RE: Adult kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
अमित के रूम का डोर खुला था, और वो बेड पर लेटा हुआ था. पर फिर भी मेने डोर पर नॉक किया, तो उसने लेटे-2 गर्दन घुमा कर देखा. इससे पहले कि वो कुछ बोलता….मेने उससे कहा.”अमित चलो चल कर खाना खा लो.” में उसका जवाब सुने बिना वापिस आ गयी…..कल तक जिसे मेने अपने घर में मजबूरी में रखा था. आज में उसको खुद अपनी बेटी के रूम में बुला रही थी…थोड़ी देर बाद अमित रूम में आ गया..सोनिया बेड पर बैठ कर खाना खा रही थी…..
में: आओ बेटा बैठो.
अमित हम दोनो के सामने आकर बैठ गया…….और अपनी प्लेट उठ कर खाना खाने लगा…..घर में सन्नाटा छाया हुआ था…जैसे इस घर में कोई रहता ही ना हो.खाना खाते-2 अचानक अमित उठा और टीवी ऑन कर दिया……टीवी पर कोई सीरियल चल रहा था……जिसे देखते ही, सोनिया उछल पढ़ी…
सोनिया: ये ये रहने दो बहुत अच्छा सीरियल है…….
अमित ने मुस्कुरा कर फिर से खाना शुरू कर दिया……..अब भले ही घर में कोई ना बोल रहा था. पर टीवी की आवाज़ से घर का मोहल बदल सा गया था. खाना खा कर अमित ने कुछ देर तक टीवी देखा और फिर अपने रूम में चला गया. दिन भर की थकान के कारण जल्द ही हम सब नींद आ गयी….
अगले दिन जब सुबे में उठ कर फ्रेश हुई, तो मेने देखा अमित अभी भी अपने रूम में सो रहा था…..उसके रूम का डोर खुला हुआ था…..मेने एक बार उसकी तरफ देखा, और फिर उसके रूम में जाकर उसको आवाज़ लगाने लगी….वो जल्दी ही उठ कर बैठ गया….और मेरी तरफ देखने लगा….
में: अमित तुम्हें आज काम पर नही जाना क्या ?
अमित: नही आंटी आज मुझे वो वो कहीं और जाना है.
में: कहाँ जाना है….
अमित: वो वो आज मुझे नीता आंटी ने बुलाया है, उनके घर पर ?
अमित ने ये कह कर सर नीचे झुका लिया..उसकी ये बात सुनते ही, मेरे दिल को नजाने क्या हुआ, में गुस्से से बाहर आ गयी….इन चन्द ही दिनो में अमित हमारे घर का हिस्सा बन गया था…..और में उसे ऐसे अपनी लाइफ को बर्बाद करते हुए नही देखना चाहती थी……मेरी नाराज़गी शायद अमित भी समझ चुका था…
में बाहर बरामदे में बैठ कर अपना काम कर रही थी……थोड़ी देर बाद अमित अपने रूम से निकल कर बाथरूम में चला गया…..मेने सोनिया को अमित का नाश्ता लगाने को कहा……सोनिया किचन में चली गयी….थोड़ी देर बाद अमित नहा कर बाथरूम से बाहर आया, और अपने रूम में जाकर कपड़े पहनने लगा…मुझे नज़ाने क्यों अमित का ऐसे नीता से मिलने जाना अच्छा नही लग रहा था…..
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