बहू नगीना और ससुर कमीना
06-10-2017, 10:13 AM,
#64
RE: बहू नगीना और ससुर कमीना
फिर दोनों हँसने लगे और एक दूसरे को चूम कर सोने की कोशिश करने लगे। शिवा सोच रहा था कि मालिनी में अचानक आए इस परिवर्तन की वजह क्या है? आज वो गाँड़ में ऊँगली डलवायी और अब असलम की बात , वो भी इस समय? कुछ तो बात है। वो सोचते हुए सो गया। मालिनी भी सोच रही थी कि उसे अचानक से आज असलम क्यों याद आ गया? वो तो कभी भी दूसरे मर्द से चुदवाने का कभी सोची ही नहीं। यह सब सोचते हुए वह भी सो गयी।
आज छुट्टी थी तो एक बड़ा सा अपडेट तो बनता है दोस्तों---- 

अगली सुबह मालिनी सुबह उठी और फ़्रेश होकर ब्रा और पेटिकोट और नायटी पहनी। आज उसने पेटिकोट इसलिए पहनी कि ताऊ जी भी थे। जब वह किचन में गयी तो मम्मी को वहाँ देखकर हैरान रह गयी। उन्होंने भी अभी ब्रा और पेटिकोट पहना था नायटी के नीचे। मम्मी की मुस्कान ने मालिनी के मन की सारी कड़वाहट को धो धिया और वह उनसे लिपट कर प्यार करने लगी। सरला ने उसके गाल को चूमा और बोली: चल आज मुझे चाय बना लेने दे ।

मालिनी: ठीक है आप बनाओ , मैं मदद करती हूँ । फिर माँ बेटी मिलकर नाश्ते की तय्यारी में लग गयीं। 
मालिनी सरला दो देखते हुए सोच रही थी कि अभी इनको देखकर कौन कहेगा कि ये रात को दो मर्दों के साथ एक रँडी की तरह व्यवहार कर रहीं थी। अभी वो चाय बनाते हुए एक गृहिणी लग रहीं थीं। मालिनी सोची कि हम सबके कितने रूप हैं इस जीवन में। ख़ैर वो रोज़ की तरह राजीव के कमरे के सामने जाकर आवाज़ दी: पापा जी , ताऊ जी आइए। चाय बन गयी है। 

ताऊ जी की आवाज़ आयी: आते हैं बेटी अभी ।

थोड़ी देर में दोनों बाहर आए लूँगी और बनियान में। सरला और मालिनी टेबल पर बैठकर चाय पी रही थीं। वो दोनों भी आकर उनके आमने बैठ गए।चाय पीते हुए ताऊ जी बोले: बेटी बड़ा अच्छा लगा तुम सबसे मिलकर। बस नाश्ता करके हम लोग निकलेंगे। 

मालिनी: ठीक है ताऊजी, ये दुकान जाते हुए आपको बस अड्डे छोड़ देंगे। 

राजीव: अरे यार कुछ दिन और रहते तो ज़्यादा मज़ा आता। ये कहते हुए उसने सामने बैठी मालिनी को सबकी नज़र बचा कर आँख मार दी। मालिनी ने अपना मुँह घुमा लिया । 

सरला मुस्कुरा कर बोली: भाई सांब आप जब बुलाएँगे फिर आ जाएँगे ।

ताऊजी: अगली बार आप सब भी आयिए हमारे घर। 

राजीव: हाँ जी ज़रूर आएँगे। आप सबसे मिलना तो बड़ा अच्छा लगता है। इस बार भी वह मालिनी को देखते हुए मुस्कुरा कर कहा था। 

फिर सब नहाने चले गए और शिवा भी सोकर उठा और सबने साथ नाश्ता किया और फिर सरला और श्याम शिवा के साथ चले गए। अब घर में सिर्फ़ राजीव और मालिनी ही रह गए। कमला सफ़ाई कर के चली गयी थी। राजीव सोफ़े पर बैठा और बोला: बहु एक और चाय पिलाओ ना प्लीज़। 

मालिनी: जी पापा जी अभी लायी। कहकर किचन में चली गयी। जब वह चाय लाई तो पापा सोफ़े पर बैठा हुआ मोबाइल में फ़ोटो देख रहे थे। चाय का प्याला सामने रख कर वह जाने लगी तो राजीव बोला: बहु बैठो और ये फ़ोटो देखो। मैं अपना चश्मा लेकर आता हूँ। मालिनी वहीं बैठ गयी और मोबाइल में फ़ोटो देखनी लगी। राजीव अपने कमरे में चला गया था चश्मा लाने। 

मालिनी ने फ़ोटो देखना शुरू किया। मम्मी की फ़ोटो थी साड़ी में ,अगली फ़ोटो में वो टॉप में थी जिसमें रेस्तराँ गयीं थीं। अगली फ़ोटो में मम्मी नायटी में थी। यहाँ तक सब ठीक था। उसके बाद की फ़ोटो सब गड़बड़ थीं। अब नायटी में मम्मी के दूध दिख रहे थे। फिर अगली फ़ोटो में मम्मी पूरी नंगी खड़ी थी। सामने से और पीछे से भी फ़ोटो खींची हुई थी। अगली फ़ोटो ने मम्मी बिस्तर पर लेटकर अपनी दोनों टाँगे उठाकर और फैलाकर अपनी बुर और गाँड़ दिखा रही थी। उफफफफ मम्मी को ये क्या हो गया है। ऐसे भी कोई फ़ोटो खिंचवाता है क्या। 

राजीव अचानक आकर उसके बग़ल में बैठ कर बोला: ये नंगी फ़ोटो मैंने तुम्हारे खिड़की से हटने के बाद खींची थी। क्या मस्त पोज दिया है ना तुम्हारी मम्मी ने। असल में ज़्यादा चढ़ गयी थी उसको दारू। 

मालिनी को समझ नहीं आया कि वो कैसे इस बात का आवाज़ दे वह बोली: पापा जी ये फ़ोटो आप प्लीज़ डिलीट कर दीजिए। 

राजीव: ज़रूर कर दूँगा जब तुम मुझे मिल जाओगी। अभी तो वो मेरे मूठ्ठ मारने के काम आएगी । वैसे तुम निश्चिन्त रहो ये मेरे पास सुरक्षित है। वैसे एक बात बताओ कल जो तुमने खिड़की से देखा , उसके बाद भी तुमको लगता है कि ज़िंदगी मज़े लेने के लिए नहीं तो और किसके लिए बनी है। देखा नहीं कि सरला ने कितना मज़ा लिया। वो एक एक पल का आनंद ले रही थी। हम दोनों भी बहुत मज़ा लिए तुमने देखा ही था। 

मालिनी उठकर जाने लगी तो वह उसे पकड़कर बिठा लिया और बोला:बहु बात करोगी तभी तो बात बनेगी । ऐसे उठकर चली जाओगी तो फिर हम आगे कैसे बढ़ेंगे। अच्छा एक बात बताओ कि तुम और शिवा चुदाई करते हो तो उसमें ज़्यादा वेरायटी तो नहीं होती होगी ना? वही रोज़ रोज़ एक या दो आसनों में चुदाई करती होगी। जब तुम किसी और से चुदवाओगी तो तुमको एक अजीब सा मज़ा मिलेगा और वेरयटी भी मिलेगी। हर आदमी का चोदने का एक अपना तरीक़ा होता है और फिर लौड़े और बुर भी अलग अलग नाप और बनावट की होतीं हैं। इसलिए लोग पार्ट्नर बदल कर मज़े लेते है। कुछ समझ में आया मेरी प्यारी बहु रानी। 

मालिनी पापा की बातें वो भी इतने खुले और अश्लील शब्दों में सुनकर हक्की बक्की रह गयी। वो बोली: पापा जी आप मुझसे इतनी गंदी भाषा में बात कैसे कर रहे हैं। मुझे बहुत अजीब लग रहा है। 

राजीव: बहु , जब तुम खिड़की से अपनी मम्मी को चुदवाते देख सकती हो वो भी मुझसे और अपने ताऊ जी से तो ऐसी बातें तो मैं कर ही सकता हूँ। सच बताओ तुमने हमारी चुदाई देखकर अपनी बुर नहीं मसली क्या? या शिवा से उसी समय नहीं चुदवाई? दोनों में से एक काम तो किया ही होगा। 

मालिंनि क्या बोलती, सच तो ये है कि उसने दोनों ही काम किया था, बुर भी मसली थी और चुदायी भी की थी । पर वह सामने से बोली: पापा जी आप ये कैसी बातें कर रहे हैं? मुझे जाने दीजिए। वह अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश की। 

राजीव: बहु क्यों तड़पा रही हो? मान जाओ और मज़े लो मुझसे और मुझे भी मज़ा दो। ये कहकर वो उसकी चूचि दबाने लगा। अब मालिनी की बुर गीली होने लगी पर वह विरोध करके उठी और राजीव के हाथ को अपनी चूचि से हटायी और बोली: पापा जी प्लीज़ अभी नहीं । मैं अभी तय्यार नहीं हूँ। यहकहकर वो अपने कमरे में चली गयी। वह महसूस की उसकी छातियाँ पापा के बातों से वह बहुत उत्तेजित हो चली थीऔर निप्पल्स कड़े हो गए थे। उसने अपनी बुर दबाई और बिस्तर पर लेट गयी। 

उसने शिवा को फ़ोन लगाया: हेलो, आपने उनको बस चढ़ा दिया ना?

शिवा: हाँ जानू चढ़ा दिया। और क्या हाल है? उनकी याद आ रही है क्या? 

मालिनी: हाँ एक दो दिन तो याद आएगी ना। 

शिवा: तुम्हारे दोस्त का फ़ोन आया था। 

मालिनी: मेरा दोस्त? मेरा कौन सा दोस्त पैदा हो गया?

शिवा हँसकर :वही असलम का यार। कह रहा था कब आएँगे खाना खाने। मैंने कह दिया कि तुमसे पूछ कर बताऊँगा।

मालिनी: हाँ हाँ आप तो मरे जा रहे हो ना आयशा को खाने के लिए। मेरा नाम क्यों लेते हो? 

शिवा: अरे यार मैंने तो ऐसे ही कह दिया टालने के लिए। तुम ना जाना चाहो तो कोई ज़बरदस्ती थोड़े ना ले जाऊँगा 

मालिनी: चलिए अब रखती हूँ। 

राजीव अपने कमरे में बैठा सोच रहा था कि ये लड़की तो बहुत मुश्किल से पटेगी लगता है । 

उसके बाद कुछ दिन और कुछ नया नहीं हुआ। राजीव ने एक नया व्यवहार शुरू कर दिया था। वह अक्सर किचन में जाकर मालिनी को पकड़कर चूम लेता था और अक्सर उसकी चूचि आराम से दबा देता था। कभी कभी वह उसकी बुर और गाँड़ भी दबा देता था। मगर मालिनी हर बार उसका विरोध भी करती थी। इसी तरह चल रहा था। मालिनी अभी भी दुविधा में थी कि क्या करे और क्या ना करे। 

उस दिन मालिनी और राजीव दोपहर का खाना खा रहे थे तभी राजीव का मोबाइल बजा। क्योंकि वह खाना खा रहा था उसने फ़ोन को स्पीकर मोड में डालकर कहा: हेलो। कौन बोल रहा है? मालिनी ने भी देखा कि कोई नाम नहीं आ रहा था सिर्फ़ नम्बर था। 

उधर से एक लड़की जी आवाज़ आयी: अंकल मैं नूरी बोल रही हूँ। 

एक मिनट के लिए राजीव उसे नहीं पहचान पाया और बोल पड़ा: कौन नूरी? 

नूरी: ओह आप मुझे भूल भी गए। वाह कैसे पापा हैं आप मेरे बेटे के? 

राजीव को अचानक याद आया कि ये तो वही नूरी है जिसे उसने प्रेगनेंट किया था और उसे एक बेटा भी हुआ था। वह बोला: अरे सॉरी नूरी भूल गया था। कैसी हो तुम? और हमारा मुन्ना कैसा है? 

अब मालिनी ने चौंकने की बारी थी ।पापा का “हमारा मुन्ना” कहना उसे चौंका गया था। वो ध्यान से सुनने लगी। 

नूरी: अंकल मैं भी बढ़िया हूँ और हमारा बेटा भी। बिलकुल आपके ऊपर गया है। आपके जैसा ही दिखता है। और स्वभाव भी आपके जैसा है। 

राजीव: अरे दो साल का लड़का कैसे मेरे ऊपर गया है ?

नूरी: वो भी आपके जैसे मेरे दूध चूसता था। अब तो मैंने छुड़ा दिया है। हा हा । 

राजीव: हा हा बदमाश हो तुम। अच्छा बताओ कैसे याद आयी हमारी? 

नूरी: मतलबी हूँ ना इसलिए मतलब से याद किया। 

राजीव: तुम्हारी ये बात मुझे बहुत पसंद है कि साफ़ साफ़ बात करती हो। बोलो क्या काम है? तुम्हारा पति कैसा है? 

नूरी: वो बहुत अच्छें हैं और उनका काम भी अच्छा चल रहा है । मैंने आपको इस लिए फ़ोन किया हाँ कि मेरे पति और ससुराल वालों को एक और बच्चा चाहिए। मैंने समझाने की बहुत कोशिश की पर सब अड़े हुए हैं। मैंने मजबूर होकर आपको फ़ोन किया। 

राजीव: अरे तो क्या हुआ, बेबी। आख़िर तुम हमारी जान हो और अपनी हो। पर आजकल तुम हो कहाँ? 

नूरी: मैं दिल्ली में रहती हूँ। पर आपसे मिलने मैं आपके शहर आ सकती हूँ , वहाँ एक मेरी आंटी रहती है। आपके दोस्त का फ़्लैट अब भी है क्या जहाँ हम मस्ती करते थे? वहीं अब भी मस्ती हो सकती है। 

मालिनी स्तब्ध रह गयी की क्या कोई शादीशुदा लड़की अपने बाप की उम्र के आदमी से ऐसे बात कर सकती है। 

राजीव: नहीं उसने वह फ़्लैट बेच दिया। अब तुमको मेरे घर पर ही आना पड़ेगा। 

नूरी: आप अकेले रहते है क्या? आंटी कहाँ गयीं? 

राजीव: तुम्हारी आंटी भगवान के घर चली गयीं। लेकिन अब मेरे साथ मेरा बेटा और बहु रहते हैं। बेटा तो दिन भर दुकान में रहता है और बहु घर पर ही रहती है। 

नूरी: ओह तब तो गड़बड़ हो गया ना? मैं तो रोज़ आंटी के यहाँ से आपसे मिलने के लिए २ घंटे निकाल लूँगी पर आपके घर में तो बहु होगी ना। फिर कैसे होगा? आपको कोई जगह का इंतज़ाम करना पड़ेगा। 

राजीव ने मालिनी को देखते हुए कहा: बेबी , मेरी बहु बहुत अच्छी है । जब मैं उसे ये बताऊँगा कि मैं तुमको माँ बनाने के लिए चोद रहा हूँ, तो वो बात को समझ जाएगी और हमारी मदद करेगी। 

नूरी: आप बिलकुल नहीं बदले। आपको अभी भी चुदाई शब्द का बहुत शौक़ है। हा हा । पर आपकी बहू इसमेंआपकी मदद करेगी वो बात मेरे गले नहीं उतर रही। सच सच बताइये कि आप कहीं उसकी भी चुदाई तो नहीं कर रहें हैं? 

राजीव मालिनी को आँख मारते हुए: नहीं नहीं सच में ऐसी कोई बात नहीं है। वो बहुत ही अच्छी लड़की है। वह सबकी मदद करती है, जब मैं उसे पूरी बात बताऊँगा कि तुम्हारा पति तुमको माँ नहीं बना सकता है और तुमको मेरी इसमें मेरी मदद चाहिए, तो वो तुम्हारी भी मदद करेगी। 

मालिनी पापा की बात सुनकर हैरानी से भर गयी। उस लड़की को मेरे ही घर में चोदने के लिए वो मेरी मदद माँग रहे हैं। हे भगवान। इस आदमी का मैं क्या करूँ? 

नूरी: तो आप अपनी बहु से बात करके मुझे बता दीजिए। असल में मेरे अन्सेफ़ पिरीयड कल से ही शुरू हो रहा है। अगर आप हाँ करोगे तो मैं कल ही फ़्लाइट से आकर दोपहर में आपसे मिलने हा हा नहीं चुदवाने आ सकती हूँ। हाँ मेरे साथ मेरा बेटा भी होगा। मैं दस बारह दिन का प्रोग्राम बनाऊँगी। इतने दिनों में तो आप मुझे प्रेगनेंट कर देंगे ना? 

राजीव मालिनी को देखकर मुस्कुराकर बोला: अरे अभी कुछ महीने पहिले ही एक लड़की को एक महीने की चुदाई में माँ बना दिया है। फिर स्पीकर पर हाथ रख कर मालिनी से बोला: मैं रानी की बात कर रहा हूँ। मालिनी का चेहरा लाल हो रहा था। वह चुपचाप सुन रही थी। उसने अपना मुँह घुमा लिया। 

नूरी: ओह तब तो मेरा काम भी हो जाएगा, अंकल , तो फिर कब फ़ोन करूँ आपको? आप अपनी बहु से बात करके बता दीजिए। 

राजीव: अरे बेबी, मैं उससे बात करके थोड़ी देर में फ़ोन करता हूँ। अब सच बोलूँ , तुम्हारी टाइट बुर को याद करके मेरा लौड़ा खड़ा हो गया है। उफफफ क्या मज़े से चुदवाती थी तुम। 

नूरी: अंकल, मेरा भी बुरा हाल है आपसे बात करके। मेरी भी बुर गीली हो रही है। क्या मज़ा करते थे हम? दो दो घंटे चुदाई करते थे। चलो ठीक है , मैं आपके फ़ोन का इंतज़ार करती हूँ। बाई। 

राजीव: बाई मेरी जान। 
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RE: बहू नगीना और ससुर कमीना - by sexstories - 06-10-2017, 10:13 AM

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