Chuto ka Samundar - चूतो का समुंदर
06-06-2017, 10:06 AM,
RE: चूतो का समुंदर
ऐसे ही शाम हो गई और हम सब अपने घर जाने लगे....

इतनी देर तक मुझे देख कर सबने स्माइल की पर सिर्फ़ मनु ही ऐसी थी जिसने मुझे देखते ही नज़रे फिरा ली....

मनु की ये बेरूख़ी मेरे दिल को घायल कर गई...और इस वजह से उसे पाने की चाहत भी बाद गई....

फिर सब अपने घर निकल गये ..और संजू के पापा भी शॉप पर निकल गये....बंद करने का टाइम जो था....और मैं आंटी को ले कर घर निकल आया....

कार मे भी आंटी गम मे थी पर अब रोना बंद था....

मैं- आंटी आप ठीक हो ना...???

आंटी- ह्म्म...

मैं- आंटी जो हो गया सो हो गया...अब आओ रो मत...प्लज़्ज़्ज़

आंटी- हाँ बेटा....हम होनी को नही बदल सकते ...पर दुख तो होता ही है ना...

मैं- हाँ..वो तो है...वैसे आंटी दीपा के बच्चे कहाँ है....

आंटी(चौंकते हुए)- दीपा के बच्चे...नही...उसके तो बच्चे है ही नही...

मैं- ओह्ह...कोई नही...आप अब रीना मत...

आंटी- ह्म्म..पर दुख कम नही हो रहा...

मैं-वो मैं कम कर दूँगा. ..

आंटी- कैसे...??

मैं- ये है ना...ऐसे...

मैने आंटी का हाथ अपने लंड पर रख दिया...और आंटी हँसने लगी...

आंटी- तू ना...ये तो हर मर्ज़ की दवा है....

मैं- तो चलो...दवा खिलाता हूँ घर मे...

आंटी- ह्म्‍म्म

इसके बाद आंटी हँसते हुए बाते करती रही और हम संजू के घर आ गये....

हम अंदर आने लगे तो मेरा फ़ोन आ गया.. .

मैं- आंटी...मैं आता हूँ...आप चलो...



मैने कॉल पिक की...

(यहाँ सामने वाले को मैं स लिख रहा हुँ)


(कॉल पर)

मैं- हाँ...बोलो

स- कहाँ हो...

मैं- संजू के घर

स- ओक...कामिनी के साथ कुछ हुआ...??

मैं- आज रात को शुरुआत होगी..

स- और दीपा के घर सब ठीक था ना...??

मैं- बहुत अच्छा था ..तुम ये बताओ कि कुछ पता चला...??

स- कुछ क्या..बहुत कुछ पता चला...

मैं- ओके...तो बताओ...

स- अभी नही...मैं बिज़ी हूँ थोड़ा....बाद मे मिल...वही पर...

मैं- ओके...कल पेपर देने के बाद मिलता हूँ...बस याद रखना कि किसी को भनक ना लगे....


स- ट्रस्ट मी...किसी को कुछ पता नही चलेगा....तू टेन्षन ना ले..बस आगे बढ़ ..मैं तेरे साथ हूँ...

मैं- ओके...कल मिलते है..बाइ

स- बाइ..

कॉल रखने के बाद मैं सोचने लगा कि अगर इसकी इन्फर्मेशन मेरे काम आ गई तो मेरा काम जल्द ही पूरा हो जाएगा...और आज रात कामिनी का गेम हो जाय तो सोने पे सुहागा....

और यही सोचते हुए मैं अंदर चला आया....

कॉल रखने के बाद मैं सोचने लगा कि अगर इसकी इन्फर्मेशन मेरे काम आ गई तो मेरा काम जल्द ही पूरा हो जाएगा...और आज रात कामिनी का गेम हो जाय तो सोने पे सुहागा....

और यही सोचते हुए मैं अंदर चल आया....

जैसे ही मैं अंदर आया तो मेरी नज़र रूबी पर पड़ी....वो अब ठीक दिख रही थी....रात को जो उसकी पहली चुदाई हुई , उसका दर्द कही नही दिखा...उल्टा वो पहले से ज़्यादा खिली हुई थी....

मुझे देखते ही रूबी ने स्माइल कर दी और शर्म से आँखे झुका ली...रक्षा जो रूबी के साथ ही खड़ी थी...उसने रूबी को देख कर उसे कोहनी मार दी और मुस्कुरा दी....

वहाँ पर अभी पूनम दी, अनु संजू और मेघा आंटी भी थी....इसलिए मैने कुछ रिएक्ट नही किया...बस चुपचाप उन सब के पास आ गया....

मैं- अरे आंटी कहाँ गई ??

मेघा- वो शायद वॉशरूम गई होगी...तू बैठ ना...

मैं- ह्म्म...मुझे कॉफी मिलेगी आंटी..

मेघा- अरे ऐसे क्यो कह रहा है...तुझे इस घर मे सब मिलेगा जो तू चाहे...(और मुस्कुरा दी)

मैं(मन मे)- मैं समझ गया तू क्यो उछल रही है...अभी तू कॉफी तो पिला...एक दिन तुझे निचोड़ के पी जाउन्गा...

मेघा- क्या हुआ ???

मैं- क्क़..कुछ नही...आप फिलहाल कॉफी ही पिला दो...

मेघा- रुक....अभी लाई...

मेघा आंटी कॉफी लेने गई और बाकी सब मुझसे दीपा के घर का हाल पूछने लगे....


मैं सबको बता रहा था कि मॅटर क्या हुआ...वहाँ जो भी हुआ था मैने बता दिया...बट सच्चाई तो कुछ और ही है....


फिर आंटी सबके लिए कॉफी ले कर आई और ऐसे ही दीपा की बाते करते हुए हम कॉफी पीने लगे...रजनी आंटी भी आ गई थी....

कॉफी पीने के बाद पूनम दी अनु के साथ पढ़ने निकल गई...कल पेपर जो था...

मैं भी माइंड फ्रेश करने संजू के साथ उसके रूम मे आ गया....

जैसे ही मैं संजू के रूम मे गया तो फ्रेश हो कर बेड पर लेट गया और संजू पढ़ने बैठ गया....

मैं लेटे हुए अपने माइंड मे अपनी लाइफ मे हो रही घटनाओ के बारे मे सोच रहा था....कि थोड़े से समय मे कितना कुछ हो गया....

एक तो वो अंजान इन्फ़ॉर्मेशन मिला...जिसने मेरी लाइफ मे ट्विस्ट ला दिया...उसके बाद दीपा का नाम सामने आना...जिसने मेरे विश्वास को हिला दिया....और दूसरी तरफ अनु,रक्षा, और रूबी का मेरे करीब आना...इससे मुझे खुशी भी मिली...पर अब हर बात पर शक भी होता है....


और अब कामिनी का नाम आना...पता नही कामिनी को कैसे हॅंडल करूगा...पर करना तो पड़ेगा ही...मेरी लाइफ दाव पर लगी है.....


मुझे इस तरह सोच मे देख कर संजू बोला....


संजू- क्या हुआ भाई ..क्या सोच रहा है..???

मैं- हाँ ..कुछ नही...वो दीपा के बारे मे सोच रहा था कि अचानक क्या हो गया उसके साथ.....

मेरा अन्सर सुनने के बाद भी संजू नही माना....दोस्त होते ही ऐसे है कि वो आपको आपसे ज़्यादा समझते है....

संजू- ह्म्म...पर तू सच बता..तू क्या सोच रहा था....

मैं- सच मे यार ..मैं बस दीपा के बारे मे सोच रहा था...

संजू- मत बता...जब तुझे लगे कि मुझे बताना चाहिए तब बोलना ..ओके

संजू की बात का मैने कोई जवाब नही दिया बस चुप रह गया...संजू ने भी मुझे समझ लिया और अपनी पढ़ाई करने लगा....कुछ देर तक रूम मे शान्ती छाई रही....वो शांति मेघा आंटी के आने से टूटी....

मेघा- अरे बेटा...मैं अंदर आ सकती हूँ...

मैं- आंटी...आप ऐसे क्यो कह रही है...आइए ना...

मेघा- अरे बेटा...मैने सोचा कि तुम दोनो बिज़ी होगे...आख़िर 2 सच्चे दोस्त बैठे हो तो डिस्टर्ब नही करना चाहिए....

मैं- ऐसी कोई बात नही आंटी...कहिए...कुछ काम है क्या ??

मेघा- हाँ काम तो है...वो तुम आज रात को रूबी के घर रुक सकते हो क्या...??

मैं- क्या...मतलब क्यो...??

मेघा- आक्च्युयली उसकी फॅमिली बाहर गई है..एग्ज़ॅम की वजह से रूबी अकेली है....

मैं- हाँ उसने कल बताया था....तो उसे यही रुकने को बोल दो ना..

आंटी- उसका घर खाली रहेगा ना...इसलिए नही रुक सकती...

मैं- तो कल कैसे रुक गई थी...???

मेघा- कल उसकी नौकरानी थी...आज उसके गाओं मे किसी की डेथ हो गई तो उसे जाना पड़ा....


मैं- ओह्ह...लेकिन मैं अकेले रूबी के घर...कैसे...आइ मीन अच्छा नही रहेगा...

मेघा- वो टेन्षन मत लो...रक्षा साथ मे जाएगी ना...

मैं- ओह...तो ठीक है...

मेघा- तुझे कोई प्राब्लम तो नही ना...??

मैं- अरे नही आंटी...काम पर मैं काम ना आउ तो क्या मतलब...

मेघा- थॅंक्स बेटा...तुम लोग खाना खा कर चले जाना...मैं उनसे बोल देती हूँ कि तुम रेडी हो...अब मुझे भी टेन्षन नही होगी....

और आंटी उठ कर नीचे निकल गई और मैं सोचने लगा कि आंटी आपकी टेन्षन तो दूर हो गई...पर मेरा क्या...रात भर वो दोनो अपनी जवानी मुझसे लुटवायेन्गी तो मैं कल पेपर मे क्या लिखुगा.....

मैं(मन मे)- चलो कोई नही ये मिड टर्म है...फाइनल एग्ज़ॅम नही....आज रात को काटना ही है तो क्यो ना इस रात को यादगार बनाऊ....आज दोनो को तसल्ली से चोदुन्गा....और वो भी दारू के मज़े के साथ.....हाहाहा ...

मुझे मुस्कुराते हुए संजू बोला...

संजू- क्या हुआ बे...मस्का क्यो मार रहा है...


मैं(चौंकते हुए)- कुछ नही...वो मेरी किस्मत पर...कि पढ़ाई की नही और रात भी दूसरे के घर मे बितानी है...कल का पेपर तो गया....

संजू- अबे तेरी तैयारी तो पहले से ही है...तुझे क्या प्राब्लम ....

मैं-हमम्म...देखते है...और मैं बेड पर डाल गया. ..

थोड़ी देर मे मुझे रजनी आंटी का मेसेज आया कि छत पर मिलो....
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RE: चूतो का समुंदर - by sexstories - 06-06-2017, 10:06 AM

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