RE: Antarvasna तूने मेरे जाना,कभी नही जाना
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"बैठो ना थोड़ी देर और " आरती फिर ज़िद करती है ..सहल बैठ जाता है लेकिन इस बार उस से दूर दूसरे पत्थर पर.
"मामा,आपकी कोई गिर्ल्फ्रेंड है"
"क्याआ ????" साहिल हैरत से उसकी ओर देखता है
"अर्र्रररीई..ऐसे क्यू रिएक्ट कर रहे हो..हाँ या ना बस बता दो "
"तुम ये सब बाते करती हो ..कुच्छ पढ़ने लिखने की बात नही कर सकती..वैसे मेरी को गर्लफ्रेंड नही है ..फालतू के काम है ये सब "
"क्या हमेशा पढ़ाई..अब मैं यहाँ अपनी वाकेशन स्पेंड करने आई हूँ ..फिर तो जाकर पढ़ना है"
साहिल बस मुस्कुरा देता है .
"अच्छा आपकी गर्लफ्रेंड क्यू नही है "
"'क्यू नही है मतलब ???...बहुत सारे लोगो की नही होती ...ये कोई वोटर आइडी या रॅशन कार्ड हो जो होना ही चाहिए "
आरती को हँसी आ जाती है उसके जवाब पर .
"अरे मेरा मतलब था कि कोई पसंद नही आई या...आप अकेले रहते हो जबकि आपने तो कॉलेज भी कर लिया "
"तो कॉलेज क्या गर्लफ्रेंड के लिए जाते है ????" और मैं अकेले ही अच्छा हूँ "
"अच्छा आपका कोई दोस्त नही हैं "
"है ना ...सारे क्लास के ही है ..अक्सर वो सब मुझसे क्वेस्चन पुच्छने या नोट्स लेने घर पर भी आते है.. मतलब आते थे ..अब तो कॉलेज नही जाना "
साहिल पहले बड़े गर्व से बताता है फिर थोड़ी उदास हो जाता है ..वैसे ये सच था साहिल का कोई ऐसा दोस्त नही था जो उसे सच मे दोस्त समझे ...क्योंकि साहिल पढ़ने मे काफ़ी अच्छा था तो अक्सर सब उस से अपना कम निकलवाते ..साहिल काफ़ी भोला था ..उसी को दोस्ती समझ लेता.
"तो फिर वो आपके दोस्त कहाँ हुए..वो तो बस आपसे अपना काम निकलवाते है...ऐसे दोस्तो और उनकी दोस्ती का क्या फ़ायदा. "
"चलो वो मुझे अपना दोस्त नही मानते तो ना सही ..पर मैं तो उन्हे दोस्त मानता हूँ ना ...और दोस्तो का तो काम ही होता अपने दोस्त के काम आना "
साहिल अपनी धुन मे बोलता जाता है .
"और जानती हो जब किसी को दोस्त मान लो या किसी से प्यार करो तो फिर फ़ायदा नुकसान मत सोचो ..बस अपनी दोस्ती निभाते जाओ .. रिश्ते बहुत अनमोल होते हैं..और अगर रिश्तो मे फ़ायदा नुकसान आ जाए तो फिर वो रिश्ते बेमोल हो जाते है "
आरती एक टक साहिल के चेहरे को तक जाती है ...कितनी गहरी बात कह दी थी साहिल ने .
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