RE: Sex Stories hindi मेरी मौसी और उसकी बेटी सिमरन
फिर वह अपने रूम मे जा पुराने कपड़े पहन आई. सफेद शलवार जंपर था. शलवार कसी थी और जंपर भी कसी थी और दोनो मम्मे कसकर बाहर को आ रहे थे और ऊपर से दिख रहे थे. वह पास गयी तो मौसी ने उसे पकड़ कहा, “हां अब ठीक है, जब भाई आए तो उसके सामने ही बैठना और पैरों को फैलाना जिससे उसे तुम्हारी चूत की झलक दिखे और मम्मों को ज़रा और बाहर निकाल लेना जा.”
फिर जब शाम को मैं पहुँचा तो सिमरन ने मुझे देखा और पास आई तो मैंने उसके मम्मों को पकड़ कहा, “हाये सिमरन कितनी प्यारी लग रही हो इन कपड़ों में हाये सब दिख रहा है.”
“भैया मम्मी ने पहनाए है ये कपड़े, कहा है अपने भाई को दिखाओ अपना माल.”
“हाये तेरा माल तो देख भी चुका हूँ और चख भी चुका हूँ, रानी आज तो तुम्हारा पूरा मज़ा लूँगा, आज अपनी बहन की जवानी को खुलकर चोदूँगा.”
“भैया हटो भी आप तो मुझे चोदे बिना नही मनोगे?”
“अरे यार मौसी भी चाहती है कि तुम अपनी चुदवाओ मुझसे तो क्यों शरमाती है?”
“जी नही भैया मम्मी तो बस इतना चाहती हैं कि मैं आपको दिखाऊ और थोड़ा बहुत दबवाकर मज़ा लूँ. आई बात समझ मे अब जाइए और रात को मेरे रूम मे आना हो तो मुझे इनकार नही.”
फिर वह इठलाती हुई चली गयी. मैं मौसी के पास गया और पूछा तो मौसी बोली, “काम बन रहा है, जल्दी मत करो आज रात चोद लेना अपनी बहन को.”
फिर सब नॉर्मल होने लगा. वह मुझे देख देख इठला रही थी. खैर रात के 11 बजे मे उसके रूम मे गया तो वा बेड पर लेटी कोई बुक देख रही थी. मैं उसके पास गया तो वह बुक रख मुझे देखने लगी. मैं पास गया और उसको पकड़ कहा, “आज क्या करवाएगी?”
फिर जब मैं उसके पास गया तो वह मुझे देख मुस्कराने लगी. मैंने उससे कहा, “सिमरन बोल क्या करवाएगी?”
“भैया जो चाहो करो, अब तो मैं आपकी हूँ.”
“तुम झूठ बोलती हो.”
“नही भैया सच कह रही हूँ, मैं अब सिर्फ़ आपकी हूँ.”
“तो ठीक है पहले तो मैं तुम्हारी चूत को चाट कर मज़ा लूँगा फिर आज तुमको चोदूँगा भी.”
“नही भैया प्लीज़ चाट लो पर चोद्ना नही.”
“क्यों? तुम तो कहती हो कि तुम सिर्फ़ मेरी हो तो क्या बात है?”
“मुझे डर लगता है.”
मे अभी कुछ कहने ही वाला था कि बाहर से आहट की आवाज़ आई और फिर मौसी की आवाज़ आई, “राज बेटा तुम कहाँ हो?”
“मौसी मैं यहा हूँ सिमरन के पास.”
मौसी अंदर आई. हम दोनो ठीक से बैठे थे. मौसी पास आ सिमरन के पास बैठी और बोली, “राज बेटा तुम इतनी रात को यहाँ क्या कर रहे हो?”
सिमरन कुछ घबरा रही थी. मैं सिमरन को देखते बोला, “मौसी नींद नही आ रही थी सोचा सिमरन से बातें ही करूँ कुछ देर.”
“हां हां बेटा ठीक है, तुम दोनो लोग बातें करलो मैं तो सोने जा रही हूँ. वैसे तुमलोग भी जल्दी सो जाना बाते करने के बाद.”
“पर मौसी यह मुझसे बात नही कर रही.”
“अरे क्यों?”
“जो मैं इससे कह रहा हूँ वह नही मान रही.”
“अरे सिमरन बेटी क्या बात है. अपने बड़े भाई की बात मानलो, जो कह रहा वह करो. बेटा मानेगी तुम्हारी बात.”
सिमरन सब सुन घबरा सी रही थी. तभी मौसी ने उसके गालों को पकड़ कहा, “बेटी क्या कह रहा था यह?”
“ज्ज्ज…”
“क्यों तुम क्या कह रहे थे इससे?”
“मौसी मैं कह रहा था कि तुम मेरी छोटी और प्यारी बहन हो और मैं तुमको बहुत प्यार करता हूँ और मैं इस वक़्त इससे कुछ प्यारी बातें करने आया हूँ.”
“अरे बेटी तुम अपने भाई को बहुत परेशान करती हो. तुमको समझाइया था दिन मे. चलो अपने भाई को अपना माल दिखाओ.”
वह मौसी की खुली खुली बात सुन शरमा गयी. मैं खुश था. तभी मौसी मुझसे बोली, “बेटा तुम अपनी बहन का माल देख लो और इसे थोड़ा प्यार भी करना, बेचारी को किसी के प्यार की बहुत ज़रूरत है.”
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