RE: क्या ये धोखा है ?
यूँ ही दिन निकलते गये पर सब कुच्छ वैसे ही चलता रहा…रोज़ रात को वो घुसाने की कोशिस करते और मैं दर्द में तड़पति रहती…वो क़िस्सी तरह आधा घुसाकर खुद मज़ा लेकर सो जाते…अब तो 2 3 हफ्ते बाद मुझे सेक्स के नाम से डर लगने लगा….मेरा सारा लंबे लंड का शौक उतर गया. मैं अब तो रात होने से डरने लगी.
कुच्छ महीने बाद एक बार संगीता का भी फोन आया दोपहर को जब वो ऑफीस में थे….मैं उसकी आवाज़ सुनते ही रो पड़ी..वो चुप कराकर पुच्छने लगी क्यों शादी के बाद खूब मस्ती हो रही हैं ना.बता ना तेरी सेक्स लाइफ कैसी गुजर रही हैं…मैने उसे सब कुच्छ बता दिया…संगीता बिस्वास ही नहीं कर रही थी कि क़िस्सी इंडियन का अंग इतना बड़ा हो सकता हैं,उसने पूछा तूने नापा हैं कितना बड़ा हैं..मैने कहा वो काले हब्सियों का जितना बड़ा बीएफ में देखते थे उतना ही बड़ा हैं..संगीता गंभीर हो गयी थी…ये तो सच में तेरे साथ बहुत बूरा हुआ..कोई इंडियन औरत इतना बड़ा लंड नहीं ले सकती…तेरी तो ज़िंदगी बर्बाद हो गयी…मैने उसे कहा तू ही तो कहती थी कि बड़े लंड में बहुत मज़ा आता हैं…संगीता ने समझाया कि अरे वो तो बीएफ देखने में अच्छा लगता हैसोच कर और बात कर पर सच ये हैं कि इंडियन आदमी और औरत के अंग छ्होटे होते हैं…मेरे पति का तो 5-6’होगा पर कभी कभी मुझे उसीमे दर्द हो जाता हैं पर उससे मज़ा बहुत आता हैं…फिर एक दिन संगीता के कहने पर मैने अमित से पूच्छ लिया कि आपका अंग तो बहुत बड़ा और जानदार हैं,क़िस्सी का शायद इतना बड़ा नहीं होता होगा…आपका कैसे इतना बड़ा हैं?उन्होने मुझे उस दिन एक राज़ की बात बताई…कि…
जब वो छ्होटे थे12-13 साल के तभी से वो बुआ के पास सोते और वो बुआ भी उस समय जवान थी वो अमित का अंग तभी से मसल मसल कर बड़ा करती थी….उसे मूँह में लेती थी और उसे चुस्ती रहती थी..फिर वही दोनो घर में थे और कोई नहीं था,इसलिए उसकी बुआ कभी भी नहलाने से पहले उसकी लंड तेलसे मालिस करती थी रोज़…ऐसा करने से उसका लंड बड़ा और बहुत ही कड़ा हो गया 16 -17 साल की उम्र में ही,..पर बुआ ने उसे नहीं चोदा और हमेशा उसे मालिश करती और मूँह में लेकर चुस्ती…शायद इसीके चलते उनके लंड से क़िस्सी औरत के होंठो के स्पर्श का कोई खास असर नहीं होता था क्योंकि वो 12 साल की उम्र से एक औरत उसे चुस्ती रही हैं…उन्होने बताया कि उन्होने और लड़को की तरह कभी मूठ नहीं मारी…या मारने का कभी मन ही नहीं किया…मैं समझ गयी कि उनका लंड एक तरह से सिर्फ़ सुन्न अंग हैं उसमे वो जान नहीं हैं जो आम लड़को के अंग में होती हैं…मैं अपने भाग्य को कोसने लगी कि क्या ज़िंदगी ने मुझसे खेल खेला…यूँ दिन बीतते गये…..ऐसे ही…अब तो मैं सेक्स ही कतराने लगी थी…
फिर एक बार गर्मियों में संगीता के बुलाने पर उसके यहाँ अपने पति के साथ गयी 2 दिन के लिए..
वहाँ संगीता ने चुपके से मुझे दिन में वो वीडियो दिखाया जिसमे उसके पति और वो मस्ती से सेक्स कर रहे थे…वो देख कर कई दिनो के बाद मेरे मन सेक्स जगा था…उसमे उसके पति जिनका लंड सचमूच मेरे पति से आधा था…पर जब संगीता उसे मूँह में लेकर चूस रही थी तो उनके चेहरे को देखकर बहुत मज़ा आरहा था…वो सिसकारिया भी लेने लगते वैसे ही वो संगीता की चूत चाटते और दोनो मस्ती मे डॉग पोज़िशन और फिर कभी खड़े होकर ,आपस में बात करते हुए मज़े से सेक्स कर रहे थे…मैं देख कर.
पागल हो गयी थी उनके सेक्स को….मेरी भी इच्छा होने लगी कि काश कोई छ्होटा लंड मुझे भी ऐसे ही मज़े देकर चोद्ता…संगीता मुझे चिकोटी काटकर बोली कि मेरे पति पर नज़र मत लगाना. मैं फिर उसे मारने दौड़ पड़ी थी…ये मेरे समझ में आ गया था कि उनके सेक्स की जो पिक्चर थी वही असली सेक्स हैं और वो बीएफ सब फालतू की मज़े लेने वाली चीज़े हैं… दोस्तो कहानी अभी बाकी है आगे की कहानी अगले पार्ट मे पढ़िए आपका दोस्त राज शर्मा
क्रमशः..............
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