूँ.. भाभी भइया के इससे अद्धे से भी कम साइज़ के पेशाब में चिल्लाती है फ़िर इस जैसी पेशाब मै तो मेरा क्या हाल करेगी... मै कभी नही घुसवाउंगी"
मैंने कहा अछा "मत घुसवाना, पर अभी तो इसको शांत करो"
"मै कैसे शांत करू" मीनू ने कहा
मैंने कहा "टाइम बरबाद मत करो, जल्दी से इसे हाथ मैं लो और मेरी मुट्ठ मारो" मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर लगाया और आगे पीछे करवाया. पहले तो मीनू थोड़ा हिचकी फिर बोली " तुम्हारा लंड बहुत शानदार है मेरी चूत में फ़िर से खुजली होने लगी है......हीई सीइई मैई इ इक्या करू ओम मम म फ्लिच्क कक्क " एक ही झटके मैं मेरा सुपाडा उसने किसी आइसक्रीम कोण की तरह चूस लिया मै जैसे स्वर्ग में पहुच गया मैंने उसके मुह में धक्के मारे मैंने कहा मेरा पानी निकलने वाला है.
" मेरी चूत फ़िर से गरम हो गई है इसका कुछ करो सी ई इ आअ आ अ ..........." मीनू सिसकारियां भर रही थी मैंने मीनू को फौरन कमोड शीट पर बैठाया और उसकी कुर्ती का कपड़ा उसके मुह मै भर दिया..... जिससे लंड घुसने पर वो चिल्लाये नही मैंने उसको समझाया भी थोड़ा दर्द होगा सहन करना .. मैंने उसकी दोनों टांगें फैली और चूत चाटी दो ऊँगली उसकी चूत मै भी घुसी उसकी चूत बहुत टाइट थी और बहुत गीली लिसलिसी सी गरम थी. मीनू कसमसा रही थी " हीई इ सी ई इ इ इ अब जल्दी करो.. मेरे बदन मैं करोड़ों चीटियाँ घूम रही है मेरी बुर को ना जाने क्या हो गया है" मीनू ने कुर्ती मुह से निकाल कर कहा.
मैंने अपने लन्ड पर बहुत सारा थूक लगाया और कुछ उसकी गीली चूत मै भी लगाया जिससे उसकी चूत के लिसलिसे रस से मेरा थूक मिलकर और चूत को चिकना कर दे.... मैंने लंड हाथ मैं लेकर सुपाडा मीनू की चूत मैं ऊपर नीचे रगडा .. मीनू अपनी गांड उठा कर मेरे लंड का स्वागत कर रही थी अब वो बिना लंड डलवाए नही रह सकती थी
उसने मेरे लन्ड को पकड़ा और अपनी बुर पर टिकाया मैंने पहले थोड़ा सा सुपाडा अंदर कर उसको अंदर बाहर कर एडजस्ट किया.... मुझे ऐसा लग रहा था की मेरे लण्ड को किसी जलते हुए चमड़े के क्लंप मैं कस दिया हो. इतनी टाइट बुर थी मीनू की मैंने थोडी और लंड अंदर पेला मीनू की मुह मै यदि कुर्ती ना घुसाई होती तो पूरे कम्पार्टमेंट के यात्री हमें चुदाई करते हुए पकड़ लेते....
मीनू मेरे मोटे लंड के कारन अपना सिर इधर उधर हिलाकर और अपनी आंखों से आंसू निकाल कर बता रही थी की उसको कितना दर्द हो रहा है........ मैं थोडी देर रुक कर फाटक से एक गहरा और चूत फाड़ धक्का पेला जिससे मीनू की बुर की झिल्ली फटी और लौड़ा उसकी गहराई तक समां गया मीनू की तो हालत ख़राब हो गई थी.. मैंने थोड़ा रुक कर लंड बाहर खींचा तो उसके साथ खून भी बहर आया और फटा फट धक्के मारने लगा. मीनू की टाइट चूत के कारण मेरे गेंदों मै उबाल आना शुरू हो गया था.. मैंने मौके की नजाकत को ताड़ते हुए पहले लंड बाहर निकाला और गहरी साँस लेकर अपनी पोस्शन कंट्रोल करी और मीनू के मुह से कुर्ती हटी और फिर धीरे धीरे पूरा लंड घुसा कर शुरू मै हलके धक्के मारे फ़िर ताबड़ तोड़ धक्के लगाए.
मै अपनी स्पीड गोंडवाना एक्सप्रेस से मिला रहा था..." मीनू की बुर पानी छोड़ने वाली थी क्योंकि उसने अपनी कुर्ती वापिस अपने मुह में डाल ली थी और मीनू की बुर मेरे लौडे को कसने लगी थे मै मीनू के ३२ से ३४ साइज़ हुए मम्मे मसलता हुआ चुदाई कर रहा था.. मीनू बहुत जोरो से झडी तभी मेरे लण्ड ने भी आखिरी सांसे ली तो मैंने मीनू के दोनों मम्मे पूरी ताकत से भीचते हुए अपना लौड़ा मीनू की टाइट बुर मै आखिरी जड़ तक पेल दिया और मीनू की बूर को मैंने पहला वीर्य का स्वाद दिया मीनू भी बहुत खुश हो गई थी. जब साँस थमी तो मैंने लन्ड मीनू की बुर से बाहर निकाल जिससे मीनू की बुर से मेरे वीर्य के साथ मीनू की बुर से जवानी और कुंवारापन का सबूत भी बहकर बाहर आ रहा था.
मैंने मीनू को हटाया और कमोड में पेशाब करी मीनू बड़े गौर से मेरे लंड से पेशाब निकलते देखते रही और एक बार तो उसने मुह भी लगा दिया. उसका पूरा मुह मेरे पेशाब से गीला हो गया कुछ ही उसके मुह में जा पाया मैंने अपना लंड धोया नही उस पर मीनू की बुर का पानी और जवानी की सील लगी रहने दिया और नेक्कर के अंदर किया मीनू की बुर मै सुजन आ गई थी मै इंतज़ार कर रहा था की अब मीनू भी अपनी बुर साफ़ करेगी तो नंगी होगी तो उसने मुझे बाहर जाने को बोला. मै उसकी बात मानकर उसको अपना रुमाल बताकर आ गया. मैंने अपनी घड़ी मै टाइम देखा तो हम लोगो के सवा घंटा गुजर गया था टॉयलेट में... शुक्र है भगवन का कि ठंड के कारण कोई नही जागा था और ट्रेन भी नही रुकी थी. थोडी देर बाद मीनू अपनी बुर पर हा्थ फेरती हुई कुछ लड़खड़ाते हुए बाहर आई मैंने पूछा क्या हाल है जानेमन तुम्हारी बुर के " सुजन आ गई है पर चुदवाने मै बहुत मजा आया फ़िर से चुदवाने का मन कर रहा है
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