Hindi Kahani बड़े घर की बहू
06-10-2017, 02:20 PM,
#9
RE: Hindi Kahani बड़े घर की बहू
कामया पापाजी और मम्मीजी का प्लेट लगाने लगी और खड़ी-खड़ी पापाजी के आने का इंतजार करने लगी पापाजी के आने बाद खाने पीने का दौर शुरू हो गया और पापाजी और मम्मीजी का बातों का दौर पर कामया का ध्यान उनकी बातों में नहीं था उसके दिमाग में कुछ और ही चल रहा था पापाजी और मम्मीजी के बातों का हाँ या हूँ में जबाब देती जा रही थी और खाने खतम होने का इंतजार कर रही थी पता नहीं क्यों आज ज्यादा ही टाइम लग रहा था किचेन में भीमा चाचा के काम करने की आवाजें भी आ रही थी पर दिखाई कुछ नहीं दे रहा था कामया का ध्यान उस तरफ ज्यादा था क्या भीमा चाचा उसे देख रहे है या फिर अपने काम में ही लगे हुए है आज उसने इस समय सूट ही पहना था रोज की तरह ही था लेकिन टाइट फिटिंग वाला ही उसका शरीर खिल रहा था उस सूट में वो यह जानती थी तो क्या भीमा चाचा ने उसे देख लिया है या फिर देख रहे है पता नहीं पापाजी और मम्मीजी को खाना खिलाते समय उसके दिमाग में कितनी बातें उठ रही थी हाँ… और ना के बीच में आके खतम हो जाती थी कभी-कभी वो पलटकर या फिर तिरछी नजर से पीछे की और देख भी लेती थी पर भीमा चाचा को वो नहीं देख पाई थी अब तक 

इसी तरह पापाजी और मम्मीजी का खाना भी खतम हो गया 
मम्मीजी- अरे बहू तू भी खाना खा ले अब 

कामया- जी मम्मीजी खा लूँगी 

पापाजी- ज्यादा देर मत किया कर नहीं तो गैस हो जाएगा 

कामया- जी 
और पापाजी और मम्मीजी उठकर हाथ मुख धोने लगे और पापाजी जल्दी-जल्दी अपने कमरे की ओर भागे निकलने का टाइम जो हो गया था मम्मीजी ने भीमा को आवाज देकर प्लेट उठाने को कहा और कामया के साथ ड्राइंग रूम के दरवाजे पर पहुँच गई पीछे भीमा डाइनिंग टेबल से प्लेट उठा रहा था और सामने ड्राइंग रूम के दरवाजे के पास कामया खड़ी थी उसकी ओर पीठ करके वो प्लेट उठाते हुए पीछे से उसे देख रहा था सबकी नजर बचा कर मम्मीजी कुछ कह रही थी कामया से तभी अचानक कामया पलटी और भीमा और कामया की नज़रें एक हुई भीमा सकपका गया और झट से नज़रें नीचे करके जल्दी से झुटे प्लेट लिए किचेन में घुस गया 

कामया ने जैसे ही भीमा को अपनी ओर देखते हुए देखा वो भी पलटकर मम्मीजी की ओर ध्यान देने लगी थी और तभी पापाजी भी आ गये थे वो बाहर को चले गये तो मम्मीजी और कामया भी उनके पीछे-पीछे बाहर दरवाजे तक आए बाहर गाड़ी के पास लाखा काका अपनी वही पूरी पोशाक में हाजिर थे नीचे गर्दन किए धोती और शर्ट पहने हुए पीछे का गेट खोले खड़े थे पापाजी उसके पास पहुँचकर कहा 

पापा जी- आज से तुम्हारे लिए नई ड्यूटी लगा दी है पता है 

लाखा- जी शाब 

पापाजी- आज से बहू को ड्राइविंग सिखाना है आपको 

लाखा- जी शाब 

पापाजी- कोई दिक्कत तो नहीं 

लाखा- जी नही शाब 

पापाजी- कोई शिकायत नहीं आनी चाहिए ठीक है 

लाखा- जी शाब 

लाखा का सिर अब भी नहीं उठ था नाही ही उसने कामया की ओर ही देखा था 
मम्मीजी- शाम को जल्दी आ जाना ठीक है 

लाखा- जी माँ जी 

मम्मीजी कितने बजे भेजोगे 

पापाजी- हाँ… करीब 6 बजे 

मम्मीजी जी ठीक है 
और पापाजी जी गाड़ी में बैठ गये और लाखा भी जल्दी से दौड़ कर ड्राइविंग सीट पर बैठ गया और गाड़ी गेट के बाहर हो गई मम्मीजी और कामया भी अंदर की ओर पलटे 
डाइनिंग टेबल में कुछ ढका हुआ था शायद कामया का खाना था 

मम्मीजी जा अब तू खाना ख़ाले मैं तो जाऊ आराम करूँ 

कामया- जी 
और कामया डाइनिंग रूम में रुक गई और माँ जी अपने रूम की ओर 
कामया किचेन की ओर चली और दरवाजे पर रुकी 

कामया- चाचा एक मदद चाहिए 

भीमा - जी छोटी बहू कहिए आप तो हुकुम कीजिए 

और अपनी नजर झुका कर हाथ बाँध कर सामने खड़ा ही गया सामने कामया खड़ी थी पर वो नजर उठाकर नहीं देख पा रहा था उसकी साँसे बहुत तेज चल रही थी सांसो में कामया के सेंट की खुशबू बस रही थी वो मदहोश सा होने लगा था 
कामया- वो असल में अआ आप बुरा तो नहीं मानेंगे ना 
भीमा का कोई जबाब ना पाकर 

कामया- वो असल में कल ना सोने के समय थोड़ा सा गर्दन में मोच आ गई थी में चाहती थी कि अगर आप थोड़ा सा मालिश कर दे 
भीमा- ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्जििइईईईई 
कामया भी भीमा के जबाब से कुछ सकपकाई पर तीर तो छूट चुका था 

कामया- नहीं नहीं, अगर कोई दिक्कत है तो कोई बात नहीं असल में उस दिन जब आपने मेरे पैरों मोच ठीक किया था ना इसलिए मैंने कहा और आज से तो गाड़ी भी चलाने जाना है ना इसलिए सोचा आपको बोलकर देखूँ 

भीमा की तो जान ही अटक गई थी गले में मुँह सुख गया था नज़रों के सामने अंधेरा छा गया था उसके गले से कोई भी आवाज नहीं निकली वो वैसे ही खड़ा रहा और कुछ बोल भी नही पाया 

कमाया- आप अपना काम खतम कर लीजिए फिर कर देना ठीक है में उसके बाद खाना खा लूँगी 
भीमा- #### 
कामया- चलिए में आपको बुला लूँगी कितना टाइम लगेगा आपको 
भीमा- जी #### 
कामया- फ्री होकर रिंग कर देना में रूम में ही हूँ 
और कहकर कामया अपने रूम की ओर पलटकर चली गई 

भीमा किचेन में ही खड़ा था किसी भूत की तरह सांसें ऊपर की ऊपर नीचे की नीचे दिमाग सुन्न आखें पथरा गई थी हाथ पाँव में जैसे जान ही ना हो खड़ा-खड़ा कामया को जाते हुए देखता रहा पीछे से उसकी कमर बलखाती हुई और नितंबों के ऊपर से उसकी चुन्नी इधर-उधर हो रही थी 

सीढ़ी से चढ़ते हुए उसके शरीर में एक अजीब सी लचक थी फिगर जो कीदिख रहा था कितना कोमल था वो सपने में कामया को जैसे देखता था वो आज उसी तरह बलखाती हुई सीढ़ीओ से चढ़कर अपने रूम की ओर मुड़ गई थी भीमा वैसे ही थोड़ी देर खड़ा रहा सोचता रहा कि आगे वो क्या करे 

आज तक कभी भी उसने यह नहीं सोचा था कि वो कभी भी इस घर की बहू को हाथ भी नही लगा सकता था मालिश तो दूर की बात और वो भी कंधे का मतलब वो आज कामया का शरीर को कंधे से छू सकेगा आआअह्ह उसके पूरे शरीर में एक अजीब सी हलचल मच गई थी बूढ़े शरीर में उत्तेजना की लहर फेल गई उसके सोते हुए अंगो में आग सी भर गई कितनी सुंदर है कामया कही कोई गलती हो गई तो 

पूरे जीवन काल की बनी बनाई निष्ठा और नमक हलाली धरी रह जाएगी पर मन का क्या करे वो तो चाहता था कि वो कामया के पास जाए भाड़ में जाए सबकुछ वो तो जाएगा वो अपने जीवन में इतनी सुंदर और कोमल लड़की को आज तक हाथ नहीं लगाया था वो तो जाएगा कुछ भी हो जाए वो जल्दी से पलटकर किचेन में खड़ा चारो ओर देख रहा था सिंक पर झूठे प्लेट पड़े थे और किचेन भी अस्त व्यस्त था पर उसकी नजर बार बार बाहर सीढ़ियों पर चली जाती थी 

उसका मन कुछ भी करने को नहीं हो रहा था जो कुछ जैसे पड़ा था वो वैसे ही रहने दिया आगे बढ़ने ही हिम्मत या फिर कहिए मन ही नहीं कर रहा था वो तो बस अब कामया के करीब जाना चाहता था वो कुछ भी नहीं सोच पा रहा था उसकी सांसें अब तो रुक रुक कर चल रही थी वो खड़ा-खड़ा बस इंतजार कर रहा था कि क्या करे उसका अंतर मन कह रहा था कि नहीं यह गलत है पर एक तरफ वो कामया के शरीर को छूना चाहता था उसके मन के अंदर में जो उथल पुथल थी वो उसके पार नहीं कर पा रहा था 

वो अभी भी खड़ा था और उधर 

कमाया अपने कमरे में पहुँचकर जल्दी से बाथरूम में घुसी और अपने को सवारने में लग गई थी वो इतने जल्दी बाजी में लगी थी कि जैसे वो अपने बाय फ्रेंड से मिलने जा रही हो वो जल्दी से बाहर निकली और वार्ड रोब से एक स्लीव लेस ब्लाउस और एक वाइट कलर का पेटीकोट निकाल कर वापस बाथरूम में घुस गई 

वो इतनी जल्दी में थी कि कोई भी देखकर कह सकता था कि वो आज कुछ अलग मूड में थी चेहरा खिला हुआ था और एक जहरीली मुश्कान भी थी उसके बाल खुले हुए थे और होंठों पर डार्क कलर की लिपस्टिक थी कमर के बहुत नीचे उसने पेटीकोट पहना था ब्लाउस तो जैसे रखकर सिला गया हो टाइट इतना था कि जैसे हाथ रखते ही फट जाए आधे से ज्यादा चुचे सामने से ब्लाउज के बाहर आ रहे थे पीछे से सिर्फ़ ब्रा के ऊपर तक ही था ब्लाउस कंधे पर बस टिका हुआ था दो बहुत ही पतले लगभग 1्2 सेंटीमीटर की ही होगी पट्टी 

बाथरूम से निकलने के बाद कामया अपने को मिरर में देखा तो वो खुद भी देखती रह गई कि लग रही थी सेक्स की गुड़िया कोई भी ऋषि मुनि उसे ना नहीं कर सकता था कामया अपने को देखकर बहुत ही उत्तेजित हो गई थी हाँ उसके शरीर में आग सी भर गई थी वो खड़ी-खड़ी अपने शरीर को अपने ही हाथों से सहला रही थी अपने उभारों को खुद ही सहलाकर अपने को और भी उत्तेजित कर रही थी और अपने शरीर पर भीमा चाचा के हाथों का सपर्श को भी महसूस कर रही थी उसने अपने को मिरर के सामने से हटाया और एक चुन्नी अपने उपर डाल ली और भीमा चाचा का इंतजार करने लगी 

पर इंटरकम तो जैसे शांत था वैसे ही शांत पड़ा हुआ था 

उधर भीमा भी अपने हाथ को साफ करके किचेन में ही खड़ा था सोच रहा था कि क्या करे फोन करे या नहीं कही किसी को पता चल गया तो लेकिन दिल है कि मानता नहीं वो इंटरकम तक पहुँचा और फिर थम गया अंदर एक डर था मालिक और नौकर का रिश्ता था उसका वो कैसे भूल सकता था पागल शेर की तरह वो किचेन में तो कभी किचेन के बाहर तक आता और फिर अंदर चला जाता इस दौरान वो दो बार बाहर का दरवाजा भी चैक कर आया जो कि ठीक से बंद है कि नहीं पागल सा हो रहा था उसने सोचा कि कर ही देता हूँ फोन 
और वो जैसे ही फोन तक पहुँचा फोन अपने आप ही बज उठा 
भीमा ने भी झट से उठा लिया 
भीमा- ज्ज्जिि (उसकी सांसें फूल रही थी )
उधर से कामया की आवाज थी शायद वो और इंतजार नहीं करना चाहती थी 
कामया- क्या हुआ चाचा काम नहीं हुआ आपका 

जैसे मिशरी सी घुल गई थी भीमा के कानों में हकलाते हुए भीमा की आवाज निकली 
भीमा जी बहू बस 

कामया- क्या जी जी मुझे खाना भी तो खाना है आओगे कि 

जान बूझ कर कमाया ने अपना सेंटेन्स आधा छोड़ दिया भीमा जल्दी से बोल उठा 
भीमा- नही नहीं बहू में तो बस आ ही रहा था आप बस आया 
और लगभग दौड़ता हुआ वो एक साथ दो तीन सीडिया चढ़ता हुआ कामया के रूम के सामने था मगर हिम्मत नहीं हो रही थी कि खटखटा सके खड़ा हुआ भीमा क्या करे सोच ही रहा था कि दरवाजा कामया ने खोल दिया जैसे देखना चाहती हो कि कहाँ रहा गया है वो सामने से भी सुंदर बिल कुल किसी अप्सरा की तरह खड़ी थी कामया चुन्नी जो कि उसके ब्लाउज के उपर से ढलक गया था उसके आधे खुले बूब्स जो कि बाहर की ओर थे उसे न्यूता दे रहे थे कि आओ और खेलो हमारे साथ चूसो और दबाओ जो जी में आए करो पर जल्दी करो 

भीमा दरवाजे पर खड़ा हुआ कामया के इस रूप को टक टकी बाँधे देख रहा था हलक सुख गया था इस तरह से कामया को देखते हुए कामया की आखों में और होंठों में एक अजीब सी मुश्कुराहट थी वो वैसे ही खड़ी भीमा चाचा को अपने रूप का रस पिला रही थी उसने अपने चुन्नी से अपने को ढकने की कोशिश भी नहीं की बल्कि थोड़ा सा आगे आके भीमा चाचा का हाथ पकड़कर अंदर खींचा 

कामया- क्या चाचा जल्दी करो ऐसे ही खड़े रहोगे क्या जल्दी से ठीक कर दो फिर खाना खाना है मुझे 
भीमा किसी कठपुतली की तरह एक नरम सी और कोमल सी हाथ के पकड़ के साथ अपने को खींचता हुआ कामया के कमरे में चला आया नहीं तो क्या कामया में दम था कि भीमा जैसे आदमी को खींचकर अंदर ले जा पाती यह तो भीमा ही खिंचा चला गया उस खुशबू की ओर उस मल्लिका की ओर उस अप्सरा की ओर उसके सूखे हुए होंठ और सूखा गला लिए आकड़े हुए पैरों के साथ सिर घूमता हुआ और आखें कामया के शरीर पर जमी हुई 

जैसे ही भीमा अंदर आया कामया ने अपने पैरों से ही रूम का दरवाजा बंद कर दिया और साइड में रखी कुर्सी पर बैठ गई जो कि कुछ नीचे की ओर था बेड से थोड़ी दूर भीमा आज पहली बार कामेश भैया के रूम में आया था उनकी शादी के बाद कितना सुंदर सजाकर रखा था बहू ने जितनी सुंदर वो थी उतना ही अपने रूम को सजा रखा था इतने में कामया की आवाज उसके कानों में टकराई 
कामया- क्या भीमा चाचा क्या सोच रहे हो 
भीमा- ##### 
वो बुत बना कामया को देख रहा था कामया से नजर मिलते ही वो फिर से जैसे कोमा में चला गया क्या दिख रही थी कामया सफेद कलर की टाइट ब्लाउस और पेटीकोट पहने हुए थी और लाल कलर की चुन्नी तो बस डाल रखी थी क्या वो इस तरह से मालिश कराएगी क्या वो कामया को इस तरह से छू सकेगा उसके कंधों को उसके बालों को या फिर 

कामया- क्या चाचा बताइए कहाँ करेंगे यही बैठू 

भीमा- जी जी .....और गले से थूक निगलने की कोशिश करने लगा 

भीमा कामया की ओर देखता हुआ थोड़ा सा आगे बढ़ा पर फिर ठिठ्क कर रुक गया क्या करे हाथ लगाए #### उूउउफफ्फ़ क्या वो अपने को रोक पाएगा कही कोई गड़बड़ हो गई तो भाड़ में जाए सबकुछ वो अब आगे बढ़ गया था अब पीछे नहीं हटेगा वो धीरे से कामया की ओर बड़ा और सामने खड़ा हो गया देखते हुए कामया को जो कि सिटी के थोड़ा सा नीचे होने से थोड़ा नीचे हो गये थी 
कामया- मैं पलट जाऊ कि आप पीछे आएँगे 

कामया भीमा चाचा को अपनी ओर आते देखकर पूछा उसकी सांसें भी कुछ तेज चल रही थी ब्लाउज के अंदर से उसकी चूचियां बाहर आने को हो रही थी भीमा की नजर कामया के ब्लाउसपर से नहीं हट रही थी वो घूमते हुए कामया के पीछे की ओर चला गया था उसकी सांसों में एक मादक सी खुशबू बस गई थी जो कि कामया के शरीर से निकल रही थी वो कामया का रूप का रस पीते हुए, उसके पीछे जाकर खड़ा हो गया उपर से दिखने में कामया का पूरा शरीर किसी मोम की गुड़िया की तरह से दिख रहा था सफेद कपड़ों में कसा हुआ उसका शरीर जो की कपड़ों से बाहर की ओर आने को तैयार था और उसके हाथों के इंतजार में था 

कामया अब भी चुपचाप वही बैठी थी और थोड़ा सा पीछे की ओर हो गई थी भीमा खड़ा हुआ, अब भी कामया को ही देख रहा था वो कामया के रूप को निहारने में इतना गुम थाकि वो यह भी ना देख पाया कि कब कामया अपना सिर उकचा करके भीमा की नजर की ओर ही देख रही थी 

कामया- क्या चाचा शुरू करो ना प्लेअसस्स्स्स्सीईईईईई 

भीमा के हाथ काप गये थे इस तरह की रिक्वेस्ट से कामया अब भी उसे ही देख रही थी उसके इस तरह से देखने से कामया की दोनों चूचियां उसके ब्लाउज के अंदर बहुत अंदर तक दिख रही थी कामया का शरीर किसी रूई के गोले के समान देख रहा था कोमल और नाजुक 

भीमा ने कपते हुए हाथ से कामया के कंधे को छुआ एक करेंट सा दौड़ गया भीमा के शरीर में उसके अंदर का सोया हुआ मर्द अचानक जाग गया आज तक भीमा ने इतनी कोमल और नरम चीज को हाथ नहीं लगाया था 

एकदम मखमल की तरह कोमल और चिकना था कामया का कंधा उसके हाथ मालिश करना तो जैसे भूल ही गये थे वो तो उस एहसास में ही खो गया था जो कि उसके हाथों को मिल रहा था वो चाह कर भी अपने हाथों को हिला नहीं पा रहा था बस अपनी उंगलियों को उसके कंधे पर हल्के से फेर रहा था और उसका नाज़ुकता का एहसास अपने अंदर भर रहा था वो अपने दूसरे हाथ को भी कामया के कंधे पर ले गया और दोनों हाथों से वो कामया के कंधे को बस छूकर देख रहा था 
Reply


Messages In This Thread
RE: Hindi Kahani बड़े घर की बहू - by sexstories - 06-10-2017, 02:20 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,518,809 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 546,301 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,239,477 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 937,100 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,663,815 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,089,817 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,965,741 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,103,497 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,050,904 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 286,559 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 4 Guest(s)