RE: Muslim Sex Stories खाला के घर में
हेलो दोस्तो वैसे आप मुझे जानते ही है फिर भी नये पाठकों को अपना इंट्रो दे रही हूँ फ्रेंड्स मेरा नाम ग़ज़ल अहमद है, मैं एक प्रोफेशनल रंडी हूँ, मैं पहले रंडी नही थी पर मैं आप लोगों को बताना चाहती हूँ की मैं रंडी कैसे बनी, सब से पहले मैं अपना और अपनी फॅमिली का इंट्रोडक्षन दे दूं. मैं ग़ज़ल अहमद उम्र 29 साल और मैं अपने वालिदो की इकलौती औलाद हूँ, इस वक़्त मेरी उमर 29 साल है पर जब मैं ने पहली बार चुदवाया था उस वक़्त मैं मेट्रिक मे थी. मैं कराची की रहने वाली हूँ. मेरे अब्बू रेलवे मैं काफ़ी अच्छी पोस्ट पर जॉब करते हैं. अब्बू की कई शहरो मे पोस्टिंग होती रही है इस लिए मुझे कई शहरो मे रहने का मोका मिला है. मेरी अम्मी का मेरे बचपन मे ही इंतिक़ाल हो गया था. ये मेरी पहली कहानी है अगर आप लोगो ने मेरी कहानी को पसंद किया तो मैं अपनी चुदाइयो की और कहानियाँ भी आप लोगो को बता उंगी. दोस्तो मुझे हिंदू लंड बहुत पसंद हैं क्योंकि मेरी पहली चुदाई एक हिंदू ने की थी. अब आती हूँ कहानी की तरफ ये उन दिनो की बात है जब मेरे मेट्रिक के पेपर होने वाले थे. हुआ कुछ यू कि मैं अपनी तबीयत खराबी की वजह से वन वीक स्कूल नही जा सकी. वन वीक बाद जब मैं स्कूल गई तो मुझे मेरे क्लास टीचर सर राज शर्मा ने बहुत डांटा और कहा कि पेपर करीब हैं और अब जो तुम्हारी पढ़ाई का हर्ज हुआ है तुम उसका क्या करोगी. मैं कहने लगी सर प्लीज़ आप कुछ मेरी हेल्प करो तो सर ने कहा कि तुम सनडे वाले दिन सुबह 10 बजे मेरे घर आ जाओ मैं ने कुछ और स्टूडेंट्स को भी बुलाया है तो मैं तुम सब तो अपने घर मे पढ़ा दूँगा तो मैं राज़ी हो गई. सनडे वाले दिन मैं ने अब्बू से कहा कि मैं सर की घर पढ़ने जा रही हूँ क्यूँ कि पेपर करीब हैं और मेरी पढ़ाई का भी काफ़ी हर्ज हो गया है. ये कह कर मैं ने अपनी बुक्स उठाई और सर राज शर्मा के घर आ गई.
सर का फ्लॅट हमारे घर के करीब ही था. सर का फ्लॅट आख़िरी फ्लोर मे सब से कोने वाला था. मैं ने सर के फ्लॅट के सामने खड़े होकर बेल बजाई तो वो बजी नही शायाद वो खराब थी मैं ने दरवाजे पर हाथ रखा तो वो खुल गया. मैं अंदर आकर सर को आवाज़ देने लगी मगर सर की तरफ से जवाब नही आया मैं कई कमरो से होती हुई उनके बेडरूम मे आ गई वॉशरूम का दरवाज़ा बंद था और अंदर से पानी गिरने की आवाज़ आ रही थी अभी मुझे खड़े हुए कुछ देर हुई थी की वॉशरूम का दरवाज़ा खुला और सर तोलिया से सर को पोंछते हुए कमरे मे आ गये. मैं सर को देख कर हक्का बक्का रह गई क्यूँ कि उन्हो ने कुछ भी नही पहना हुआ था उनका 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड फुल खड़ा हुआ था और वो सर के चलने की वजह से बुरी तरह से हिल रहा था. सर ने भी मुझे देख लिया और उन्हो ने जल्दी से अपने गिर्द तोलिया लपेट लिया, उनके खड़े लंड की वजह से तोलिया सही से नही लिपटा और वो खुल कर गिर गया तो मेरे होंटो पर मुस्कराहट आ गई और मैं मुस्कराती हुई कमरे से बाहर आ गई और ड्रॉयिंग रूम मे आकर बैठ गई. (घर मे अकेले होने की वजह से मैं सेक्सी फिल्म्स शौक से देखती थी और मेरे दिल मे भी ख्वाहिश थी कि मुझे भी कोई चोदे). थोड़ी देर बाद सर कमरे से बाहर आए तो उन्हो ने कमीज़ शलवार पहनी हुई थी. मैं सर को देख कर मुस्करा दी. सिर मेरे पास आकर बैठ गये मुझे मुस्कुराता हुआ देख कर वो कुछ रेलेक्ष हो गये थे. (सर के लंड को देख कर मैं फ़ैसला कर चुकी थी की आज चाहे जो भी हो जाए मैं आज सर से लाज़मी चुदवा कर जाउन्गि). मैं ने पूछा सर बाकी के स्टूडेंट्स कहा हैं तो सर ने कहा कि बाकी के स्टूडेंट्स ने आने से मना कर दिया था तो मुझे तुम्हे बताना याद नही रहा. सर की बात सुनकर मैं मुस्कराई और बोली ये तो अच्छा हुआ, सर अब मैं आ गई हूँ तो आप मुझे पढ़ा दो. सर ने कहा की फिर मुझे दोबारा दोबारा पढ़ाना पड़ेगा. मैं कहने लगी सर अब मैं आ गई हूँ तो कुछ पढ़ कर ही जाउन्गि. ये कह कर मैं मुस्कारने लगी अब सर भी मेरा इशारा समझ गये थे और वो मेरे कुछ और करीब हो गये और बोले अगर मैं तुम्हे सेक्स की बारे मे पढ़ा दूं तो क्या तुम पढ़ो गी. मैं मुस्कुराइ और बोली सर अगर मैं मना कर्दू तो क्या आप मुझे नही पढ़ाएँगे . मेरी बात सुनकर सर मुस्कराए और बोले अगर तुमने मना किया तो मैं ज़बरदस्ती तुम्हे पढ़ा उँगा. मैं हँसी और बोली तो ज़बरदस्ती ही मुझे पढ़ा दो सर आप को कॉन रोकने वाला है. मेरा सॉफ इशारा सुनकर सर से अब ज़्यादा बर्दाश्त नही हुआ और उन्हो ने मेरी कमर मे हाथ डाल कर मुझे अपनी तरफ घसीट लिया और मेरे होंटो से अपने होन्ट मिला दिए. मेरे तो दिल की ख्वाहिश पूरी हो रही थी इसलिए मैं भी उनसे लिपट गई सर बेतहाशा मेरे होंटो को चूम रहे थे और मैं मज़े से बहाल हुई जा रही थी मैं ने उनके गले मे अपने हाथ डाल दिए तो सिर ने मुझे ज़ोर से भीच लिया तो मेरे मम्मे उनके सीने के साथ लग कर दब गये.
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