RE: Maa ki chudai मॉं की मस्ती
मनु को अपनी मा के हाथों का स्पर्श अपने गाल पर बहुत ही अछा लगा,फिर आरती ने टेबल पर खाना लगा दिया,और मनु को कहा कि वो और उसके पापा खाने के लिए खाने की टेबल पर आ जाए.
मनु अपने पापा को ले कर टेबल पर आ गया,और वो सब खाना खाने लगे,फिर अरविंद ने मनु से कहा कि मनु बेटे तुम्हारी स्टडी कैसे चल रही है,मनु ने कहा कि पापा बढ़िया चल रही है,रमण भैया के पढ़ाने का स्टाइल बहुत ही बढ़िया है,और इस बार के एग्ज़ॅम्स मे आपको फर्स्ट आ कर दिखाउन्गा.
अरविंद मनु की ये बात सुन कर बहुत खुस हुआ,फिर बोला कि आरती देखो रमण हमसे मनु की ट्यूशन के बदले मे कोई ट्यूशन फीस नही लेता,और फिर भी मनु की पढ़ाई पर इतना ध्यान देता है,इसलिए तुम भी उसका पूरा-2 ख़याल रखा करो,हमारे यहाँ उसको किसी भी किसम की तकलीफ़ नही होनी चाहिए.
मैने रमण को कई बार फीस के लिए कहा है पर वो सुनता ही नही,ना ही ऑफीस मे उसका बाप रमेश कुछ बताता है,इस कारण हमारा फ़र्ज़ है कि उसका अच्छी तरह से ध्यान रखे,वैसे मैने उसको फीस ना लेने के कारण कई बार अलग-2 गिफ्ट्स दिए हैं ,पर उसका पॅशन ऐसा है कि कहना ही क्या.
आरती बोली कि आपको फिकर करने की कोई ज़रूरत नही है,मैं रमण का और उसकी ज़रूरतो का ध्यान रखती हूँ,और वो जब भी आता है उसको बिना नाश्ता किए जाने नही देती,इसलिए आप को फिकर करने की ज़रूरत नही है,फिर मैं भी देख रही हूँ कि रमण हमारे मनु की पढ़ाई का इतना ध्यान रख रहा है ,तो ये तो हमारा फ़र्ज़ है ही.
मनु आपने मा बाप की ऐसी बातें सुन कर बहुत खुस हुआ,इसका ये मतलब है कि अब उसके पिता जी को तो रमण पर पूरा भरोसा है ही,और उसकी मा भी रमण से बहुत इंप्रेस है,अब रमण और वो मिल कर आरती को आसानी से फँसा सकते हैं.
अगले दिन मनु जब स्कूल से घर आया तब उसने देखा कि आज उसकी मम्मी ने एक बहुत ही मॉर्डन ड्रेस पहनी हुई थी,तब वो अपनी मम्मी से बोला कि मम्मी आज आप कहीं जा रहे हो क्या.
आरती-नही मुझे तो कहीं नही जाना,पर तूने ये क्यों पूछा.
मनु-आप ने आज बहुत नयी ड्रेस पहनी हुई है और मेकप भी किया है,इसलिए मुझे लगा कि आप कहीं बाहर जा रहे हो.
आरती बोली वो तो वैसे ही आज मैने सोचा कि तुम लोग रोज मेरे पीछे पड़े रहते हो कि मे मॉर्डन ड्रेस मे ज़्यादा अच्छी लगती हूँ,और परसो भी तुम लोग ही इन्सिस्ट कर रहे थे कि मैं घर मे वो ड्रेसस क्यों नही पहनती,तो मैने सोचा कि आज तुमको सर्प्राइज़ दिया जाए.
मनु ताड़ गया कि आज तो उसकी मा उन दोनो जनो पर बिजलियाँ गिराने वाली है.
आरती आगे बोली कि अगर तुमको मेरा ये ड्रेस पहन-ना अछा नही लगा तो मैं बदल लेती हूँ.
मनु जल्दी से बोला कि ऐसी कोई बात नही है मा,मैं तो आपको इस ड्रेस मे देख कर बहुत खुस हूँ,और मुझे मालूम है कि रमण भैया भी जब आपको इस रूप मे देखेंगे तो बहुत ही खुस होंगे.आप इन कपड़ों मे बहुत सुंदर लग रही हो.
आरती बोली बस-2 तुम्हे और कोई काम नही है क्या?
मनु ने कहा कि आप तो हमेशा ऐसे ही कहती हो,चलो मैं आपको आपकी रमण भैया ने जो फोटुस दोनो बार खींची हैं दिखाता हूँ.
आरती ने कहा कि वो तो मैने देख रखी हैं.
मनु-अर्रे मे आपको वो फोटुस अपने लॅपटॉप पर लार्ज करके दिखाता हूँ,मोबाइल के मुक़ाबले कंप्यूटर की बड़ी स्क्रीन पर आप क्या खूब लग रही हो.
ये कह कर मनु अपना लॅपटॉप वहीं सोफे पर ले आया,और फिर उसने वो फोल्डर खोले जो रमण ने उसको भेजे थे.पर वो पहले ही उसमे से दूसरी फोटो हटा चुका था.
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