RE: Antarvasna तूने मेरे जाना,कभी नही जाना
रोहन रेणु के पिछे रसोई मे चला जाता है ...और वहाँ रखे पटरे पर बैठकर अपने जुगाड़ मे लग जाता है ...
"मौसी आप कितना काम करती हो जब भी गाओं आता हूँ आप को बस काम करते ही देखता हूँ "
" अरे गाओं मे तो सभी लड़किया ऐसे ही काम करती हैं और फिर अपने घर का काम है "
"वैसे ये आपका अपना घर तो नही है "
" क्यू??... क्यू नही है मेरा घर ? "रेणु थोड़ी तुनक कर पुछति है..
"अरे आपका घर तो वो होगा जब आपकी शादी होगा और हमारे मौसा जी आपको ले
जाएँगे डॉली में "
'धत्त्त ,,तू कैसी बाते करने लगा है...दीदी को बताउन्गी सब "
" अरे ..लो...इसमे क्या ग़लत बोल दया ...आप तो शादी के लायक अभी से लगने लगी हो "
इस बार रेणु शरमा जाती है ..
"हाई दैया ...तुम शहर के लड़के कितने गंदे होते हो ...और कोई बात नही आती तुम लोगो को "
अब रोहन चुप हो जाता है इस डर से कहीं बात बिगड़ ना जाए ...
रेणु इस समय आटा गूँथ रही है और उसके कुच्छ बाल जुड़े से निकल कर आगे की ओर आ रहे थे ..वो हाथ मे आटा लगे होने की वजह से उन्हे कंधे से पिछे करने के असफल कोसिस कर रही थी..
तभी रोहन आगे बढ़ कर उसके बालो को पकड़कर पिछे कर देता है...उसके होठ रेणु के गले के बिल्कुल पास थे ..और अचानक से उसके होठ रेणु के गले से छु जाते है...रेणु का पूरा बदन सिहर जाता है ...पहली बार किसी मर्द के होंठो का स्पर्श हुआ था उसके कोमल जिस्म पर.
"सॉरी मौसी वो मेरा पैर फिसल गया और बॅलेन्स बिगड़ गया था ..."
रेणु नागवारी से उसकी ओर देखते हुए ..."इट'स ओके''प्लीज़ तुम जाओ यहाँ से "
"पर मैं तो वो ...."
"प्लीज़ जाओ अभी "
"ठीक है जाता हूँ "
"ह्म्म्मज इतनी आसानी से हाथ नही आएगी ये कमसिन जवानी की हसीन मूरत ..कोई बात नही बेबी...एक दिन खुद मेरी बाहों मे आकर अपने हुष्ण को मुझसे लुटवाओगी " रोहन बाहर सोचता हुआ बाहर चला जाता है..
"क्या रोहन ने वो जान बूझकर किया था ...लेकिन उसकी बात सच भी हो सकती है ..हां वो सच ही बोल रहा होगा ..इतना बुरा तो नही हो सकता ....ह्म्म्म ...क्या मुझे उसका छुना अच्छा लगा ....इससस्स.."
इस सवाल पर खुद ही रेणु कन्फ्यूज़ सी हो जाती है.
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