RE: Bhai Behen Sex Kahani साला बहन्चोद कहीं का
बॅक टू दा स्टोरी
अशोक झट से बैठ जाता है क्यू कि अगर दीपा ने उसका सेमी एरेक्ट लंड देख लिया तो वो वही उसकी बेज़्जती कर देगी.....
अशोक- ऑर मासी कैसी हो...?
दीपा- कैसी दिख रही हूँ...?
अशोक- अच्छी लग रही हो ..
दीपा- बस अच्छी लग रही हूँ... ऑर कुछ नही....?
अरे यार बोलो झक्कस लग रही हो....
ऑर ये बात सुन के अशोक हँस देता है
अशोक- आपने खाना वाना खाया कि नही...? या फिर मनीषा को बोलू बनाने को...?
दीपा- नही बेटा मे खा के आई हूँ
अशोक- चलो फिर आप मेरे रूम मे सो जाओ सुबह बात करेगे..
दीपा- अशोक के रूम मे सो जाती है ऑर अशोक हॉल मे सोफे पे सो जाता है......
सुबह मंजू अशोक को हॉल मे सोते हुए देखती है तो उसे उठाते हुए पूछती है कि यहा अनकंफर्टबल हो कर क्यूँ सो रहे हो तेरे रूम मे जगह नही है क्या..?
अशोक- मासी सो रही है मेरे रूम मे...
मंजू दीपा का नाम सुन के गुस्से मे आ जाती है... अपने मन मे कहती है ये यहाँ क्यूँ आई है साली अपने घर मे जा कर मरे ना.....
मंजू ऑर सबसे छोटा भाई अनिल भी उससे डरता था...
सुबह के 10 बजे दीपा उठती है ऑर मंजू से मिलती है....
दीपा- क्या हाल बना दिया है अपना....? साला अभी 40 की भी नही हुई ऑर 60 की दिखने लगी हो
मंजू- नही मे ठीक हूँ दीदी...
दीपा- घंटा ठीक हो... जबसे केला खाना बंद किया है तब से तू बूढ़ी होती जा रही है...
मंजू- आप भी ना दीदी नही सुधरोगी....
दीपा- अगर तेरी तरह अच्छी बच्ची बन कर रहूगी तो मुझे भी तेरी तरह बिना केले खाए जीना पड़ेगा.....
मंजू जानती थी कि वो उसे जितना मना करेगी वल्गर वर्ड ना बोलने को वो उतना ज़्यादा गंदी गंदी बाते करेगी.... इसलिए मंजू उसको गंदी बाते करने से नही रोक रही थी... पर मन ही मन मे उसको बहुत गालियाँ दे रही थी क्यू कि पहले जब वो आई थी तब उसके बच्चे यानी कि अशोक ऑर मनीषा दोनो छोटे थे 12-15 साल के अब तो वो जवान हो गये थे ऑर दीपा की डबल मीनिंग वाली बाते भी समझ रहे थे.....
पूरा दिन दीपा मनीषा के साथ मे ही रह रही थी वो दोनो घुल मिल गये थे.... मासी का ओपन विचार ऑर उनके सेक्सी डाइलॉग सुन कर वो मुस्कुरा देती थी....
शाम को 7:45 के करीब अशोक घर आ चुका था ऑर हाथ मुँह धो कर अपना पाजामा ऑर टी-शर्ट पहन कर हॉल मे मासी से बात करने बैठ गया.....
अशोक- सॉरी मासी सुबह आप सो रही थी तो मैं काम पर चला गया....
दीपा- काम पर पहले ध्यान दे अगर अच्छा कमाएगा तभी तू जन्नत की सैर कर पाएगा.....
अशोक- मे कुछ समझा नही मासी....?
दीपा- अबे झन्डु बाम अगर तू अच्छा कमाएगा तो ही तुझे टाकटक आइटम मिलेगी....
ये सुन कर अशोक मुस्कुरा देता है.....
फिर कुछ देर वो लोग ऐसे ही बाते वाते करते है फिर खाना पीना खा के सोफा पे बैठ के टीवी देखते है.....
मंजू को तो टीवी मे पहले से ही इंटेरेस्ट नही था वो तो खाना खाने के बाद सीधा अपने रूम मे जा कर सो जाती है.....
ऑर फिर 11 बजे तक मनीषा भी समझ जाती है कि अब कुछ दिन तक मज़ा नही मिलेगा अपने भाई से जबतक मासी घर पर है तबतक... तो फिर वो भी टाइम वेस्ट किए बिना अपने रूम मे चली जाती है दोनो को गुड नाइट बोल के....
अब मासी ऑर अशोक ही थे हॉल मे... दोनो एक ही सोफा पे बैठे थे....
दीपा थोड़ा मूड गयी ऑर अशोक के लेफ्ट साइड से उसे फेस करने लगी ऑर अपना एक हाथ उसकी जाँघ पे रख दिया ऑर पूछने लगी....
दीपा- अच्छा ये बता तेरी कोई गर्लफ्रेंड है कि नही....?
अशोक- मुस्कुरा कर... नही है
दीपा- तो फिर तुम्हारे कालू को शांत केसे करते हो.....?
अशोक शरम के मारे लाल हो जाता है ऑर उसे अजीब भी लगने लगता है.... फिर वो भोला बनते हुए
अशोक- मे कुछ समझा नही....?
दीपा- उसका लंड अपने हाथ मे पकड़ कर... अरे ये कालू को शांत केसे करते हो....?
मासी के लंड पकड़ते ही वो चॉक जाता है ऑर उसका हाथ हटा देता है... इतने मे मासी हँस के बोलती है...
दीपा- अरे शरमा क्यूँ रहे हो...? मेने तो बस एक मज़ाक किया... अपना चेहरा देख मिरर मे ऐसा लग रहा है जैसे तेरी फट क हाथ मे आ गयी है.....
अशोक नीचे मुन्डी कर के बैठ जाता है....
ऑर दीपा उसकी हालत देख कर फिरसे उसको डराने के लिए अपना हाथ बढ़ा कर उसके लंड के पास लाती है...
अशोक ये देख के झट से उठ जाता है ऑर प्लास्टिक की चेयर पे बैठ जाता है.... ऑर मासी को बोलता है...
अशोक- ऐसा मज़ाक मत करो मासी मुझे एम्बररस्मेंट फील हो रहा है....
ऑर मासी ये देख के हँसने लगती है कि वो कितना डरपोक है.... क्यू कि इस उमर मे अगर कोई लड़की या औरत लंड पकड़ती है तो लड़का डर कर भागने के बजाए वही उसको चोद देता है.....
अशोक को इतना डरते हुए ऑर इतना शरमाते हुए देख कर दीपा को अच्छा नही लगता क्यू कि उसका पति भी ऐसा ही बोंदु है वो अपने पति को चूत चाटने को बोलती तो वो कहता कि मुझे अजीब लगता है ऑर अगर दीपा उसका लंड मुँह मे लेती तो उसका पति मना कर देता कहता कि ये गंदी चीज़ अपने मुँह मे लोगि....?
उसके चेहरे पर तो मुस्कुराहट थी पर अंदर से दीपा तो चिढ़ चुकी थी क्यू कि वो नही चाहती थी कि अशोक की बीवी का भी वोही हाल हो... दीपा के मन मे कोई भी वासना या हवस नही थी उसका नेचर ही बिंदास टाइप का था... वो तो बस उसको चिढ़ाने के लिए ऑर थोड़ा बेशरम बनाने के लिए अपनी लिमिट क्रॉस कर रही थी वो भी समझ रही थी कि उसे इतना वल्गर नही होना चाहिए पर अशोक का बेवकुफो की तरह रिएक्ट करना ऑर उठ के भाग जाना कोने मे जा कर बैठ जाना... एक मर्द हो कर औरतो जेसा रिएक्ट कर रहा था.... इतना तो आजकल की लड़किया भी नखरे नही करती है जितना ये कर रहा है....
दीपा- थोड़ा गुस्से से भरी आवाज़ मे.... अबे इतना शर्मा क्यू रहा है.....?? इतना शरमाएगा तो तेरी बीवी पड़ोसियों से मरवाती रहेगी....
अशोक- अपने मन मे ( मे आपकी इज़्ज़त करता हूँ वरना बेशर्मी के मामले मे मैं भी नंबर. 1 हूँ.....
दीपा ने अपने दोनो पैर उपेर उठा दिए ऑर सोफा पे रख दिए ऑर गाउन को नीचे कर के अपनी टाँगे फैला दी उस वजह से उसके अंदर का नज़ारा दिख रहा था उसने पेंटी भी नही पहनी थी.......
अशोक की नज़र वहाँ पड़ती है तो दीपा झट से अपना हाथ चूत के यहाँ ला कर उसकी चूत को अपनी दोनो उंगलियो से फेला देती है....
अशोक ये देख कर अपनी मासी का चेहरा देखता है.....
जब मासी की नज़र अशोक से मिलती है तो मासी अपनी लंबी जीब निकाल कर साप की तरह उपेर नीचे कर के अपनी जीब को लहराती है ऑर अपना मुँह भी नीचे उपेर लहरा के उसको चूत चाटने की ऐक्शन कर के बताती है ऑर फिर उसको मुन्डी हिला कर अपने पास बुलाती है......
|