RE: Sex Stories hindi मेरी मौसी और उसकी बेटी सिमरन
“बड़ा होशयार हो गया है मेरा बेटा. चल तू लेट जा हम खुद ही कर लेते हैं इस को बड़ा.” मौसी ने मुझे कंधे से पकड़ कर लिटा दिया और खुद मेरी टाँगो की तरफ आ गई और सिमरन का हाथ जो अभी तक मेरे सीने पे था पकड़ कर मेरे लंड पे रख दिया.
“पकड़ो इसे!!! आज से ये तुम्हारा है.”
और सिमरन ने मेरा लंड हाथ मे ले कर मुट्ठी बंद कर ली. उसे लगा के जैसे उस ने कोई गर्म गर्म रोड पकड़ लिया है वो काफ़ी सख़्त हो रहा था और झटके ले रहा था. मैं सिमरन के हाथ की नर्मी और गर्मी अपने रोड पे महसूस कर के और भी हार्ड होने लगा.
“ऐसे करो जान.” मौसी ने सिमरन का हाथ पकड़ के मेरे लंड पे ऊपर नीचे किया और सिमरन अपने हाथ को हल्के हल्के अप्पर नीचे केरने लगी और मेरे लंड की रगो को अपने हथेली मे महसूस केरने लगी.
“मम्मी ये तो बहुत बड़ा है.” सिमरन ने आहिस्ता से सरगोशी की.
“हां, और मज़े का भी.” मौसी ने सिमरन की आँखो मे देखा और थोड़ा सा झुक कर मेरे हार्ड राक लंड के हेड पे किस की और मेरे पूरे बदन मे करेंट सा दौड़ गया.
“चलो बेटी अब तुम्हारी बारी.” मौसी ने सिमरन को कहा और सिमरन ने एक नज़र मेरी तरफ देखा. मैं सिर उठा कर उस की तरफ ही देख रहा था.
सिमरन बहुत अच्छी एक्टिंग कर रही थी शरमाने की. साली कई दिन से मेरा लंड चूस रही थी पर आज मौसी के सामने बेचारी शरमा भी रही थी इसलिए लग रहा था जैसे सबकुछ आज पहली बार हो रहा है. सिमरन ने शरमाते हुए जल्दी से मेरे तने हुए लंड के सिर पे किस कर दी.
“शाबाश.” मौसी ने कहा. “अब तो तुम दोनो की शरम उतर गई ना.”
“मौसी मैं अकेला ही नंगा रहूंगा क्या?” मैंने मौसी से पूछा.
“नही हम भी उतारने लगे हैं कपड़े तुम परेशान क्यों होते हो, ये लो बाबा.” और मौसी ने अपनी कमीज़ एक झटके से उतार दी और उनकी बड़े बड़े मम्मे उछल कर बाहर आ गए.
“चलो बेटी उतारो इसे.” मौसी ने सिमरन की कमीज़ पकड़ कर कहा.
“मुझे शर्म आती है आप ही उतारो.” सिमरन ने नज़रे झुकाते हुए कहा.
“ओह! हो अभी भी शर्म, लाओ इधर आओ ज़रा.” और मौसी ने सिमरन की कमीज़ भी उतार दी. सिमरन ने बाज़ू उपर कर के मौसी की हेल्प की.
“गुड!” मौसी ने कहा और उस की कमर पे हाथ लेजा कर उस की ब्रा भी खोल दी.
अब सिमरन की गोल गोल पर्फेक्ट ताने हुए 32 साइज़ के मम्मे बाहर आ गए. मौसी ने दोनो पे हाथ फेरा और कहा, “लो ज़रा मेरी ब्रा तो खोलना.” मौसी ने अपनी कमर सिमरन की तरफ की.
और उस ने मौसी की ब्रा खोल दी. अब दोनो के जिस्मो पे सिर्फ़ शलवार थीं. मैं कमरे की ब्लू रोशनी मे दोनो के चमकते हुए मम्मे देख रहा था.
“लो मेरे राजा तुम इन से खेलो हम इस से खैलते हैं.” मौसी ने सिमरन की एक चूची को पकड़ कर मेरे सामने कर दिया और मैंने हाथ बढ़ा कर सिमरन की चूची को पकड़ लिया और दबाने लगा. सिमरन को मैं आज मौसी के सामने छू रहा था. उसे बेहद मज़ा आने लगा और मौसी ने मेरे हार्ड लंड को अपने हाथो मे ले लिया और फिर थोड़ा सा झुक कर लंड पे किस्सिंग करनी शुरू कर दी. मुझे मौसी की गर्म गर्म साँसे पागल कर रही थीं और मेरी आँखे बंद हो गईं. उधर सिमरन मेरे और नज़दीक हो कर मेरे दोनो हाथो से अपने मम्मों को मसलवा रही थी और आँखे बंद कर के लंबी लंबी साँसे ले रही थी. उस का दिल ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था. तभी मौसी ने मुँह खोल कर मेरा आधे से ज़्यादा लंड अपने अंदर ले लिया और चूसने लगी. मेरा बदन अकड़ने लगा. मौसी ने दो तीन बार ही चूसा कि फॉरन ही मेरा फोव्वारा मौसी के मुँह मे ही छूट गया. मौसी को मेरा नमकीन पानी अपने मुँह मे आते महसूस हुआ लेकिन मौसी ने मेरा लंड बाहर नही निकाला. वो वैसे ही उसे चूसती रही, अंदर बाहर करती रही और मेरे कम का फुल लोड मौसी मुँह मे भर गया.
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