RE: Sex Hindi Kahani राबिया का बेहेनचोद भाई
राबिया का बेहेनचोद भाई--14
. हाए !!! नही....फिर कहा मौका मिलेगा.....चूत की फाक में पैंटी के उपर से उंगली चलाया.....बदन में बिजली दौड़ गई.....इठलाते शरमाते हुए बोली.... हाए !!! भाई हाथ हटाओ......कहते हुए अपने हाथ को फ्रॉक के उपर से भाई की हाथ पर रख दिया.....भाई मेरी गर्दन चूमता बोला....क्या हुआ.... हाए !!! यहा नही.....यहा से हाथ हटाओ......खाली हाथ ही तो रखा है..... हाए !!! नही अपने इज़ारबंद खोलने के बहाने भी हाथ लगाया था.....क्यों यहा हाथ लगाने से कुछ होता है....धत ! मार दूँगी.....बता ना कुछ होता है क्या.....धत !...बेशरम.....दिल करता होगा... हाए !!! नही नीचे बैठने दो.....कहते हुए मैने नीचे उतरने की कोशिश की......भाई एक हाथ से चूत को सहलाता दूसरी हथेली बाहर निकाल मेरी कमर पकड़ रोकता हुआ.....मुँह को कान के पास सटा सरगोशी करता बोला....क्यों ज़यादा चुभ रहा... हाए !!! धत !....मैं शरमाई....छोड़ो .....
वैसे तूने बताया नही क्या चुभ रहा है.....इससस्स....भाई... हाए !!! बता ना क्या चुभ.... हाए !!! गंदे....अच्छा चल मैं बताऊँ ....उ हू...बहुत बदमाश....बता दूँ....मैं शरमाती इठलाती सिसकी... हाए !!!... भाई सरगोशी करते कान में बोला..... लं .......न्ड....उफफफफ्फ़.... बेशरम्म...म्मममम.....धत !...बोलते हुए मैने अपना चेहरा अपनी हथेली में छुपा लिया.....भाई हाथ आगे ला मेरी हथेली को हटाता बोला.....अब बता क्या चुभ... हाए !!! इसस्स्सस्स...बहुत बेशरम हो भाई आप.....भाई हल्के से मेरे गालो को चूमता बोला....तू जानती थी इसका नाम....मैं शरमाई... हाए !!!....बता ना....जानती थी....तेरी सहेलियों ने तो बताया होगा.....मैं शरमाई अपने निचले होंठों को दांतो तले दबाया...इसस्स्स्सस्स गंदे भाई..... हाए !!! चल बोल के दिखा ना....भाई का क्या चुभ रहा है.... हाए !!! नही.....शरमाती रह जाएगी....जिंदगी का कुछ मज़ा नही ले पाएगी... हाए !!! मुझे शर्म आती है....बोल ना प्लीज़ रबिया.....प्लीज़....मैं धीरे से अपने चेहरे को हाथो से धकते कहा.....मेरे से नही होगा......कोशिश तो कर.....चूत के होंठों पर उंगली चलाया..... हाए !!! नही पहले वहा से हाथ हटाओ......पहले बोल के दिखा क्या चुभ रहा है......
अफ ...मानोगे नही.....मान जाओ मेरे अच्छे भाईजान......मान जा ना मेरी गुड़िया रानी.....मेरी खूबसूरत परी ....कहते हुए भाई ने गर्दन आगे कर मुझे देखा.....उफफफफ्फ़.....आप मुझे मत देखो.....आँखे बंद करो....ले कर लिया... हाए !!! बोल दूँ....हा बोल....इसस्स्सस्स... लं....न्ड....भाई एक दम खुशी से उछल पड़ा....गोद में और ज़ोर से कस पेट पर रखी हथेली को सीधा मेरी राईट चूंची पर रख दबाते हुए....दबोच कर मुझे बाहों में कस लिया..... हाए !!! मेरी जानेमन....मेरी गुड़िया रानी....तेरी अदाए...एक बार और बोल के... हाए !!! धत !... हाए !!! एक बार....नही....प्लीज़.....उफफो भाई....भाई ने मेरे गाल को चूम लिया... हाए !!! बता ना....थोड़ा झुझलाहट भरी मुस्कुराहट के साथ बोली....दुबारा मत बोलना....ठीक है नही बोलूँगा....मैं धीरे से बोली... लं......न्ड.....भाई और ज़ोर से कसता.....राईट चूची अपनी पूरी मुट्ठी में कस.....ज़ोर से मसल दिया.....भाई की चूची वाली हथेली पर अपनी हथेली रखते हुए....मैं एकदम दर्द और मज़े से सिसक उठी.....अफ भाई दर्द......उफ़फ्फ़....छोड़ो .....मेरे चिल्लाने पर चूची पर पकड़ ढीला कर दिया.....पर हटाया नही.....अब उसका एक हाथ मेरी चूची पर और एक हाथ मेरी चूत पर था.....दोनो हाथ शरारत कर रहे थे......
चूत को सहला रहा था और चूचियों को धीरे धीरे मसल रहा था.....मैं सिसकती हुई बोली.... हाए !!! अब हाथ हटाओ....मैने बोल दिया.....भाई शरारत करता बोला.... हाए !!! कौन सा हाथ नीचे वाला....या....उपर..... मैने तड़प कर चूची वाले हाथ को हटने की कोशिश करने का नाटक करती बोली.....दोनो....नीचे वाला और.... हाए !!!....भाई ने चूची को हल्के से दबाया... हाए !!! छोड़ो ....हाथ हटाओ......भाई ने चूत वाले हाथ को हटा पेट पर रखा.....मैं इठलाती बोली....उपर वाला भी....भाई मेरी गाल को चूमता बोला....कही पर तो रखने दे....नही आप बहुत बदमाश हो....दर्द होता है मुझे......अच्छा अब धीरे से दबाऊंगा ठीक है...... हाए !!! धत !...मैं दबाने को थोड़ी बोल रही हू....फिर क्या बोल रही है मेरी गुलबदन बहना.... हाए !!! बदमाश मैं....हाथ हटाने को बोल रही हू.....तूने ही कहा की मैने ज़ोर से दबा दिया है....दर्द होता है तुझे......हा कहा था पर......बीच में काट ता बोला....
ठीक है मैं धीरे धीरे मसलूंगा....अपनी गुड़िया रानी को दर्द नही दूँगा....... हाए !!! धत ! आप ना भाई बात से बात निकालते हो.....मैने कब कहा की धीरे से दबाओ मेरा सी..ना....भाई ने अपने दूसरे हाथ को पेट से हटा लेफ्ट चूची पर रखा.....मैं चौंक कर वहा हाथ ले गई......ये क्या.....वो कान में सरगोशी करते बोला.....थोड़ा सा दबाने दे ना.....नही हाए !!! हाथ हटाओ....मुझे कुछ .... हाए !!! रबिया प्लीज़....देख ना नीचे से हाथ हटा दिया है....खाली उपर ही तो रखा है... हाए !!! नही भाई....छोड़ो .....उफ़ !!!....भाई मुझे कपकपि लग रही है.....एक तरीके से ग्रीन सिग्नल दिया की....दबाओ मज़ा आ रहा है....कपकपि क्यों लग रही है... हाए !!! पता नही कैसा-कैसा लग रहा है.....उफफफफ्फ़.....अजीब सा लग रहा है.....चूची के निपल को फ्रॉक के उपर से हल्के हाथो से चुटकी में पकड़ बोला.... हाए !!! अजीब सा क्यों कर लग रहा है.... हाए !!! मुझे नही पता....भाई प्लीज़ हाथ हटाओ...उफफफ्फ़.....कहती हुई मैने अपनी आँखे बंद कर ली.....मेरी साँसे तेज चल रही थी....दोनो पैर फैला.....मैं गोद में मचलने लगी....और पीछे पलट भाई की छाती में अपना मुँह छुपा उसको कस कर पकड़ लिया.....मेरा दिल तेज़ी से धड़क रहा था.....ये पहली बार था किसी लड़के ने मेरी आनच्छुई चूचियों को अपनी हथेली में लेकर मसला था.....सहेली की हथेली और यार की हथेली का फ़र्क समझ में आ रहा था..... कुछ लम्हे तक हम दोनों चुप रहे.....मैं उसकी छाती से चिपकी रही......तभी वो धीरे से बोला..... रबिया....हू.....मज़ा आया दबवाने में.... हाए !!!...बोल ना......कितना नखड़ा करती है....उसकी छाती से चेहरा उठा....मुस्कुराती....गाल गुलाबी करती....गर्दन झुकाए मैं सीधी बैठ गई....और अपने बालो को ठीक किया....भाई फिर से पुछा ....बोल ना...अच्छा लगा ना... हाए !!! मैं नही जानती....क्यों अभी तो बोल रही थी अजीब सा... हाए !!! धत !...मुझे आपके इरादे अच्छे नही लगते....क्यों मैने क्या किया..... हाए !!! नही....आप कुछ कर दोगे... हाए !!! मैं क्या कर दूँगा....मुझे हसी आ गई....पीछे पलट भाई की छाती पर मुक्का मारती बोली....ज्यादा बनो मत.....आज आपने सारी हादे पार कर दी....
उफ़फ्फ़ रब्बा....भाई कितने बेशरम.....मज़ा लेने के लिए तो बेशर्मी तो करनी ही पड़ती है....कहते हुए भाई ने मुझे बाहों में भरा....धत ! आजकल आप बहुत मज़ा लेने के चक्कर में.....सिर पर चुम्मि लेते हुए बोला......तू भी ना रबिया.....यही तो उमर है अपनी.....अच्छा चल एक बात बता....ईमानदारी से....किसका निकाह पहले होगा.....तेरा या मेरा... हाए !!! आपका...चल झूठी....सच्ची सच्ची बोल.... हाए !!! मेरा....हा पर कब होगा ये ठीक नही....भाई समझाने वाले अंदाज में बोला....और कैसे लड़के से होगा....मैं गोद में बैठे भाई की तरफ मुड़ गई....थोड़ा शरमाते....होंठों पर मुस्कुराहट लिए उसकी बातो को सुनने लगी......किस खानदान में होगा....इसका पता नही...क्यों है ना....हा भाई....तेरे जैसी खूबसूरत परी के लायक लड़का खोजना कितना मुश्किल है....ये तू नही जानती... हाए !!! धत ! भाई....फिर उसके बाद मेरा नंबर कब आएगा....कुछ आता पता ही नही..... हाए !!! अम्मी से जल्दी करने के लिए बोल.....
अम्मी किसकी सुनती है.....उसका प्लान तो मुझे विलायत भेजने का है....खैर छोड़ ये बाते....मैं तो ये कह रहा था की....अगर हम अपनी उमर के हिसाब से इस जिंदगी के बाहर को नही लूटेंगे तो.....दुनियावी दौड़ में पिछड़ जाएँगे......क्यों है....ना.....हा भाई पर.....भाई चालाकी से चुदाई के मज़े को तरक्की से ज़ोर रहा था.....पर क्या.....हम दोनो भाई बेहन है.....हम कैसे आपस में.....सारी दुनिया के लोग करते है....सुल्ताना ने तो खुद अपने छोटे भाई को फसाया था.....फिर हम ज्यादा कुछ नही करेंगे....ज्यादा आगे नही बढ़ेंगे.... हाए !!! लेकिन अगर किसी को पता चल गया तो..... किसी को पता ना चले इसलिए तो हम आपस में करेंगे.....अगर किसी बाहर वाले के साथ करेंगे तभी तो लोगो को पता चलेगा....क्यों बाहर वाले के साथ ज़्यादा ख़तरा है की नही.....हा भाई वो तो है.....फिर इस बारे शहर में ज्यादा लोग हमे जानते भी नही......हा भाई.....फिर हम लोगो के बीच चुप्पी च्छा गई.....
जैसे हम दोनो सोच रहे हो आगे बढ़े या नही.....जबकि दोनो तैयार बैठे थे आगे बढ़ने के लिए....भाई तैयार बैठा था मेरी अपना लंड पेलने के लिए....और मैं तो ना जाने कब से तैयार बैठी थी अपनी चूत चुदाने के लिए....कुछ लम्हे बाद मैं धीरे से बोली.....सच में सुल्ताना ने खुद ही अपने छोटे भाई को फसाया था.....और क्या....बड़ा खूबसूरत था उसका भाई.... हाए !!! वो खुद भी तो बहुत खूबसूरत थी....आपने उसके साथ कुछ .....नही यार मौका ही नही मिला जब तक बात आगे बढ़ाती तब तक......बड़ा अफ़सोस हुआ होगा आपको.....मैं थोड़ा हस्ती हुई बोली......क्या कर सकते है.....भाई मुँह बिचकाते बोला.....पर भाई आपको उसके और उसके भाई का पता कैसे चला......अरी बताया नही था तुझे.....मेरा दोस्त है ना जावेद....हा वही जो चस्मा लगता है.....हा वो अपनी बाजी को करता है ना.... हाए !!!....देखने से दोनो भाई-बेहन कितने शरीफ लगते है मैं बोली.....भाई हँसता हुआ बोला.....देखने से सब शरीफ लगते है......उसकी बाजी ना सुल्ताना की दोस्त है......अब दोनो ने एक दूसरे को शायद अपने राज बता रखे होंगे या पता नही क्या चक्कर था......
पहले तो मुझे यकीन नही हुआ मगर फिर......हा भाई मुझे भी ऐसे क़िस्सो पर यकीन नही होता था पहले......मैं अब पूरी तरह से खुल जाना चाहती थी.....अब भाई को रोकने की जगह ऐसा दिखना था जैसे उसने मुझे राज़ी कर लिया है......और बातो बातो में अपनी चूत में उसका लंड जल्द से जल्द ले लेना है.....बात को आगे बढ़ाती बोली.......वहा अपने शहर में मेरी सहेलियाँ भी बतलाती थी.......कौन....एक तो आयशा थी फिर सादिया और भी थी.....आयशा और सादिया तो दोनो अपने बड़े भाई के साथ..... हाए !!! मुझे तो यकीन नही होता था.....सादिया ने तो अपने बड़े और छोटे दोनो भाइयों को फसा....फिर यहाँ आकर फ़रज़ाना को जब अपना सीने मसलवाते देखा तो.......भाई ने मुझे बाहों में कसा और फिर से अपना हाथ मेरी चूचियों पर रख कहा......
वही तो मैं कहता हूँ.......सारी दुनिया कर रही है.....आजकल कल का फैशन बन गया है.....बाहर इतने ख़तरे है की.....घर में करने में ही समझदारी है......हा भाई....चूची को थोड़ा और उभरा....भाई ने थोड़ा और कस कर दबाया......छोड़ ना क्या इनकी बाते.....दूसरो की बातो में क्यों वक़्त जाया करे.....हम अपना... हाए !!! भाई...लेकिन.....अब लेकिन वेकीन कुछ नही.....सीने मसला था तो मज़ा आया था ना.... हाए !!!....बता ना... हाए !!! हा....भाई ने कस कर चूची को पकड़ा.....भाई धीरे....भाई ने पकड़ ढीली की और हल्के हाथो से मसलता बोला.... हाए !!! ऐसे ही बताएगी तभी तो.... हाए !!! भाई....इससस्स....मैं सिसकी......अच्छा लग रहा है ना...कितने गठीले मम्मे है तेरे.. हाए !!! कच्चे अमरुद के जैसे.... हाए !!! भाई ईईईईस !!.....मज़ा आ रहा है ना.....मैं सिसकती बोली... हाए !!! हू...
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