RE: non veg story प्यासे दिन और प्यासी रातें
लगभग पंद्रह मिनट की बोरियत के बाद मुझे राज अपनी ओर आता दिखाई दिया, मेरे दिल के धड़कन बढ़ गई… पता नहीं अन्दर क्या गुल खिला हो!
राज ने मेरे पास आकर मेरा हाथ पकड़ा और मुझसे गले लगकर बोला- सॉरी… चल अन्दर चल!
मैं और राज कॉटेज में गए।
राज तो तौलिया लपेटे था, अन्दर पायल ने एक फ्रॉक डाल ली थी।
मैं राज के पीछे था, पायल ने आगे बढ़कर मुझे अपने होठों से लगा लिया।
राज के सामने मुझे उससे एसी उम्मीद नहीं थी पर अब मैंने भी बेशर्मी से उसे भींच लिया, उसके गोल गोल मम्मे उसके जलते होंठ और उसका मेरे बालों में हाथ फेरना… बता नहीं सकता… आग लग गई थी।
मैंने फ्रॉक के ऊपर से ही उसकी चूत का दाना मसल दिया।
पीछे से राज हंसकर बोला- जरा सब्र कर, वेटर खाने का सामान लेकर आता ही होगा!
तभी गेट पर आहट हुई।
पायल अन्दर बाथरूम में चली गई, वेटर आया था सामान लेकर… उसके जाने के बाद राज ने दरवाजा बंद कर दिया।
पायल बाहर आ गई।
उसने पकोड़े प्लेट में कर दिये, राज ने बियर की बोतल खोल ली और मेरी ओर कर दी।
मुझे मालूम था कि पायल बियर ले लेती है, मैंने एक घूँट भर कर पायल को दोबारा होंठ से चिपका लिया और अपने मुँह की बियर उसके मुँह में डाल दी।
राज ने बियर की बोतल उसकी चूत में घुसा कर थोड़ी सी लुढ़का दी और फिर नीचे लेटकर उसकी चूत चूसने लगा।
अब पायल की आग भड़क चुकी थी, उसने मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिये, मैंने भी उसका साथ दिया और अपने साथ ही उसे भी नंगी कर दिया।
राज ने भी तौलिया पलंग पर फेंक दिया था।
मैंने पायल को कमर से उठाया, उसने अपनी टाँगें मेरी कमर पर लपेट ली और एक हाथ से मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत की ओर किया।
मैंने भी पूरा जोर लगा कर लंड को भाभी की चिकनी चूत में घुसा दिया।
मैंने खड़े खड़े ही दो-चार धक्के मारे तो पायल मुझ पर और झूल गई। उसने अपनी बाहें ढीली की और खुद भी झटके देते हुए अपनी जीभ मेरे मुख में कर दी।
अब मुझ से बर्दाश्त नहीं हो रहा था, मैंने उसे पलंग पर लिटाया और चढ़ गया उसके ऊपर…
राज भी जोश में था, उसने अपना लंड पायल के मुँह में घुसा दिया।
पायल एक हाथ से उसका लंड चूस रही थी और दूसरे हाथ से उसने मेरे बाल पकड़े हुए थे। दस मिनट की धक्का मुक्की के बाद उसकी चूत और मम्मे मेरे और राज के वीर्य से भरे हुए थे।
राज ने अपना लंड उसके मुख से निकाल कर अपना माल उसके मम्मों पर खाली कर दिया था।
एक ऐसा वासना का माहौल बना था जिसे हम तीनों ने एन्जॉय किया।
पायल बाथरूम चली गई और शावर लेकर तौलिया लपेट कर बाहर आई।
हम लोगों ने पकौड़े और बियर निबटाई।
शाम हो चुकी थी, हम लोग वापस आ गए।
इसके बाद तो हमारा रूटीन ही बदल गया, राज से हरी झंडी पाकर पायल मुझसे जुड़ती चली गई। पायल और मैं रोज कई बार बात करते!
पायल ने मुझे कह रखा था कि जब तक राज मेरे पीछे पड़कर मुझे घर नहीं बुलाये, मैं नहीं आऊँ…
जब मैंने पूछा ‘ऐसा क्यों…?’
तो वो बोली- राज कितनी भी कसम खा ले… पर शक हमेशा करेगा! इसलिए अगर मैं अपनी मर्जी से उनके घर गया तो शायद चुदाई न हो… और अगर राज मुझे खुशामद करके ले जाएगा तो वो चुदाई भी करवाएगा।
और ऐसा ही हुआ।
राज ने दो-तीन दिन बाद मुझ से घर आने को कहा तो मैंने काम का बहाना बना कर टाल दिया।
अगले दिन राज ने मुझे फ़ोन पर काफी जोर दिया और घर आने को कहा।
मेरा भी लंड तो जोर मार ही रहा था, मैं शाम को घर से नहा कर खाना जल्दी खाकर निकला, रेखा को बोल दिया कि लौटने में देर हो जाएगी।
मैं सीधा राज के घर गया।
नीचे चाचीजी बोली- कभी रेखा को भी ले आया कर?
अब मैं उनको क्या कहता?
पर दिमाग में एक आईडिया आया कि क्यों न रेखा को भी इस खेल में शामिल कर लिया जाए!
पर इसमें मुझे राज और रेखा दोनों की नीयत जाननी जरूरी थी।
‘चलो अभी तो ऊपर चलूँ और अपनी माशूका की प्यास बुझाऊँ…’ यह सोच कर में तेजी से ऊपर गया।
ऊपर राज अकेला था, पायल कहीं दिखाई नहीं दे रही थी।
मैं बड़ा उदास हुआ कि मुझे राज ने बुलाया क्यों है?
राज मेरी परेशानी समझ गया और हंस कर बोला- पायल नहा रही है!
तभी पायल ने राज को आवाज दी और कहा- जरा मेरी पीठ पर साबुन लगा दो…
राज ने मेरी ओर आँख मार कर कहा- रंगीला तू जा!
मैंने कहा- मेरे कपड़े भीग जायेंगे!
तो राज ने कहा- कपड़े उतार दे और तौलिया लपेट कर चला जा!
मुझे संकोच हो रहा था तो राज ने मेरे हाथ में तौलिया थमा दिया।
मैं समझा कि यह सब पायल की बनाई कहानी है।
मगर ऐसा था नहीं, यह राज ने प्लान किया था क्योंकि इससे उसे लगा कि पायल खुश हो जाएगी।
अब मैं केवल तौलिया लपेट कर बाथरूम में घुसने के लिए तैयार हुआ, राज ने पायल को आवाज दी- दरवाजा खोल दो।
और खुद बाथरूम में घुसा और लाइट बंद कर दी।
फिर वो बाहर आ गया और मुझे बाथरूम में कर दिया।
अन्दर अँधेरा था और दो बदन नंगे थे।
मैंने पायल को टटोला और उसे अपने होंठों से चिपका लिया।
पायल दंग रह गई, बोली- तुम कब आये और राज कहाँ है?
मैंने उसे बताया- राज ने ही मुझे भेजा है तुम्हें नहलाने के लिए!
पायल यह सुन कर गर्म हो गई और मुझे शावर के नीचे खींच ले गई।
एक तो नंगे बदन ऊपर से शावर की बौछार… मानो सावन में आग लग गई थी।
मैंने उसे उठाना चाहा तो पायल ने अपना एक पैर टोंटी पर रख दिया और अपनी चिकनी चूत मेरे आगे कर दी।
मैंने भी अपना लंड उसकी चूत के मुंह पर रख कर अन्दर धकेल दिया।
सच जन्नत का मजा आ रहा था, नीचे चूत और लंड मिल रहे थे, बीच में उसके मम्मे मेरी छाती से टकरा रहे थे और ऊपर दोनों की जीभ एक दूसरे को चूस रही थी।
तभी राज की बाहर से आवाज आई- कुछ मेरे लिए भी छोड़ दो…
हमने अपने को संभाला और तौलिया लपेट कर बाहर आ गए।
बाहर आकर पायल ने एक लम्बा चुम्बन राज को दिया और उसकी शॉर्ट्स में हाथ डाल कर उसका लंड पकड़ लिया।
राज सारी शिकायत भूल कर पायल को उठा कर बेड पर ले गया और उसका तौलिया निकाल कर उसके मम्मे चूसने लगा।
मैं भी बेड पर आ गया, अब पायल का एक मम्मा मैं चूस रहा था दूसरा राज!
पायल के दोनों हाथों में हम दोनों के लंड थे।
राज ने अपनी उंगली उसकी चूत में कर रखी थी जिसकी स्पीड वो बढ़ाता जा रहा था।
पायल ने भी अब आवाजें निकालनी शुरु कर दी थी, पायल अब राज से बोली- जल्दी से मेरी चूत में आ जाओ।
पायल अब हाँफ रही थी और बड़बड़ाते हुए कह रही थी- राज… रंगीला… मेरी चूत की आग बुझा दो, दोनों मिल कर फाड़ दो मेरी.. आ जाओ जानू मेरी चूत आज तुम दोनों के लंड खा जाएगी!
राज ने भी कहा- हाँ जानू, आज हम तेरी चूत का भोसड़ा बना देंगे, दोनों मिलकर तेरे को बहुत मजा देंगे! तेरी चूत फाड़ ही देंगे!
राज नीचे लेट गया और अपने ऊपर उसने पायल को लिटा लिया पीठ के बल और अपना लंड उसकी चूत में घुसेड़ दिया।
वो नीचे से धक्के दे रहा था।
राज ने कहा- रंगीला तू ऊपर से आ जा!
एक बार तो मुझे लगा कि वाकयी इससे तो पायल की चूत फट ही जाएगी… एक चूत में दो लंड…
मुझे सकुचाता हुआ देख कर राज बोला- घबरा मत, कुछ नहीं होगा… आज इस हरामजादी की चूत बिल्कुल रंडी की चूत बनी हुई है, जितनी मर्जी लंड खा लेगी!
पायल भी बोली- हाँ रंगीला, आज देखूँगी कि तुम दोनों के लंडों में कितना दम है!
यह सुनकर में भी अपना लंड अपने हाथ में लेकर बिस्तर पर चढ़ गया और पायल की चूत में पेल दिया।
एक बार तो पायल चीखी फिर मेरे को अपनी बाँहों में भर लिया।
अब उसकी चूत में दो दो लंड थे, मैंने भी चुदाई शुरू कर दी।
पायल बड़बड़ा रही थी- मजा आ गया रंगीला और जोर से.. आज सारी कसर निकाल दो… मेरी प्यास बुझा दो दोनों मिलकर…
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