RE: non veg story प्यासे दिन और प्यासी रातें
चूत तो नए मेहमान के स्वागत के लिए तैयार थी और मेरी जिन्दगी का भी वो पल आ गया था जब मैं अपने पति के अलावा किसी और से चुदने जा रही थी।
मैंने अपनी टांगें फैला दी और जय ने एक ही झटके मैं अपना मूसल मेरी चूत में घुसा दिया।
अब जय ने जो चुदाई की स्पीड पकड़ी, उसके सामने तो हर चुदाई फेल!
जय ने मेरे चूतड़ों के नीचे एक तकिया लगा दिया था, जिससे मेरी चूत और उठ गई थी।
वो बहुत मस्ती से मेरी मस्त चूत चोद रहा था, मैं भी नशे में कह रही थी कि अब तक कहाँ थे मेरे राजा… आज तो तुम्हारी मर्दानगी ने मेरे बदन के सारे पेंच ढीले कर दिए… अब रुको नहीं… चुदाई स्पीड से करो…
वो भी कह रहा था- रानी, अब तक मुझे क्यों नहीं मिली… आज ऐसी चुदाई करूँगा कि तुम्हारी चूत मेरे लंड की गुलाम हो जाएगी।
मेरी चूत तो चूत, बेड का भी ऐसा हाल हो गया था कि पानीपत की लड़ाई इसी पर हुई हो।
हम दोनों पसीने से लथपथ एक दूसरे से गुंथे पड़े थे। लंड और चूत कोई भी छूटने को तैयार नहीं… सच इतना मजा कभी चुदाई में नहीं आया था।
मैं और जय एक साथ चरम आनन्द पर आये, जय ने मुझसे पूछा- माल कहाँ निकालूँ?मैंने कॉपर टी लगवा रखी है, इसलिए मैंने उससे माल अंदर ही गिरवाया।
अंदर गिरवाने मैं चूत को ग़ज़ब का आनन्द मिलता है।
कपड़े पहन कर जय चला गया और मैं नहाकर फ्रेश हुई और पायल से फोन पर गप्पें मारने लगी।
आज मैं अपने को पायल से कम भाग्यशाली नहीं मान रही थी।
और सच बताऊँ तो अब मेरे मन में एक बार राज का लंड भी खाने की इच्छा हो रही थी।
मेरा बेटा स्कूल से आ गया था।
उधर मेरी मम्मी भी कहती थी कि बेटे को पढ़ने उन्हीं के पास भेज दूँ।
मेरा बेटा भी नानी से खूब हिलमिल गया था।
आज की बिजनेस डील की कामयाबी और उसके बाद मिले जय के लंड से मेरे मन मैं भी यही आ रहा था कि बेटे को मम्मी के पास भेज दूं। सोचा, चलो रंगीला से पूछूंगी, वो शायद ही तैयार हो क्योंकि वो बेटे से बहुत प्यार करता है।
हम दोनों खाना खाकर सो गए।
मेरी आँख तीन बजे खुल गई… चूत फिर प्यासी हो रही थी… मैंने जय को फोन किया और एक लम्बा किस दिया।
जय बोला- जानू प्लीज रंगीला को मत बोलना… पर अब मैं तुम्हारे बिना नहीं रह पाऊँगा।
हम दोनों ने पौना घंटा फोन पर बातें की।
शाम को डिनर पर मिल ही रहे थे इसलिए फोन रखा।
रंगीला फैक्ट्री से सात बजे आया, चाय पीकर दोनों बाप बेटे खेलते रहे।
मैंने बेटे को पट्टी पढ़ा रखी थी कि वो अपने पापा से नानी के पास जाने की जिद करे।
और वही हुआ, बेटा रंगीला से नानी के पास जाकर वहीं पढ़ने को कहने लगा, रंगीला ने मना कर दिया।
मैंने भी सोचा कि देखते हैं।
नहा धोकर हम लोग डिनर पर गए, वहाँ लिफ्ट में बेटे ने जाने से मना कर दिया, वो और रंगीला एस्केलेटर्स से गए और मैं और जय लिफ्ट से!
लिफ्ट में हमारे होंठ मिल गए और जय के हाथ मेरे मम्मे दबाने लगे।
लिफ्ट रुकते ही जय ने अपना रूमाल निकला और अपने होठों से मेरी लिपस्टिक साफ़ की… हम हंसते हुए बाहर आये।
रंगीला ने पूछा- क्या हुआ?
मैंने कहा- जय मुझे छेड़ने की कोशिश कर रहा था।
इस पर रंगीला बोला- यार अगर न छेड़ पाया हो तो एक बार और कोशिश कर ले… सच बहुत गर्म माल है मेरी बीवी…
हम तीनों हंस पड़े और सामने रेस्तराँ में घुस गए।
टेबल पर जय अपने पैर से बार बार मेरी साड़ी उठाने की कोशिश कर रहा था। रंगीला की निगाह बचाकर कर उसने अपनी स्पून मेरी स्पून से बदल ली और स्पून को चाटने लगा।
मेरी चूत तो गीली हो रही थी, मेरे दिमाग मैं एक आईडिया आ रहा था कि अगर प्रीति भी इस खेल में शामिल हो जाए और मैं भी राज से चुद लूँ तो हम छह लोगों का ग्रुप बन जाएगा और चुदाई की ऐसी रासलीला हममें से किसी ने सोची नहीं होगी।
रात को रंगीला ने यह शर्त रखी कि आज बेड पर बिना कपड़ों के ही जायेंगे।
मगर बेटा सो नहीं रहा था।
मैं कॉफ़ी बना लाई और सोफे पर बैठे रंगीला की गोद मैं पसर गई।
मैंने फ्रॉक पहना था और नीचे कुछ नहीं था।
रंगीला की उंगली चूत में पहुँच गई और वो मुस्कुरा कर बोला- आज तो शब्बो पूरी तैयार है।
रंगीला मेरी चूत को शब्बो कहता था और मैं उसके लंड को रुस्तम।
रंगीला बोला- कहीं यह जय को देखकर तो चिकनी नहीं हो रही?
मेरी चोरी पकड़ी गई… पर मैं बोली- रुस्तम के आगे दुनिया का कोई पहलवान नहीं टिक पायेगा। आज बहुत मूड है, पर ये सो नहीं रहा है।
रंगीला का भी मूड बना हुआ था पर बेटे की मजबूरी थी।
मैंने रंगीला को प्यार से कहा- सुनो, बेटे को इसकी नानी के पास भेज देते हैं… वहाँ भी तो घर ही है। यहाँ मैं तुम और पायल भरपूर मौज लेंगे और प्रीति को आने दो शायद जय भी तैयार हो जाए।
मैंने उसे दोपहर का किस्सा कुछ नहीं बताया। पायल का नाम सुनकर और यह सुनकर कि प्रीति भी इसमें जुड़ सकती है, रंगीला का लंड तूफ़ान मचाने लगा और उसने बेटे को नानी के पास भेजने की हाँ कर दी।
मैं और बेटा ख़ुशी से कूदने लगे, मैंने बेटे से कहा- जल्दी सो जाओ वरना पापा नहीं भेजेंगे।
वो बेचारा फटाफट सो गया और हमारे कपड़े केले के छिलके जैसे उतर गए और मैं नंगी ही रंगीला की पीठ पर लटक गई।
रंगीला ने मेरी दोनों टांगें अपने पेट पर लपेट ली और मुझे लेकर बेड पर गया।
आज तो बेड की भी शामत आई हुई थी, उसके सारे पेंच तो जय और मेरी घमासान चुदाई में ढीले हो गए थे और रात भी रंगीन होने को थी।
मुझे चिपटा कर रंगीला ने पूछा- जय का कैसा लगा?
मैंने पूछा- क्या कैसा लगा?
रंगीला मेरे निप्पल मसलते हुए बोला- उसका लंड?
मैंने भी रो मैं कह दिया- दिलवा दो तब बताऊंगी कैसा लगा।
रंगीला मेरे ऊपर चढ़ गया और अपना लंड मेरी चिकनी चूत में घुसा कर बोला- सुन, तू जय को पटा ले और अपनी गर्म चूत उसे दे दे ताकि वो भी प्रीति की चूत मुझे दिलवा दे।
मैंने ड्रामा करते हुए कहा- नहीं, मुझे तुम्हारे अलावा किसी और से नहीं चुदना। मुझे जितना मजा तुम देते हो, और कोई नहीं दे पायेगा।
अब रंगीला मुझे चोदते हुए बोला- नहीं मेरी जान, नए लंड और नई चूत से बड़ा मजा आता है। तू एक बार कर के तो देख!
मैंने कहा- अभी नहीं, प्रीति को आ जाने दो, देख लें वो कैसी है तब सोचेंगे। कहीं ऐसा न हो कि जय मुझे तो चोद ले और अपनी बीवी के नाम पर मना कर दे और इस बीच मैं भी जय से नजदीकी बढ़ा लेती हूँ।
अब मैंने सोचा कि क्या करूँ जो पायल और रंगीला खुद मुझे राज के लंड के लिए जोर दें।
मैंने रंगीला से कहा- तुम्हें नहीं लगता कि कभी अगर राज को मालूम पड़ गया तुम्हारे और पायल भाभी के बारे में, तो पायल भाभी को दिक्कत हो जायगी?
अब रंगीला क्या बताता कि राज ने खुद ही तो पायल की चूत उसे दिलाई है।
पर अगले दिन रंगीला ने पायल को फोन करके कहा कि रेखा तैयार है, उसे राज का लंड से ठुकवा दो।
पायल बड़ी खुश हुई।
पायल ने रात को बेड पर राज से कहा- तुम्हें एक चूत और दिलवा दूं वो भी गर्म गर्म तो कैसा रहे?
यह सुन कर राज ने जबाब तो नहीं दिया पर अपना लंड पूरा घुसेड़ दिया पायल की चूत में और उसके मम्मों को जोर से दबाते हुए बोला- अब किसकी चूत पर चढ़ आई हो?
राज बोला- मैं तुम्हें अच्छे से जानता हूँ, तुम जरूर किसी चूत से लेस्बियन हुई होगी और अब उसकी गर्मी मेरे लंड से शान्त करना चाहती हो।
पायल बोली- हाँ, बात तो बिल्कुल यही है।
पायल ने रेखा का नाम लिया तो रेखा का नाम सुनते ही राज के धक्के बढ़ गए, क्योंकि रीमा की मटकती गांड का दीवाना था वो!
पायल और रंगीला ने दो दिन बाद का रंगीला के घर पर ही डिनर कम कॉकटेल का प्रोग्राम बनाया।
इस बीच रंगीला और रेखा अपने बेटे को उसकी नानी के पास छोड़ आये थे।
अगले दिन पायल अपने और रेखा के हाथों और पैरों मैं मेहंदी लगवा लाई थी।
रेखा ने पूछा- क्यों लगवा रही हो?
तो पायल ने हंस कर कहा- तेरी सुहागरात की तैयारी जो हो रही है।
तय दिन पर रात को राज और पायल रंगीला और रेखा के घर पर आये।
दिन में पायल ने एक बैग रेखा को भिजवाया था कि इसमें पायल और राज के कपड़े हैं।
रेखा समझी नहीं, पर जब शाम को रंगीला घर आया तो उसने बताया कि पायल ने पार्टी का ड्रेस कोड रखा है कि लड़कियाँ बिना ब्रा पेंटी के सिर्फ फ्रॉक पहनेंगी और लंड वाले मतलब लड़के लुंगी कुरता।
और चूंकि ये कपड़े पहन कर राज पायल घर से नहीं आ सकते थे इसलिए उन्होंने अपने पहनने के कपड़े पहले भेज दिये।
शाम को घर में घुसते ही सभी ने एक दूसरे को हग किया।
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