RE: Hindi Porn Stories कंचन -बेटी बहन से बहू तक का सफ़र
मेरा दिल ज़ोर ज़ोर से धड़कने लगा. तभी पापा ने एक ज़बरदस्त धक्का लगा दिया और उनका लंड चूत को चीरता हुआ पूरा अंडर समा गया.
“ आाऐययईईई….आआअहह….आह.” मेरे मुँह से ज़ोर की चीख निकल गयी.
“बेटी ऐसे चिल्लाओगी तो मम्मी जाग जाएगी.”
“आप भी तो हमें कितनी बेरहमी से चोद रहे हैं पापा.” पापा के मोटे मूसल ने मेरी चूत को बुरी तरह से फैला के चौड़ा कर दिया था. मुझे डर था की कहीं मेरी चूत सुचमुच ही ना फॅट जाए. अब पापा ने मेरी कमर पकड़ के धक्के लगाना शुरू कर दिया. आसानी से उनका लंड मेरी चूत में जा सके इसलिए अब मैने टाँगें बिल्कुल चौड़ी कर दी थी. मीठा मीठा दर्द हो रहा था. मैं अपने ही बाप से कुतिया बन के चुदवा रही थी.
“ कंचन बेटी तुम्हारी चूत तो बहुत टाइट है.” फ़च फ़च.. फ़च…..फ़च फ़च….फ़च… की आवाज़ें ज़ोर ज़ोर से आ रही थी. मेरी चूत बुरी तरह से पानी छोड़ रही थी. मैं इतनी उत्तेजित हो गयी थी की अपने चूतेर पीछे की ओर उचका उचका के पापा का लंड अपनी चूत में ले रही थी.
“ कंचन मेरी जान, तुम्हारी मम्मी को चोद कर भी आज तक इतना मज़ा नहीं आया.”
मैं तो वासना में पागल हुई जा रही थी. शायद अपने ही बाप से चुदवाने के एहसास ने मेरी वासना को और भड़का दिया था. पापा मेरे चूतरो को पकड़ के ज़ोर ज़ोर से धक्के मारते हुए बोले,
“कंचन बेटी. सच इन चूतरो ने तो हमारा जीना ही हराम कर रखा था. और तुम्हारा ये गुलाबी छेद!” ये कहते हुए उन्होने एक उंगली मेरी गांद में सरका दी.
“आआआहह…….. ईीइससस्स... ये क्या कर रहे हैं पापा?”
“बेटी तुम्हारे पति ने कभी इस छेद को प्यार किया है?” पापा अब मेरी गांद में उंगली अंडर बाहर कर रहे थे.
“आआी…ईईस्स्स्स… जी उन्होने तो कभी नहीं किया.” मैं समझ गयी थी कि अब पापा मेरी गांद भी मारना चाहते थे.मुझे मालूम था कि पापा को मम्मी की गांद मारने का बहुत शौक है. अपने ही बाप से गांद मरवाने की बात सोच सोच कर मैं बहुत उत्तेजित हो गयी थी और मेरी चूत तो इतनी गीली थी कि रस बह कर मेरी टाँगों पे बह रहा था. आख़िर वही हुआ जिसका मुझे अंदेशा था.
पापा मेरी गांद में उंगली करते हुए बोले,
“ कंचन बेटी हम तुम्हारे इस गुलाबी छेद को भी प्यार करना चाहते हैं.”
“हाई पापा आपको हमारे चूतेर इतने पसंद हैं तो कर लीजिए जी भर के उस छेद से प्यार. आज की रात मैं पूरी तरह से आपकी हूँ.”
“शाबाश मेरी जान , ये हुई ना बात. हमे पता था की हमारी प्यारी बिटिया हमे गांद ज़रूर देगी. अब अपने ये लाजबाब चूतेर थोरे से और ऊपर करो” मैने चूतेर ऊपर की ओर इस तरह उचका दिए कि पापा का लंड आसानी से मेरी गांद में जा सके. पापा ने मेरी गांद से उंगली निकाली और नीचे झुक के अपनी जीभ मेरी गांद के छेद पे टीका दी. मेरी तो वासना इतनी भड़क उठी थी की अब और सहन नहीं हो रहा था. शराब के नशे में वो धीरे धीरे मेरी गांद चाट रहे थे और कभी कभी जीभ गांद के छेद में घुसेड देते. एक हाथ से वो मेरी लंबी लंबी झाँटें सहला रहे थे.
“सच बेटी तुम्हारी गांद बहुत ही ज़्यादा स्वादिष्ट लग रही है. तुम्हारी गांद मैं से बहुत मादक खुश्बू आ रही है.” मुझे आज तक ये बात समझ नहीं आई थी कि मरद लोगों को औरत की गांद चाटने में क्या मज़ा आता है. अब पापा ने मेरी चूत के रस में से सना हुआ लंड मेरी गांद के छेद पे टिका दिया. हाई राम ! मेरे पापा मेरी गांद मारने जा रहे थे. मैं भी कुतिया बनी उस पल का इंतज़ार कर रही थी जब पापा का लंड मेरी गांद में प्रवेश करेगा. पापा ने मेरे चूतरो को पकड़ के चौड़ा किया और साथ ही एक ज़ोर का धक्का लगा दिया.
“ आआईयईई……आआआअहह….इसस्स्स्स्स्स्स्स्सस्स” जैसे ही लंड का मोटा सुपरा मेरी गांद में घुसा मेरे मुँह से चीख निकल ही गयी.
“हाई मेरी जान ! क्या मस्ट गांद है तुम्हारी!” पापा ने मेरे चूतेर पाकर के एक ज़ोर का धक्का लगा के आधे से ज़्यादा लंड मेरी गांद में उतार दिया.
“आआईईईआआआआआ……..ऊऊऊऊऊओ……….ईईस्स्स्स्स्स स.” मेरा दर्द के मारे बुरा हाल था. मुझे पक्का विश्वास था कि आज तो मेरी गांद ज़रूर फटेगी, लेकिन पापा से गांद मरवाने की चाह ने मुझे अँधा कर दिया था.
|