RE: Gandi Kahaniya सहेली के पापा
"सहेली को सन्मझाते हुवे मज़ा लेना. अभी नयी है इसलिए ज़्यादा
कडपन नही है तुम्हारी सहेली की चूचियों मैं." एक साथ दो
लड़कियों का मज़ा ले रहे थे वह और दोनो ही सोलह सत्रह साल की.
तभी रीता ने आगे के गुलाभी पार्ट को दिखाते कहा,
"यह सूपड़ा है और पूरे को लंड कहते हैं. पापा हमारी चूत इसी से
चोदेन्गे तो मज़ा आएगा." मैं मस्त थी. चूत चुनचुना रही थी.
क्रीम लगी थी और ऊपर से कपड़ा भी चिपका था. तभी उन्होने तकिये
पर सर रख लेटते हुवे रीता को इशारा किया. रीता अपने पापा की इस
पोज़िशन को समझ गयी और फ़ौरन उनके ऊपर आई. मैं रीता को मज़ा
लेते देखने लगी. रीता अपने पापा के ऊपर आ उनके दोनो तरफ पैर कर
एक हाथ से अपनी चूत को फैलाते हुवे झुकी और मुझे पास बुलाया. उसका
छेद चुदवाते-चुदवाते बड़ा हो गया था. गुलाबी छेद को तने लंड
पर लगा और दोनो हाथ को कंधे पर रख ज़ोर से नीचे की ओर धक्का
मारा तो गच्छ की आवाज़ के साथ आधा लंड रीता की चूत मे चला
गया. लंड जाते ही रीता ने एक तेज़ सिसकारी ली और रीता के पापा ने
उसकी दोनो चूचियों को मसल्ते हुवे मुझसे कहा,
"ध्यान से देखना रीता कैसे मज़ा लेती है. अभी तुमको भी चुदवाना
है." अब तक रीता ने अपनी गांद को नीचे दबा-दबा पूरे लंड को अपनी
चूत मे ले लिया था. अब वह ऊपर-नीचे करती हुई चुदाई करने
लगी थी और उसके पापा उसकी चूचियों को दबाते हुवे नीचे से अपने
लंड को उसकी चूत मे पेल रहे थे. मैं ध्यान से रीता की फैली
चूत को देख रही थी जिसमे उसके पापा का लंड तेज़ी से अंदर-बाहर
गपगप्प आ जा रहा था. चुद रही थी सहेली पर मज़ा मुझे आ रहा
था.रीता स्पीड तेज़ करने लगी और कुच्छ देर बाद अपने पापा से चिपक
गयी. वह दोनो झाड़ गये थे. 5 मिनिट तक दोनो चिपके रहे फिर रीता
के पापा ने मेरी चूत से कपड़े को हटा टवल से चूत को रगड़ कर
सॉफ किया और मेरी चूत को सहलाते बोले,
"अब देखो कितनी चिकनी और मस्त लग रही है." मैने झुककर अपनी
गोरी-गोरी चूत को देखा तो पहचान नही पाई. एकदम मक्खन सी चिकनी
थी. वह मुझे अपनी गोद मैंले अपने लंड पर बिठा नयी-नयी बाते कर
दोनो चूचियों को बारी-बारी से मुँह मे ले चूस रहे थे. फिर लंड
को खड़ा कर सूपदे को चूत पर रगड़ा तो चूत की फाँक मे मस्ती
का पानी आ गया .
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